हरियाणा के महम वार्ड 14 और 15 में महीनों से आ रही बाढ़ और जलभराव की समस्या ने किसानों, दुकानदारों और मज़दूरों को बदहाल कर दिया था। विधायक, सांसद और प्रशासन तक बार-बार गुहार लगाने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। ऐसे कठिन समय में जब पूरा तंत्र असहाय दिखाई दिया, तब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने अन्नपूर्णा मुहिम के तहत गांवों की पहली ही प्रार्थना स्वीकार करते हुए इतिहास में दर्ज होने वाली सबसे बड़ी बाढ़ राहत सामग्री भेजी। कुल 27,000 फीट पाइप और 5 हाई-पॉवर्ड मोटरें भेजकर संत जी ने वह काम कर दिखाया जिसे ग्रामीण “ईश्वरीय सेवा” कहते हैं।
गांव वालों की पहली प्रार्थना पर मिली त्वरित सहायता
गांव वाले स्वयं प्रार्थना लेकर तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पास पहुँचे। वार्ड 14 और 15 के ग्रामीणों ने स्वीकार किया कि जब प्रणाली ने उनका साथ छोड़ दिया, तब वे आखिरी उम्मीद लेकर संत रामपाल जी महाराज के चरणों में पहुँचे। उनकी पहली ही विनती स्वीकार हुई और तुरंत आदेश जारी हुआ कि गांवों में विशाल राहत सामग्री भेजी जाए ताकि किसान समय से गेहूं की बुवाई कर सकें।
महम बाढ़ राहत अभियान से जुड़ी प्रमुख बातें
- 27,000 फीट पाइपलाइन और 5 मोटरें संत रामपाल जी महाराज द्वारा महम में भेजी गईं।
- वार्ड 14 को 9,000 फीट पाइप + 2 मोटरें (15 HP) और वार्ड 15 को 18,000 फीट पाइप + 3 मोटरें (10 HP) मिलीं।
- सहायता अन्नपूर्णा अभियान के तहत भेजी गई, जिसके अंतर्गत कई राज्यों में बाढ़ प्रभावित किसान मदद पा रहे हैं।
- महम चौबीसी ने पहली बार किसी संत को “मानव रक्षक सम्मान” दिया।
- ड्रोन वीडियो, रिकॉर्डिंग और सामग्री के स्थायी रख-रखाव का विशेष आदेश संत जी द्वारा दिया गया।
- ग्रामीणों के अनुसार, यह सेवा “साधारण मनुष्य का कार्य नहीं बल्कि परमात्मा जैसा काम” है।
महम चौबीसी में ऐतिहासिक सम्मान—जहाँ सुप्रीम कोर्ट भी फैसले मानता है
महम चौबीसी के ऐतिहासिक चबूतरे पर पंचायतें और खाप प्रतिनिधियों ने तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को विशेष सम्मान दिया। यही वह मंच है जहाँ पहले वर्षों तक बड़े-बड़े निर्णय लिए जाते थे।
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उसी स्थान पर ग्रामीणों ने 27,000 फीट पाइप और 5 मोटरों की सहायता को “रिकॉर्ड-तोड़”, “ऐतिहासिक” और “अमूल्य” बताया। संत जी के चित्र और शॉल भेंट कर प्रतिनिधियों ने आभार व्यक्त किया और आदेशानुसार सामग्री का पूर्ण उपयोग करने का वचन दिया।
महम में दूसरी बार पहुँचा बाढ़ राहत काफिला—खेतों से लेकर घरों तक राहत
महम में बाढ़ राहत काफिला दूसरी बार पहुँचा, जहाँ तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के निर्देशन में चल रहा राहत अभियान पहले वार्ड 1 में सहायता देने के बाद अब वार्ड 14 और 15 तक विस्तारित हुआ। यह सहायता पूरे प्रदेश में संचालित 400 से अधिक गाँवों के व्यापक राहत अभियान का हिस्सा है। इस चरण में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा महम के लिए कुल 27,000 फीट पाइपलाइन और 5 मोटरें भेजी गईं, जिनमें वार्ड 14 को 9,000 फीट पाइपलाइन के साथ 15 एचपी की 2 मोटरें तथा वार्ड 15 को 18,000 फीट पाइपलाइन के साथ 10 एचपी की 3 मोटरें उपलब्ध कराई गईं, जिससे खेतों और आवासीय क्षेत्रों में जलभराव से राहत मिलने की उम्मीद जगी।
जहाँ सरकार असफल, वहाँ संत रामपाल जी महाराज संकटमोचक बनकर पहुँचे
ग्रामीणों और किसान नेताओं ने साफ कहा कि “न विधायक ने सुना, न सांसद ने, न प्रशासन खड़ा हुआ… पर हमारी पहली प्रार्थना संत रामपाल जी महाराज ने स्वीकार कर ली।”
कई लोगों ने बताया कि:
- प्रशासन मशीनरी कार्रवाई शुरू भी नहीं कर पाई।
- बड़े-बड़े साहूकार और संस्थाएँ हाथ खड़े कर गईं।
- लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने बिना किसी भेदभाव के, केवल ज़रूरत देखकर सहायता भेजी।
इसीलिए ग्रामीणों ने कहा:
- “आज हरियाणा का बच्चा-बच्चा उन्हें भगवान समान मान रहा है।”
- अन्नपूर्णा मुहिम: भोजन से लेकर पाइपलाइन तक जनसेवा का विशाल स्वरूप
- ग्रामीणों ने बताया कि यह मदद सिर्फ पाइप भेजने तक सीमित नहीं है।
अन्नपूर्णा अभियान के तहत:
- पंजाब
- हरियाणा
- राजस्थान
- उत्तराखंड
- हिमाचल
- जम्मू-कश्मीर
जैसे राज्यों में बाढ़ प्रभावित किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पाइप, मोटरें, भोजन, राशन, और अन्य सामग्री निःशुल्क भेजी गई है।
कई गांवों में तो 3–4 बार तक राहत सामग्री पहुँचाई गई
- कुछ जगहों पर मकान बनवाने, पेयजल व्यवस्था, ट्यूबवेल लगाने, और बेरोजगार मज़दूरों को घर-घर राशन पहुँचाने तक की सेवाएँ दी गईं।
- सेवादारों की रात-दिन सेवा: सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक निरंतर कार्य जारी रहा।
- सेवादारों ने बताया कि इस विशाल सेवा के पीछे केवल संत रामपाल जी महाराज का आशीर्वाद है।
- सैकड़ों सेवादार लगातार सुबह 4 बजे से रात 11-12 बजे तक कार्य करते रहे हैं।
- समूचे महम क्षेत्र में दर्जनों गाड़ियों का काफिला पहुँचा, जिनका स्वागत ढोल-नगाड़ों, फूलमालाओं और बाइक रैलियों के साथ हुआ।
स्थायी समाधान: पाइपों को ज़मीन में दबाने का आदेश
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट आदेश दिया है कि:
- पाइप स्थायी समाधान के लिए ज़मीन में दबा दिए जाएँ।
- हर बारिश में स्वतः पानी निकले।
- किसानों को बार-बार परेशानी न हो।
मुनिंद्र धर्मार्थ ट्रस्ट गाँव की तीन अवस्थाओं में:
1. बाढ़ के समय की स्थिति,
2. पानी निकलने के बाद,
3. फसल लहराने के बाद
की वीडियो रिकॉर्डिंग हर समागम में दिखाएगा ताकि दान का हर पैसा पारदर्शी साबित हो सके।
ग्रामीणों की भावनाएँ: “हमने पहली बार किसी संत को इतनी व्यापक सेवा करते देखा”
75 वर्षीय बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार ऐसा देखा है कि कोई संत किसानों की असली समस्याओं:
- अनाज
- शिक्षा
- आवास
- और पानी निकासी
को इतनी गंभीरता से समझकर समाधान दे रहा है। किसानों के अनुसार यदि पानी समय पर निकल जाए, तो अगली फसल बच जाएगी और वे वर्षों पीछे जाने से बच जाएँगे।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का दिव्य आदेश
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने गांवों को स्पष्ट आदेश दिया है कि दी गई सामग्री: पाइप, मोटरें, स्टार्टर का उपयोग समय पर और अनुशासन के साथ होना चाहिए। हर खेत का पानी निकालना ही सर्वोच्च प्राथमिकता है, ताकि अगली फसल समय पर बोई जा सके।
उनका संदेश है कि:
- यदि और सामग्री चाहिए, तो प्रार्थना करें, सहायता दी जाएगी।
- लेकिन पानी किसी भी स्थिति में रुकना नहीं चाहिए।
- यदि सामग्री का सदुपयोग नहीं हुआ और पानी नहीं निकला, तो आगे कोई सहायता नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह सहायता परमात्मा कबीर साहेब की कृपा से स्थायी समाधान है। यही सच्ची भक्ति, सच्ची सेवा और मानवता का वास्तविक स्वरूप भी साबित होगी। यूट्यूब चैनल पर अन्नपूर्णा मुहिम को सब्सक्राइब करें।



