Flood in Haryana: हरियाणा के हिसार जिले के ढण्ढेरी गाँव में हाल ही में आई बाढ़ ने तबाही मचा दी थी। खेत जलमग्न थे, फसलें सड़ने लगी थीं और गाँव की गलियों में चारों ओर पानी फैला हुआ था। इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों को निराशा और असहायता के अंधेरे में धकेल दिया था। प्रशासन की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही थीं। ऐसे में जब गाँव के लोगों की आखिरी उम्मीद भी टूटने लगी, तभी संत रामपाल जी महाराज ने मानवीय सेवा की ऐसी मिसाल पेश की, जिसने पूरे क्षेत्र में नई उम्मीद जगा दी।
ग्राम पंचायत की संत रामपाल जी महाराज से पुकार और तीन दिन में पहुँची राहत
ढण्ढेरी गाँव की ग्राम पंचायत के सरपंच संदीप कुमार ने कोई हल ना देखते हुए गाँव वासियों के साथ मिलकर बरवाला स्थित मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट के ऑफिस पहुँचकर संत रामपाल जी महाराज से सहायता की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि गाँव की लगभग 350 एकड़ भूमि दो से तीन फुट पानी में डूबी हुई है और दोनों ओर ड्रेनों के जाम होने से पानी निकालना असंभव हो गया है। पंचायत ने एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से तीन बड़ी मोटरें (15 हॉर्स पावर) और 6500 फुट 8 इंची पाइप लाइन की मांग की।
सिर्फ तीन दिनों के भीतर, आश्चर्यजनक रूप से, संत रामपाल जी महाराज की ओर से राहत सामग्री का विशाल काफिला गाँव पहुंच गया। इस सामग्री में मोटरों के साथ स्टार्टर, केबल, फिटिंग्स और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल थे ताकि किसानों को कोई तकनीकी कठिनाई न हो।
किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान
जैसे ही सहायता गाँव पहुंची, ग्रामीणों की आंखों में राहत और कृतज्ञता के आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि यह किसी सपने के सच होने जैसा था। वर्षों से केवल “दानवीर कर्ण” की कथाएँ सुनने वाले ग्रामीणों ने आज अपने सामने “दानियों के दानी” संत रामपाल जी महाराज को देखा। एक बुजुर्ग किसान ने भावुक होकर कहा, “हमने सुना था दानवीर कर्ण की कहानियाँ, पर आज देखा कि असली दान तो यह है। प्रधानमंत्री भी इतनी तेजी से मदद नहीं पहुंचा सकते जितनी शीघ्रता से संत रामपाल जी महाराज ने पहुंचाई।” निश्चित रूप से हर कोई इस बात से परिचित था कि संत रामपाल जी महाराज ने जितनी तेजी से सभी बाढ़ग्रस्त गांवों की मदद की है वह सरकार के माध्यम से कभी संभव ना हो सका।
“लोक दिखावे से नहीं, कर्म से सेवा” संत रामपाल जी महाराज का दृष्टिकोण
सेवा भाव और करुणा संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं के मूल सिद्धांतों में से है। उनके अनुयायियों के अनुसार, उन्होंने स्पष्ट आदेश दिया कि लोक दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर जनसेवा की जानी चाहिए।
इसी सोच के तहत आज उनके द्वारा चलाया जा रहा बाढ़ राहत सेवा अभियान हरियाणा ही नहीं बल्कि पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में भी जारी है। अब तक 200 से अधिक बाढ़ग्रस्त गाँवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा चुकी है और यह सेवा अभियान लगातार चल रहा है। अन्नपूर्णा मुहिम के तहत अनगिनत लोगों को लाभ मिल चुका है।
संत रामपाल जी महाराज का सख्त आदेश: “पानी जरूर निकलना चाहिए”
ग्राम पंचायत को राहत सामग्री सौंपते समय संत रामपाल जी महाराज के ट्रस्ट की ओर से एक विशेष पत्र भी दिया गया। इसमें लिखा था कि यदि दी गई सामग्री से निर्धारित समय पर पानी नहीं निकाला गया, तो आगे से गाँव को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि जरूरत हो तो और सहायता सामग्री भी दी जाएगी, परंतु गाँव को अपनी मेहनत और एकता से पानी निकालना ही होगा। संत रामपाल जी महाराज ने यह भी निर्देश दिया कि गाँव से पानी निकलने, फसल बोने और फसल लहराने के तीन चरणों की वीडियो बनाई जाएगी, ताकि यह दिखाया जा सके कि दान का हर रुपया जनकल्याण में लगा है।
किसानों के लिए स्थायी समाधान
संत रामपाल जी महाराज की यह सहायता केवल तत्काल राहत नहीं, बल्कि एक स्थायी समाधान भी साबित होगी। अब ढण्ढेरी के किसान भविष्य में भी इन मोटरों और पाइपों का उपयोग करके किसी भी बाढ़ की स्थिति से निपट सकेंगे। ग्राम पंचायत ने यह निर्णय लिया है कि यह सारी सामग्री गाँव की संपत्ति के रूप में रखी जाएगी, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका लाभ उठा सकें। गाँव के सरपंच संदीप कुमार ने कहा “संत रामपाल जी महाराज ने जो भरोसा हम पर किया है, हम उसका सम्मान करेंगे। हम तहे दिल से यह वादा करते हैं कि गाँव से पानी निकालेंगे और अगली फसल की बिजाई समय पर करेंगे।”
किसानों ने जताया आभार, की संत रामपाल जी महाराज जी की रिहाई की मांग
गाँव वासियों ने संत रामपाल जी के सेवादारों की टीम का स्वागत करते हुए कहा कि महाराज जी की यह सेवा “जीवनदान से कम नहीं है। कई ग्रामीणों ने शुभ कामना करते हुए कहा कि परमात्मा संत रामपाल जी महाराज जी को शीघ्र जेल से रिहाई प्रदान करे, ताकि वे और अधिक गाँवों की मदद कर सकें। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा का कोई भी गाँव ऐसा नहीं जहां संत रामपाल जी महाराज की मदद न पहुँची हो। उन्होंने हर वर्ग गरीब, किसान, मजदूर सभी के लिए तन, मन, धन से सेवा की है।
संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का कहना है कि किसान देश की रीढ़ हैं। यदि किसान खुश रहेंगे तो देश खुश रहेगा। इसी भावना के साथ संत रामपाल जी महाराज ने न केवल किसानों को बाढ़ से बचाया, बल्कि भविष्य की खेती के लिए भी सुरक्षित वातावरण तैयार कराया। उन्होंने कहा है कि “कथा वाचक मंच से बोलते हैं, पर सच्चे संत धरती पर उतरकर सेवा करते हैं।” गाँववासियों ने संत रामपाल जी महाराज की सेहत की कामना की और उन्हें प्रधानमंत्री से भी ऊपर बताकर उनकी प्रशंसा की और उनका पुनः पुनः धन्यवाद किया।
भगवान सुनते हैं – ढण्ढेरी की घटना बनी मिसाल
ढण्ढेरी गाँव की यह घटना केवल राहत पहुंचाने की नहीं, बल्कि विश्वास, सेवा, करुणा और संत रामपाल जी महाराज के सामर्थ्य की कहानी है। संत रामपाल जी महाराज ने दिखाया कि सच्ची धार्मिकता केवल प्रवचन में नहीं, बल्कि कर्म और मानवता की सेवा में निहित है। उनकी पहल ने साबित कर दिया कि संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में एकमात्र संत हैं जो समाज के लिए, उनके उत्थान के लिए, उनके मार्गदर्शन के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। उन्होंने अपने जीवन की आहुति समाज के लिए दी है और पूरा विश्व उनका सदैव ऋणी रहेगा। ढण्ढेरी गाँव के किसान आज संत रामपाल जी महाराज के आभारी हैं, जिन्होंने केवल पानी निकालने का साधन ही नहीं दिया, बल्कि उन्हें नई जिंदगी जीने की आशा भी दी।
भिवानी के चोरटापुर गांव में बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया था, खेत डूब गए, घरों में पानी भर गया और लोग अपनी उम्मीदें खो चुके थे। ऐसे में सतगुरु रामपाल जी महाराज की करुणा ने चमत्कार किया। उनके आदेश पर उनके सेवादारों ने दो 15 एचपी मोटरें और 10,000 फीट पाइप लगाकर पानी निकाला। जहाँ निराशा थी, सतगुरु की कृपा से, वहाँ अब सुकून और कृतज्ञता का माहौल है।



