November 4, 2025

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): कथा और परंपरा से परे जानें शास्त्रानुकूल भक्ति के बारे में

Published on

spot_img

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): गुड़ी पड़वा 2025 का त्योहार 30 मार्च को है। प्रति वर्ष यह चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इसी दिन हिन्दू नववर्ष आरम्भ माना जाता है एवं चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। आइए जानें इस अवसर पर शास्त्रानुकूल भक्ति के बारे में। 

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): मुख्य बिंदु

  • चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा मनाई जाती है।
  • इस साल (2025) 30 मार्च को है गुड़ी पड़वा का त्योहार।
  • नवरात्रि का आरम्भ गुड़ी पड़वा से हो रहा है।
  • वास्तव में ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना नहीं की।
  • सृष्टि को परम अक्षर ब्रह्म कबीर साहेब ने रचा।

गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa In Hindi) दक्षिण का मुख्य त्योहार

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): गुड़ी पड़वा भारत के दक्षिणी प्रान्तों में विशेष रूप से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे उगादा नाम से भी जाना जाता है। गुड़ी पड़वा 2025 के अवसर पर लोकवेद के अनुसार पूजा पाठ की जाती है। गुड़ी का अर्थ है विजय पताका तथा पड़वा शब्द प्रतिपदा के लिए उपयोग किया जाता है। चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है अतः त्योहारों पर तत्कालीन फसल की भी पूजा होती है।

गुड़ी पड़वा की पौराणिक कथा (Story of Gudi Padwa in Hindi)

एक मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी के सृष्टि रचने के दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। जो कि असत्य है। अन्य मान्यता के अनुसार माना जाता है कि त्रेतायुग में दक्षिण भारत में राजा बाली का शासन हुआ करता था। राम जी माता सीता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए जब लेने गए तो उन्हें सेना की आवश्यकता थी। दक्षिण भारत में पहुँचने पर उन्हें बाली के छोटे भाई सुग्रीव के माध्यम से राजा बाली के अन्यायी राजा होने की सूचना मिली। तब श्रीराम ने राजा बाली को मारकर दक्षिण भारत को मुक्त किया था। उसी उपलक्ष्य में अब भी गुड़ी पड़वा के दिन विजय पताका लहराकर यह त्योहार मनाया जाता है।

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa In Hindi) पर्व का आरम्भ व उपलक्ष्य

गुड़ी पड़वा की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी तथा यही नववर्ष का आरम्भ माना गया। हालांकि यह असत्य है क्योंकि सृष्टि की रचना परम अक्षर ब्रह्म कविर्देव जी ने की थी। यही प्रमाण वेदों, बाइबल एवं कुरान में भी है कि परमात्मा ने मात्र छह दिनों में सृष्टि की रचना की एवं तख्त पर जा विराजा। भारत में सबसे पहली बार मराठों ने इसे मनाना शुरू किया। छत्रपति शिवाजी ने अपनी विजय के बाद इस त्योहार को सबसे पहली बार मनाया था। पुरानी घटनाओं को लेकर त्योहार तो मनाने प्रारम्भ कर दिए जाते हैं किन्तु इनका शास्त्रों में कोई महत्व ना होने से ये शास्त्रविरुद्ध साधनाएँ हैं।

ब्रह्मा जी नहीं हैं सृष्टि के रचयिता

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): आमतौर पर जनसाधारण में यह गलत धारणा विकसित है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की है। लेकिन ऐसा नही है। ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना नहीं की क्योंकि वे तो स्वयं ही माता आदिशक्ति एवं पिता ज्योति निरंजन (ब्रह्म) के पुत्र हैं। यदि उन्होंने सृष्टि रची होती तो वे अपने माता-पिता के भी जनक होते। वास्तव में इस सृष्टि को परम अक्षर ब्रह्म कबीर साहेब ने रचा था।

■ यह भी पढ़ें: ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की जानकारी

असंख्यों लोकों, पदार्थों के साथ हम सभी आत्माओं को उन्होंने अपनी शब्द शक्ति से उत्पन्न किया था। हम सभी आत्माएं सतलोक में बड़े ही आनंद के साथ रहते थे। बाद में हम आत्माएं आसक्त होकर ज्योति निरंजन के साथ इस लोक में चले आए अब हमें पुनः अपने वास्तविक घर सतलोक लौटना है यही मोक्ष है। ब्रह्मा जी तो केवल रजगुण के स्वामी हैं एवं मात्र तीन लोकों में सृष्टि निर्माण के पश्चात हो रही जीव उत्पत्ति के लिए उत्तरदायी हैं। 

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa) पर जानें शास्त्रानुकूल भक्ति

इस लोक के सभी कर्मबन्धन समाप्त करके अपने वास्तविक स्थान में जाना ही मोक्ष है। गीता अध्याय 4 श्लोक 34 के अनुसार मोक्ष के लिए परम आवश्यक है तत्वदर्शी सन्त जो अध्याय 17 श्लोक 23 में दिए सांकेतिक मन्त्रों को बताए एवं सच्चिदानंद घन ब्रह्म अर्थात परम अक्षर ब्रह्म को पाने की राह दिखाए। एक दूसरे को देखकर मनाए जाने वाले इन त्योहारों का वेदों में या किसी अन्य शास्त्र में कोई जिक्र नहीं है और न ही इन साधनाओं या पूजा पाठ का कोई लाभ है।

■ Read in English: Gudi Padwa: Know How To Please God

गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार शास्त्रानुकूल भक्ति करना श्रेयस्कर है क्योंकि अपने मन मर्जी से साधना करने वालो को न सुख प्राप्त होता है, न उनकी कोई गति होती है और न ही मोक्ष प्राप्त होता है।

डाउनलोड करें सन्त रामपाल जी महाराज एप्प

यदि आप घर बैठे तत्वदर्शी सन्त का लाभ एवं तत्वज्ञान का लाभ लेना चाहते हैं तो अवश्य डाउनलोड करें सन्त रामपाल जी महाराज एप्प इस एप्प पर आपको मिलेंगे सभी शास्त्रों के प्रमाण। आप देख सकेंगे ऑडियो एवं वीडियो सत्संग, न्यूज़, धार्मिक ग्रन्थ आदि। यह एप्प छोटे बच्चों, युवाओं से लेकर बुजुर्गों के लिए भी बेहद लाभकारी है, उपयोग में आसान और ज्ञान दायक है। वर्तमान में पूरे विश्व में एकमात्र सन्त रामपाल जी महाराज ही हैं जो पूर्ण तत्वदर्शी सन्त हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

FAQs गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa)

प्रश्न: गुड़ी पड़वा 2025 का त्योहार कब है?

उत्तर: गुड़ी पड़वा का त्योहार 30 मार्च 2025 को है। 

प्रश्न: गुड़ी पड़वा 2025 का त्योहार किस तिथि को है?

उत्तर: प्रति वर्ष यह चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। 

प्रश्न: हिन्दू नववर्ष का आरम्भ कब माना जाता है?

उत्तर: गुड़ी पड़वा के दिन हिन्दू नववर्ष आरम्भ माना जाता है एवं चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है।

प्रश्न: गुड़ी पड़वा के त्योहार को मनाने का क्या लाभ है?

उत्तर: कोई लाभ नहीं है क्योंकि गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार शास्त्रानुकूल भक्ति करना श्रेयस्कर है। अपने मन मर्जी से साधना करने वालो को न सुख प्राप्त होता है, न उनकी कोई गति होती है और न ही मोक्ष प्राप्त होता है।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

जब उम्मीदें बाढ़ के पानी में डूब गई, तब सतगुरु रामपाल जी महाराज बने भिवानी के चोरटापुर गांव के लिए जीवनदाता

हरियाणा के भिवानी जिले का चोरटापुर गांव (भिवानी, हरियाणा) हाल ही में बाढ़ से...

प्रेमनगर भिवानी, हरियाणा में बाढ़ से तबाही के बाद संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम से मिली राहत

हरियाणा के भिवानी जिले के प्रेमनगर गांव में इस वर्ष बाढ़ ने भारी तबाही...

संत रामपालजी महाराज द्वारा मोखरा खास गाँव को मिली बड़ी राहत — किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

रोहतक, हरियाणा: हरियाणा के रोहतक ज़िले का मोखरा खास (श्याम पाना) गाँव कई महीनों...

ISRO Launches India’s Heaviest Communication Satellite CMS‑03 on 2 November 2025

India has reached a new milestone in its space programme. On Sunday, 2 November...
spot_img

More like this

जब उम्मीदें बाढ़ के पानी में डूब गई, तब सतगुरु रामपाल जी महाराज बने भिवानी के चोरटापुर गांव के लिए जीवनदाता

हरियाणा के भिवानी जिले का चोरटापुर गांव (भिवानी, हरियाणा) हाल ही में बाढ़ से...

प्रेमनगर भिवानी, हरियाणा में बाढ़ से तबाही के बाद संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम से मिली राहत

हरियाणा के भिवानी जिले के प्रेमनगर गांव में इस वर्ष बाढ़ ने भारी तबाही...

संत रामपालजी महाराज द्वारा मोखरा खास गाँव को मिली बड़ी राहत — किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

रोहतक, हरियाणा: हरियाणा के रोहतक ज़िले का मोखरा खास (श्याम पाना) गाँव कई महीनों...