December 20, 2025

सच होगा अब सबका सपना, दहेज मुक्त होगा भारत अपना

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आज के आधुनिक युग में जहाँ लोग बहुत ही ताम-झाम और लाखो रुपये खर्च कर विवाह करते है वही दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से प्रेरित होकर उनके अनुयायी अपने बच्चों का विवाह बहुत ही साधारण तरीके से मात्र 17 मिनट मे करते है।

बिना बैंड बाजे के होने वाले विवाह बने चर्चा का विषय

क्या आपने ऐसा कोई विवाह देखा है जहां दूल्हा दुल्हन साधारण वेशभूषा में हों। जहाँ बिना हल्दी, मंडप आदि रस्मों के पूर्ण परमात्मा की उपस्थिति में विवाह सम्पन्न हुआ हो? जहां दहेज के नामोनिशान न हो? ऐसे एक नहीं अनेक विवाह हुए हैं। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में होने वाले विवाह अनोखे हैं जिनमें बिना बैंड बाजे के, साधारण वेशभूषा में होने वाले विवाह चर्चा का विषय बने हुए हैं।

देश में कई जगह सम्पन्न हुए दहेज रहित विवाह

  •   4 अप्रैल 2021 रविवार को जिला चंद्रपुर महाराष्ट्र में एक ऐसा ही विवाह देखने को मिला जहां गुरुवाणी के माध्यम से एक दहेज रहित विवाह संपन्न हुआ। साधारण वेशभूषा में कम लोगों की उपस्थिति के साथ बिना नाच गाने के बहुत ही शालीन व सभ्य तरीके से विवाह संपन्न हुआ।
  • कृष्णा नगर चंद्रपुर महाराष्ट्र के निवासी संतलाल यादव ने अपनी पुत्री पूनम दासी (एडवोकेट) का विवाह फरहदा कोसरंगी रायपुर छत्तीसगढ़ के निवासी शशि कुमार के पुत्र कृष्णा कुमार के साथ सम्पन्न किया। इस विवाह में ना कोई दहेज दिया गया और ना ही दहेज लिया गया। 
  • वही जिला हिसार हरियाणा में भी एक दहेज मुक्त विवाह रमैनी का कार्यक्रम संपन्न हुआ, सेक्टर 5 हिसार हरियाणा की निवासी पूजा दासी D/O रामफल शर्मा का विवाह जिला झुंझुनू राजस्थान के निवासी सुमित दास S/O सुरेंद्र शर्मा के साथ बहुत ही सादगी से संपन्न हुआ। इस विवाह में नाम मात्र लोग शामिल हुए तथा दहेज और फिजूलखर्ची का नामोनिशान नहीं था। 

दिखावे व फिजूलखर्ची के खिलाफ लोगो को जागरूक करने के लिए साधारण तरीके से बिना दहेज के कबीर गुरु वाणी से संपन्न हुई शादी

दिनांक 18-04-2021 को पाली राजस्थान में लाखों रुपये के दहेज, फिजूलखर्ची और दिखावे को दरकिनार करते हुए दोपहर रविवार को कबीर भवन, हाउसिंग बोर्ड में बी. ए. शिक्षित दुल्हन ने मात्र 17 मिनट में साधारण तरीके से कबीर गुरु वाणी के द्वारा शादी की। तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज के सानिध्य में फिजूलखर्ची को समाप्त करने व दहेज मुक्त भारत अभियान का संदेश देते हुए दुल्हन को मात्र 2 जोड़ी कपड़ों में ही विदा किया गया। इस शाादी में बारातियों व मेहमानों को मात्र चाय व बिस्किट का नाश्ता करवाया गया।

जिला सेवादार सोहन पंवार ने बताया कि रविवार दोपहर में पाली शहर की निवासी अंकिता पुत्री रमेश जी सापेला का विवाह पाली शहर के निवासी कमलेश पुत्र रघुवीर जी के साथ मे सादगीपूर्ण तरीके से बिना सेहरे, बिना घोड़ी, बिना मेहंदी और बिना श्रृंगार के साधारण कपड़ों मे कबीर गुरूवाणी के द्वारा दूल्हा व दुल्हन के हाथों में रक्षा सूत्र बांधकर सादगी पूर्वक विवाह (रमैणी) संपन्न कराया गया। दोनों परिवारों ने फिजूलखर्ची को रोकने व दिखावे को समाप्त करने और लोगों को जागरूक करने के लिए यह निर्णय लिया। कबीरपंथी संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से प्रभावित होकर पूरे भारत में हजारों लोग इस तरह की शादियां कर फिजूलखर्ची पर लगाम लगा चुके है। 

नशा व दहेज मुक्त होगा भारत अपना के विचारों को साकार करते हुए यह पाली जिले की इस वर्ष 2021 की दूसरी शादी है। अब तक पाली जिले में इस प्रकार की 11 शादियां हो चुकी है।

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11 अप्रैल 2021 रविवार को जिला देहरादून में जातीय बंधन व फिजूलखर्ची के बिना संपन्न हुए एक और विवाह के बाद वधू पक्ष ने बेटी को ससुराल के लिए विदा किया। देहरादून में जिला पौड़ी गढ़वाल के ग्राम रिंगलटा ब्लॉक नैनीडांडा के निवासी कलम सिंह रावत के पुत्र अर्जुन सिंह रावत का विवाह रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक भटवाड़ी गांव की निवासी शूरवीर सिंह जी की लड़की राधा के साथ गुरु परंपरा के अनुसार बेहद सादगी से संपन्न हुआ। जातीय बंधन और दहेज से मुक्त इस विवाह समारोह में बहुत कम मेहमान शामिल हुए इनमें वर पक्ष और वधू पक्ष दोनों की तरफ से स्वजन मौजूद थे

कोरोना गाइडलाइन की पूरी पालना की गई

शादी में कोरोना गाइडलाइन की पूर्णतया पालना की गई। इसमे मात्र 20 लोगो को ही आमंत्रित किया गया। सभी ने मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। दूल्हे ने एक भी रूपये का दहेज नही लिया। यहां तक कि जिन साधारण कपड़ों में दुल्हन आई थी उन्ही कपड़ों में उसे विदा किया गया। फिजूलखर्च को रोकने के लिए बारातियों को केवल चाय बिस्किट का नाश्ता करवाया गया। डेकोरेशन, स्टेज, डीजे आदि के फिजूल खर्च को खत्म कर साधारण तरीके से शादी हुई। 

अद्भुत शादी

  • जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई मात्र 17 मिनट में शादी कर लेते है जिसमे कोई भी फिजूलखर्ची नहीं होती, ना घोडी, ना बारात, ना बैंड बाजा और कुछ भी नहीं । 
  • नशा व दहेज रूपी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिये संत रामपाल जी महाराज और उनके अनुयायी एक बहुत अच्छी पहल कर रहे है।
  • दहेज मुक्त भारत अभियान के तहत आज संत रामपाल जी महाराज जी के नेतृत्व में कई अनोखी शादियां हो रही है जो समाज को एक नई दिशा दे रही है जिसमें ना तो कोई लेन-देन है और ना ही दहेज और ना कोई दूसरा आडंबर ।
  • इसमें सादगी की मिसाल पेश की है इस शादी में ना घोड़ा, ना बाराती,ना बैंड ना बाजा सिर्फ 17 मिनट में रमैणी {शादी} गुरुवाणी के द्वारा हो जाती है।

सर्वश्रेष्ठ विधि के हैं ये विवाह

रमैनी के माध्यम से होने वाले विवाह सबसे श्रेष्ठ विधि के हैं। ये वेदों में वर्णित विधि पर आधारित हैं और इसी प्रकार आदिशक्ति ने अपने तीनो बेटों ब्रह्मा, विष्णु और महेश का विवाह किया था। इस विवाह में पूर्ण परमेश्वर कविर्देव के साथ विश्व के सभी देवी देवताओं का आव्हान किया जाता है। इससे पूर्ण परमेश्वर तो साथ रहते ही हैं साथ ही विश्व के सभी देवी देवता भी उस विवाहित जोड़े की सदा सहायता करते हैं। ऐसे दहेजमुक्त विवाहों ने बेटियों का जीवन आसान कर दिया है। 

दहेजमुक्त भारत केवल सन्त रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से सम्भव

दहेज प्रथा से मुक्ति के लिए सरकार ने कानून भी बनाये किन्तु सब निष्फल रहा। इस कार्य को तत्वज्ञान के बिना कर पाना संभव नहीं था। यह तत्वज्ञान तो केवल कोई तत्वदर्शी संत ही दे सकते हैं और पूर्ण तत्वदर्शी संत पूरे विश्व में एक ही होता है जिसका तत्वज्ञान नशा, दहेज, चोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्ति दिला सकता है। तत्वज्ञान होने के पश्चात व्यक्ति स्वयं ही इन सभी बुराइयों से दूर होने लगता है उसे अपने कर्मों की सजा मालूम होती है। किंतु यह तभी सम्भव है जब संत पूर्ण तत्वदर्शी हो। संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान के कारण आज लोग स्वयं ही दहेज लेने से इंकार कर देते हैं। नशाखोरी से दूर यहाँ तक कि संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों को रिश्वत देना भी मुमकिन नहीं है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान इतना अच्छा है कि लालच, मोह, लोभ से व्यक्ति स्वतः दूर हटने लगता है। 

तत्वज्ञान से ही होगा मोक्ष

ये दहेज मुक्त अद्भुत विवाह तो केवल बानगी हैं। तत्वज्ञान ने तो लोगों का जीवन सरल एवं सुगम बना दिया है। लोग संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से प्रेरित होकर उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवा रहे हैं। क्योंकि मोक्ष तो केवल तत्वदर्शी संत की शरण में जाने से ही सम्भव है। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल

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