संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में हो रहे दहेज मुक्त विवाह (रमैनी) देश ही नही विदेशों में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। संत रामपाल जी के इस सराहनीय प्रयास से भ्रूण हत्या, बाल-विवाह, आत्महत्या, दहेज उत्पीड़न जैसे अपराधों में लगातार कमी आ रही है जो कि मानव समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही अपने तत्वज्ञान से सभी प्रकार की बुराइयों को दूर कर एक स्वच्छ समाज संत रामपाल जी महाराज द्वारा तैयार किया जा रहा है। आइए जानते हैं हाल ही में आयोजित ऐसे ही अद्वितीय दहेज मुक्त विवाहों (Dowry Free Marriages) के विषय में विस्तार से जो कि सन्त रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस तथा पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 17 से 20 फरवरी के दौरान आयोजित चार दिवसीय समागम में सम्पन्न हुए।
Dowry Free Marriages: मुख्य बिंदु
- सन्त रामपाल जी महाराज जी बोध दिवस तथा कबीर साहेब जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में चार दिवसीय समागम में सतलोक आश्रमों में संपन्न हुए 163 जोड़ों के दहेज मुक्त विवाह
- संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में हो रहा है दहेज रूपी दानव का खात्मा
- बिना किसी फिजूलखर्ची के मात्र 17 मिनट में सम्पन्न हुए अनोखे विवाह
- बिना किसी शोर-शराबे, आडम्बर रहित तथा सादगी के साथ सम्पन्न हुए यह विवाह
- संत भाषा में इन दहेज मुक्त विवाहों को रमैनी की उपमा दी गई है
अनोखे ढंग से सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह दुनियाभर में बने चर्चा का विषय
शादी नाम सुनते ही हमारे मन में सजे-धजे दूल्हा-दुल्हन की तस्वीर और बारात में बजते डीजे की झलक दिख जाती है। क्या आपने कभी सोचा है, कि ऐसी भी शादी हो सकती है जिसमें कोई बाराती न हो, डीजे बजाने वाले तथा नाचने-गाने वाले न हों। ये अनोखा नजारा देखने को मिला है संत रामपाल जी महाराज के सतलोक आश्रमों में। हाल ही में 17 फरवरी से 20 फरवरी तक पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस तथा पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 4 दिवसीय समागम का आयोजन सतलोक आश्रमों में किया गया था। इस विशेष समागम में आयोजित चार दिनों तक लगातार चलने वाला विशाल भंडारा, सत्संग तथा रक्तदान शिविर लोगों के बीच ख़ासा चर्चाओं में है।
तो वहीं दूसरी ओर इस समागम में क्रमशः सतलोक आश्रम भिवानी(हरियाणा) में 06, सतलोक आश्रम शामली(उ. प्र) में 23, सतलोक आश्रम बैतूल(म.प्र) में 101, सतलोक आश्रम ख़मानो(पंजाब) में 07, सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र(हरियाणा) में 04, सतलोक आश्रम सोजत(राजस्थान) में 22 सहित कुल 163 जोड़ों के दहेज मुक्त विवाह(रमैनी) मात्र 17 मिनट में गुरुवाणी से संपन्न हुए। इन अनोखे दहेज मुक्त विवाहों ने लोगों के बीच खूब सुर्खियां बटोरीं औऱ मानव समाज के बीच एक अच्छा सन्देश दिया।
दहेज रूपी दानव का होगा अंत
वर्तमान में शादियों में दहेज की महत्वपूर्ण भूमिका है इसके बिना शादी की कल्पना करना असम्भव सा लगता है। लेकिन इस असम्भव को संत रामपाल जी महाराज के आदेश से उनके अनुयायियों ने संभव कर दिखाया। एक ओर समाज में जहां बिना दहेज की शादी नहीं होती वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज से दीक्षित उनके शिष्य दहेज से कोसों दूर हैं और अब इस आदर्श विवाह (रमैनी) को संपन्न लोग भी अपना रहे हैं क्योंकि दहेज रूपी नशे का चलन धनवान वर्ग के मध्य सर्वाधिक देखने को मिलता है। लेकिन यह नशा संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से अब उतर रहा है और सभ्य मानव समाज तैयार हो रहा है।
बिना किसी फिजूलखर्ची के सम्पन्न हो रहे हैं यह अनोखे विवाह
सामान्य तौर पर समाज में होने वाली शादियों में खर्चों का कोई हिसाब नहीं रहता। वही, रमैनी बहुत ही कम खर्चे में मात्र 17 मिनट में संपन्न हो जाती हैं जिसमें सर्व देवी देवताओं का आह्वान किया जाता है और पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी की स्तुति की जाती है।
विवाह की सबसे प्राचीन परम्परा थी सादगी से परिपूर्ण
यह बात शायद ही किसी की जहन में आई होगी कि प्राचीन समय में शादियां कैसे होती रही होंगी। सबसे प्रथम श्री दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों श्री ब्रह्मा, विष्णु, महेश जी की शादी श्री सावित्री, लक्ष्मी और पार्वती जी से की। यह शादी सिर्फ वचन से हुई थी जिसमें श्री दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों को तीनों देवियों से परिचय कराकर कहा कि ये तुम्हारी पत्नियां हैं जाऒ अब अपना घर बसाओ। आज लोग मनमानी परंपराओं को बढ़ाकर तथा आडंबरों को अपनाकर शादी जैसे पवित्र रिश्ते को धन से तौलने लग गए हैं जो सर्व समाज के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द बन चुका है।
जोड़ियाँ आसमान में बनती हैं, व्यर्थ का दिखावा करना मूर्खता है
कहते हैं कि जोड़ियां आसमान में बनती हैं अर्थात प्रत्येक व्यक्ति के पूर्व जन्मों के संस्कारों के अनुसार परमात्मा उनको पति पत्नी के रूप में पहले ही निर्धारित कर देते हैं। अब हमें चाहिए कि परमात्मा को साक्षी मानकर बेटा बेटी का संस्कार जोड़ दें। इसके अलावा जो फिजूल खर्च नाचने गाने, डीजे बजाने, दहेज लेन देन में करते हैं उसका त्याग करें। उन पैसों को बच्चों के भविष्य के लिए सुरक्षित रखें जिससे वे अपनी आवश्यक वस्तुएं प्राप्त कर सकें।
दहेज रूपी कुप्रथा से जन्मी ‘भ्रूण हत्या’ का भी हो रहा है खात्मा
सांसारिक कुरीति के अनुसार दहेज एक मूलभूत आवश्यकता शादी के लिए बनी हुई हैं और दहेज के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है। गरीब व्यक्ति अमीर लोगों की देखा-देखी दहेज़ लेन देन शुरू कर इसे अब एक परम्परा बना चुके हैं। इस परंपरा को निर्वाह करने में असमर्थ व्यक्ति बेटियों को गर्भ में मार देते हैं जो कि एक घोर पाप है। इंसान जीते जी दानव बन चुका है। दहेज रूपी दानव इंसानियत और नैतिकता को निगल चुका है। संत रामपाल जी महाराज का यह समाज सदा ऋणी रहेगा जिन्होंने अपने तत्वज्ञान रूपी प्रकाश से अज्ञानता रूपी अंधकार को समाप्त कर दहेज रूपी दानव को जड़ से समाप्त कर रहे हैं। भ्रूण हत्या करना तो दूर उसके बारे में सोचने में भी आत्मा कांप जाती है।
अवश्य सुनें दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने वाले समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज का सत्संग
सरकार ने समाज में अभी तक दहेज की समस्या से निजात पाने के लिए कोई भी उचित उपाय नहीं किया, सिर्फ कागजों में कानून बनाए हैं धरातल पर इन कानूनों का कोई खास असर होता हुआ नही दिखा। जिस कारण लोग खूब सारा दहेज लेते एवं देते आये हैं। संत रामपाल जी महाराज के द्वारा बताए गए तत्वज्ञान में वह शक्ति है जिससे सर्व बुराईयों से दूर हटने की प्रबल प्रेरणा मिलती है। संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनने के लिए आज ही डाऊनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा अवश्य लें
आज मानव समाज दहेज के अतिरिक्त बहुत सी बुराइयों से जूझ रहा हैं। नशा, चोरी, जारी, रिश्वतख़ोरी, पाखंड, कुरीति आदि के कारण लोगों में दिन-रात बेचैनी बनी हुई है। मनुष्य जीवन का असली उद्देश्य परमात्मा प्राप्ति करना है जिसे भूलकर हम दुखी रहते हैं। इन सभी समस्याओं से निजात पाने और मनुष्य जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान को अमल में लाकर उनके द्वारा बताई सतभक्ति कर अपना कल्याण कराएं औऱ अपना इहलोक और परलोक दोनों सिद्ध करें।
FAQ About Dowry Free Marriages
Ans. संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस औऱ कबीर परमेश्वर जी के निर्वाण दिवस के अवसर पर 2024 में आयोजित समागम में कुल 163 दहेज मुक्त विवाह संपन्न हुए।
Ans. इन अनोखे दहेज मुक्त विवाहों को संत भाषा में रमैनी कहा जाता है।
Ans. हाँ, संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में भारत से दहेज का खात्मा होगा।
Ans. यह अनोखे विवाह मात्र 17 मिनट में बिना किसी फिजूलखर्ची, आडम्बर रहित तथा पूर्णतः दहेज से रहित होते हैं इसलिए यह विवाह आज की युवा पीढ़ी के लिए आकर्षण का कारण बने हुए हैं।