October 22, 2025

मतलोडा गाँव हिसार में बाढ़ से राहत दिलाकर संत रामपाल जी महाराज ने किया अद्भुत सहयोग

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जब हिसार ज़िले के मतलोडा गाँव में बाढ़ आई तो लगभग 400 घर जलमग्न हो गए और अनगिनत किसानों की फसलें व जीविका के साधन नष्ट हो गए थे। दीवारों में दरारें पड़ीं, मकान ढह गए और परिवार भोजन व आश्रय के बिना संघर्ष करने लगे। सरकारी लापरवाही और देर से की गई कार्रवाई के बीच, जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज आशा की किरण बनकर उभरे। उन्होंने बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू किए, जिन्हें गाँववाले आज चमत्कार से कम नहीं मानते। आइए जानते है पूरी ख़बर क्या है।

मतलोडा गाँव में विनाश का पैमाना

  • 400 घर बाढ़ से क्षतिग्रस्त और डूबे
  • 300–400 घरों में पानी भर गया, परिवार बेघर हुए
  • खेत व खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, 4 फीट पानी में, भविष्य की बुवाई भी खतरे में
  • लगभग गिरने की स्थिति में मकान और संसाधनों की कमी से मानवीय संकट उत्पन्न

ग्राम पंचायत और सरपंच ने स्वीकार किया कि ऐसा विनाश उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। जब जीवन और जीविका दोनों दांव पर थे, तब गांववालो ने संत रामपाल जी महाराज से मदद की प्रार्थना की।

संत रामपाल जी महाराज की तत्काल कार्रवाई

पंचायत के प्रार्थना पत्र पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए संत रामपाल जी महाराज ने अपने सेवादारों को आदेश दिया कि राहत सामग्री तत्काल मतलौड़ा पहुँचे। 24 घंटे के भीतर — जो कि सरकारी आपदा प्रबंधन से कहीं तेज था — राहत सामग्री से भरे ट्रक गाँव में पहुँच गए।

गाँववालों ने गवाही दी:

  • “सिर्फ़ एक फोन कॉल पर लाखों की सामग्री से भरे ट्रक पहुँच गए।”
  • “कोई मंत्री या नेता इतनी जल्दी कार्रवाई नहीं कर पाया। केवल संत रामपाल जी महाराज ने हमारे दुःख को अपना मानकर मदद की।”
  • उन्होंने यह भी कहा — “ऐसी अनुशासन हमने सेना में या फिर संत रामपाल जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में ही देखा है।”
  • “यह दिव्य ऐतिहासिक मदद इतिहास में लिखी जाएगी।”

प्रदान की गई राहत सामग्री

  • 35,000 फीट पाइप (8”) बाढ़ का पानी निकालने हेतु
  • 3500 फीट केबल
  • 15 हॉर्स पावर x 4 मोटर
  • सभी आवश्यक फिटिंग्स, इलेक्ट्रिकल स्टार्टर व उपकरण

इस तुरंत कार्रवाई ने न सिर्फ़ संसाधन बहाल किए बल्कि लोगों को खोया विश्वास भी लौटाया।

मतलोडा में मंगलाचरण से शुरू हुआ राहत कार्य

हिसार की तहसील बरवाला के अंतर्गत मतलोडा गाँव में, संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं ने मंगलाचरण के साथ राहत कार्य शुरू किया। संत द्वारा सिखाई गई भक्ति और अनुशासन से सेवादारों ने बाढ़ प्रभावित परिवारों तक समय पर सहायता पहुँचाई।

Also Read: संत रामपाल जी महाराज ने दी बाढ़ में डूबे खेदड़ गांव को 24 घंटे में करोड़ों की मदद, किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

गाँववालों की आवाज़: इसे चमत्कार मानते हैं

  • किसान विक्रम अठौड़ा ने कहा: “सिर्फ़ एक निवेदन पर लाखों की सामग्री पहुँच गई। यह कोई साधारण कार्य नहीं, बल्कि भगवान का काम है जो संत रामपाल जी महाराज के माध्यम से हुआ।”
  • गाँववाले विनोद ने कहा: “कुछ समय के भीतर हम फिर से फसल बो पाएंगे। संत रामपाल जी महाराज हमारे लिए सचमुच भगवान का रूप हैं।”
  • अनुप पूनिया ने इसे चमत्कार बताया: “कठिनाई के समय केवल भगवान ही मदद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने यह सिद्ध कर दिया।”
  • कृष्ण जी ने कहा : “सरकारों के पास पैसा है पर उन्होंने कुछ नहीं किया। केवल संत रामपाल जी महाराज ने हर ग्रामीण को समान रूप से सहयोग दिया।”

कई गाँवों तक पहुँची मानवीय मदद

इस पहल की विशेषता इसका विशाल पैमाना था:

  • केवल मतलोडा ही नहीं, बल्कि 40 से अधिक गाँवों में राहत सामग्री पहुँची।
  • प्रतिदिन करोड़ों की सहायता सामग्री संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में वितरित हुई।
  • संत रामपाल जी महाराज ने ये कर दिखाया कि जब शासन विफल हो, तो पूर्ण संत जीवन को पुनः स्थापित कर सकता है।

Read in English: Flood Relief at Matlauda Village: Sant Rampal Ji Maharaj’s Humanitarian Aid in Hisar

राहत सामग्री में जवाबदेही और ज़िम्मेदारी

संत रामपाल जी महाराज ने केवल सहायता नहीं भेजी, बल्कि इसके सही उपयोग पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने पंचायत को निर्देश दिया कि पाइप, मोटर और तार का उचित उपयोग हो ताकि समय पर पानी निकले। निवेदन यह भी दिया गया कि यदि पानी न निकला और बुवाई का मौसम गया, तो ट्रस्ट आगे कोई मदद नहीं करेगा।

पारदर्शिता के लिए उन्होंने तीन चरणों में ड्रोन रिकॉर्डिंग का निर्देश दिया — बाढ़ के समय, पानी निकलने के बाद और जब फसलें फिर से लहलहाने लगें। यह दृश्य सतलोक आश्रमों में दिखाए जाएंगे ताकि दानदाताओं को पारदर्शिता का भरोसा मिले और आगे भी सहयोग बना रहे। इस पर सरपंच प्रतिनिधि जी से भी सहमति पाई गई।

सामाजिक ज़िम्मेदारी से मिले सबक

मतलौड़ा की बाढ़ राहत हमें अहम सीख देती है:

  • सरकारी लापरवाही बनाम सामुदायिक सहयोग: सरकार के पास संसाधन होते हुए भी वे समय पर असफल रहे, जबकि संत रामपाल जी महाराज ने तुरंत परिणाम दिखाए।
  • किसानों की भावी फसल सुरक्षित: पानी निकालने और संसाधन देने से किसानों में अगली बुवाई का आत्मविश्वास लौटा।
  • नेतृत्व में विश्वास और ज़िम्मेदारी: गाँववालों को लगा कि संत रामपाल जी महाराज का नेतृत्व वास्तविक जिम्मेदारी का उदाहरण है।

FAQs

प्रश्न 1. मतलोडा गाँव में नुकसान कितना हुआ?


400 से अधिक घर डूब गए, 300–400 घरों में पानी भर गया और खेत बर्बाद हुए।

प्रश्न 2. संत रामपाल जी महाराज ने किसानों की मदद कैसे की?


उन्होंने 35,000 फीट पाइप, 3500 फीट तार, 15 हॉर्स पावर (4 मोटर) और सभी आवश्यक फिटिंग्स व स्टार्टर भेजे।

प्रश्न 3. क्या सरकार ने कोई मदद दी?


गाँववालों ने सरकारी लापरवाही बताई और कहा कि केवल संत रामपाल जी महाराज ने त्वरित कार्रवाई की।

प्रश्न 4. क्या राहत केवल मतलोडा तक सीमित रही?


नहीं, संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में 40 से अधिक गाँवों तक करोड़ों की राहत सामग्री पहुँची।

निष्कर्ष: लोककल्याण का दिव्य उदाहरण

हिसार का मतलोडा गाँव बाढ़ राहत आज इतिहास में एक मिसाल है। जब सरकार और नेता विफल रहे, तब संत रामपाल जी महाराज आशा के प्रतीक बने। उन्होंने सिद्ध किया कि सच्चा आपदा प्रबंधन करुणा, विश्वास और त्वरित कार्यवाही में है।

गाँववालों के लिए वे केवल सामाजिक सुधारक नहीं, बल्कि परमात्मा का सजीव स्वरूप हैं। उनकी कृपा से निराशा दृढ़ता में बदली और किसान फिर से नई आशा से खेती की तैयारी करने लगे। यह राहत अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए संत रामपाल जी महाराज के अद्भुत सहयोग का उदाहरण बनेगा।

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