Deepfake Technology Explained in Hindi | तकनीकी युग में डीप फेक का प्रचलन ज़ोर पकड़ रहा है। डीप फेक एक प्रकार की टेक्नोलॉजी है जिसमें AI का इस्तेमाल कर वीडियो या छवियों को मैनिपुलेट अर्थात पेशेवर तरीके से प्रयोग किया जाता है जिससे नकली और असली वीडियो में भेद करना मुश्किल हो जाता है। इसमें किसी भी व्यक्ति की आवाज, चेहरा, या किसी भी प्रकार की चाल को डिजिटल रूप से बनाया जा सकता है, जिससे लगता है कि वह व्यक्ति कुछ कर रहा है जो असल में नहीं हो रहा होता। वर्तमान समय में इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ या अनाधिकृत सामग्री बनाने में किया जा रहा है।
Deepfake Technology | डीप फेक के मुख्य बिंदु
- इंफ़ोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति जी के दो डीप फेक वीडियो हुए वायरल
- सचिन तेंदुलकर भी हुए डीप फेक का शिकार
- नोरा फतेही तथा अन्य अभिनेत्रियों का हुआ डीप फेक वीडियो वायरल
- आई टी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने बताया डीप फेक मामलों से जुड़े लोगों के खिलाफ होगी कार्यवाही
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी डीप फेक को लेकर जताई चिंता
- भारत में डीप फेक के लिए है कड़ी सजा का प्रावधान
- सरकार द्वारा आई टी के नियमों में 3(1)बी नियम के अनुसरण और पालना करने के आदेश
Deepfake Technology | डीप फेक पर विभिन्न लोगों के मत
- Deepfake Technology in Hindi | दिसम्बर 2023 में इंफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति जी ने उनकी वायरल फेक वीडियो पर आपत्ति जताई तथा लोगों को सावधान रहने के लिए अपील की। इस वीडियो में वह एक क्वांटम प्लेटफार्म AI को प्रोमोट करते दिखाई दिए जिससे एक दिन में लोग ढाई लाख रूपये कमाने की बात करते दिखे। इस वीडियो के पता चलने पर उन्होंने कई बातों का खंडन किया और बताया कि उनका चेहरा लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
- 12 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने Global Partnership Artificial Intelligence GPAI शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया था। इसी दौरान सम्मेलन में सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि जिस तरह उन्नत प्रोद्योगिकी में AI का महत्वपूर्ण स्थान है, उसी प्रकार इसके दुष्प्रभाव भी हैं जिनको नकारा नहीं जा सकता। उसी समय प्रधानमंत्री जी ने जनता को डीप फेक के खतरनाक प्रभावों से बचने के लिए सतर्क किया था।
- हाल ही में प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जा का भी डीप फेक वीडियो वायरल हुआ है जिसपर उन्होंने सोशल मीडिया यूज़र्स को सावधान रहने के लिए बोला है।
- क्रिकेट जगत के बाद बॉलीवुड की हस्तियों जैसे नोरा फातेही का भी डीप फेक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह एक फैशन ब्रांड को प्रमोट करती दिखाई दें रही हैं। उन्होंने इसके बारे में अपने ऑफिसियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी में डीप फेक वीडियो का स्क्रीनशॉट शेयर कर उसके नकली होने की बात बताई है।
- काजोल, रश्मिका मंदाना तथा अन्य कई हस्तियाँ भी इस डीप फेक वीडियोज़ का शिकार हुई हैं तथा उन्होंने इस पर ना केवल गुस्सा जाहिर किया हैं बल्कि पुलिस को भी कार्यवाही करने के लिए मामला दर्ज कराया था।
- नवंबर 2023 में आई टी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने यह बोला था कि सरकार डीप फेक के मामलों में लिप्त लोगों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही करेगी। क्योंकि यह IT नियमों के खिलाफ है।
- भारत में जो इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाया जाता है उसके लिए सजा का प्रावधान है जिसमें यूजर को 1 लाख रूपये का जुर्माना लगने के साथ तीन साल की सजा तक हो सकती है।
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे डीप फेक वीडियोज़ पर सरकार द्वारा आई टी के नियमों में 3(1)बी नियम के अनुसरण और पालना करने के आदेश दिए गए हैं ताकि इससे बढ़ते फर्ज़ी उद्योग पर लगाम लगाई जा सके।
- आई टी के नियमों में 3(1)बी नियम के तहत निषिद्ध सामग्री का उल्लंघन ना करने के प्रावधान हैं। इसके तहत जो भी जानकारी है वह सटीक तथा स्पष्ट रूप से होनी चाहिए।
डीप फेक (Deepfake Technology in Hindi) का उपयोग किस किस क्षेत्र में किया जाता है?
डीप फेक का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता जैसे कि:
1. मनोरंजन के लिए: डीप फेक तकनीक का विशेष रूप से उपयोग फिल्मों या टीवी शोज में किया जाता है, जिससे किरदारों को विभिन्न सीनों में प्रस्तुत करना संभव हो जाता है।
2. व्यापारिक उद्देश्यों के लिए: आज के समय में डीप फेक का उपयोग मुख्यतः अपने किसी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इसमें किसी भी नामी व्यक्ति के चेहरे या आवाज और शब्दों को बदलकर बिजनेस उद्देश्यों के लिए काम में लिया जा रहा है, जैसे कि विज्ञापन या कॉर्पोरेट प्रेज़ेंटेशन्स में।
3. सामाजिक या राजनीतिक प्रचार में: किसी व्यक्ति की छवि को बदलकर अवसादपूर्ण या विवादास्पद स्थितियों को बनाने के लिए डीप फेक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. शोषण या धमकाने के लिए: व्यक्तिगत या राजनीतिक शत्रुता में किसी के बदले के रूप में डीप फेक का उपयोग किया जा रहा है ताकि उसकी छवि या विचारों को क्षति पहुंचाई जा सके।
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डीप फेक कंटेंट की पहचान कैसे कर सकते हैं?
डीप फेक (Deepfake Technology in Hindi) समस्या से बचना मुश्किल तो है पर नामुमकिन नहीं है। कुछ बातों का ध्यान रखते हुए जनता इस समस्या से बच सकती हैं
1. विजुअल असमानता: इसमें वीडियो में छवियों या चलचित्रों में किसी तरह की असमानता होती है जो सामान्यतः नजर नही आती। इसमें व्यक्तियों की स्थितियों, कपड़ो आदि पर ध्यान देकर नकली असली का पता लगाया जा सकता है।
2. चेहरे की अभिव्यक्ति: इसमें व्यक्ति के मेकअप, भावनात्मक अभिव्यक्ति या अनैतिक रूप से संवाद करने की क्षमता में परिवर्तन से पता चल सकता हैं कि वीडियो फर्ज़ी है या नहीं ।
3. लिप-सिंक की गलतियों का विश्लेषण: जब आवाज और होठों की संगतता में कोई गड़बड़ी होती है। डीप फेक्स में शब्दों और होठों के सही कनेक्शन की कमी हो तो इससे पता चल सकता है कि वीडियो में मिथ्या अभिव्यक्ति है या नहीं।
डीप फेक समस्या का कारगर समाधान | Solutions for Misuses of Deepfake Technology
आज के समय में जिस प्रकार एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ लगी है उसमे कुछ लोगों ने उन्नत प्रोद्योगिकी का दुरुपयोग करना भी शुरू कर दिया है। यह सिर्फ लोगों में अज्ञान और असंतुष्टि की वजह से है इसी कारण सच बोलना, कहना आज का समाज भूलता जा रहा है। अनेकों अन्य समस्याओं में अब एक और समस्या जुड़ गई है, वो है डीप फेक। अगर लोगों में संतुष्टि तथा झूठ बोलने का डर होगा तो वह कदापि ऐसे काम नहीं करेंगे। यह सिर्फ पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से हो सकता है। इसलिए संत रामपाल जी महाराज की शरण ग्रहण कर उनके अनुयायी अनेकों बुराइयाँ छोड़ सत्य के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं।
आज के समय में संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिया गया ज्ञान समाज को बदल सकता हैं :-
साईं इतना दीजियो, जामे कुटुंब समाए।
हम भी भूखे ना रहें, अतिथि ना भूखो जाए।।
इससे स्पष्ट हैं कि सतयुग सा माहौल जिसमें कोई बुराई नहीं होगी तथा लोग अंतुष्ट होंगे यह सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में ही सम्भव है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा।