Eye Flu in Hindi: देश में Eye Flu रोग तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है और लोगो को अपनें संक्रमण से प्रभावित कर रहा है। बीते दिनों तेज़ बारिश और बाढ़ के कारण देश के कई राज्यों और जिलों में रोग से स्थिति बिगड़ी हुई है। घर के बाहर गांव -गली, मोहल्लों की सड़को और दुकानों पर लोग काला चस्मा पहनें हुए दिख रहे है। कई लोगों ने अपनी आंखे लाल होने से दिक्कतें महसूस की है l बीते दिनों में आई फ्लू या कंजक्टिवाईटिज के इतने मामले सामने आए हैं कि स्कूल तक बंद करवाने पड़े हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह कंजक्टिवाईटिज या Eye flu होता क्या है? जिसकी वज़ह से स्कूल तक बंद करने के शख्त कदम उठाने पड़े। आईए जानते हैं इस लेख के माध्यम से पूरी जानकारी।
आई फ्लू क्या है (What is Eye Flu in Hindi)?
कंजक्टिवाइटिस दो शब्दों के मेल कंजक्टाइवा और आइटिस से मिलकर बना होता है, जहां कंजक्टाइवा का मतलब आंखे ढंकने वाली पतली झिल्ली और आइटिस का मतलब सूजन से है। कंजक्टिवाइटिस की मरीज़ों में आंखों का लाल होना तथा आंखो में खुजली और पानी बहना यह आम लक्षण हैं। आई फ्लू आंखों का संक्रमण है, जिसकी वजह से आंखों में लालिमा, दर्द और सूजन जैसी समस्या होती हैं। आई फ्लू एडेनोवायरस से संक्रमित होने की वजह से होती है और यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलती है।
इतनी तेज़ी से आई फ्लू फैलने का क्या कारण हैं?
Eye Flu Causes in Hindi: रोगों का फैलना बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में Eye flu भी तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है। आमतौर पर आई फ्लू गंदगी, धूल-मिट्टी और गहरे गड्ढों में पानी भरने की वजह से होता है। इस बीमारी में आंखों की कंजंक्टिवा नामक लेयर अधिक प्रभावित होती है। बरसात के मौसम में अधिक नमी की वजह से जीवाणु, बैक्टीरिया और वायरस बढ़ जाते हैं और इसकी वजह से ही लोगो में रोगों का संक्रमण अधिक होता है। आई फ्लू भी एक संक्रमण रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के द्वारा फैलता है। इसलिए हमें आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए और आंखों को बार-बार छूने से बचना चाहिए।
आई फ्लू के लक्षण (Eye Flu Symptoms)
आई फ्लू की समस्या में मरीज की आंखों में दर्द, सूजन जैसी परेशानियां होती हैं। इसकी वजह से आंखों से पानी बहने लगता है। संक्रमण बढ़ने पर मरीज को देखने में परेशानी हो सकती है। आई फ्लू के प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- आंखें लाल या पिंक होना
- आंखों में जलन होना
- पलकों पर पीला या चिपचिपा तरल जमा होना
- आंखों में तेज चुभन होना
- आंखों में पानी आना
- आंखों में खुजली होना
Eye flu से किस उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित है?
वैसे तो यह फ्लू किसी भी उम्र के लोगों में फैल सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा बच्चों, एलर्जिक मरीजों, बुजुर्ग और कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों में अधिक देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि यह एडेनोवायरस के संक्रमण द्वारा फैल रहा है।
Eye flu या कंजक्टिवाइज हो गया है यह कैसे पता करें?
आई फ्लू के लक्षणों की बात करें, तो इस संक्रमण में मरीज की आंखें लाल हो जाती है, आंखों में खुजली होने से सूजन हो जाती है, आंखों से लगातार पानी और गंदगी निकलती रहती है, साथ ही आंखों में जलन, चुभन और दर्द होता है। यह संक्रमण कम से कम एक हफ्ते तक बना रहता है।
देश के कई हिस्सों में बढ़ रहे Eye flu के मामले
- राजधानी दिल्ली: विशेषज्ञों के मुताबिक़ देश की राजधानी दिल्ली में हुई बाढ़ आ जाने जैसी बारिश के बाद से आई फ्लू के मामलों में काफी इज़ाफा देखने को मिला है। AIMS में रोजाना 80-100 मरीज आ रहे हैं।
- महाराष्ट्र: इसी तरह पुणे महाराष्ट्र में भी एक हफ्ते में करीबन 2500 मामले सामने आए हैं। तथा बुलढाना जिले (महाराष्ट्र) में 6,693 मामले दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार महाराष्ट्र में कुल 39,000 मामले बताएं जा रहे हैं।
- छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री TS सिंह देव के अनुसार Eye flu के 19,873 मरीज़ पाए गए हैं।
यह रोग उसी तरह फैल रहा है जिस तरह बीते वर्षो में कोरोना फैला था। और अनेकों लोगो को अपनी चपेट में लेकर मृत्यु का कारण बना था। आईए जानते हैं ऐसे अनेकों रोग और अन्य खतरनाक रोगों – कैंसर, एड्स, क्षय रोग (TB) जैसी लाइलाज बीमारियों से निजात पाने का सबसे सरल उपाय क्या हैं?
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क्या है Eye flu जेसे रोगों से बचने का आध्यात्मिक उपाय ??
संतो ऋषियों ने मानव जन्म का मूल लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति बताया है। लेकिन मानव जीवन में हमें पाप कर्मों के कारण अनेकों रोगों और संकटों का सामना करना पड़ता है। हमारे जीवन में आने वाले कई रोगों और संकटों से निजात पाने के लिए हमे दैवीय शक्ति और शास्त्र अनुकूल भक्ती की अवश्यकता होती है। जिससे हमारे जीवन के रोगों और संकटों का नाश हो जाए।
परमेश्वर कबीर जी ने अपनी वाणी में कहा है कि:-
कबीर, जब ही सत्यनाम हृदय धरो, भयो पाप को नाश।
जैसे चिंगारी अग्नि की, पड़े पुराने घास।।
यजुर्वेद अध्याय 8 के मंत्र 13 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा पापी से भी पापी व्यक्तियों के भी सम्पूर्ण पापों का नाश करके भयंकर रोगों से भी मुक्त कर देते हैं तथा ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 में तथा मंडल 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में लिखा है कि यदि किसी रोगी की प्राण शक्ति क्षीण हो चुकी है तथा उसकी आयु भी शेष न रही हो तो परमात्मा उसके प्राणों की रक्षा करके उसे सौ वर्ष की सुखमय आयु प्रदान करते हैं।
परमेश्वर कविर्देव जी हैं हमारे सर्व रोगों और संकटों को हरने वाले
पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी से जम (काल तथा काल के दूत) तथा मौत भी डरती है। वे पूर्ण प्रभु पाप कर्म दण्ड के लेख को भी समाप्त कर देते हैं। आदरणीय संत गरीबदास जी कहते हैं कि तबीब अर्थात सर्व रोग नाशक वैद्य सतगुरु बन्दीछोड़ कबीर जी हैं।
हरदम खोज हनोज हाजर, त्रिवेणी के तीर हैं।
दास गरीब तबीब सतगुरु, बन्दी छोड़ कबीर हैं।।
पूर्ण संत की बताई सतभक्ति से सर्व असाध्य रोगों और जीवन में आने वाले संकटों का होगा नाश
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सतगुरु शरण में आने से, आई टले बला।
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FAQs about Eye Flu in Hindi
कंजक्टिवाइटिस दो शब्दों के मिलने “कंजक्टाइवा” और “आइटिस” से मिलकर बना होता है, जहां कंजक्टाइवा का मतलब आंखे ढंकने वाली पतली झिल्ली और आइटिस का मतलब आंखो के सूजन से है।
Eye Flu एक संक्रमण से फैलने वाली फ्लू है। जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण से फैलती हैं तथा इसके फैलने का कारण गहरे गड्ढों में पानी भरना, घरों के आस- पास गंदगी हैं।
Eye Flu की समस्या होने पर निम्न लक्षण मरीज को दिखाई देते हैं –
1.आंखें लाल या पिंक होना
2.आंखों में जलन होना
3.पलकों पर पीला या चिपचिपा तरल जमा होना
4.आंखों में तेज चुभन होना
5.आंखों में पानी आना और
6.आंखों में खुजली होना
Eye Flu से बचने के सामान्य उपाय निम्न हे –
1.आंखों को गंदे हाथों से न धोएं
2.बार-बार आंखों को मलने और छूने से बच्चे।
3.आंखों को साफ पानी से धोएं
4.हाथों को साबुन से धोएं तथा दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे तोलिया आदि अलग रखें और किसी अन्य को इस्तेमाल ना करने दें