बाढ़ में डूबा था गाँव, एक रात में सब बदल गया। यह कहानी हरियाणा के रोहतक जिले के भैणी भैरों गाँव की है, जहाँ प्रकृति के प्रकोप ने जीवन थाम दिया था। लगभग दो महीने तक गाँव जलमग्न रहा, खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, घरों में दरारें आ गईं और पशुओं के लिए चारा खत्म हो गया। करीब 1000 एकड़ भूमि पानी में डूबी हुई थी। प्रशासनिक सहायता की कोई उम्मीद नहीं बची थी। तभी ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर देखा कि पास के गाँवों में संत रामपाल जी महाराज की टीम बाढ़-राहत का कार्य कर रही है। वहीं से भैणी भैरों की टूटी उम्मीदों में नई रोशनी जगी।
ग्राम पंचायत की प्रार्थना: “हमारी सुनिए, महाराज जी!”
गाँव के सरपंच प्रतिनिधि नवीन जी के नेतृत्व में पूरी पंचायत बरवाला पहुँची और वहाँ मौजूद संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों को अपनी समस्या बताई। ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी के चरणों में एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें निम्न सामग्री की माँग की प्रार्थना की गई:
- दो 20 हॉर्स पावर की बड़ी मोटरें
- 20,000 फीट लंबा 8 इंची पाइप
गांव के सरपंच ने कहा
“गाँव में दो महीने से पानी भरा हुआ है। सरकार से कोई ठोस मदद नहीं मिली। हमें सिर्फ़ संत रामपाल जी महाराज से ही उम्मीद है।”
24 घंटे में चमत्कार: मंजूरी और सामग्री दोनों
संत रामपाल जी महाराज के सेवादारों ने आवेदन तुरंत गुरुजी के चरणों में पहुँचाया। किसी को विश्वास नहीं था कि जवाब इतनी जल्दी आएगा, महज़ 24 घंटे में प्रार्थना को मंज़ूरी मिल गई। रात के अंधेरे में ही राहत सामग्री से भरे ट्रक भैणी भैरों की ओर रवाना हो गए।

गाँव में पहुँचाई गई राहत सामग्री में शामिल थे:
- दो 20 HP मोटरें
- 20,000 फीट पाइप
- दो स्टार्टर सेट
- 80 किलो फेविकॉल, वाल्व, रिड्यूसर, असेंबली, पीवीसी पाइप, नट-बोल्ट और हर आवश्यक सामान
संत रामपाल जी महाराज ने इतना सूक्ष्म ध्यान रखा कि ग्रामीणों को किसी भी चीज़ के लिए बाज़ार न भागना पड़े। यह सिर्फ़ राहत नहीं, बल्कि जीवनदान था।
गाँव की आवाज़: “सरकार ने वादे किए, संत रामपाल जी ने काम किया”
भैणी भैरों के ग्रामीणों ने भावुक होकर कहा, “हमने 24 घंटे पहले अर्जी लगाई थी और अगली रात ट्रक पहुँच गए। ऐसा चमत्कार तो भगवान ही कर सकते हैं।”
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि ने कहा, “दो 20 एचपी मोटरें, 20,000 फुट पाइप और हर छोटा-बड़ा सामान, सब कुछ गुरुजी ने दिया। प्रशासन जहाँ दो महीने सोचता रहा, वहाँ संत रामपाल जी महाराज ने एक रात में कर दिखाया।”

गाँव के निवासी संजीत ने कहा, “पहली फसल बर्बाद हो गई थी और अगली बुवाई की कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन संत रामपाल जी ने हमें नया जीवन दे दिया।”
संत रामपाल जी के सख्त आदेश: “अब पानी किसी भी हाल में निकलना चाहिए”
संत रामपाल जी महाराज की ओर से ग्राम पंचायत को एक विशेष निवेदन पत्र दिया गया।
“यदि दी गई राहत सामग्री से तय समय में पानी नहीं निकाला गया और फसल की बिजाई नहीं हुई, तो भविष्य में ट्रस्ट की ओर से कोई सहायता नहीं दी जाएगी। पानी हर हाल में निकालना है।”
साथ ही आदेश मिला कि गाँव की तीन ड्रोन वीडियोज़ तैयार होंगीं;
1. जब गाँव पानी में डूबा था
2. जब पानी निकल जाएगा
3. जब नई फसल लहराएगी
इन वीडियोज़ को सतलोक आश्रम के समागमों में दिखाया जाएगा, ताकि संगत को यह प्रमाण मिले कि उनका दान वास्तविक सेवा में लगा है।
“मैं खुद किसान परिवार से हूँ”: किसानों के लिए संत रामपाल जी महाराज जी का दर्द
संत रामपाल जी महाराज ने कहा, “मैं स्वयं किसान परिवार से हूँ, किसानों का दर्द जानता हूँ। यह केवल फसल नहीं, बल्कि 36 बिरादरी की आजीविका का सवाल है। सभी ग्रामीण एकजुट होकर जल्द से जल्द पानी निकालें ताकि गेहूं की बुवाई हो सके।”
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उनके संदेश में यह भी बताया गया कि जिन गाँवों को यह मोटरें और पाइप दिए गए हैं, वे भविष्य में भी लाभान्वित होंगे; क्योंकि ये उपकरण स्थायी समाधान हैं, जिससे भविष्य की बाढ़ में भी तुरंत पानी निकाला जा सकेगा।
गाँव में लौटी उम्मीद
सरपंच और पंचों ने संत रामपाल जी महाराज के आदेश को स्वीकार किया और सभी ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर आश्वासन दिया कि वे मिल-जुलकर 15 दिनों के भीतर पानी निकाल देंगे।

“हम संत रामपाल जी महाराज का दिल से धन्यवाद करते हैं। उनके आदेश का पूरा पालन करेंगे,” सरपंच प्रतिनिधि नवीन जी ने कहा। अब गाँव में फसल की नई उम्मीद जगी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ मदद नहीं, बल्कि “एक चमत्कार” है जिसने उनका भविष्य बदल दिया।
मदद नहीं – “जीवनदान” है
सभी गांवों की श्रृंखला में, भैणी भैरों गाँव की यह कहानी भी यही साबित करती है कि जब सब रास्ते बंद हो जाते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज जी ही सच्चे मसीहा बनकर सामने आते हैं। संत रामपाल जी महाराज की त्वरित सेवा ने न केवल बाढ़ में फँसे गाँव को राहत दी, बल्कि किसानों को उनके भविष्य की सुरक्षा का भरोसा भी दिया। यह केवल मदद नहीं बल्कि पूरे गांव के लिए “जीवनदान” है।
भैणी भैरों, रोहतक गांव बाढ़ के पानी में डूबा था, इससे जुड़े FAQs
1. भैणी भैरों गाँव में कितना नुकसान हुआ था?
Ans. करीब 1000 एकड़ जमीन और पूरी धान की फसल बर्बाद हो गई थी।
2. ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी से क्या माँग रखी थी?
Ans. दो 20HP मोटरें, 20,000 फीट 8-इंची पाइप और आवश्यक उपकरण।
3. भैणी भैंरों गांव को राहत कितनी जल्दी पहुँचाई गई?
Ans. सिर्फ 24 घंटे में मंज़ूरी और उसी रात राहत सामग्री गाँव में पहुँच गई।
4. राहत सामग्री में क्या-क्या शामिल था?
Ans. दो मोटरें, स्टार्टर, 80 किलो फेविकॉल, वाल्व, रिड्यूसर, असेंबली, नट-बोल्ट, पीवीसी पाइप आदि।
5. संत रामपाल जी महाराज का किसानों के लिए क्या संदेश था?
Ans. “पानी किसी भी हाल में निकालना चाहिए। यह फसल नहीं, 36 बिरादरी के जीवन का सवाल है।”