हिसार, हरियाणा – जब साल भर की मेहनत आँखों के सामने पानी में डूब रही हो और सहायता की हर उम्मीद खत्म हो चुकी हो, तब केवल विश्वास ही एकमात्र सहारा बचता है। हरियाणा के हिसार जिले के ढाड़ गाँव के किसानों के लिए यही विश्वास एक चमत्कार बनकर आया, जब संत रामपाल जी महाराज ने उनकी पुकार सुनकर मात्र 24 घंटों के भीतर उनकी कल्पना से भी बढ़कर सहायता पहुँचाई। यह कहानी केवल बाढ़ राहत की नहीं, बल्कि उस अटूट विश्वास की है जो सच्ची सेवा और मानवता को सर्वोपरि रखता है।
निराशा में डूबा ढाड़ गाँव
3 सितंबर को हुई मूसलाधार बारिश ने ढाड़ गाँव में भारी तबाही मचाई थी। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे अपने घरों से तो पानी निकाल लिया, लेकिन उनकी सैकड़ों एकड़ की फसल पानी में डूबी सड़ रही थी। गाँव के सरपंच के अनुसार, खेतों में भरे अथाह पानी को निकालना एक बहुत बड़ी चुनौती थी, जिसका कोई तत्काल समाधान नहीं मिल पा रहा था। हर तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद किसानों ने मान लिया था कि अब उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।

एक भरोसे ने जगाई उम्मीद की किरण
इसी घोर निराशा के बीच, ढाड़ गाँव के लोगों को यह समाचार मिला कि पड़ोस के गुराना और बधावड़ गाँवों में संत रामपाल जी महाराज ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अभूतपूर्व मदद भेजी है। यह खबर सुनते ही उनमें एक नई आशा का संचार हुआ। बिना समय गँवाए, गाँव के सरपंच और अन्य सदस्य तुरंत संत रामपाल जी के शिष्यों के पास पहुँचे। उन्होंने अपनी गंभीर स्थिति बताते हुए एक प्रार्थना पत्र लिखकर संत रामपाल जी महाराज के चरणों में भेजा।
मांग, और चमत्कारिक गति से पहुँची मदद
ढाड़ गाँव की पंचायत ने अपनी तत्काल आवश्यकता बताते हुए 500 फीट पाइप और खेतों से पानी निकालने के लिए चार मोटरों की मांग की थी। सरपंच बताते हैं कि इसके बाद जो हुआ, वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। उन्होंने कहा, “हम प्रार्थना पत्र देकर गाँव के लिए वापस निकले ही थे कि रास्ते में ही हमारे पास फोन आ गया कि आपकी मदद मंजूर हो गई है और कल तक सारा सामान पहुँच जाएगा।”

संत रामपाल जी महाराज ने तत्काल आदेश दिए और अगले ही दिन शाम तक सहायता सामग्री से भरे वाहन ढाड़ गाँव में पहुँच गए। इस तरह, प्रार्थना करने के 24 घंटों के भीतर ही गाँव को वह मदद मिल गई जिसका वे कई दिनों से इंतजार कर रहे थे।
अपेक्षा से अधिक मिली राहत सामग्री
संत रामपाल जी महाराज ने गाँव वालों की हर जरूरत का ध्यान रखते हुए उनकी मांग से भी कहीं अधिक सहायता प्रदान की। भेजी गई राहत सामग्री में शामिल थे:
- चार शक्तिशाली 15 हॉर्स पावर की मोटरें: विश्व की नंबर एक कंपनी “किर्लोस्कर” की ये मोटरें पानी की त्वरित निकासी के लिए दी गईं।
- 500 फीट लंबे पाइप: जैसा कि गाँव वालों ने अनुरोध किया था।
- 150 फुट लंबी मजबूत तार: जबकि मांग केवल 100 फुट की थी, संत रामपाल जी ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अतिरिक्त तार भेजी।
- मोटर चलाने के लिए सभी आवश्यक उपकरण: मोटरों के साथ उनके स्टार्टर और अन्य सभी जरूरी सामान भी दिए गए ताकि उन्हें तुरंत चालू किया जा सके।
ग्रामीणों के आभार भरे शब्द: “सरकार भी नहीं कर सकती ऐसी मदद”
राहत सामग्री पहुँचने पर पूरे गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने संत रामपाल जी महाराज का तहे दिल से धन्यवाद किया। एक ग्रामीण, सत्यवान जी ने कहा, “यह बहुत बढ़िया काम हुआ है। इतना तो सरकार भी नहीं कर सकती। हम कई दिनों से सरकार के चक्कर लगा रहे थे, पर किसी ने हमारी नहीं सुनी। हम सतगुरु जी का हृदय से धन्यवाद करते हैं।”
सरपंच ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, “हम जो भी मांग लेकर गए थे, संत रामपाल जी महाराज ने वह सब पूरी की। यह सामान हमें हमेशा के लिए दिया गया है। पूरा गाँव संत रामपाल जी महाराज के एक बुलावे पर उनके साथ खड़ा मिलेगा।” गाँव वालों ने कहा कि जहाँ सरकार और नेता केवल तस्वीरें खिंचवाकर चले जाते हैं, वहीं संत रामपाल जी महाराज ने बिना किसी दिखावे के उनकी पीड़ा को समझा और उसका समाधान किया।
बात का धनी
ढाड़ गाँव की कहानी संत रामपाल जी महाराज की अटूट करुणा का एक अनूठा उदाहरण है, क्योंकि उनकी मदद एक बार नहीं, बल्कि दो बार पहुंची। हालांकि चार मोटरों और 500 फीट पाइप की शुरुआती सहायता से बड़ी मात्रा में पानी निकल गया था, लेकिन आसपास के क्षेत्रों से बाद में पानी आने से कई निचले खेत फिर से डूब गए। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए गहरे आश्वासन को याद करते हुए, “जितना चाहें उतना सामान लें, लेकिन गेहूं की बुवाई पूरी होनी चाहिए”, गाँव के सरपंच ने नए विश्वास के साथ दूसरी बार याचना की। इस बार, उन्होंने अनुरोध किया:
- 6,500 फीट पाइप
- 2 मोटर, जिसमें एक शक्तिशाली 15-एचपी सबमर्सिबल पंप भी शामिल है
बिना किसी हिचकिचाहट के, संत रामपाल जी महाराज ने दूसरे अनुरोध को मंजूरी दे दी, किसानों को अपनी फसल बोने से कोई बाधा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए और भी बड़ी खेप भेजी। सहायता के इस दूसरे कार्य ने एक पूर्ण और स्थायी समाधान प्रदान करने की उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया, ग्रामीणों के संकट पूरी तरह से हल होने तक उनके साथ खड़े रहने के अपने वादे को पूरा किया।
सच्ची सेवा और विश्वास का एक प्रमाण
ढाड़ गाँव को दी गई सहायता कोई अकेली घटना नहीं है। यह “अन्नपूर्णा मुहिम” का हिस्सा है, जो संत रामपालजी महाराज द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण और सतत बाढ़ राहत पहल है। यह मुहिम, जो भोजन और आश्रय प्रदान करने के प्रयास के रूप में शुरू हुई थी, अब एक व्यापक मानवीय सहायता अभियान में विकसित हो गई है, जो 200 से अधिक गांवों तक पहुंच चुकी है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह मानवीय मिशन वित्तीय बाधा के बिना आगे बढ़ सके, उन्होंने अपने 12 आश्रमों और 500 से अधिक नामदान केंद्रों पर सभी निर्माण कार्यों को रोकने का सख्त आदेश जारी किया, सभी धन और जनशक्ति को बाढ़ प्रभावित गांवों को बचाने के लिए मोड़ दिया। सभी प्रयासों का पूर्ण कवरेज SA NEWS CHANNEL द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रलेखित और प्रकाशित किया जा रहा है।
सभी गांवों की विस्तृत रिपोर्टिंग यहाँ पढ़ें : बाढ़ राहत | SA News Channel
ऐसी दुनिया में जहाँ नौकरशाही में देरी संकट को और खराब कर सकती है, संत रामपालजी महाराज ने दिखाया है कि निर्णायक, दयालु और जवाबदेह नेतृत्व कैसा दिखता है।
आगे के विवरण के लिए, कृपया ढाड़ गाँव के संबंध में हमारी व्यापक कवरेज देखें:
दूसरी बार दी गई सहायता की रिपोर्ट: