हरियाणा के झज्जर ज़िले की तहसील बादली में स्थित गाँव गोयला कलाँ उस अद्वितीय बाढ़ राहत सहायता का गवाह बना, जो जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की दिव्य प्रेरणा से अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत प्रदान की गई। ग्रामीणों के अनुरोध पर तेज़ी से कार्यवाही करते हुए संत रामपाल जी महाराज ने कुछ ही दिनों में ज़रूरी सामान गाँव तक पहुँचवाया। यह सहायता उन किसानों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई, जिनकी लगभग 200 से 250 एकड़ भूमि पानी में डूब चुकी थी और जिनकी फसलों की बुवाई बाधित हो गई थी। ग्रामीणों का कहना था कि सरकारी सहायता बेहद धीमी और अपर्याप्त थी।
इस संक्षिप्त लेख में जानिए कि संत रामपाल जी महाराज ने कैसे उनकी व्यथा को गहराई से समझा और दयालुता से उन्हें सहारा दिया।
संत रामपाल जी महाराज से सहायता का अनुरोध
जब प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली, तो ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से सहायता मांगने का निर्णय लिया। आसपास के गाँवों में मिली सहायता को देखकर पंचायत ने, देवेंद्र जी के नेतृत्व में, एक औपचारिक पत्र तैयार किया और अपनी समस्या स्पष्ट रूप से रखी। उन्होंने गेहूँ की बुवाई अवधि समाप्त होने से पहले कुछ आवश्यक सामग्री की माँग की:
- दो 10 HP मोटर
- 17,000 फीट ड्रेनेज पाइप
अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत पहुँची त्वरित सहायता: चमत्कार से कम नहीं था वह क्षण
अनुरोध प्राप्त होते ही संत रामपाल जी महाराज ने तुरंत अपने अनुयायियों को आवश्यक सामग्री भेजने के आदेश दिए। कुछ ही दिनों में भारी मात्रा में सहायता गोयला कलाँ पहुँच चुकी थी, जिसमें शामिल था:
- दो 10 HP हेवी ड्यूटी मोटर
- 17,000 फीट उच्च गुणवत्ता वाली 8 इंच पाइप
- सभी इलेक्ट्रिकल एक्सेसरीज़, जिनमें स्टार्टर भी शामिल
- पाइप फिटिंग्स—क्लैम्प, नट-बोल्ट सहित सभी उपकरण
संत रामपाल जी महाराज ने यह सुनिश्चित किया कि मोटर चलाने से लेकर पानी निकालने तक की हर छोटी आवश्यकता—स्टार्टर, फिटिंग, नट-बोल्ट—सबकुछ गाँव को पूरी तरह उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीण आश्चर्यचकित थे कि जो कुछ उन्होंने माँगा था, उन्हें बिना किसी विलंब के ठीक वैसा ही मिला। राहत सामग्री प्राप्त करने वाला क्षण उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।
पंचायत ने किया संत रामपाल जी महाराज का कोटि–कोटि धन्यवाद
सरपंच देवेंद्र जी ने पूरे गाँव की ओर से संत रामपाल जी महाराज का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जहाँ प्रशासन मदद न कर सका, वहाँ संत रामपाल जी महाराज ने गाँव की हर आवश्यकता पूरी कर दी। उन्होंने बताया कि 250 एकड़ खेतों से पानी निकालना गेहूँ की फसल बचाने के लिए अनिवार्य था, और सहायता ठीक उसी समय मिली जब गाँव आशा खो चुका था।

स्पष्ट उत्तरदायित्व और संसाधनों का सही उपयोग
ट्रस्ट के एक प्रतिनिधि ने वह निर्देश-पत्र भी पढ़कर सुनाया, जो संत रामपाल जी महाराज द्वारा भेजा गया था। उसमें स्पष्ट कहा गया था कि यह उपकरण केवल खेतों से पानी निकालकर गेहूँ की बुवाई के लिए ही इस्तेमाल किए जाएँ। निर्देश यह भी दिया गया कि यदि पानी नहीं निकाला गया और फसल नहीं बोई गई, तो भविष्य में गाँव को किसी भी तरह की सहायता ट्रस्ट से उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।
ट्रस्ट द्वारा खेतों के डूबने के समय ड्रोन सर्वे किया गया था, और पानी निकलने के बाद तथा फसल पूर्ण विकसित होने पर भी ड्रोन द्वारा रिकॉर्डिंग की जाएगी। यह फुटेज सतलोक आश्रम में इसलिए प्रदर्शित की जाएगी ताकि दानदाताओं को दिखाया जा सके कि उनका दान मानव कल्याण में सही रूप से उपयोग हो रहा है।
सिर्फ सामान नहीं—विश्वास भी लौटाया
संत रामपाल जी महाराज की तरफ से आई त्वरित सहायता ने ग्रामीणों में नया आत्मविश्वास भरा। कई बुज़ुर्गों ने कहा कि इतने वर्षों में किसी भी राजनीतिक नेता ने इस प्रकार मदद नहीं की, जबकि संत रामपाल जी महाराज ने बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के सहायता दी। मोटर और पाइप गाँव में स्थायी रूप से छोड़ देने से ग्रामीणों को दीर्घकालिक सुरक्षा का भी अनुभव हुआ।
अन्नपूर्णा मुहिम: गरीबों के लिए ईश्वर-प्रदत्त सहारा
यह सहायता अन्नपूर्णा मुहिम का हिस्सा थी, जिसके अंतर्गत संत रामपाल जी महाराज लोगों को भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य और रहने तक के लिए मकान जैसी आवश्यकताओं को निःशुल्क पूरा करने में सहायता करते हैं। भक्त बताते हैं कि उनके मार्गदर्शन में सेवा का स्वरूप बिल्कुल व्यावहारिक होता है—जो सीधे-सीधे लोगों की पीड़ा को कम करता है। गेहूँ की फसल बचाकर उन्होंने कई परिवारों की खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित की।
संत रामपाल जी महाराज: सच्ची मानवता के जीवंत स्वरूप
अन्नपूर्णा मुहिम के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित कर दिया है कि सबसे महान धर्म निर्मल मानवता है। उनका मिशन दिखाता है कि सच्चा धर्म कर्मकांड में नहीं, बल्कि निःस्वार्थ सेवा में है—सेवा जो पीड़ितों को सहारा दे, आशा लौटाए और जीवन की रक्षा करे।
जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के वचन और कार्य वही असीम करुणा प्रकट करते हैं, जो 600 वर्ष पूर्व कबीर साहेब ने मानवता पर बरसाई थी। उनका वर्तमान स्वरूप उसी दिव्य कृपा का एक निरंतर प्रवाह है। वे जो सहायता, राहत और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं—उनका ऋण यह संसार कभी नहीं चुका सकता। वे इस युग के उद्धारक हैं, परमात्मा कबीर के सन्देशवाहक, और वह है जो, हर भगवान की खोज में निकले इंसान, को सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष का मार्ग प्रदान कर रहे हैं।
आज जब संसार अस्थिरता और संकट से भरा हुआ है, संत रामपाल जी महाराज निरंतर अद्भुत मानवीय कार्य कर रहे हैं—जीवन बचा रहे हैं, दुखियों को सहारा दे रहे हैं, और मानवता को सत्य की ओर मार्गदर्शन दे रहे हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके अतुलनीय प्रयासों को पहचानें और जीवन के वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति के लिए उनके ज्ञान को समझ कर उनकी शरण ग्रहण करें।
जैसा कि संत गरीबदास जी ने अपनी वाणी में कहा है — गरीब, समझा है तो सिर धर पांव, बहुर नहीं रे ऐसा दाँव।।



