December 11, 2025

राजस्थान के बहज गाँव में लौटी खुशियाँ, संत रामपाल जी महाराज ने 48 घंटों में किया कई सालों की बाढ़ का समाधान

Published on

spot_img

डीग, राजस्थान: जहाँ एक ओर सरकारी तंत्र और प्रशासन की सुस्ती से किसान निराश हो चुके थे, वहीं संत रामपाल जी महाराज की एक दया ने राजस्थान के डीग जिले के बहज गाँव की तकदीर बदल दी। वर्षों से जलभराव की त्रासदी झेल रहे इस गाँव में संत रामपाल जी महाराज ने अपनी ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के तहत बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भेजकर किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है।

निराशा में डूबा एक गाँव: वर्षों का दर्द

ग्राम पंचायत बहज की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। यहाँ की लगभग 1000 बीघा उपजाऊ कृषि भूमि पिछले कई वर्षों से 4 से 7 फीट गहरे पानी में डूबी हुई थी। किसानों की साल भर की मेहनत और जमा-पूंजी पानी में मिल चुकी थी। समस्या यह थी कि जल निकासी का बिंदु (Drainage Point) खेतों से लगभग 10,000 फीट दूर था, जिसके कारण गरीब किसानों के लिए अपने स्तर पर पानी निकालना असंभव था।

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने 6 तारीख को कलेक्ट्रेट पर धरना दिया, स्थानीय विधायक (MLA) और सांसद (MP) के चक्कर लगाए, लेकिन सिवाय झूठे आश्वासनों के उन्हें कुछ नहीं मिला। प्रशासन ने हाथ खड़े कर दिए थे और किसान अपनी बर्बाद होती फसलों को देख लाचार थे।

उम्मीद की एक किरण

घोर निराशा के बीच, बहज के ग्रामीणों को एक समाचार पत्र के माध्यम से आशा की किरण दिखाई दी। उन्होंने पढ़ा कि कैसे संत रामपाल जी महाराज ने पास के ही एक गाँव ‘ऐंचवाड़ा’ में बाढ़ पीड़ितों को लाखों रुपये की राहत सामग्री प्रदान की है।

इस खबर ने ग्रामीणों में विश्वास जगाया। गाँव के सरपंच प्रतिनिधि श्री सुभाष बाबू और अकाउंटेंट श्री बाबूलाल जी ने तुरंत निर्णय लिया। उन्होंने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भरतपुर जाकर संत रामपाल जी महाराज जी से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने महाराज जी के चरणों में अपनी समस्या रखी और बताया कि यहाँ बिजली की आपूर्ति कम है, इसलिए मोटरों के साथ जनरेटर और डीजल की भी आवश्यकता होगी।

संत रामपाल जी महाराज का त्वरित आदेश: 48 घंटों में मिली मदद

जैसे ही यह प्रार्थना संत रामपाल जी महाराज तक पहुँची, उन्होंने तत्क्षण आदेश दिया कि इस गाँव की पूरी सहायता की जाए। उनका आदेश इतना प्रभावी था कि सरकारी दफ्तरों में जो काम सालों में नहीं हो पाया, वह संत रामपाल जी महाराज की कृपा से मात्र 48 घंटों में पूरा हो गया।

अगले ही दिन सर्वे टीम ने मुआयना किया और बहुत जल्दी राहत सामग्री से लदे वाहनों का काफिला बहज गाँव पहुँच गया। संत रामपाल जी महाराज ने गाँव को निम्नलिखित सहायता प्रदान की:

  • 5,700 फीट 8-इंची डिलीवरी पाइप।
  • 1,200 फीट 5-इंची पाइप।
  • तीन (3) 10 हॉर्स पावर की बड़ी मोटरें।
  • एक (1) 7.5 हॉर्स पावर की मोटर।
  • 550 मीटर (लगभग 1800 फीट) बिजली की केबल।
  • जनरेटर और डीजल का पूरा खर्च।
  • मोटर फिटिंग का सारा सामान (नट, बोल्ट, वॉल्व आदि)।

पारदर्शिता और जिम्मेदारी का पाठ

संत रामपाल जी महाराज ने केवल सामग्री ही नहीं भेजी, बल्कि समाज को जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाया। उनकी ओर से ग्राम पंचायत को एक पत्र सुनाया गया, जिसमें स्पष्ट संदेश था कि यह सहायता दिखावे के लिए नहीं, बल्कि परिणाम के लिए है।

Also Read: संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम’: भिवानी के धनाना गांव को बाढ़ के कहर से मुक्ति 

महाराज जी ने आदेश दिया कि गाँव वालों को एकजुट होकर जल्द से जल्द पानी निकालना होगा ताकि अगली फसल की बिजाई समय पर हो सके। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, उन्होंने निर्देश दिया कि गाँव की तीन वीडियो बनाई जाएंगी:

  1. बाढ़ के पानी से भरे खेतों की।
  2. पानी निकलने के बाद की।
  3. जब खेतों में फसल लहलहाएगी।

यह संत रामपाल जी महाराज की दूरदर्शिता है कि वे सुनिश्चित करते हैं कि दान का एक-एक रुपया सही जगह लगे और जनहित में काम आए।

“आज हमारी असली दिवाली है”

जैसे ही राहत सामग्री गाँव में पहुँची, ग्रामीणों की आँखों में खुशी के आँसू आ गए। गाँव वालों ने ढोल-नगाड़ों और मंगलाचरण के साथ संत रामपाल जी महाराज द्वारा भेजी गई राहत सामग्री का स्वागत किया।

सरपंच सुभाष बाबू ने भावुक होकर कहा, “हमने सरकार से बहुत भीख माँगी, लेकिन कुछ नहीं मिला। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की शरण में जाने के कुछ घंटे के भीतर ही चमत्कार हो गया। यह फिल्मों में देखने को मिलता था, लेकिन आज हकीकत में हुआ है।”

एक बुजुर्ग किसान ने कहा, “आज हमारे लिए असली दिवाली और गोवर्धन पूजा है। संत रामपाल जी महाराज हमारे लिए भगवान बनकर आए हैं। जो काम 20 साल में नहीं हुआ, वह उन्होंने एक पल में कर दिखाया।” आभार व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने संत रामपाल जी महाराज के सम्मान में पगड़ी भेंट की।

एक ऐतिहासिक पहल

यह घटना केवल एक राहत कार्य नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का एक अनुपम उदाहरण है। जहाँ आज के दौर में कई धर्मगुरु और संस्थाएं केवल दिखावे तक सीमित हैं, वहीं संत रामपाल जी महाराज धरातल पर उतरकर किसानों और गरीबों का जीवन संवार रहे हैं। उनकी यह ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ साबित करती है कि सच्चा धर्म वही है जो दूसरों के काम आए। संत रामपाल जी महाराज ने बहज गाँव को न केवल बाढ़ से मुक्ति दिलाई है, बल्कि उन्हें एक नया जीवन और भविष्य दिया है।

बहज गाँव को दी गई सहायता कोई अकेली घटना नहीं है। यह “अन्नपूर्णा मुहिम” का हिस्सा है, जो संत रामपालजी महाराज द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण और निरंतर बाढ़ राहत अभियान है। यह मुहिम, जो भोजन और आश्रय प्रदान करने के प्रयास के रूप में शुरू हुई थी, अब एक व्यापक मानवीय सहायता अभियान में बदल गई है, जो 300 से अधिक गाँवों तक पहुँच चुका है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह मानवीय मिशन बिना किसी वित्तीय बाधा के आगे बढ़ सके, उन्होंने अपने 12 आश्रमों और 500 से अधिक नामदान केंद्रों पर सभी निर्माण कार्यों को रोकने का सख्त आदेश दिया, सभी निधियों और जनशक्ति को बाढ़ प्रभावित गाँवों को बचाने के लिए मोड़ दिया। सभी प्रयासों का संपूर्ण कवरेज SA NEWS CHANNEL द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रलेखित और प्रकाशित किया जा रहा है।

संत रामपाल जी महाराज ने दिखाया है कि अगर हम आध्यात्मिकता के सच्चे मार्ग पर चलें तो क्या किया जा सकता है। सभी गांवों की विस्तृत रिपोर्टिंग यहाँ पढ़ें : बाढ़ राहत | SA News Channel

अधिक जानकारी के लिए, कृपया बहज गाँव के संबंध में हमारे व्यापक कवरेज को देखें:

Latest articles

सरकारी मदद से निराश  हरियाणा के बरसी जाटान को संत रामपाल जी महाराज ने दिया ‘जीवनदान’

हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे...

बाढ़ राहत सामग्री पहुंचने पर भैणी मातो में बच्चे–बच्चे के जुबान पर सिर्फ संत रामपाल जी महाराज का गुणगान

रोहतक के भैणी मातो गांव पर दोहरी विपदा टूट पड़ी थी। लगभग 400–450 एकड़...

Human Rights Day 2025: Understanding Human Rights Through Spiritual Perspective

Last Updated on 9 December 2025 IST: Human Rights Day is commemorated worldwide on...
spot_img

More like this

सरकारी मदद से निराश  हरियाणा के बरसी जाटान को संत रामपाल जी महाराज ने दिया ‘जीवनदान’

हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे...

बाढ़ राहत सामग्री पहुंचने पर भैणी मातो में बच्चे–बच्चे के जुबान पर सिर्फ संत रामपाल जी महाराज का गुणगान

रोहतक के भैणी मातो गांव पर दोहरी विपदा टूट पड़ी थी। लगभग 400–450 एकड़...