November 29, 2025

बाढ़ से त्रस्त हरियाणा के हिसार जिले के गांव बिठमड़ा के लिए रक्षक बने संत रामपाल जी महाराज 

Published on

spot_img

हरियाणा के कई जिले इन दिनों बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलें डूब चुकी हैं, कई मकान पानी में समा गए और लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई। हिसार जिले की थी उकलाना तहसील का गांव बिठमड़ा सबसे ज़्यादा प्रभावित गांवों में शामिल है। यहां 150 से अधिक घर डूब गए और नरमा, बाजरा व धान जैसी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। गांववालों ने प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन ठोस समाधान सामने नहीं आया। ऐसे समय में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आए।

पंचायत की प्रार्थना और 24 घंटे में आदेश

गांव बिठमड़ा की पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज के चरणों में प्रार्थना रखी। आश्चर्यजनक रूप से केवल 24 घंटे के भीतर आदेश हुआ कि जो भी राहत सामग्री चाहिए, तुरंत गांव तक पहुंचाई जाए। आदेश मिलते ही उकलाना की फैक्ट्रियों (चिंतामणि पाइप फैक्ट्री, वर्धमान फैक्ट्री आदि) में रात-दिन काम शुरू हुआ और ट्रकों, ट्रॉलियों में भरकर सामग्री गांव तक रवाना की गई।

बिठमड़ा गांव को भेजी गई राहत सामग्री

संत रामपाल जी महाराज के आदेश अनुसार बिठमड़ा गांव को एक ही दिन में भेजा गया:

✔️ 25,000 फुट 8 इंची पाइप

✔️ 15,000 फुट 10 इंची पाइप

✔️ 6 बड़ी मोटरें (20 हॉर्स पावर)

✔️ 6 स्टार्टर

✔️ 1,000 मीटर वायर

इन संसाधनों की मदद से गांव से पानी निकालने का काम तुरंत शुरू कर दिया गया। ग्रामीणों के मुताबिक, यह मदद उनके लिए जीवनरेखा बनकर आई।

अन्य गांवों को भी मिली त्वरित सहायता

सिर्फ बिठमड़ा ही नहीं, बल्कि आसपास के बाढ़ प्रभावित गांवों में भी तात्कालिक राहत भेजी गई। कुछ गांवों के उदाहरण इस प्रकार हैं:

गांव का नाम और भेजी गई सामग्री

  • मंडाना ➡️ 10,000 फीट 8 इंची पाइप, 3 मोटरें (20 HP)
  • खानपुर (हिसार) ➡️ 12,000 फीट 8 इंची पाइप, 5 मोटरें (15 HP), 1,000 फुट तार
  • सरसौद (हिसार) ➡️3,500 फीट पाइप, 4 मोटरें (20 HP)
  • खेदड़ (हिसार) ➡️ 44,000 फीट पाइप, 5 मोटरें (15 HP), 600 फुट तार
  • गुराना ➡️ 16,500 फीट पाइप, 6 मोटरें (15 HP), 4 सबमर्सिबल पंप
  • सुरेवाला ➡️ 9,000 फीट पाइप, 2 मोटरें (20 HP), 500 फुट तार

इसी तरह हिसार, फतेहाबाद और नज़दीकी जिलों के अन्य गांवों मतलोड़ा, दौलतपुर, लितानी, सिंधड़, ज्ञानपुरा, ब्यानाखेड़ा आदि को भी हजारों फीट पाइप, मोटरें और तार मुहैया कराए गए।

सिर्फ हरियाणा ही नहीं, अन्य राज्यों तक भी पहुंची राहत

यह सेवा अभियान केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रहा। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भी खाद्य सामग्री, पीने का पानी और अन्य ज़रूरी मदद लगातार भेजी जा रही है।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया: “यह मदद सिर्फ़ भगवान ही कर सकता है”

गांव बिठमड़ा और आसपास के पंचायत प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक रूप से संत रामपाल जी महाराज का आभार जताया। ग्रामीणों ने कहा कि जहां सरकार और प्रशासन असफल रहे, वहां 24 घंटे के भीतर इतनी बड़ी मदद मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं।

Also Read: दौलतपुर गांव की बाढ़ त्रासदी और संत रामपाल जी महाराज की अभूतपूर्व मदद

पंचायत ने शॉल भेंट कर धन्यवाद दिया और यह भरोसा दिलाया कि भेजी गई सामग्री का सही उपयोग होगा और निर्धारित समय में गांव से पानी बाहर निकाल दिया जाएगा।

क्यों विशेष है यह सेवा अभियान?

  • गति: केवल 24 घंटे में राहत सामग्री पहुंचाई गई।
  • पारदर्शिता: पंचायतों से लिखित निवेदन लेकर ही सामग्री दी गई।
  • विस्तार: केवल एक गांव नहीं, बल्कि कई जिलों और राज्यों तक मदद पहुंचाई गई।
  • मानवीय संवेदना: संकट की घड़ी में बिना किसी भेदभाव के सेवा की गई।

मानवता की नई मिसाल

हरियाणा के बाढ़ग्रस्त गांवों में संत रामपाल जी महाराज की सेवा ने यह साबित कर दिया कि सच्ची मानवता केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से दिखती है। जहां हज़ारों लोग पानी में घिरे थे, वहां पाइप, मोटरें और समर्सिबल पंप पहुंचाकर समय पर राहत देना ग्रामीणों के लिए जीवनदान से कम नहीं।

सेवा से उपजा नया विश्वास

आज बिठमड़ा सहित आसपास के गांवों के लोग कह रहे हैं कि यह मदद उनके जीवन को नई राह दे रही है। खेतों से पानी निकलने के बाद खेती फिर से संभव होगी, पशुओं को चारा मिल सकेगा और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पटरी पर लौट पाएगी।

समाज के लिए नई राह

यह अभूतपूर्व सेवा केवल राहत सामग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज को यह संदेश देती है कि संकट की घड़ी में धर्म और मानवता का सही रूप सेवा ही है। संत रामपाल जी महाराज ने यह दिखा दिया कि एक पूर्ण संत किस तरह हज़ारों ज़िंदगियों को राहत दे सकता है। हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में संत रामपाल जी महाराज द्वारा चलाया गया यह सेवा अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। 

FAQs on हरियाणा का बिठमड़ा गांव, बाढ़ राहत अभियान संत रामपाल जी महाराज द्वारा

Q1. गांव बिठमड़ा को संत रामपाल जी महाराज द्वारा कितनी राहत सामग्री भेजी गई?

Ans: गांव बिठमड़ा को 25,000 फुट 8 इंची पाइप, 15,000 फुट 10 इंची पाइप, 6 मोटरें (20 HP), 6 स्टार्टर और 1,000 मीटर वायर भेजे गए।

Q2. क्या राहत सामग्री केवल हरियाणा तक सीमित रही?

Ans: नहीं, यह अभियान हरियाणा तक सीमित नहीं रहा। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों में भी खाद्य सामग्री और आवश्यक मदद पहुंचाई गई।

Q3. राहत सामग्री कितने समय में गांवों तक पहुंचाई गई?

Ans: पंचायतों से प्रार्थना मिलने के बाद मात्र 24 घंटे के भीतर संत रामपाल जी महाराज के आदेश अनुसार सामग्री तैयार कर गांवों तक पहुंचा दी गई।

Q4. किन-किन गांवों को राहत सामग्री दी गई?

Ans: बिठमड़ा, मंडाना, खानपुर, सरसौद, खेदड़, गुराना, सुरेवाला, मतलोड़ा, दौलतपुर, सिंधड़, ज्ञानपुरा, ब्यानाखेड़ा सहित दर्जनों गांवों को पाइप, मोटरें और तार उपलब्ध कराए गए।

Q5. ग्रामीणों ने इस सेवा पर कैसी प्रतिक्रिया दी?

Ans: ग्रामीणों ने इसे दैवीय मदद और जीवनरेखा बताया। पंचायतों ने संत रामपाल जी महाराज जी को शॉल भेंट कर धन्यवाद दिया और कहा की यह सेवा बाढ़ प्रभावित गांवों को नई उम्मीद दे रही है।

Latest articles

बाढ़ संकट में किसानों का सहारा बने संत रामपाल जी महाराज: खेड़ी आसरा गांव में हुआ अभूतपूर्व स्वागत

खेड़ी आसरा गांव: बीते समय भारत के उत्तरी भू भाग में बाढ़ आई और...

जर्दकपुर गांव में बाढ़ से त्रस्त किसानों को संत रामपाल जी महाराज से मिली बड़ी राहत

हरियाणा के झज्जर जिले के जर्दकपुर गांव में इस वर्ष बाढ़ ने भारी तबाही...

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज को 7 दिसंबर को किसान और समाज के कल्याण के लिए ‘किसान मसीहा सम्मान’ से किया जाएगा सुशोभित 

हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए किए गए अभूतपूर्व सेवा कार्यों और समाज...
spot_img

More like this

बाढ़ संकट में किसानों का सहारा बने संत रामपाल जी महाराज: खेड़ी आसरा गांव में हुआ अभूतपूर्व स्वागत

खेड़ी आसरा गांव: बीते समय भारत के उत्तरी भू भाग में बाढ़ आई और...

जर्दकपुर गांव में बाढ़ से त्रस्त किसानों को संत रामपाल जी महाराज से मिली बड़ी राहत

हरियाणा के झज्जर जिले के जर्दकपुर गांव में इस वर्ष बाढ़ ने भारी तबाही...