December 23, 2025

बलियाली गांववासियों की खुशी में हुई नम आँखें बनी संत रामपाल जी महाराज के सफल बाढ़ राहत अभियान की गवाह

Published on

spot_img

सन् 2025 की भारी मानसूनी वर्षा ने हरियाणा के बड़े हिस्से को प्रभावित किया, जिससे हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई। भिवानी जिला सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक था, जहाँ कई गाँव भयंकर जलभराव से जूझ रहे थे। इन्हीं में से एक था बवानी खेरा तहसील का बलियाली गाँव, जहाँ सैकड़ों एकड़ फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।

गाँव वालों ने प्रशासन से सहायता की अपील की, पर उन्हें केवल आश्वासन और देरी मिली। अंततः जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की दिव्य कृपा से, अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत राहत सहायता गांव बलियाली पहुँची। संत रामपाल जी महाराज के त्वरित निर्णयों के कारण किसानों को शीघ्र बाढ़ राहत उपकरण एवं पाइप मिली और संघर्षरत लोगों में उम्मीद की किरण जागी।

बाढ़ से हुई तबाही का स्तर

लगभग 500 से 600 एकड़ खेत पूरी तरह पानी में डूब गए थे। गाँव का खेल मैदान, जो युवाओं के लिए मुख्य स्थल था, लगभग 12 फुट गहरे पानी के तालाब में तब्दील हो गया। इसके आसपास की 150 से 200 एकड़ भूमि भी 6 से 8 फुट तक के पानी में जलमग्न रही। यद्यपि घर सुरक्षित रहे, परंतु गाँव की जीवनरेखा-खेती-पूरी तरह नष्ट हो गई।

ग्राम सरपंच सचिन सरदाना ने बताया कि प्रशासन ने केवल मौखिक भरोसे दिए, पर पाइप और मोटर जैसी आवश्यक सामग्री देने में देरी की। इस वजह से किसान लगातार दो फसलों के नुकसान के खतरे में आ गए।

गांववासियों ने की संत रामपाल जी महाराज से राहत की फरियाद 

जब ग्राम सरपंच को पता चला कि आसपास के सागवान और गुजरानी गाँवों में संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में तत्काल राहत कार्य किए जा रहे हैं, तो उन्होंने बलियाली पंचायत के साथ मिलकर बरवाला स्थित ट्रस्ट कार्यालय का रुख किया और एक लिखित आवेदन संत रामपाल जी महाराज के चरणों में भेजने के लिए प्रस्तुत किया।

इस आवेदन में एक 15 हॉर्स पावर मोटर और 8 इंच की 4400 फीट पाइप की माँग की गई, ताकि खेतों का पानी शीघ्र निकाला जा सके। यह उपकरण रबी फसल – मुख्यतः गेहूँ – की समय पर बुवाई के लिए अत्यंत आवश्यक थे, जिससे किसानों और गांववासियों दोनों की आजीविका जुड़ी हुई थी।

संत रामपाल जी महाराज की दिव्य कृपा से तुरंत कार्यवाही

संत रामपाल जी महाराज ने यह सुनिश्चित किया कि माँगी गई सामग्री तत्काल गाँव तक पहुँचे ताकि जल निकासी का काम समय पर शुरू हो सके। पंचायत को भरोसा दिलाया गया कि सहायता कुछ ही दिनों में पहुँचा दी जाएगी।

संत रामपाल जी महाराज की दया से जैसा भरोसा दिलाया गया था, हुआ भी वैसा ही, कुछ ही समय में ही बलियाली गाँव में राहत सामग्री से भरा एक काफिला पहुँच गया, जिसमें सम्मिलित था –

• एक 15 HP हैवी ड्यूटी मोटर

• 8 इंच की 4400 फीट उच्च गुणवत्ता वाली पाइप

• इलेक्ट्रिकल स्टार्टर, केबल और अन्य सहायक उपकरण

• नट बोल्ट, वाल्व, सॉल्यूशन आदि सभी छोटी-बड़ी सामग्री

यह सारी सामग्री संत रामपाल जी महाराज द्वारा निःशुल्क बलियाली ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई गई। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि गाँववालों को एक भी पुर्जा बाहर से खरीदने की आवश्यकता न पड़े और जल निकासी का कार्य तुरंत शुरू हो सके।

यह सहायता अन्नपूर्णा मुहिम के उस बड़े अभियान का हिस्सा है जिसके माध्यम से संत रामपाल जी महाराज अब तक हरियाणा, पंजाब तथा पड़ोसी राज्यों के 200 से अधिक बाढ़ग्रस्त गाँवों में सहयोग कर चुके हैं, और यह निःस्वार्थ सेवा आज भी तेज़ी से जारी है।

जवाबदेही और पारदर्शिता

सामग्री के साथ ही संत रामपाल जी महाराज ने पंचायत को एक लिखित पत्र और कुछ दिशानिर्देश भेजे। उन्होंने निर्देश दिया कि गाँववाले एकजुट होकर दिए गए उपकरणों का तुरंत उपयोग करें ताकि खेत अगली बुवाई के लिए तैयार हो सकें।

Also Read: गुराना, हिसार में ऐतिहासिक क्षण: 45 गांवों की खापों ने संत रामपाल जी महाराज को दिया “किसान रक्षक सम्मान”

पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा था कि यदि जल निकासी नहीं की गई और अगली फसल की बुवाई नहीं हुई, तो भविष्य में बलियाली गाँव को ट्रस्ट द्वारा सहायता नहीं दी जाएगी। यह दिशा-निर्देश उत्तरदायित्व और सामूहिक प्रयास की भावना को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था।

संत रामपाल जी महाराज ने यह भी कहा कि यदि और सामग्री की आवश्यकता हो तो वह भी उपलब्ध कराई जाएगी, क्योंकि वे स्वयं किसान परिवार से आते हैं और उनका प्रमुख उद्देश्य किसानों की जीविका की रक्षा करना है।

पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने तीन चरणों में ड्रोन वीडियो रिकॉर्डिंग का निर्देश दिया –

1. सहायता पहुँचने से पहले,

2. जल निकासी के बाद,

3. और फसल लहलहाने के बाद।

इन वीडियो को सतलोक आश्रमों में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि दानदाता देख सकें कि उनकी दान राशि केवल मानवता की सेवा में उपयोग हो रही है।

सरपंच प्रतिनिधि ने संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए निर्देशों को पूर्ण रूप से स्वीकार किया और धन्यवाद व्यक्त करते हुए माना कि यह कार्य कलियुग में एक स्वर्ण युग की शुरुआत है।

संत रामपाल जी महाराज को गांववासियों ने किया सम्मानित

जब राहत सामग्री से भरा काफिला गाँव पहुँचा तो ग्रामीणों की आँखें खुशी के आसूंओं से भर आईं। सभी ने संत रामपाल जी महाराज के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया। गाँववालों ने श्रद्धा-स्वरूप एक पगड़ी (सम्मान का प्रतीक) भी भेंट की।

किसानों ने कहा कि जहाँ सरकारी मदद आने में देर लगी, वहाँ संत रामपाल जी महाराज ने त्वरित मदद पहुँचाई। उन्होंने अनुभव किया कि परमात्मा कबीर साहेब जी की दिव्य कृपा जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के माध्यम से आज इस कलियुग में कार्यरत है और वही हर संकट का एकमात्र समाधान है।

उनके सुझाव पर पंचायत ने निर्णय लिया कि मोटर और पाइप को स्थायी रूप से स्थापित किया जाएगा ताकि भविष्य में बाढ़ की समस्या न हो।

निःस्वार्थ सेवा का अनोखा उदाहरण

संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित अन्नपूर्णा मुहिम निःस्वार्थ सेवा का एक जीवंत उदाहरण है। अन्य धार्मिक प्रवक्ताओं की तरह वे किसी प्रकार की फीस लेकर ऐशो आराम नहीं करते बल्कि स्वेच्छा और श्रद्धा से समर्पित दान का उपयोग केवल समाजहित के लिए करते हैं।

संत रामपाल जी महाराज असल में परमेश्वर कबीर जी के अवतार हैं, जो हर तकलीफ़ में आमजन की सहायता कर रहे हैं – चाहे वह भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वास्थ्य या फिर मकान हो और अब गाँवों को बाढ़ से उबारने का कार्य। लाखों रुपये की सामग्री भेजकर उन्होंने सैकड़ों गाँवों को पुनर्जीवित किया है।

संत रामपाल जी महाराज ने सिद्ध किया – ‘मानवता ही सर्वोपरी धर्म है’

अन्नपूर्णा मुहिम के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने यह सशक्त जीवंत संदेश दिया है कि हर धार्मिक और सामाजिक संस्था का नैतिक दायित्व है कि वह केवल कर्मकांडों तक सीमित न रहकर मानवता की सेवा करे।

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के वचनों में वही शक्ति है जो 600 वर्ष पहले कबीर साहेब जी की लीला के समय लोगों ने देखी थी।

यह संसार संत रामपाल जी महाराज के उपकारों का प्रतिदान कभी नहीं दे सकता। वे विश्व-उद्धारक हैं, परमात्मा कबीर जी के ही अवतार हैं, जिनका उद्देश्य सब भक्त आत्माओं को सही आध्यात्मिक ज्ञान देना, सही भक्ति बताना और मोक्ष प्रदान करना है।

इस कठोर, अनिश्चित युग में, जब संत रामपाल जी महाराज अपने दिव्य कार्यों से लोगों की सहायता कर रहे हैं, हमारा कर्तव्य है कि हम उनके अथक प्रयासों को पहचानें, उनकी शरण लें और अपने जीवन का वास्तविक उद्देश्य – परमात्मा प्राप्ति – को पूरा करें।

जैसा कि हरियाणा की पावन धरा पर अवतरित संत गरीबदास जी महाराज ने अपनी अमर वाणी में कहा है कि –

गरीब, समझा है तो सिर धर पांव, बहुर नहीं रे ऐसा दाँव।।

Latest articles

Christmas Day 2025 in Hindi: क्रिसमस का इतिहास, कहानी, यीशु मसीह का जीवन और 25 दिसंबर का सत्य 

क्रिसमस (Christmas Day in Hindi) पूरे विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता हैं। जानिए सर्वशक्तिमान प्रभु के बारे में

Christmas 2025: Know How To Truly Celebrate Christmas

Christmas Day is celebrated on 25 December every year on the birthday of Jesus Christ. Know the story, facts, and quotes for Merry Christmas.

तालाब बन चुके स्कूल, सड़ चुके खेत — गंगड़वा में संत रामपाल जी महाराज ने लौटाई ज़िंदगी

यह कहानी केवल खेतों में भरे पानी की नहीं, बल्कि उस गाँव की है...

किसान रत्न सम्मान: डाया गांव में भारतीय किसान यूनियन (अ) द्वारा संत रामपाल जी महाराज का ऐतिहासिक अभिनंदन

भारत का किसान केवल खेत में फसल नहीं उगाता, बल्कि पूरे देश का भविष्य...
spot_img

More like this

Christmas Day 2025 in Hindi: क्रिसमस का इतिहास, कहानी, यीशु मसीह का जीवन और 25 दिसंबर का सत्य 

क्रिसमस (Christmas Day in Hindi) पूरे विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता हैं। जानिए सर्वशक्तिमान प्रभु के बारे में

Christmas 2025: Know How To Truly Celebrate Christmas

Christmas Day is celebrated on 25 December every year on the birthday of Jesus Christ. Know the story, facts, and quotes for Merry Christmas.

तालाब बन चुके स्कूल, सड़ चुके खेत — गंगड़वा में संत रामपाल जी महाराज ने लौटाई ज़िंदगी

यह कहानी केवल खेतों में भरे पानी की नहीं, बल्कि उस गाँव की है...