December 14, 2025

जोरों से लगे संत रामपाल जी महाराज के जयकारे जब बाढ़ राहत सामग्री का काफिला पहुंचा झज्जर के छारा गांव में

Published on

spot_img

जब हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव की 52,000 बीघा से अधिक कृषि भूमि बाढ़ के पानी में डूब गई, तो पूरे गांव में निराशा का माहौल छा गया। किसानों की फसलें सड़ गईं, घर कमजोर हो गए और जिन दरवाजों पर उन्होंने मदद की गुहार लगाई, वहां से केवल खोखले वादे लौटे। पर जब इंसानी कोशिशें नाकाम रहीं, तब ईश्वरीय कृपा ने अपना रूप दिखाया — जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जीवन-परिवर्तनकारी ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के माध्यम से छारा गांव भी हुआ बाढ़ मुक्त।

उनकी दिव्य प्रेरणा के तहत मदद की पुकार पर केवल दो दिनों में प्रतिक्रिया दी गई — यह साबित करते हुए कि सच्ची सेवा प्रचार नहीं चाहती, वह केवल पीड़ितों को राहत पहुंचाना जानती है।

छारा गांव ने लगाई संत रामपाल जी महाराज से मदद की गुहार

9 अक्टूबर को छारा गांव की पंचायत, सरपंच प्रतिनिधि दीपक जी के नेतृत्व में, एक निवेदन लेकर संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना करने के लिए उनके ट्रस्ट के ऑफिस पहुंचे। उन्होंने ग्राम पंचायत के लेटरहेड पर एक निवेदन पत्र जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को संबोधित कर लिखा, जिसमें मांगा गया था —

  • 10,000 फीट 8-इंच की ड्रेनेज पाइप
  • चार 10 हॉर्सपावर की मोटरें
  • सभी आवश्यक विद्युत उपकरण और फिटिंग्स

हर पंच और सरपंच ने इस पत्र पर एकजुट होकर हस्ताक्षर किए — उनकी एक ही मांग थी कि संत रामपाल जी महाराज उनकी प्रार्थना स्वीकार करें। इसके बाद जो हुआ वो कोई करिश्में से कम नहीं था, संत रामपाल जी महाराज ने न केवल उनकी प्रार्थना सुनी, बल्कि एक पल भी गंवाए बिना तत्काल मदद भेजी।

अन्नपूर्णा मुहिम के अंतर्गत पहुंची बाढ़ राहत सामग्री

11 अक्टूबर तक छारा गांव का दृश्य बदल चुका था। संत रामपाल जी महाराज की असीम दया से गांव में एक बड़ा काफिला पहुंचा — जिसमें बाढ़ राहत सामग्री और उपकरण थे। संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार अन्नपूर्णा मुहिम के तहत जो सामग्री भेजी गई, वह थी —

  • चार 10 HP मोटरें
  • 10,000 फीट 8-इंच उच्च गुणवत्ता की ड्रेनेज पाइप
  • स्टार्टर, केबल और विद्युत फिटिंग्स

यह केवल तकनीकी सहायता नहीं थी, बल्कि मानवता की सेवा की एक ऐसी मिसाल थी जो केवल पूर्ण संत के मार्गदर्शन से ही संभव हो सकती है। गांववालों ने इसे चमत्कार कहा, पर वास्तव में यह संत रामपाल जी महाराज की दिव्य कृपा एवं अद्भुत दया का परिणाम था।

पारदर्शिता और जवाबदेही का दिव्य संदेश

संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ राहत सामग्री के सदुपयोग और पारदर्शिता पर विशेष बल दिया। छारा गांव को भेजी गई सामग्री के साथ एक निवेदन पत्र एवं निर्देश भी दिया गया कि सभी संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाए — ताकि खेतों से पानी निकाला जा सके और अगली फसल की तैयारी हो सके।

यह भी स्पष्ट कहा गया कि यदि सामग्री का दुरुपयोग हुआ तो भविष्य में ट्रस्ट से और सहायता नहीं दी जाएगी।

पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ड्रोन फुटेज तीन चरणों में ली जाएगी —

  1. पानी निकाले जाने से पहले,
  2. खेत साफ होने के बाद,
  3. और नई फसल लहराने के समय।

इन वीडियोज़ को सभी सतलोक आश्रम शाखाओं में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि हर दानदाता देख सके कि उनका किया दान मानवता की सेवा में उपयोग हो रहा है। छारा गांव की पंचायत ने इस व्यवस्था की पूरी सराहना और सहमति दी।

किसानों की आवाज़: कृतज्ञता और आस्था का संगम

बाढ़ से तबाह किसानों ने अपने दिल की बात खुलकर साझा की। एक गांववासी का मानना था—

“यहां पानी बहुत हैं। गांव बस्ती में पानी भरा हुआ है। बार-बार प्रशासन से भी गुहार की। किसी ने नहीं सुनी। हमारा तो बड़ा भला हो गया भाई। इस सत्संग का आपका। महाराज संत रामपाल महाराज जी का इन्होंने पाइप भी लाए हैं और चार मोटर भी लाए हैं। हम तो यह कहते हैं सच्ची समाज सेवा ये कर रहे हैं। भगवान इनको सहायता करे और भाई संगत में जुड़ेंगे। अच्छे कार्य जो करता होगा उसके साथ रहना चाहिए। हम तो बड़े खुशनसीब हैं। 

Also Read: बाढ़मुक्त हुए छान गांव ने भगवान स्तर के कार्य देख माना संत रामपाल जी महाराज को परमात्मा का सच्चा स्वरूप

भाई यो अच्छा मदद कर रहे हैं। और पूरे हरियाणे में करी है। पहले भी इन्होंने करी है। एक अच्छी जो संगत हो उसकी हमेशा मदद करनी चाहिए। हम इसके पक्ष में हैं।”

एक ग्रामवासी का मानना था—

“इतना बड़ा धर्म देखो जी जमाने अनुसार बहुत से संत हुए हैं, महाराज हुए हैं। उन्होंने मदद की समाज की। कृष्ण भगवान हुए अपने जमाने में। उन्होंने भी मदद की। श्री राम हुए। वहां भी मदद मिली और आज के जमाने में अगर सच्ची बात मानो तो हम कहते हैं संत रामपाल जी हुए जो इस पूरे इलाके की हरियाणा की मदद कर रहे है। एक बार जोरदार तालियों से उनका स्वागत करें। हमारे लिए सौभाग्य की बात है। आज छारा गांव पूरा बाढ़ ग्रस्त है। अनाज जो पहले बुआया हुआ है वह भी खराब हो गया और आगे बोने की भी उम्मीद नहीं थी। 

एक किरण हमारे बीच में आई है जो संत रामपाल जी महाराज की सत्संग मंडली उन्होंने हमें एक आशा दी है और हमारे बीच वो सारा सामान भी आपके बीच में लेकर पहुंचे हैं। इसलिए मैं तो यह कहता हूं भाई इतना बड़ा बहुत बड़ा भला किया है। हम तो महाराज जी को बार-बार शत-शत नमन करते हैं। एक बार पुनः सब उनके नाम क्या भाई जयकारा लगाएंगे। बोल संत रामपाल महाराज की जय हो।”

पंचायत ने सार्वजनिक रूप से संत रामपाल जी महाराज को धन्यवाद दिया और यह घोषणा की कि वे उनके दिखाए सच्चे भक्ति मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं — वह मार्ग जो परमेश्वर कबीर साहेब की भक्ति और सत्य ज्ञान पर आधारित है।

अन्नपूर्णा मुहिम: एक अलौकिक शुरुवात

संत रामपाल जी महाराज के निर्देश से शुरू हुई अन्नपूर्णा मुहिम एक दिव्य ईश्वरीय अभियान है, जिसने अब तक हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के 200 से अधिक गांवों तक बाढ़ राहत पहुंचाई है — और यह कार्य निरंतर जारी है।

मानवता की यह निःस्वार्थ सेवा इस बात का जीवंत प्रमाण है कि संत रामपाल जी महाराज की दिव्य शक्ति उन सभी भक्तों के माध्यम से कार्य कर रही है जो इस पवित्र सेवा में शामिल हैं।

सेवा के पीछे की आध्यात्मिक शक्ति

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज पवित्र धर्मग्रंथों से प्रमाणित सच्ची भक्ति का ज्ञान देते हैं और यह बताते हैं कि परमेश्वर कबीर साहेब ही सभी ब्रह्मांडों के सृजनहार और हमारे परम पिता हैं।

उनके शिष्य उनके दिव्य आदेशों के अनुसार कार्य करते हैं — और यह सेवा परमेश्वर कबीर साहेब जी की सच्ची भक्ति और संत रामपाल जी महाराज की असीम दया से मुमकिन हो रही है। इसके अतिरिक्त ऐसी मुहिम को जन-जन तक पहुंचना मानव स्तर का कार्य नहीं है।

पूर्ण संत के मार्गदर्शन में ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ जैसी एक दिव्य मुहिम कार्य कर सकती है। संत रामपाल जी महाराज की अद्भुत दया और दिव्य करुणा का ही परिणाम है कि भूखों को भोजन, बाढ़ पीड़ितों को राहत और मानवता को ईश्वर में फिर से विश्वास मिल रहा है। इसके अतिरिक्त अन्य इतनी संस्थाएं है जो पूरे साल भर जनता से दान के रूप में धन इकट्ठा करते है लेकिन अभी मुसीबत के समय कोई आगे नहीं आ रहा है। यह अपने आप में ही पूर्ण संत जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का मानवता की सेवा के प्रति उनकी विचारधारा और जागरूक होने का प्रमाण है।

दिव्य कृपा से हुआ समुदाय एकजुट

छारा गांव के ग्रामीण अब संत रामपाल जी महाराज को अपने मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं। वे आभार से भरे स्वर में एक साथ बोले —

“बोलो संत रामपाल जी महाराज की जय!”
“सत साहेब!”

कई लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे सत्संग में भाग लेंगे और संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए सच्चे भक्ति मार्ग को अपनाएंगे। इस प्रकार अन्नपूर्णा मुहिम केवल राहत का अभियान नहीं रहा — यह सच्ची आध्यात्मिक राह की ओर जागरूक करने वाली एकमात्र मुहिम भी बनी, जिसने यह विश्वास फिर से जगा दिया कि जब पूर्ण संत कृपा करते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है।

जब ‘असंभव’ होता है ‘संभव’

छारा गांव की कहानी यह प्रमाणित करती है कि तत्वदर्शी संत की कृपा से हर विपत्ति पर विजय पाई जा सकती है। अन्नपूर्णा मुहिम के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज ने दिखाया कि परमेश्वर कबीर साहेब जी के लिए ‘असंभव’ शब्द का कोई अस्तित्व नहीं है — समस्त संसार का पालन करना और उनकी समस्त समस्याओं का समाधान करना उस समरथ शक्ति के लिए कोई बड़ा कार्य नहीं है।

छारा गांव की बाढ़ राहत मुहिम इस दिव्य सत्य का जीवंत उदाहरण है कि जब पूर्ण संत के आदेश पर कार्य होता है, तब कोई भी प्रार्थना अनसुनी नहीं रहती और कोई भी पीड़ा अधूरी नहीं रहती।

Latest articles

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...

सरकारी मदद से निराश  हरियाणा के बरसी जाटान को संत रामपाल जी महाराज ने दिया ‘जीवनदान’

हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे...
spot_img

More like this

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...