आपने संत रामपाल जी का नाम तो सुना ही होगा। जी हां वही संत रामपाल जी जिनके हिसार के आश्रम में 2014 में हरियाणा पुलिस द्वारा एक ऑपरेशन किया गया था। खबरें आई थी कि वह बीमार हैं और वह कोर्ट में पेश नहीं हो सकते और इसी बीच पुलिस ने आश्रम पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन चालू कर दिया और इसके बाद उनके ऊपर झूठे देशद्रोह, हत्या, सरकारी कार्य में बाधा आदि मामले बनाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया।
इनमें से कुछ मामले जैसे बंधक बनाना, सरकारी कार्य में बाधा, धार्मिक भावनाएं भड़काना जैसे मामलो में उन्हें अदालत ने बाइज्जत बरी भी कर दिया लेकिन हत्या के मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई। हत्या का यह मामला जिनमें उन्हें आजीवन कारावास हुआ, उसमें मृतक के परिजन के नाम से FIR संत रामपाल जी के खिलाफ दर्ज की गई थी उसका खुद का कहना था कि पुलिस ने उसके परिजन का शव देने के बहाने खाली कागज में हस्ताक्षर कर यह झूठी FIR बनाई। इसका एफिडेविट उसने कोर्ट में भी दिया लेकिन सरकार के आगे एक सामान्य आदमी की कहा तक चलेगी और इस मामले में ना सिर्फ सुनवाई हुई बल्कि संत रामपालजी को आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी गई।
खैर आज बात कुछ और है। संत रामपाल जी के आश्रम पर कार्यवाही हुई तब से वे आज तक जेल में है और ताज्जुब की बात यह है कि 25/06/2019 कल मीडिया के कुछ चैनल ने दावा किया कि संत रामपाल जी की जमानत की अवधि बढ़ाने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ने निरस्त कर दिया। देश की मीडिया किस हद तक टीआरपी की दीवानी हो चुकी है यह किसी से छिपी नही है। वास्तव में रामपाल नाम का एक व्यक्ति जो कि करनाल का निवासी है उसकी जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका पर हाईकोर्ट ने इंकार किया था लेकिन मीडिया हाउस जिनका एकमात्र उद्देश्य टीआरपी बढ़ाना है उन्होंने इसे संत रामपाल जी से जोड़ दिया और मीडिया में दिखाया कि उनकी जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। अब जो व्यक्ति पहले से ही जेल में है, जो कि जमानत पर बाहर नही है, वह जमानत अवधि बढ़ाने की अपील कैसे कर सकता है?
देश में मीडिया की जिम्मेदारी बहुत ही अहम है क्योंकि आज देश का हर नागरिक किसी न किसी तरीके से मीडिया के माध्यम से ही कोई खबर सुनता है और फिर किसी व्यक्ति विशेष के बारे में सुनकर उसकी एक इमेज बना लेता है। संत रामपाल जी महाराज के खिलाफ देश के मीडिया का नकारात्मक रवैया 2006 से ही लगातार चालू है जिसमे वे भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि कैसे ना कैसे संत रामपाल जी को दुनिया के सामने एक खलनायक साबित कर सकें।
वास्तव में ना सिर्फ संत रामपाल जी कई मामलों में बाइज्जत बरी हुए हैं बल्कि उनके द्वारा समाज के लिए किए गए कार्य भी सराहनीय है जैसे उनके द्वारा नशाखोरी, पाखंड, जुआ, चोरी, जारी, रिश्वतखोरी आदि को खत्म कर एक सभ्य समाज के निर्माण की कोशिश करना भी समाज के हित का कार्य है। उनके द्वारा शुरू की गई रमैनी के माध्यम से शादी जिसमें बिना किसी दहेज व दिखावे के मात्र 17 मिनट में शादी हो जाती है भी सराहनीय शुरुआत है। देश में आज लाखों ऐसी दहेज रहित शादियां हो चुकी है लेकिन इन सब बातों को छिपाकर संत रामपाल जी के खिलाफ अपनी मनगढ़ंत कहानियां जैसे उनके आश्रम के बाथरूम में कैमरे लगे है, उनका दूध में नहा कर उससे खीर बनाना आदि झूठ लगातार जनता को परोसे जा रहे हैं जिनमें कोई सच्चाई नहीं है।
अब देश को जागरूक होना होगा ताकि देश के इन छुपे हुए गद्दारों को रोका जा सके और इन्हें इनकी जिम्मेदारी का अहसास कराना होगा। देश के अधिकतर मीडिया चैनलो को फिर से बताना पड़ेगा कि वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं जो कि आज मात्र एक व्यापारी बनकर रह गए हैं।
About the author
SA News Channel is one of the most popular News channels on social media that provides Factual News updates. Tagline: Truth that you want to know