नहीं थम रहा चीन-ताइवान का विवाद (China Taiwan Conflict) , चीन से युद्ध की तैयारी की आडियो सामने आने से सकते में है ताइवान। अमेरिका ने चीन के हमले के खिलाफ सैनिक कार्रवाई करने की दी चेतावनी। ताइवान अपने आप को चीन में मिलाने से किया इंकार। चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है और उसे बात करके या हमला करके अपने क्षेत्र में मिलाना चाहता है। इस कारण वैश्विक पटल पर चीन व अमेरिका जैसी दो महाशक्तियों के टकराव के कारण, विश्व युद्ध का मंडरा रहा है खतरा। दर्जनों भविष्यवक्ताओं ने अपनी सटीक भविष्यवाणियों में बताया है कि एक महापुरुष के तत्वज्ञान से तृतीय विश्व युद्ध जैसा गम्भीर खतरा टलेगा साथ ही पुनः विश्व शांति की स्थापना होगी, आइए जानते हैं विस्तार से कि वह महापुरुष कौन है तथा वह भविष्यवाणियां कौन सी हैं।
China Taiwan Conflict : मुख्य बिंदु
- विस्तारवाद और लोकतांत्रिक विचारों के टकराव से अलग हुआ ताइवान।
- चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है।
- चीन ताइवान विवाद से चिप के व्यापार पर विश्व होगा प्रभावित
- ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ का चीनी मामले पर आया बयान
- चीन सबसे ज्यादा सीमा विवाद से घिरा हुआ देश
- विश्व युद्ध का दूसरा कारण बन सकता है चीन ताइवान विवाद
- तृतीय विश्व युद्ध के बारे में हुई भविष्यवाणी
- भारत में जन्मे संत के ज्ञान से होगी विश्व में शांति
चीन से अलग क्यों हुआ ताइवान?
China Taiwan Conflict [Hindi] | द्वितीय विश्व युद्ध के बाद चीन और ताइवान के बीच तनाव शुरू हुआ। चीन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का सत्ताधारी नेशनलिस्ट पार्टी कुओमिंतांग के साथ लड़ाई चल रही थी। माओत्से तुंग के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने राजधानी बीजिंग पर कब्जा कर लिया। सत्ताधारी नेशनलिस्ट पार्टी कुओमिंतांग की हार हुई।
ताइवान चीन से अलग कब हुआ
1971 में चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता मिलने के बाद चीनी दबाव के कारण ताइवान की सदस्यता खारिज कर दी गई। चीन ताईवान को अपना प्रांत मानता है, जबकि ताइवान स्वतंत्र देश के रूप में अपनी पहचान दुनिया में बनाना चाहता है।
ताइवान दुनिया के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए ताइवान बहुत महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन उपयोग में आने वाली इलेक्ट्रॉनिक लैपटॉप, फोन में जो चिप लगती हैं, उनका ज्यादातर निर्यात ताईवान से होता है। क्योंकि ताइवान चिप का सबसे बड़ा निर्यातक है। और यह दुनिया में बहुत उपयोगी है। यदि चीन ताइवान पर कब्जा कर लेता है तो चीनी नियंत्रण इस अहम उद्योग पर होगा। दुनिया के आधे से अधिक चिप ताईवान में बनते हैं।
China Taiwan Conflict | चीन-ताइवान के विवाद और व्यापार
ताइवान का निवेश लगातार बढ़ते कदम पर है जो 200 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। बीते साल ताइवान ने 270 बिलियन डॉलर के बराबर निर्यात चीन को किया है। ताइवान चीन की आपसी कारोबार में लगातार तेज गति से बढ़ोतरी हुई है। दोनों देशों में विवाद के बावजूद भी व्यापार बड़ा है।
चीन ताइवान के वर्तमान हालात
चीन के बड़े अधिकारी की ऑडियो वायरल हुई है जिसमें ताइवान पर हमले की बात सामने आई हैं। इस ऑडियो में लंबी बात हमले के विषय में और हमले की तैयारी के बारे में बातें हुई है। इसी बीच ताइवान ने चीनी हमले की आशंका जताई है और अपने नागरिकों को चीन के संभावित हमले से निपटने के लिए और आपदाओं से बचने के लिए हैंड बुक जारी किए हैं। इस बुक में हवाई हमले, आग लगने, बिजली की समस्या से कैसे बचना है, उनकी जानकारी दी है। इससे पहले चीन बार-बार एयरक्राफ्ट को ताइवान सीमा के आसपास घुमाकर लगातार डराता रहा है।
ताइवान के बारे में चीनी सोच
चीन ताईवान को अपने से अलग नहीं मानता। जबकि ताइवान स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया के सामने आना चाहता है। यदि ताइवान स्वतंत्र रहने की घोषणा करता है तो चीन हमला कर सकता है। लेकिन युद्ध से चीन को ताईवान से होने वाले आयात पर बुरा असर पड़ेगा। चिप उत्पादन में ताइवान चीन से आगे हैं। दुनिया के अधिकतर देश चिप के लिए ताइवान पर निर्भर है ।
China Taiwan Conflict | चीन सीमा विवाद पर बोले ताइवान के विदेश मंत्री
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ ने कहा कि चीन दुनिया के एकमात्र ऐसा देश है जो सबसे ज्यादा सीमा विवादों से घिरा है। चीन ने फिलीपींस, वियतनाम, साउथ चाइना सी में इंडोनेशिया, ईस्ट चाइना सी में जापान से लेकर अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया से विवाद कर रहा है। भारत से भी चीन का सीमा विवाद जारी है। ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा ताइवान लोकतंत्र पर विश्वास करती है, ताइवान कभी चीन का हिस्सा नहीं रहा है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी विस्तार पर जोर देती रही है। जोसेफ कहना है कि जिन देशों से चीन का सीमा विवाद चल रहा है सब एक साथ सामने आएं और विस्तारवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाएं।
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ताइवान लोकतांत्रिक देश है जिसमें 2.3 करोड़ लोग रहते हैं। लोकतंत्र पर विश्वास करते हैं। लोकतांत्रिक सरकार चुनते हैं यहां प्रेस को सच कहने की खुली छूट है। जब से चीनी रिपब्लिक की स्थापना हुई है। तब से वह चीन का हिस्सा नहीं। उन्होंने कहा कि ताइवान की चुनी हुई सरकार ही ताइवान में नेतृत्व कर सकती हैं चीन नहीं, जोसेफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच हम सहयोग की भावना रखते है। पब्लिक हेल्थ का अनुभव भी ताइवान को है। महामारी के समय हमने अन्य देशों को बखूबी मदद की है।
China Taiwan Conflict [Hindi] | चीन और ताइवान में ताकतवर कौन है?
क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से चीन ताइवान से बहुत बड़ा है। चीन का कुल क्षेत्रफल 97 लाख 6 हजार 971 वर्ग किलोमीटर है। बड़ा क्षेत्रफल होने के कारण चीन की अधिकतर सीमा अन्य देशों से जुड़ी हुई है। और अधिकतर देशों से उसका सीमा विवाद चल रहा है। चीन के पास 20 लाख एक्टिव सैनिक है जबकि ताइवान के पास मात्र 1.7 लाख सैनिक है जो युद्ध के लिए एक्टिव हैं।
पैरामिलिट्री चीन के पास 6.24 लाख है जबकि ताइवान के पास 11.5 हजार है। एयरक्राफ्ट की बात करें तो चीन के पास 3285 एयरक्राफ्ट है। जबकि ताइवान के पास 741 एयरक्राफ्ट है। हेलीकॉप्टर के मामले में चीन ताइवान से 7 गुना शक्तिशाली है। चीन के पास 912 हेलीकॉप्टर है वही 208 ताइवान के पास है। 5250 टैंक चीन के पास है, 1110 ताइवान के पास। चीन के पास 79 सबमरीन है, ताईवान के पास सिर्फ 04 है। ऐसे में ताईवान चीन के सामने कुछ नहीं है।
अमेरिका की चीन को चेतावनी तथा चीन के पलटवार से तृतीय विश्व युद्ध जैसे आसार
अब सवाल यह है कि क्या चीन ताइवान युद्ध तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है। चीन लगातार ताईवान को अपना प्रांत मानता आ रहा है। जबकि ताइवान अपने आप को एक स्वतंत्र देश के रूप में सामने लाना चाहता है। ताईवान को अमेरिका के साथ-साथ पश्चिमी देशों का साथ मिल सकता है। अमेरिका ने भी साफ कर दिया है कि यदि ताइवान पर हमले हुए तो अमेरिका सैनिक कार्रवाई कर सकता है। यदि ऐसा हुआ तो विश्व दो भागों में बंट जाएगा। जिसमें रूस चीन का साथ देगा और जितने नाटो सदस्य हैं और पश्चिमी देश है ताईवान का साथ देंगे।
तृतीय विश्व युद्ध के बारे में हुई भविष्यवाणियां क्या सच होने वाली हैं?
बहुत से भविष्यवक्ताओं ने तृतीय विश्व युद्ध को लेकर भविष्यवाणियां की हैं, जिनकी सटीक भविष्यवाणियां कई बार सत्य सिद्ध हुई हैं। क्या इस बार भी यह भविष्यवाणियां सत्य सिद्ध होंगी। आइए जानते हैं ऐसी ही भविष्यवाणियों के बारे में।
- फ्रांस के नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि तीन ओर से सागर से घिरे महाद्वीप में एक महान संत का जन्म होगा जो 20 वीं सदी के अंत और 21 वीं सदी की शुरुआत में पूरे विश्व को भाईचारे व एकता के सूत्र में बांधेगा।
- अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता “जिन डिक्सन” के अनुसार ” 20 वी सदी के अंत से पहले विश्व में एक घोर हाहाकार तथा मानवता का संहार होगा। वैचारिक युद्ध के बाद आध्यात्मिकता पर आधारित एक नई सभ्यता संभवतः भारत के ग्रामीण परिवार के व्यक्ति के नेतृत्व में जमेगी और संसार से युद्ध को सदा-सदा के लिए विदा कर देगी।”
- इसी प्रकार बहुत से भविष्यवक्ताओं ने भविष्यवाणी की है जिनमे इंग्लैंड के ज्योतिषी किरो, श्री वेजीलिटिन, अमेरिका के श्री एंडरसन, हंगरी की महिला ज्योतिषी बोरिस्का की भविष्यवाणी प्रसिद्ध है।
- महापुरुष के बारे में अमेरिका की महिला भविष्यवक्ता फ्लोरेंस ने कही है कि उत्तर भारत में जन्मे संत ही पूरे विश्व को मानवता और शांति का पाठ पढ़ाएंगे, उस संत के न दाढ़ी है न मूंछ। उसमें इतनी शक्ति होगी कि वो प्राकृतिक परिवर्तन भी कर सकते हैं। वो महापुरुष तृतीय विश्व युद्ध को भी टाल सकते है।
जानिए वह दिव्य महापुरुष कौन है जिसके हस्तक्षेप से विश्व युद्ध टलेगा व पुनः अमन चैन स्थापित होगा
सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां संत रामपाल जी महाराज जी पर खरी उतरती है। संत रामपाल जी ही वह महान संत है जो पूरे विश्व को अनमोल आध्यात्मिक ज्ञान से परिचित करवा रहे हैं। संत रामपाल जी वह अवतार है जिन्होंने सृष्टि रचना बताई है, और उनके बताए तत्वज्ञान से करोड़ों लोगों ने हिंसा सामाजिक बुराई, नशा खोरी, चोरी, हमेशा के लिए त्याग दी हैं। लोग संत रामपाल जी के ज्ञान को जितनी जल्दी सुनकर अमल करेंगे, विश्व में शांति उतनी ही जल्दी आएगी। अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj app को डाउनलोड करें।