Criminal Law Bills Passed in Lok Sabha | लोकसभा में 3 विधेयक पास करा कर अंग्रजों द्वारा बनाए गए 160 साल पुराने कानूनों में बदलाव किया गया है। जिसमें IPC (इंडियन पेनल कोड) जो 1860 में बना था उसे बदलकर भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, CRCP (कोड ऑफ क्रीमिनल प्रोसीजर) जो 1898 में बना उसे बदलकर भारतीय नागरिक सुरक्षा बिल 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट जो 1872 में बना था उसे भारतीय साक्ष्य बिल कर दिया गया है।
Criminal Law Bills Passed in Lok Sabha [Hindi]: मुख्यबिंदु
- लोकसभा में तीन विधयेक हुए पारित।
- राजद्रोह को अब देशद्रोह बोला जाएगा
- मॉब लिंचिंग और नाबालिग से रेप पर होगी फांसी की सजा
- हिट एंड रन केस में हॉस्पिटल ले जाने पर कम सजा होगी
- अपराधों पर कानून बनाने के साथ -साथ “अपराध मुक्त भारत” पर भी जोर दिया जाना चाहिए तभी हम विश्व पटल पर सबके लिए आदर्श बन पाएंगे
- तत्वदर्शी संत द्वारा बताए मार्ग पर चलने से ही अपराध मुक्त समाज का निर्माण होगा
Criminal Law Bills | लोकसभा में इन तीन विधयेक को किया गया पारित
बीते बुधवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कानूनी प्रक्रिया में संशोधन हेतु बिल पेश किया गया जिसे अब लोकसभा ने पारित कर दिया है। इसमें भारतीय दण्ड संहिता (IPC), (CrPC), अपराधिक प्रक्रिया संहिता साक्ष्य अधिनियम को बदलकर अब भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) संहिता कर दिया गया है।
‘राजद्रोह’ को बदलकर ‘देशद्रोह’ किया गया
अब देश की सुरक्षा, देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को देशद्रोह के अंतर्गत रखा गया है। उसे सजा अवश्य मिलेगी और जेल जाना पड़ेगा। गृह मंत्री ने बिल पेश करते समय कहा कि लोकतंत्र में सरकार की आलोचना करना अपराध नहीं है यह प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। बता दें कि नए विधेयक में “राजद्रोह “को बदलकर अब “देशद्रोह” किया गया है।
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हिट एंड रन केस में हॉस्पिटल ले जाने पर कम सजा होगी
हिट एंड रन केस में 10 वर्ष की सजा होगी। यदि किसी एक्सिडेंट में घायल को हॉस्पिटल ले जाते हैं तो उसकी सजा कम की जायेगी। इलाज के दौरान होने वाली मृत्यु पर गैर इरादतन केस लागू होगा।
मॉब लिंचिंग और नाबालिग से रेप पर होगी फांसी की सजा
सामूहिक हत्या मॉब लिंचिंग करने वालों पर इन कानूनों के माध्यम से नकेल कंसी गयी है। यदि कोई इसे अंजाम देता है तो उसे सीधा फांसी की सजा होगी। इसी प्रकार नाबालिग से रेप करने पर भी फांसी की सजा होगी। गैंग रेप केस में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास होगा। इन धाराओं में भी बदलाव किए गए है। रेप की धारा 375, 76 की जगह अब 63 और 69 किया गया है। मर्डर केस की धारा 302 से 101 कर दिया गया है।
Criminal Law Bills Passed in Lok Sabha | इन अपराधों में भी किए गए हैं कानूनी परिवर्तन
- अपराधी के फरार होने पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलेगा और सजा भी होगी। चाहे अपराधी कहीं भी किसी भी देश में हो।
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध पर मृत्यु दण्ड। महिलाओं को झूठी पहचान बताकर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने पर कठोर सजा दी जाएगी। महिला की पर्सनल फोटो वायरल करने पर 3 से 7 साल के लिए जेल होगी। बच्चों के अपराध में 10 साल की सजा होगी।
- हेट स्पीच और स्नैचिंग को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है। हेट स्पीच पर 3 साल की सजा और जुर्माना भी होगा।
- धार्मिक भावना को आहत करने पर 5 साल की सजा होगी।
- किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जायेगा। यदि किसी को मौत की सजा सुनाई गई हो तो उसे आजीवन कारावास में बदला जा सकता है। आजीवन कारावास को 7 साल की सजा में परिवर्तित किया जा सकता है, 7 साल की सजा को 3 साल के लिए किया जा सकता है।
Criminal Law Bills में जोड़े गये हैं औऱ भी कई नए प्रावधान
- किसी भी मामले में DGP की गैरमौजूदगी में SP कोर्ट को केस की पूरी जानकारी देंगे।
- पुलिस को 180 दिनों के अंदर कोर्ट में केस भेजना होगा।
- कोर्ट में अब तारीख पर तारीख नहीं चलेगी। इन केसों पर कोर्ट को भी 30 दिनों के अंदर फैसला सुनाना होगा। 3 साल में न्याय मिलेगी।
पुराने और नए कानून में अंतर समझें
- CRPC में अब 160 धारा को बदल दिया गया है अब 533 धाराएं होंगी। 9 धाराएं नई जुड़ी है 9 को निरस्त किया गया है।
- IPC में पहले 511 धाराएं थी अब 356 धाराएं होंगी। 175 धाराओं में बदलाव हुआ है 22 धाराओं को निरस्त किया गया है।
- Indian Evidence ECT में 170 धाराएं होंगी पहले 167 धाराएं थी। 23 धाराओं में बदलाव हुआ है एक धारा नई जोड़ी गई है और 5 धारा निरस्त की गई हैं।
अपराध पर कानून बनाने के साथ-साथ ‘अपराध मुक्त भारत’ पर भी जोर दिया जाना चाहिए तभी ‘विश्व गुरु’ बनेगा भारत
कानून लोगों के हितों और अधिकारों का रक्षक होता है। अपराधों के आंकड़ों में पूर्व के युगों की अपेक्षा लगातार वृद्धि होती जा रही है। सतयुग में जेल नहीं थी क्योंकि सब परमात्मा के संविधान से परिचित थे, पाप कर्मों से डरते थे। सब भक्ति करते थे। परमात्मा का विशेष सहारा मिलता था। फिर त्रेता, द्वापर में अपराध बढ़ते गए और अब आग लगी हुई है। इससे एक बात साबित हो रही है कि अध्यात्म ही एक ऐसा मार्ग है जो अपराधों को कम और समाप्त कर सकता है।
तत्वदर्शी संत के बताए मार्ग पर चलने से ही अपराध समाप्त होंगे
वर्तमान समय में संतो की बाढ़ सी आई हुई है फिर भी अपराध बढ़ रहे हैं लेकिन हमारे देश में वर्तमान में तत्वदर्शी संत (पूर्ण गुरु) भी मौजूद है जिसके विषय में गीता अध्याय 4 के श्लोक 34 में कहा है कि अर्जुन उस परमपद परमेश्वर को पाने के लिए तत्वदर्शी संत की शरण ग्रहण कर जैसा वो मार्ग बताएं वैसा कर। भारत सरकार को चाहिए कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी द्वारा दिए जा रहे अद्वितीय तत्वज्ञान को समझे और उनका, प्रचार प्रसार में सहयोग करें। यदि ऐसा होता है तो कुछ ही वर्षों में सतयुग जैसा माहौल पूरे भारत में होगा। अधिक जानकारी के लिए डाऊनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App।
FAQ about Revised 3 Criminal Law Bills
Ans. लोकसभा में कुल 3 विधेयक पारित हुए।
Ans. CRPC में अब 533 धारा होगी।
Ans. IPC में कुल 356 धाराएं होंगी।
Ans. Indian Evidence ACT में 170 धाराएं होंगी।
Ans. मर्डर केस को धारा 101 में रखा गया है।
Ans. भारत को अपराध मुक्त बनाने में अध्यात्म का सहारा लेना चाहिए।
Ans. वर्तमान में गीता जी में वर्णित तत्वदर्शी संत जगतगुरु रामपाल जी महाराज हैं।