June 1, 2025

Twitter (X) पर Worldwide Number One पर Trend हुआ #हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं हैशटैग, लोगों ने खूब दिखाई रूचि

Published on

spot_img

#हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं | भारत एक ऐसा देश है जहां संतों को भगवान के तुल्य पूजा जाता है। इसी कारण भारत देश में कभी साधु संतों की कमी नहीं रही। लेकिन दुख की बात यह है कि जिन साधु संतों पर भक्त समाज आंख मूंद कर विश्वास करते हैं उन्हें ही अपने धर्मग्रंथों तथा शास्त्रों का ज्ञान नहीं हैं। आए दिन अखबारों तथा टीवी चैनलों पर नकली संतों के द्वारा भक्त समाज को शास्त्र विरुद्ध ज्ञान की ओर अग्रसर किया जा रहा है जिसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि युवा पीढ़ी के बीच नास्तिकता को बढ़ावा मिल रहा है।

इसलिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर भक्त समाज को भक्ति मार्ग में किसके अनुसार भक्ति करनी चाहिए नकली संतों के या अपने धर्म ग्रंथो के अनुसार। क्योंकि गीता अध्याय 16 श्लोक 24 में लिखा है कि अर्जुन भक्ति करने तथा जो न करने योग्य पूजा विधि है, उनके लिए तो शास्त्र ही प्रमाण हैं। अन्य किसी व्यक्ति विशेष या संत, ऋषि विशेष के द्वारा दिए भक्ति मार्ग को स्वीकार नहीं करना चाहिए जो शास्त्र विरुद्ध हो।

मंगलवार को संत रामपाल जी महाराज के समर्थकों द्वारा #हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं टैग के माध्यम से ट्वीटर यानी एक्स पर समाज में व्याप्त अंधविश्वास और गलत साधना का खंडन कर संत रामपाल जी महाराज जी के सतज्ञान को जन जन तक पहुंचाया गया। आइए इस लेख के माध्यम से जानते है कि हमारे धर्म ग्रंथ भगवान के बारे में क्या कहते है तथा नकली संतों के विचार कैसे शास्त्रों से भिन्न है।

बड़े बड़े साधु संतों तथा कथावाचकों के द्वारा भक्त समाज को एकादशी का व्रत करना, सोमवार का व्रत करना, शिवरात्रि का व्रत करने जैसी क्रियाओं की सलाह दी जाती है। जबकि संत रामपाल जी महाराज ने श्रीमद् भगवद्गीता गीता अध्याय 6 श्लोक 16 से यह सिद्ध किया है कि व्रत करना शास्त्र अनुकूल क्रिया नही है। श्लोक में स्पष्ट रूप से लिखा है कि व्रत (खाना न खाने वाले) से योग साधना सिद्ध नहीं होती है अर्थात् व्रत की पूर्ण मनाही की है और अधिक खाना भी मना है, अधिक सोना व जागना भी साधक की साधना में बाधक है अर्थात व्रत रखना पूर्ण रुप से मना है। इस तरह से #हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं हैशटैग के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने बताया कि व्रत नहीं करना चाहिए।

वैसे तो भक्तों के द्वारा अपने इष्ट देवी देवताओं को मूर्ति को पूजने का प्रचलन है। लेकिन फिर भी साधु संतों से पूछने पर कि परमात्मा कैसा है एक ही जवाब मिलता है कि परमात्मा निराकार है और कभी कभी किसी अवतार के रूप में साकार हो जाता है जबकि हमारे धर्मग्रंथ कुछ और ही कहते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र वेदों से प्रमाणित करके बताया है कि परमात्मा साकार है, नर स्वरुप है अर्थात् मनुष्य जैसे आकार का है।

यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1 लिखा है कि ईश्वर साकार है और उसका मानव सदृश शरीर है।

 “अग्ने तनुः असि। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुर’ असि।।”

इस मन्त्र में दो बार कहा गया है कि परमेश्वर सशरीर है। उस सनातन पुरुष के पास सबका पालन-पोषण करने के लिए शरीर है अर्थात जब भगवान, अपने भक्तों को तत्वज्ञान समझाने के लिए इस संसार में आते हैं, तो वे अपने वास्तविक तेजोमय शरीर के ऊपर प्रकाश के हल्के पुंज का शरीर धारण करके आते हैं। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27, ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 16-20, ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 94 मंत्र 1, ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 95 मंत्र 2 में भी ऐसे ही प्रमाण मौजूद हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 54 मन्त्र 3, ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 20 मन्त्र 1 में भी प्रमाण है कि ईश्वर साकार है।

Also Read: नकली धर्मगुरुओं और संत रामपाल जी में ट्विटर (एक्स) पर हुई जमकर आध्यात्मिक बहस, जमकर हो रहा हैशटैग ट्रैंड #हिन्दू_भाई_संभलो

श्रीमद्भगवदगीता अध्याय 4 श्लोक 32 व 34 में भी गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! परम अक्षर ब्रह्म अपने मुख कमल से सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान (तत्वज्ञान) बोलता है। उस सच्चिदानंद घन ब्रह्म की वाणी में यज्ञ अर्थात् धार्मिक अनुष्ठानों की जानकारी विस्तार से दी गई है। उसे जानकर तुम सभी पापों से मुक्त हो जाओगे। फिर गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि – तू उस ज्ञान को तत्वदर्शी संतों के पास जाकर समझ सकता है। उनके सामने दंडवत प्रणाम करने और विनम्रतापूर्वक प्रश्न पूछने से वे तत्वदर्शी संत आपको तत्वज्ञान प्रदान करेंगे। इस तरह से #हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं हैशटैग के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने बताया कि परमात्मा साकार हैं।

बात अगर हिंदू धर्म गुरुओं के विचारों की की जाए तो उनके अनुसार ओम मंत्र या गायत्री मंत्र या फिर हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे वैदिक मंत्र है और पूर्ण मोक्ष प्रदान करते हैं। जबकि संत रामपाल जी महाराज सत्संग में बताते हैं कि गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में गीता ज्ञान दाता कह रहा है कि मुझ ब्रह्म का एक ही मंत्र ओम है। जो साधक ओम मंत्र का जप करके इसका स्मरण करते हुए अपने शरीर का त्याग करता है, वह मेरे वाली परम गति को प्राप्त होता है और गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में स्पष्ट है कि ब्रह्म लोक में गए साधक का भी पुनर्जन्म होता है। अतः गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में ॐ मन्त्र के जाप से प्राप्त होने वाले परम मोक्ष का वर्णन है, परन्तु जिस सच्चिदानन्द घन ब्रह्म की पूजा का विधान गीता अध्याय 8 श्लोक 8, 9, 10 में किया गया है, उसके मन्त्र का उल्लेख गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में हाई

 ॐ, तत्, सत्, इति निर्देशः ब्रह्मन्ः त्रिविधः स्मृतः |

 ब्राह्मणः तेन वेदः च यज्ञः च विहिताः पुरा ||

अनुवाद:- सच्चिदानन्द घन ब्रह्म की उपासना का मन्त्र “ॐ तत् सत्” है।  “ॐ” मन्त्र ब्रह्म अर्थात् क्षर पुरुष का है।  “तत्” – यह सांकेतिक है तथा अक्षर पुरुष का है।  “सत्” मन्त्र भी सांकेतिक है और परम अक्षर ब्रह्म का है। इन तीन मन्त्रों के जाप से वह परम मोक्ष प्राप्त होगा जिसका वर्णन गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में किया गया है जहाँ जाने के बाद साधक कभी लौटकर इस संसार में नहीं आते।

इस प्रकार चारों वेदों के सारांश श्रीमद भगवद्गीता में कहीं भी नकली संतों द्वारा बताए गए मंत्रो का कोई जिक्र नहीं हैं। इस तरह से #हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं हैशटैग के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने बताया कि पूर्ण मोक्ष के मन्त्र कैसे प्राप्त होते हैं।

इस तरह से #हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं हैशटैग के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने समाज में संदेश दिया कि वास्तविकता में सतज्ञान का प्रचार संत रामपाल जी महाराज द्वारा किया जा रहा हैं। अभी आपने अपने धर्म ग्रंथ के श्लोकों को भी पढ़ा और देखा कि किस तरह एक लंबे अरसे से भक्त समाज को शास्त्र विरुद्ध ज्ञान बता कर गुमराह किया जा रहा है। इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि अपने धर्म ग्रंथो जैसे चारों वेद, गीता जी तथा पुराणों को पढ़े तथा सही और गलत का निर्णय स्वयं करे। 

संस्कृत में लिखे इन धर्म ग्रंथो को समझने के लिए यह भी जरूरी है कि तत्वदर्शी संत की शरण ली जाए इसलिए सभी पाठको से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक गीता तेरा ज्ञान अमृत तथा गहरी नजर गीता में को अवश्य पढ़े और अपना कल्याण कराएं।

Latest articles

10 Best Homeschooling Resources for Parents: Homeschooling in New Era

Free Online Best Homeschooling Resources for Parents: As a parent, choosing to homeschool your...

Top Educational Magazines, Software & Homeschool Tools for Kids in 2025

Let’s be honest—getting kids excited about learning can be tough.  However, a flurry of...

World Food Safety Day 2025: Know The God Who Is Nurturing Everything Everywhere

Last Updated on 29 May 2025 IST: World Food Safety Day 2025 is observed...

World Environment Day 2025: Know How SatYuga (Golden Age) can make our environment better?

Last Updated on 29 May 2025 IST | The UN Environment Programme (UNEP) commemorates...
spot_img

More like this

10 Best Homeschooling Resources for Parents: Homeschooling in New Era

Free Online Best Homeschooling Resources for Parents: As a parent, choosing to homeschool your...

Top Educational Magazines, Software & Homeschool Tools for Kids in 2025

Let’s be honest—getting kids excited about learning can be tough.  However, a flurry of...

World Food Safety Day 2025: Know The God Who Is Nurturing Everything Everywhere

Last Updated on 29 May 2025 IST: World Food Safety Day 2025 is observed...