November 18, 2025

संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’: दिल्ली के घेवरा गाँव की डूबी 100 एकड़ ज़मीन को मिली नयी आशा

Published on

spot_img

दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले में स्थित घेवरा गाँव हाल ही में अभूतपूर्व वर्षा के कारण गंभीर जल संकट से जूझ रहा था। गाँव की लगभग 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि 5 से 7 फ़ीट गहरे पानी में पूरी तरह जलमग्न हो गई थी, जिससे किसानों की आजीविका पर अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ था। फसलें नष्ट हो चुकी थीं और भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा था। ऐसे विकट समय में, जब सभी प्रशासनिक प्रयास विफल प्रतीत हुए, संत रामपाल जी महाराज की दया दृष्टि ने गाँव की नियति बदल दी और निराश किसानों के चेहरों पर पुनः मुस्कान लौटा दी।

प्रशासनिक उदासीनता और किसानों की लाचारी

घेवरा गाँव के किसानों के लिए यह वर्ष किसी आपदा से कम नहीं था। अत्यधिक बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में 5 से 7 फ़ीट तक पानी भर जाने से न केवल वर्तमान फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, बल्कि अगली फसल (विशेषकर गेहूं) की बुवाई की संभावनाएं भी शून्य हो गई थीं। एक स्थानीय ग्रामवासी, श्री कुलदीप राणा ने स्थिति की गंभीरता को बयां करते हुए बताया कि इस जल भराव से 100 से अधिक परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश 1 से 3 एकड़ वाले छोटे किसान हैं और उनकी आजीविका पूरी तरह से खेती पर ही निर्भर है। चारों ओर केवल लाचारी, दर्द और निराशा का माहौल था। किसानों को समझ नहीं आ रहा था कि यदि यह पानी नहीं निकला, तो उनका और उनके परिवारों का भरण-पोषण कैसे होगा।

संकट की इस घड़ी में, ग्रामीणों ने उम्मीद के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से सहायता की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। श्री राणा के अनुसार, प्रशासन ने यह कहकर अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी कि पानी निकालने वाले ट्रैक्टरों का टेंडर सितंबर माह में समाप्त हो जाता है और बारिश का मौसम बीत जाने के बाद नया टेंडर जारी नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि कोई कार्रवाई की भी जाती, तो वह केवल ‘खानापूर्ति’ के तौर पर होती। 100 एकड़ भूमि से पानी निकालने के लिए एक ट्रैक्टर ऊँट के मुँह में जीरे के समान होता। सरकारी तंत्र से कोई ठोस सहायता न मिलने के कारण किसान खुद को असहाय महसूस कर रहे थे और उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा था।

सोशल मीडिया से जगी उम्मीद: संत रामपाल जी से लगाई गुहार 

जब सारे रास्ते बंद नज़र आ रहे थे, तब सोशल मीडिया के माध्यम से उम्मीद की एक किरण दिखाई दी। ग्रामीणों ने यूट्यूब पर कुछ वीडियो देखे, जिनमें संत रामपाल जी महाराज अपनी “अन्नपूर्णा मुहिम” के तहत हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में बाढ़ पीड़ितों की अभूतपूर्व सहायता कर रहे थे। 

Also Read: हिसार जिले के कुलेरी गांव में बाढ़ राहत: संत रामपाल जी महाराज की करुणा का अद्भुत उदाहरण

विशेष रूप से, हरियाणा के 200 से अधिक गाँवों में संत रामपाल जी महाराज ने किसानों के खेतों से पानी निकालने के लिए मुफ़्त में मोटर, पाइप और अन्य सामग्री प्रदान की। यह देखकर घेवरा गाँव के किसानों में आशा का संचार हुआ। वे तुरंत एकजुट होकर दिल्ली के मुंडका में स्थित ‘सतलोक आश्रम’ पहुँचे और अपनी पीड़ा बताते हुए संत रामपाल जी महाराज से सहायता के लिए प्रार्थना की।

प्रार्थना से बढ़कर मिला प्रसाद: संत रामपाल जी की दूरदृष्टि

ग्रामीणों ने अपनी आवश्यकता के अनुसार आश्रम प्रबंधन से एक 7.5 हॉर्स पावर (HP) की मोटर और 500 फ़ीट पाइप की मांग की थी। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की करुणा और दूरदृष्टि उनकी अपेक्षाओं से कहीं आगे थी। आश्रम के सेवादारों ने बताया कि उनके गुरुजी का स्पष्ट आदेश है कि “जो भक्त मांगे, उसे उससे अधिक देना है।” प्रार्थना के अगले ही दिन, सतलोक आश्रम मुंडका से एक विशाल काफ़िला राहत सामग्री लेकर घेवरा गाँव पहुँच गया, जिसे देखकर ग्रामीणों की आँखों में आँसू आ गए। यह केवल सामग्री नहीं थी, यह एक संत की करुणा का जीवंत प्रमाण था।

‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के तहत पहुंची लाखों की राहत सामग्री

संत रामपाल जी महाराज की ओर से भेजी गई राहत सामग्री में केवल मांगी गई वस्तुएं ही नहीं, बल्कि वह सब कुछ शामिल था जो इस कार्य को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए आवश्यक था। इस सामग्री में शामिल थीं:

  • उच्च क्षमता मोटर: 7.5 हॉर्स पावर की, ‘किरलोस्कर’ कंपनी की एक शक्तिशाली और उच्च गुणवत्ता वाली मोटर।
  • मज़बूत पाइप: 500 फ़ीट लम्बे और 6-इंची व्यास के हैवी-ड्यूटी पाइप, ताकि पानी का निकास तेज़ी से हो सके।
  • केबल तार: मोटर को चलाने के लिए 500 फ़ीट लम्बी बिजली की भारी केबल (तार)।
  • सहायक उपकरण: एक स्टार्टर और मोटर को स्थापित करने के लिए आवश्यक सभी छोटे-बड़े औज़ार, जैसा कि एक ग्रामीण ने बताया, “प्लास से लेकर पेचकस से लेकर टेप (फीता) सारी सामग्री इन्होंने प्रोवाइड (प्रदान) की है।”

“किसानों के मसीहा”: ग्रामीणों ने व्यक्त किया आभार

इस त्वरित और निःस्वार्थ सहायता को देखकर ग्रामीण अभिभूत हो गए। उन्होंने संत रामपाल जी महाराज को ‘किसानों का मसीहा’ और ‘भगवान’ कहकर संबोधित किया। एक युवा ग्रामीण, श्री हिमांशु राणा ने इसे किसी ‘करिश्मे’ से कम नहीं बताया। उन्होंने कहा, “वहाँ (आश्रम में) आधा-पौना घंटा लगा होगा बस, सारा काम सेटअप हो गया और पानी देख लो आपके सामने है… मेरे ख्याल में हफ़्ते में पानी पाओगे नहीं यहाँ, एक तारीख तक बुवाई शुरू हो जाएगी हमारी।”

किसानों ने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि ऐसा कार्य न तो सरकार कर रही है और न ही कोई अन्य धार्मिक संस्था या ट्रस्ट। एक ग्रामीण ने स्पष्ट कहा, “और संत बहुत हैं, लेकिन इस तरीके की पहल किसी ने भी नहीं की… कोई नहीं करता सब… ये राधास्वामी ऑल वर्ल्ड (पूरे विश्व) में है… वे कभी अपना साइड (तरफ) खोलते हो… गेट (दरवाजा) बंद कर दे… जो गुरु जी ने करा वो कोई नहीं करता।”

ग्रामीण इस बात से भी आश्चर्यचकित थे कि संत रामपाल जी महाराज जेल में होते हुए भी इतने बड़े स्तर पर लोक कल्याण के कार्य संचालित कर रहे हैं। एक बुजुर्ग ने कहा, “जब जेल में बैठे थे इतना काम हो रहा है… बाहर आने के बाद तो… बहुत ज्यादा होगा।”

निराशा से आशा की ओर: गेहूं की फसल की लौटी उम्मीद

संत रामपाल जी द्वारा स्थापित किए गए उच्च-क्षमता वाले पंप ने कुछ ही घंटों में खेतों से पानी निकालना शुरू कर दिया। जहाँ कुछ दिन पहले तक 5 से 7 फ़ीट पानी भरा था, वहाँ अब जलस्तर तेज़ी से घटने लगा। किसानों के मुरझाए चेहरों पर अब भविष्य की आशा थी। उन्हें विश्वास हो गया कि वे समय पर अपने खेत तैयार कर सकेंगे और गेहूं की अगली फसल की बुवाई कर पाएंगे। संत रामपाल जी महाराज ने घेवरा गाँव में न केवल 100 एकड़ ज़मीन को ख़ाली रहने से बचाया, बल्कि 100 से अधिक किसान परिवारों की बुझती उम्मीदों में फिर से जीवन भर दिया। यह घटना दर्शाती है कि सच्ची सेवा और करुणा किसी भी आपदा पर विजय प्राप्त कर सकती है।

Latest articles

World Television Day 2025: Its History, Impact, and True Purpose

Every year on November 21st, the world observes World Television Day—a time dedicated to...

हरियाणा के पपोसा गांव में संत रामपाल जी महाराज का आशीर्वाद: करुणा ने बदल दी बाढ़ से तबाह धरती की तक़दीर

हरियाणा की मिट्टी सदा से परिश्रम, श्रम और संत परंपरा की गवाह रही है।...

संत रामपाल जी महाराज द्वारा हरियाणा के महम नगर पालिका क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित किसानों को बड़ी राहत

Haryana Flood: हरियाणा के रोहतक जिले के महम नगर पालिका क्षेत्र में आई बाढ़...
spot_img

More like this

World Television Day 2025: Its History, Impact, and True Purpose

Every year on November 21st, the world observes World Television Day—a time dedicated to...

हरियाणा के पपोसा गांव में संत रामपाल जी महाराज का आशीर्वाद: करुणा ने बदल दी बाढ़ से तबाह धरती की तक़दीर

हरियाणा की मिट्टी सदा से परिश्रम, श्रम और संत परंपरा की गवाह रही है।...