Blood Donation Camp: आज हम बात कर रहे हैं देश के उत्तरप्रदेश राज्य की, जिसके सभी 75 जिलों में एक दिन में सम्पन्न हुए विशाल रक्तदान शिविर देशभर में सुर्खियों का कारण बने हुए हैं, इन विशाल रक्तदान शिविरों का आयोजन 2 अक्टूबर, शनिवार के दिन संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित सत्संगों के माध्यम से किया गया। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा एक दिन में किये गए इस विशाल रक्तदान समारोह की देशभर में हर जुबां पर आज चर्चा है और हो भी क्यों न, क्योंकि संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अपने गुरुजी की बताई गई शिक्षा-दीक्षा को प्रथम मानकर समाज हित के हर हितैषी कार्य में अग्रणी रहते हैं, आइये जानते हैं विस्तार से।
Blood Donation Camp: मुख्य बिंदु
- संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में उत्तरप्रदेश के सभी 75 जिलों में 2 अक्टूबर, शनिवार के दिन मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित सत्संगों के माध्यम से सम्पन्न हुए विशाल रक्तदान शिविर
- संत रामपाल जी महाराज के हजारों अनुयायियों ने एक साथ किया रक्तदान
- समाज की हर हितैषी पहल में हैं, संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी सबसे अग्रणी
- रक्तदान शिविर के साथ-साथ सत्संगों का भी किया गया था आयोजन, सत्संगों में बुराइयों से आजीवन दूर रहने का लिया संकल्प
- रक्तदान है एक महादान : संत रामपाल जी महाराज
- संत रामपाल जी महाराज अद्वितीय कल्याणकारी विचारधारा के सच्चे समाजसुधारक संत हैं
समाज के सबसे बड़े समाज सुधारक
वर्तमान में पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के प्रतिरूप तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का धरती पर अवतरण विश्व के महान भविष्यवक्ताओं की वाणियों में छिपे संदेश के साथ मिलना महज एक संयोग नहीं है अपितु विश्व को सतभक्ति मार्ग बताने के लिए साक्षात परमात्मा का कृत्य है। सतगुरु रामपाल जी के अनुसार परम सत्य को जानने के बाद मनुष्य की आत्मा जीवन मुक्ति की अधिकारी हो जाती है और मनुष्य इस संसार समुद्र से पूर्णतया मुक्त होकर पुनः संसार चक्र में नहीं फँसता।
सतगुरु रामपाल जी महाराज एक ऐसे महान संत हैं जिन्होंने दहेज मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, व्याभिचार मुक्त समाज का निर्माण करते हुए सतज्ञान की सुगन्ध को पूरे विश्व में फैलाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने मानव जीवन का लक्ष्य सतगुरु की छत्रछाया में समग्रता से जीते हुए दुष्कर्म त्यागने और परमात्मा का ध्यान सुमरण प्रभु गुणगान करके काल जाल से मुक्त होकर अपनी उच्चतम संभावना को प्राप्त करने का संदेश दिया है।
सतगुरु संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयाई आए दिन जरूरत मंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। मध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर के सभी अस्पतालों में संत रामपाल जी के अनुयायी जरूरत मंद लोगो को रक्तदान सेवा में लगे हुए हैं। जिसको भी रक्त की आवश्यकता होती है उनकी एक पुकार पर ये भक्त तुरंत पहुँचकर उनके ब्लड ग्रुप के अनुसार रक्तदान करते हैं। अभी एक ज्वलंत उदाहरण जबलपुर के विक्टोरिया हॉस्पिटल मेडिकल हॉस्पिटल में भी देखने को मिल रहा है। यहाँ संत रामपाल जी के भक्तों ने हाल ही में रक्तदान सेवा की और वहाँ उपस्थित लोगों को संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” भी भेंट की। स्थानीय लोगों और अस्पताल के कर्मचारियों ने सतगुरु रामपाल जी के भक्तों की भूरी भूरी प्रशंसा की और साथ ही ऐसे भक्त पैदा करने वाले संत को भी श्रद्धा से याद किया।
विशाल रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp) क्यों बने सुर्खियों का कारण?
- उत्तरप्रदेश के जिला अमरोहा के ग्राम पचकोरा में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग के पश्चात रक्तदान शिविर भी आयोजित हुआ जिसमें संत रामपाल जी महाराज जी के 37 अनुयायियों ने रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp) में भाग लेकर रक्तदान जैसा महादान किया।
- उत्तरप्रदेश के जिला मैनपुरी में मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट तथा कान्हा गेस्ट हाउस के द्वारा शनिवार को जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें संत रामपाल जी महाराज जी के 12 अनुयायियों ने रक्तदान किया। 25 ने रक्तदान के लिए पंजीकरण कराया।
- जिला बरेली में महात्मा गांधी जयंती व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन गंगापुर चौराहे के निकट पार्टी पैलेस बारात घर में किया गया। जिसमें संत रामपाल जी महाराज जी के दर्जनों अनुयायी सम्मिलित हुए।
- झांसी जिले के भगवन्तपुरा स्थित विवाह घर में शनिवार को मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट के तत्वावधान में संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग आयोजित किया गया ततपश्चात रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp) में 18 सदस्यों ने रक्तदान किया। सत्संग में संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया की मानव देह प्राप्ति का मूल उद्देश्य आत्मा का उद्धार है, अर्थात काल के बंधन से मुक्ति।
- उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले में संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा कुरीतियों को दूर करने व स्वच्छ समाज की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से राजघाट रोड स्थित एक मैरेज गार्डन में सत्संग का आयोजन किया गया। साथ ही सत्संग के पश्चात रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया।
- जिला बाँदा में मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के 27 सदस्यों ने अमर उजाला फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित रक्तदान शिविर में भाग लिया। स्वैच्छिक इस रक्तदान शिविर का आयोजन शनिवार को सवई बायपास के निकट किया गया। इस रक्तदान शिविर में संत रामपाल जी महाराज जी के सैकड़ों अनुयायी इकठ्ठा हुए। इसके पश्चात सत्संग हुआ जिसमें सर्व बुराइयों से जीवन भर दूर रहने का संकल्प लिया।
- देवकली (जिला गाजीपुर, उत्तरप्रदेश) में मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट हरियाणा के तत्वाधान में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री के जन्म दिवस पर नाम दीक्षा केन्द्र कुसुम्ही कलां द्वारा रक्तदान व सतसंग समारोह आयोजित किया गया जिसमे संत रामपाल जी महाराज जी के 13 अनुयाइयों ने रक्तदान किया। ब्लड बैंक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बृजभान सिंह, डॉक्टर साकेत, डॉक्टर नंदलाल दुबे एवं परामर्शदाता डॉक्टर अशोक दास ने रक्तदान शिविर में योगदान किया।
- संत रामपाल जी महाराज जी सानिध्य में पाकबड़ा के मंगूपुरा ग्राम की धर्मशाला में महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, शनिवार के दिन रक्तदान शिविर (Blood Donation Camp) का आयोजन किया गया। 14 लोगों ने इस रक्तदान शिविर में रक्तदान किया।
- बस्ती जिले के अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह परिसर में 2 अक्टूबर, शनिवार के दिन संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों द्वारा सत्संग का आयोजन किया गया। इस दौरान रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया जिसमें संत रामपाल जी महाराज जी के 17 अनुयायियों ने दूसरे लोगों का जीवन बचाने के लिए रक्तदान किया। साथ ही साथ सत्संग में बताया गया कि संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान शास्त्रानुकूल है जिससे आध्यात्मिक, भौतिक व शारिरिक लाभ होते हैं तथा पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति होती है। मांस, नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले पापकर्म का ज्ञान होने से लोग इनसे विरक्त हो रहे हैं।
- उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के दाऊजी ग्रीन्स बुढेरा मोड़, फतेहाबाद में 2 अक्टूबर 2021, शनिवार को गांधी जयंती के अवसर पर मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट आगरा के सदस्यों ने 62 यूनिट रक्तदान किया जिसको लेने सरोजनी नायडू कॉलेज की टीम आयी थी। तत्पश्चात एलइडी के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग चलाया गया जिसमें जिले की प्रत्येक तहसील के अधिक से अधिक लोगों ने उपस्थित होकर सत्संग श्रवण किया।
- उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के वृंदावन पैलेस में मुनीन्द्र धर्मार्थ ट्रस्ट के द्वारा सत्संग का आयोजन किया गया, इस सत्संग में संत रामपाल जी महाराज जी के अनमोल उपदेशों को सुनकर लोगों ने सर्व प्रकार की कुरीतियों जैसे दहेज इत्यादि तथा नशा, मांस भक्षण इत्यादि बुराइयों को आजीवन छोड़ने का संकल्प लिया ततपश्चात रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
यूं ही संत रामपाल जी महाराज को देश दुनिया के सबसे बड़े समाज सुधारक संत के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि उन्होंने वह काम कर दिखाया जिसे न कई राष्ट्रों की सरकारें कर पाईं और न ही बड़ी-बड़ी समितियां। तो आइए जानते संत रामपाल जी महाराज जी की इस अद्वितीय कल्याणकारी विचारधारा को।
संत रामपाल जी महाराज का नशा मुक्त अभियान
देश दुनिया में नशे की बढ़ती लत चिंता का कारण बन रही थी तब सरकारें भी चिंतित थीं और सरकारों द्वारा कई कानून भी बनाये गए पर वह धरातल पर इतने प्रभावी साबित नही हुए तो वहीं दूसरी ओर पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनमोल तत्वज्ञान के आधार पर लाखों लोगों को नशे से मुक्ति दिलाई व इन लोगों ने आजीवन नशे से दूर रहने का दृढ़ निश्चय किया और आज खुशहाल जीवन जी रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी नशा करना तो दूर नशीली वस्तुओं को छूते भी नहीं हैं और ना ही किसी को लाकर देते हैं।
संत रामपाल जी महाराज का दहेज मुक्त अभियान
दहेज नाम की कुप्रथा का जब भी नाम लिया जाता है तब-तब नारियों के साथ हुए अत्याचार व कन्या भ्रूण हत्या का दुःखदाई मंजर सामने आता है, यह मानव समाज पर लगा ऐसा कलंक है जो मानवता को भी शर्मसार करता है, सरकारों ने भी इस दहेज नाम की कुप्रथा के अंत के लिए कई कानून बनाये पर वह कानून सिर्फ कागजी जामा पहने रह गए और लोग निर्भीक होकर दहेज लेते रहे, पर वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी अपने सत्संगों में बताते हैं दहेज लेना-देना दोनों ही महापाप हैं, वर पक्ष के लिए वधु पक्ष द्वारा दिया गया सबसे उत्तम दहेज वधु होती है। संत रामपाल जी महाराज के इन उपदेशों को सुनकर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी न तो दहेज लेते हैं और न ही दहेज देते हैं तथा बिल्कुल सादगी पूर्ण दहेज मुक्त विवाह करते हैं जिसे संत भाषा मे रमैनी कहा जाता है जो कि सिर्फ 17 मिनिट में सम्पन्न हो जाती है।
संत रामपाल जी महाराज जी की कल्याणकारी विचारधारा व उपदेशों के विषय में विस्तार से जानने के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ‘जीने की राह‘ का अवश्य अध्ययन करें।
स्वर्ण युग का आरम्भ हो चुका है!
समाजसुधारक संत रामपाल जी महाराज जी के इन अद्वितीय समाज सुधारों की झलक देखकर ऐसा कहना बिल्कुल उचित है कि एक नए युग का आरम्भ हो चुका है जिसे स्वर्ण युग की संज्ञा देना गलत नहीं होगा। स्वर्ण युग अर्थात कलयुग में सतयुग का माहौल। संत रामपाल जी महाराज जी महाराज जी की इस अद्वितीय विचारधारा से जुड़ने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा प्राप्त करें। तथा सत्संग श्रवण हेतु सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल विजिट करें।