December 14, 2025

2025 में भी नहीं थम रहीं दहेज हत्याएं: 18 महीनों में 719 महिलाओं की मौत, हर दिन 20 की जा रही जान

Published on

spot_img

2025 में भी दहेज हत्याओं का सिलसिला जारी है। सिर्फ मध्य प्रदेश में पिछले 18 महीनों में 719 महिलाएं दहेज के कारण मौत के घाट उतार दी गईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देशभर में औसतन हर दिन 20 महिलाएं इस कुप्रथा की शिकार हो रही हैं। यह सवाल खड़ा करता है कि सख्त कानूनों और दशकों से चले आ रहे अभियानों के बावजूद महिलाओं की जान क्यों नहीं बच पाती?

दहेज कुप्रथा, आज महिलाओं की जान लेने वाला सबसे बड़ा सामाजिक अपराध बन चुकी है। 2025 की शुरुआत में भी हालात नहीं बदले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में औसतन हर दिन 20 महिलाएं दहेज के कारण मौत का शिकार बन रही हैं।

NCRB की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि दिसंबर 2023 से जून 2025 के बीच केवल मध्य प्रदेश में 719 दहेज मौतें दर्ज की गईं। इनमें 2023 के अंतिम दिनों में 21, पूरे 2024 में 459 और 2025 की पहली छमाही में 239 मामले शामिल हैं। यह आँकड़े बताते हैं कि दहेज हत्या की रफ़्तार कम होने के बजाय लगातार बढ़ रही है।

भारत में दहेज पर रोक लगाने के लिए Dowry Prohibition Act (1961), IPC 304B (Dowry Death) और IPC 498A (Cruelty by Husband/Relatives) जैसे कानून मौजूद हैं। इसके अलावा Protection of Women from Domestic Violence Act (2005) और Evidence Act की धारा 113B भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।

Also Read: Dowry Free Marriages: 17  मिनिट में गुरुवाणी से सम्पन्न हुए दहेज मुक्त विवाह ‘रमैनी’

फिर भी, जाँच में देरी, मुकदमे लंबा खिंचना और सामाजिक दबाव जैसे कारणों से न्याय अक्सर अधूरा रह जाता है।

यह कुप्रथा केवल कानून से नहीं मिटेगी। इसके लिए सामाजिक जागरूकता, सांस्कृतिक बदलाव और पारिवारिक सोच में सुधार ज़रूरी है। रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण से लेकर शहरी समाज तक, दहेज की मांग अब भी गहरी जड़ें जमाए हुए है।

कई सामाजिक-आध्यात्मिक आंदोलनों ने दहेज-मुक्त विवाह की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। ऐसे प्रयास यह उम्मीद जगाते हैं कि यदि समाज संगठित होकर आगे आए तो आने वाले वर्षों में इस भयावह आंकड़े को घटाया जा सकता है।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी ने रमैनी विवाह समाधान के माध्यम से दहेज मुक्त, सरल और नैतिक विवाह करने की राह बताई है। इस पहल के तहत विवाह में दहेज, खर्च और सामाजिक दबाव को पूरी तरह से समाप्त किया जाता है। ऐसे प्रयास यह साबित करते हैं कि यदि समाज संगठित होकर आगे आए तो आने वाले वर्षों में दहेज हत्या के भयावह आंकड़े को घटाया जा सकता है।

1. भारत में दहेज हत्याओं की वर्तमान स्थिति क्या है?

2025 में दहेज हत्याएँ एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। देश भर में औसतन हर दिन 20 महिलाएँ दहेज से जुड़ी हिंसा का शिकार हो रही हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पिछले 18 महीनों में 719 मौतें दर्ज की गई हैं।

2. हाल ही में किस राज्य में दहेज हत्याओं की संख्या सबसे अधिक है?

मध्य प्रदेश ने हाल के समय में सबसे अधिक दहेज-सम्बंधित मौतों की रिपोर्ट दी है। दिसंबर 2023 से जून 2025 के बीच 719 मौतें दर्ज हुई हैं, जो इस सामाजिक समस्या की गंभीरता को दर्शाती हैं।

3. क्या भारत में दहेज हत्या रोकने के लिए कानून हैं?

हाँ, भारत में कड़े कानून हैं जैसे कि दहेज निषेध अधिनियम (1961), आईपीसी की धारा 304B (दहेज हत्या), आईपीसी की धारा 498A (पति/संबंधितों द्वारा क्रूरता), और महिला घरेलू हिंसा (रोकथाम) अधिनियम (2005)। लेकिन कानून के सही पालन में कई चुनौतियाँ हैं।

4. दहेज हत्याएँ कड़े कानूनों के बावजूद क्यों जारी हैं?

दहेज हत्याओं की निरंतरता केवल कानूनी समस्या नहीं बल्कि सामाजिक समस्या भी है। जांच में देरी, लंबी कानूनी प्रक्रियाएँ और गहरी जड़ें जमा चुकी सांस्कृतिक प्रथाएँ इस अपराध को जारी रखती हैं। जागरूकता और सामाजिक-सांस्कृतिक बदलाव जरूरी हैं।

5. दहेज हत्याओं को समाज में कैसे कम किया जा सकता है?

दहेज हत्याओं को कम करने के लिए कानूनी प्रवर्तन, सामाजिक जागरूकता और आध्यात्मिक-सांस्कृतिक मार्गदर्शन का संयोजन जरूरी है। दहेज-मुक्त विवाह को बढ़ावा देने वाले आंदोलनों, जैसे संत रामपाल जी महाराज के संदेशों से प्रेरित पहल, परिवारों को दहेज को अस्वीकार करने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...

सरकारी मदद से निराश  हरियाणा के बरसी जाटान को संत रामपाल जी महाराज ने दिया ‘जीवनदान’

हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे...
spot_img

More like this

बाढ़ से तबाह पटवापुर गांव में संत रामपाल जी महाराज की करुणा से लौटी नई उम्मीद

रोहतक जिले के पटवापुर गांव में आई बाढ़ ने किसानों की जिंदगी पलट कर...

संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दिल्ली के कंझावला गाँव के किसानों को मिली लाखों की राहत

नई दिल्ली/कंझावला: दिल्ली के नॉर्थ वेस्ट जिले के कंझावला गांव के किसानों को बेमौसम...

Vijay Diwas 2025: History and Significance of the Bangladesh Liberation War 1971

Last Updated on 12 December 2025 IST: Swarnim Vijay Diwas: The nation unites together...