HomeSpiritual Knowledgeअल्लाह को जानने वाला बाखबर पृथ्वी पर मौजूद है |

अल्लाह को जानने वाला बाखबर पृथ्वी पर मौजूद है |

Date:

रमज़ान का महीना मुस्लिम धर्म के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि कुरान शरीफ पहली बार इसी महीने के दौरान उतारी गई थी, रमज़ान के दौरान ही मोहम्मद साहब को जिबराईल नामक फरिश्ते ने आकर कुरान का ज्ञान दिया था जिसे मोहम्मद साहब ने अल्लाह का आदेश माना तथा उनके सभी अनुयायियों को भी उन्होंने यही ज्ञान बताया।रमज़ान में किए जाने वाले रोजे की महत्ता इस बात से बताई जा सकती है की इसे मुस्लिम धर्म के पांच मुख्य स्तंभ में से एक माना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि रमज़ान के दौरान जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं।

  • यदि हम कुरान की बात करें तो मोहम्मद साहब को कुरान का ज्ञान कई चरणों में मिला था। उन्हें 40 वर्ष की उम्र में पहली बार जिबराईल नामक फरिश्ता मिला और उन्होंने उसके आदेश को बेचून अल्लाह का आदेश माना। कुरान शरीफ का ज्ञान उन्हें कई तरह से दिया जाता था। जिनमें एक तरीका यह था कि वे लेट जाते थे और उनके ऊपर एक चादर बिछा दी जाती थी फिर उनके अंदर कोई फरिश्ता आकर बोलता था। क्या अल्लाहू अकबर अपना ज्ञान अपने नबी को दुख देकर इस तरह से फैलाएंगे? आप खुद विचार कीजिये। कहा जाता है कि एक बार मोहम्मद साहब को जिबराईल, बुराक नामक गधे पर बिठाकर आसमान में ले गया जहां उसे नबियों की जमात मिली। वहां उन्हें बाबा आदम, हजरत मूसा, हजरत ईसा, हजरत दाऊद आदि मिले। वहां उन्होंने देखा कि बाबा आदम दाएं तरफ अपनी अच्छी आत्माओं को सुख भोगते देख खुश होते हैं और बाएं तरफ उन्हें दुख भोगते हुए परेशान होते देखकर रोते हैं।
  • यहां मुस्लिम धर्म का एक बहुत बड़ा सिद्धांत गलत साबित हो जाता है जिसके अनुसार कहा जाता है कि सभी आत्माएं कयामत तक कब्र के अंदर रहती हैं और कयामत के बाद वह सब बाहर निकल कर स्वर्ग व नरक में जाती हैं। यदि ऐसा होता तो बाबा आदम को वहां होने की जगह कब्र में होना चाहिए था जबकि नबी मोहम्मद खुद बताते हैं कि उन्हें बाबा आदम मिले थे। वहीं दूसरा सिद्धांत यह भी गलत होता है कि बाबा आदम और आदि दूसरे नबी जन्नत में गए क्योंकि स्वर्ग में तो सिर्फ सुख होता है जबकि जहाँ बाबा आदम नबी मोहम्मद को मिले। वे वहां रो रहे थे। वास्तव में बाबा आदम स्वर्ग में नहीं बल्कि पितरलोक में थे और इस पितरलोक को भोगने के बाद जीव भूत प्रेत की योनि में जाकर अंत में 8400000 योनियों में प्रवेश कर जाता है।

  • बाबा आदम से मिलने के बाद मोहम्मद साहब बताते हैं कि उन्हें बेचून अल्लाह ने पर्दे के पीछे से 50 बार नमाज़ करने का आदेश दिया जिसे बाद में मूसा जी के कहने पर मोहम्मद साहब ने 5 बार कराने की प्रार्थना बेचून अल्लाह से करवाकर कम कराया! यहां विचारणीय बात है कि क्या भगवान कभी गलत आदेश दे सकता है जिसे बाद में बदलना पड़े? वास्तव में मोहम्मद साहब जिसे अल्लाह समझ रहे थे वह अल्लाह नहीं बल्कि शैतान था जिसे ब्रह्म या काल या बेचून अल्लाह भी कहा जाता है। जिस तरह कभी कभी खुद ब्रह्म नबी के शरीर में आकर बोलता था उसी तरह ही उसने कृष्ण के अंदर प्रवेश करके गीता जी का ज्ञान दिया। यही सभी को उल्टा ज्ञान देकर उन्हें असली भगवान अल्लाहू कबीर से दूर कर देता है। वास्तव में ये भी बेचून नहीं है पर ये अपने असली भयानक रूप में कभी सामने नहीं आता क्योंकि इसे एक लाख मनुष्य खाने का श्राप लगा है। अपने भेद को छिपाने के लिए इसने ये प्रण लिया हुआ है कि ये शैतान कभी अपने असली रूप में किसी को नहीं दिखेगा। जैसा कि गीता के अध्याय 7 श्लोक 24-25 में बताया गया है। कुरान में इसी कारण दो तरह का ज्ञान है, एक तो बेचून अल्लाह यानी काल ब्रह्म का तथा दूसरा अल्लाहू अकबर का जिन्होंने अपनी शब्द शक्ति से अनंत ब्रह्मांड रचे जो कि बाद में मोहम्मद साहब को आकर मिले और उन्हें सच्चाई से पूरा अवगत भी कराया, जिस तरह अल्लाहू कबीर शेख फरीद, सुल्तान अधम बलख बुखारा के बादशाह, नानक देव, धर्मदास आदि को मिले लेकिन नबी मोहम्मद ने जिबराईल फरिश्ते के डर से, पितरलोक में नबियों से मिलने के कारण व संसार में हुई उनकी महिमा के कारण अल्लाहू कबीर के ज्ञान को नहीं स्वीकार किया और निराकार अल्लाह के अनुसार बताई हुई गलत साधना को ही सत्य मानने लगे।
  • मोहम्मद जी बहुत अच्छी आत्मा के थे उन्होंने अपने जीवन में कभी मांस नहीं खाया तथा उनके सीधे 180000 अनुयायियों ने भी कभी मांस नहीं खाया लेकिन धीरे-धीरे उनके धर्म में आए अनुयायियों ने जीभ के स्वाद के कारण मांस खाना शुरु कर दिया। अल्लाहू कबीर ने खाने के लिए कई तरह की बीज वाले पौधे बनाए हैं जैसा कि उन्होंने बाइबल के उत्पत्ति ग्रंथ में बताया है। मांस खाना अल्लाहू कबीर का आदेश नहीं है बल्कि बेचून अल्लाह यानी काल का आदेश है जो कि हमें यहाँ फंसाये रखना चाहता है। यदि कोई अल्लाहू कबीर का आदेश नहीं मानकर शैतान काल का आदेश मानता है तो वह सजा का हकदार होगा। मोहम्मद साहब ने एक बार एक शब्द से एक गाय को मार दिया था लेकिन फिर उसे जीवित भी कर दिया था। लेकिन आज के मुसलमान ऐसा नहीं कर सकते। इसलिए उन्हें जीव हत्या करने का भी अधिकार नहीं है। आज मुस्लिम धर्म के लोग रमज़ान के महीने में कुछ भी गलत कर्म करने से बचते हैं। वह दिन में तो रोज़ा रखते हैं लेकिन रात में जीव हत्या करते हैं। जिसका पाप उन्हें लगता है और जिसकी सज़ा उन्हें भुगतनी पड़ेगी क्योंकि यह अल्लाह हु कबीर का विधान है। अल्लाह ने ही रमज़ान का महीना बनाया तो अल्लाह ने ही दूसरे महीने बनाए तो रमज़ान का महीना अल्लाह के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण कैसे हो सकता है। उसका बनाया तो हर दिन व महीना महत्वपूर्ण है। उसकी दया से ही हमें यह मनुष्य शरीर मिला है और जिसके कारण हम लोग सत भक्ति करके मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं।
  • हजरत मोहम्मद जी जब माता के गर्भ में थे उस समय उनके पिता श्री अब्दुल्ला जी की मृत्यु हो गई। 6 वर्ष के हुए तो माता जी की मृत्यु, 8 वर्ष के हुए तो दादा अब्दुल मुत्तलिब चल बसा। यतीमी का जीवन जीते हुए हजरत मोहम्मद जी की 25 वर्ष की आयु में दो बार पहले विधवा हो चुकी 40 वर्षीय खदीजा से विवाह हुआ, 3 पुत्र तथा 4 पुत्रियां संतान रूप में हुई। हजरत मोहम्मद जी को जिबराईल ने जबरदस्ती डरा-धमकाकर कुरान शरीफ का ज्ञान तथा भक्ति विधि बताई जो तुम्हारे अल्लाह द्वारा बनाई गई थी। फिर भी हजरत मोहम्मद जी की आंखों के तारे तीनों पुत्र कासिम, तय्यब और ताहिर मृत्यु को प्राप्त हुए। विचार करें जिस अल्लाह के रसूल के जीवन में कहर ही कहर रहा तो अन्य अनुयायियों को कुरान शरीफ में वर्णित साधना से क्या लाभ हो सकता है। हजरत मोहम्मद 63 वर्ष की आयु में 2 दिन असहनीय पीड़ा के कारण दर्द से बेहाल होकर मृत्यु को प्राप्त हुआ। जिस पिता के सामने तीनों पुत्र मृत्यु प्राप्त हो जाएं उस पिता को आजीवन सुख नहीं हो सकता। प्रभु की भक्ति इसीलिए करते हैं कि परिवार में सुख रहे तथा कोई पाप कर्म दंड भोग्य हो, वह भी टल जाए। आपके अल्लाह द्वारा दिया भक्ति ज्ञान अधुरा है इसीलिए सूरत फुरकान 25 आयत 52 से 59 तक में कहा है कि जो गुनाह क्षमा करने वाला कबीर नामक अल्लाह है उसकी पूजा विधि किसी (तत्वदर्शी संत) बाखबर से पूछ देखो। पहचानिए वे बाखबर आज संत रामपाल जी महाराज हैं।

Download Our Book Gyan Ganga

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=PL4r5gnOKESRqcnM0MZ8edQg9NMpNgjdZr&v=8YCa1QGex4Y&layout=gallery[/embedyt]

SA NEWS
SA NEWShttps://news.jagatgururampalji.org
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_imgspot_img
spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related