Delhi Mundka Fire News Update | दिल्ली के मुंडका स्थित एक इमारत में शुक्रवार शाम लगभग 04.00 बजे भीषण आग लग गई थी। इमारत में आग लगने से 29 लोगों की मौत हो गई। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। पुलिस ने सीसीटीवी और राउटर बनाने वाली कंपनी के दो मालिकों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया, जबकि जिस इमारत में हादसा हुआ उसके मालिक की तलाश की जा रही है।
Delhi Mundka Fire News Update | मुख्य बिंदु
- पश्चिमी दिल्ली के मुंडका में शुक्रवार को चार मंजिला इमारत में आग लगने से कम से कम 29 लोगों की मृत्यु हो गई और करीब 12 लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
- यह आग मुंडका मेट्रो स्टेशन के पिलर नंबर 544 के निकट लगी।
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुंडका घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को शनिवार को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।
- पीएम ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख के मुआवजे का एलान किया
- गोदाम के पास नहीं था फायर NOC सर्टिफिकेट
- अब तक 29 की मौत, 7 शवों की हुई पहचान। कई लोग अभी भी लापता हैं, जिन्हें ढूंढ रहे हैं उनके परिजन
- कुछ लोग इमारत से कूद गए थे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। फायर कर्मचारियों ने तकरीबन 300-350 लोगों को बाहर निकाला।
- पुलिस ने सीसीटीवी और राउटर बनाने वाली कंपनी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को गैर गैरइरादतन हत्या समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है।
- मकान मालिक मनीष लाकड़ फरार है तथा पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
- कंपनी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल के पिता की भी इसी हादसे में हुई मौत।
- मुंडका हादसे पर पीएम मोदी समेत राष्ट्रपति कोविंद से लेकर सीएम केजरीवाल ने शोक जताया
- आग लगने पर यहां करें तुरंत सूचित: पुलिस के लिए डायल करें 100, फायरब्रिगेड 101, एंबुलेंस के लिए 102, आग लगने पर 108.
आग एक सीसीटीवी एंड राउटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में लगी थी
जिस चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में आग लगी, उसमें ज्यादातर अलग अलग कम्पनीज के आफिस थे। पुलिस के अनुसार आग पहली मंजिल पर स्थित एक सीसीटीवी एंड राउटर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में लगी थी।
आग लगने का कारण जेनरेटर में हुए शॉर्टसर्किट को माना जा रहा है
Delhi Mundka Fire News Update | आग करीब चार बजे लगने की बात लोग कह रहे हैं लेकिन अग्निशमन को पहली काल 4 बजकर 50 मिनट पर मिली। इसके 18 मिनट बाद अग्निशमन की गाड़ी मौके पर पहुंची। आग लगने का कारण जेनरेटर में हुआ शॉर्टसर्किट बताया जा रहा है, जो पहले तल पर रखा था।
पीसीआर कॉल से मिली थी आग लगने की जानकारी
शुक्रवार शाम 04.45 बजे एक ऑफिस में आग लगने की घटना के संबंध में पुलिस स्टेशन मुंडका में एक पीसीआर कॉल आई। कॉल की सूचना पर स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और लोगों को बचाने में लग गई। पुलिस अधिकारियों ने इमारत की खिड़कियां तोड़कर लोगों को बाहर निकाला और घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया।
मुख्यमंत्री ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे
Delhi Mundka Fire News Update | मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आग भीषण थी और शव इस हद तक झुलस गए थे कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। ‘‘दिल्ली सरकार लापता लोगों और मृतकों की पहचान के लिए मदद मुहैया करा रही है।” दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार की रात घटनास्थल का दौरा किया था और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीएम के साथ शनिवार को ही घटनास्थल का दौरा किया।
पीएम ने मृतकों के परिजनों के लिए किया 2 लाख के मुआवजे का एलान
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है जो प्रधानमंत्री राहत कोष से दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ,प्रियंका गांधी व तमाम नेताओं ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया।
मृतकों और गुमशुदा हुए लोगों के परिजनों को नहीं लग रहा है अपनों का पता
Delhi Mundka Fire News Update | लोगों का कहना है कि उनके जानकारों का कोई पता नहीं चल रहा है। यह भी नहीं पता चल पा रहा है कि वह कौन से अस्पताल में है। वहीं, कुछ परिजन अपनों की फोटो दिखाकर परिचितों के बारे में जानकारी लेने की कोशिश कर रहे थे। परिजनों का आरोप है कि समय रहते न तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और ना ही कोई अधिकारी।
Delhi Mundka Fire News Update | हादसे में कुल 29 लोगों की मौत हो चुकी है
100 लोगों को रेस्क्यू किया गया और 29 लोग अब भी लापता हैं, बता दें आग लगने के बाद एनडीआरएफ ने लोगों को निकालने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल किया था। पुलिस कर्मियों ने इमारत की खिड़कियां तोड़कर फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की थी। आग से बचने के लिए इमारत के अंदर फंसे कई लोगों ने निचले फ्लोर की खिड़कियों से छलांग लगा दी थी। चश्मदीदों का कहना है कि घटना स्थल का मंजर इतना भयानक था कि हम स्तब्ध रह गए, इमारत में फंसे लोग जान बचाने के लिए जो भी कर सकते थे वो सब करते हुए नजर आए।
फायर ब्रिगेड के 125 लोगों को लगाया गया राहत कार्य के लिए
Delhi Mundka Fire News Update | मुंडका आग घटना पर दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि हमने कुल 30 फायर टेंडर को भेजा और काम में 125 लोगों को लगाया। हमें रात को 27 शव मिले, कुछ शवों के हिस्से सुबह मिले हैं, जिससे लगता है कि ये 2-3 शव और होंगे। कुल मृतकों की संख्या 29-30 हो सकती है।
हर दोषी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई: DCP
दिल्ली बाहरी जिला के डीसीपी समीर शर्मा ने बताया कि हमने उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। हम उचित कार्रवाई करेंगे और अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। जिन्होंने भी कुछ गलत किया है या नियम फॉलो नहीं किए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
मैंने उससे कहा कि कूद जाओ, पर वह नहीं कूदी (आप बीती)
बिजनेसमैन इस्माइल खान अपनी बहन मुस्कान (21) की तलाश कर रहे थे, जो एक सेल्स एग्ज़ीक्यूटिव थी। इस्माइल ने कहा “उसने मुझे लगभग 4.30 बजे फोन किया और रो रही थी। मैं मदद के लिए दौड़ा। मैंने उसे कूदने के लिए कहा और भरोसा दिलाया कि मैं उसे पकड़ लूंगा। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।” इस्माइल ने बताया कि उसके बाद मुस्कान का फोन बंद हो गया। पुलिस ने इस्माइल को बताया 27 शव बरामद कर लिए गए हैं।
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इस्माइल ने पूछा कि क्या उनमें उसकी बहन भी है? लेकिन अभी जवाब नहीं मिला। इस्माइल ने अपनी बहन को बचाने के लिए बिल्डिंग के अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन कांच का एक स्लैब उस पर गिर गया। इस्माइल ने रोते हुए कहा कि फायर फाइटर्स आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी मशीनरी काम नहीं कर रही थी।
बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था, जिसको जहां से जगह मिली वहीं से कूदे
Delhi Mundka Fire News Update | परिसर में अपनी जान गंवाने वाले और वहां से बचकर निकले लोगों के परिचितों और परिजनों ने बताया कि दूसरी मंजिल पर एक बैठक बुलाई गई थी। अधिकांश कर्मचारी वहां जमा हो गए थे। कुर्सियों की कमी के कारण कुछ लोग फर्श पर बैठे थे। बैठक के करीब आधे घंटे बाद नीचे के एक कर्मचारी ने बिजली गुल होने और फिर आग लगने की जानकारी दी। लेकिन बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखा, तो कुछ लोगों ने खिड़कियों को तोड़ने के लिए भारी वस्तुएं फेंकी और एक पाइप पर चढ़ गए। आरोप है कि बैठक शुरू होने से पहले कई लोगों को अपने फोन जमा करने के लिए कहा गया था। जिंदा बचे लोगों में गोविंद की मां रीना भी शामिल हैं, जिसने यह बात बताई।
Delhi Mundka Fire News [Hindi] | स्थानीय लोगों ने की थी लोगों को बचाने की भरपूर कोशिश
असेंबलिंग यूनिट में काम करने वाली इमला (40) ने एक मीडिया कर्मचारी को बताया-“मैं तीसरी मंजिल पर थी। अफरा-तफरी का माहौल था। मेरे दोस्त ने एक कुर्सी ली और शीशे की खिड़कियों को तोड़ना शुरू कर दिया। मैं अन्य लोगों के साथ सीढ़ियों की ओर भागी, लेकिन जाने के लिए कोई जगह नहीं थी। आग ने सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया। लिफ्ट ने काम करना बंद कर दिया। एक घंटे में स्थानीय लोग हमें बचाने आए। उन्हें सीढ़ियां और रस्सियां मिलीं। जो निकल पाया वो निकल गया, बाकी सब वहीं रह गए। मैं डर गई और खिड़की से कूद गई। मैं मरना नहीं चाहती थी। मेरा बेटा मेरा इंतजार कर रहा था।”
उत्तराखंड की रहने वालीं विमला के जलकर कट गए हाथ
न्यूज़ में जिस महिला के दोनों हाथों पर पट्टी बंधी दिखाया गया वह उत्तराखंड की रहने वाली विमला है जो काम के सिलसिले में दिल्ली शिफ्ट हुई थी। हादसे में उनके हाथ जलकर कट गए।
Delhi Mundka Fire News Update | हादसे में जान गंवाने वाले 6 और लोगों की हुई पहचान
Delhi Mundka Fire News Update | हादसे में जान गंवाने वाले 6 लोगों की पहचान कर ली गई है। पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान तानिया भूषण, मोहिनी पाल, यशोदा देवी, रंजू देवी, विशाल मिथलेश और दृष्टि के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि अन्य मृतकों के शवों के शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। दरअसल, हादसे में 29-30 लोगों की मौत हो गई और 29 लोग लापता हैं। इनमें 24 महिलाएं व 5 पुरुष शामिल हैं।
कुछ शवों की डीएनए सैंपल से होगी पहचान
कुछ शव पूरी तरह से जल चुके हैं, ऐसे शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं। फॉरेंसिक टीम डीएनए के जरिए, इनकी पहचान करेगी।
Delhi Mundka Fire News [Hindi] | हादसे में लापता हुए लोगों की सूची आई सामने
- गीता चौहान (45 वर्ष, महिला) पत्नी रामभवन
- सोनम (20 वर्ष, महिला) भाई अनुराग
- आशा (30 वर्ष, महिला) भाई वीरपाल
- सोनी कुमारी (35 वर्ष, महिला) पत्नी मनोज ठाकुर
- तानिया (27 वर्ष, महिला) पुत्री चंद्र भूषण
- नरेंद्र (26 वर्ष, पुरुष) पुत्र कन्हैया लाल
- मोहिनी (38 वर्ष, महिला) पत्नी विजय पाल
- पूजा (19 वर्ष, महिला) पुत्री राजेश
- भारती देवी (42 वर्ष, महिला) पत्नी चमन
- गीता देवी (42 वर्ष, महिला) पत्नी उपेंद्र सिंह
- कैलाश जानी (55 वर्ष, पुरुष) पुत्र बहादुर सिंह
- प्रवीन (33 वर्ष, पुरुष) पुत्र आशाराम
- पूजा (19 वर्ष, महिला) बहन मोनी
- मोहिनी (40 वर्ष, महिला) मां पीयूष
- मधु (21 वर्ष, महिला) पुत्री राकेश
- पूनम (19 वर्ष, महिला) पुत्री महिपाल
- प्रीति (24 वर्ष, महिला) पुत्री महिपाल
- निशा कुमारी (18 वर्ष, महिला) चाचा सुमन
- विशाल (24 वर्ष, पुरुष) पुत्र मिथलेश
- मधु (24 वर्ष, महिला) चाचा अकन
- अमित जानी (34 वर्ष, पुरुष) पुत्र कैलाश जानी
- मधु देवी (29 वर्ष, महिला) पत्नी अमित कुमार
- मोनिका (21 वर्ष, महिला) पुत्री विजय बहादुर
- यशोदा देवी (35 वर्ष, महिला) पत्नी विश्वजीत
- मुस्कान (22 वर्ष, महिला) पुत्री इस्लामुद्दीन
- स्वीटी (32 वर्ष, महिला) पत्नी मनोज कुमार
- भारती नेगी (45 वर्ष, महिला) बहन वीरेंद्र नेगी
- रंजू देवी (32 वर्ष, महिला) देवर राजकुमार
- जशोदा देवी (34 वर्ष, महिला) पड़ोसी रवि कुमार
ऐसे कुछ उपाय जो आग लगने पर जान बचाने में काम आ सकते हैं:
- आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें। यह न सोचें कि कोई दूसरा इसकी सूचना पहले ही दे चुका होगा।
- आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को बजाएं। फिर बहुत ज़ोर से “आग-आग” चिल्लाकर लोगों को इसके बारे में बताएं। चेतावनी कम शब्दों में ही दें, नहीं तो लोगों को घटना की गंभीरता समझने में ज़्यादा समय लग जाएगा।
- आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग कभी न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।
- धुएं से घिरे होने पर अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढक लें। (अगर मुमकिन हो तो)।
- अपने घर और कार्यालय में स्मोक (धुआं) डिटेक्टर ज़रूर लगाएं क्योंकि अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमेशा बेहतर और अच्छा होता है।
- समय-समय पर इमारत में लगे फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर, पानी के स्त्रोत, अग्निशामक की जांच करवाते रहें।
- घटनास्थल के नज़दीक भीड़ न लगने दें, इससे आपातकालीन अग्निशमन सेवा और बचाव कार्य में बाधा होती है।
- यदि आपके कपड़ो में आग लग जाए तो भागे नहीं, इससे आग और भड़केगी। ज़मीन पर लेट जाएं और उलट पलट (रोल) करें। किसी कम्बल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाएं।(अगर मुमकिन हो तो)।
- जान बचाने के लिए उस समय जो भी मुमकिन हो जल्द से जल्द करें।
परमात्मा उन सबकी रक्षा करते हैं जो सतभक्ति करते हैं
चाहे इंसान हो या जानवर सभी आत्माओं की रक्षा परमात्मा स्वयं करते हैं। जो सच्चे परमात्मा की भक्ति करते हैं उनका परमात्मा बाल भी बांका नहीं होने देते। जब हमारे पाप कर्म इकट्ठे हो जाते हैं तो हमारे साथ किसी भी तरह की अप्रिय घटनाएं होने लगती हैं।
भक्त प्रह्ललाद को भी परमेश्वर ने जलने से बचाया था
परमात्मा हर बार अपने भक्तों की रक्षा करता है, प्रह्लाद को जलती आग में से परमात्मा ने ही बचाया था। महाभारत के युद्ध क्षेत्र में परमेश्वर ने टटीरी पक्षी (टिटहरी) के बच्चों की रक्षा की थी, तथा परमेश्वर ने कुम्हार के आवे (मिट्टी के बर्तन पकाने के लिए जो आग पहले एक महीने तक के लिए लगाते थे) में से बिल्ली के बच्चों को सुरक्षित व जीवित निकाला था।
शिक्षा का उद्देश्य
शिक्षा का उद्देश्य अपने सदग्रंथों को पढ़कर सत भक्ति करके जन्म मृत्यु के चक्कर से हमेशा हमेशा के लिए मुक्ति पाना है, किंतु हमारा ध्यान माया जोड़ने पर ही रहता है। घर परिवार, रिश्तेदार ही दिखाई देते हैं। हम शास्त्र अनुकूल साधना अर्थात सद्भक्ति नहीं करते। यह हमारी मूर्खता ही है क्योंकि आपत्ति काल में एक परमात्मा ही है जो हमारा साथ दे सकता है उससे कभी हमने कोई संबंध बनाया ही नहीं, भक्ति भी की तो शास्त्र विरुद्ध, जिस कारण हमें कोई भी लाभ और सुरक्षा नहीं मिलती।
आगजनी व अन्य प्राकृतिक घटनाओं से बचने का एकमात्र कारगर उपाय
कबीर परमेश्वर कहते हैं;
झगड़ा ,चोरी, अग्नि लग जावे, नशे बीमारी में धन बहुत नसावे|
धर्मवान तो धर्म में लावे, फल भक्ति का पावे।।
कबीर परमात्मा हमें समझाते हुए बताया है;
एक बंदा ना धर्म करे था, जोड़ जोड़ धन बहुत धरे था ।
कोड़ी होके फिर वौ मरै था, फूट-फूटकर रोवै सतगुरु की वाणी।।
अर्थात : एक व्यक्ति बिल्कुल भी दान धर्म नहीं करता था, दूसरों को ठग ठग के धन इकट्ठा करने में लगा रहता था, सत साधना ना करने से उसकी फिर दुर्गति हुई जब उसका बुढ़ापा आया, तो वह फूट-फूट के रोया करता था और कोड़ी हो करके उसकी मृत्यु हुई अर्थात बहुत ही बुरी मौत हुई, इसलिए हमें परम संत से नाम दीक्षा लेकर, सतगुरु आज्ञा अनुसार दान धर्म करते रहना चाहिए।
जो भी पुण्य आत्माएं शास्त्र अनुकूल साधना अर्थात सतभक्ति तत्वदर्शी संत से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर करता है पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब उस भगत आत्मा की रक्षा सदैव करते हैं। वर्तमान में उस सत्य साधना को तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी जो पृथ्वी पर एकमात्र सच्चे संत हैं, सभी को निःशुल्क नाम दीक्षा दे रहे हैं।
आप सभी लोग सतभक्ति करें, उनके द्वारा लिखित पुस्तक “ज्ञान गंगा” को एक बार अवश्य पढ़ें, ताकि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब, अल्लाह हू कबीर, सर्व सृष्टि रचनहार हक्का कबीर, आपके और आपके परिवार की हमेशा हमेशा रक्षा करें।