हरियाणा के भिवानी जिले के बरसी जाटान गांव की कहानी सिर्फ बाढ़ में डूबे खेतों की नहीं, बल्कि उस टूटे हुए भरोसे को फिर से जोड़ने की है, जिसे संत रामपाल जी महाराज के ‘बाढ़ राहत सेवा अभियान’ ने फिर से स्थापित किया है। गाँव के खेत 3 से 5 फुट गहरे पानी में डूबे थे, जिससे किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थीं और अगली गेहूं की फसल की उम्मीद भी डूब चुकी थी। सरकारी दफ्तरों से कोई समाधान न मिलने पर, सरपंच सतीश कुमार के नेतृत्व में ग्राम पंचायत ने पड़ोसी गांव में हो रहे संत रामपाल जी महाराज के राहत कार्यों की जानकारी ली। इसके बाद, पंचायत ने अपनी आखिरी उम्मीद लेकर बरवाला स्थित मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के कार्यालय में जाकर संत रामपाल जी महाराज के चरणों में एक प्रार्थना पत्र दिया।
बरसी जाटान बाढ़ राहत घटनाक्रम का सारांश
- हरियाणा के बरसी जाटान गांव में 3-5 फुट जलभराव से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और अगली फसल की उम्मीद टूटी।
- सरकारी दफ्तरों से समाधान न मिलने पर, सरपंच के नेतृत्व में ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज से मदद मांगी।
- पंचायत ने बरवाला स्थित मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट में 15 HP की दो मोटर और 7000 फुट पाइप के लिए प्रार्थना पत्र दिया।
- कुछ ही दिनों में, संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार संत रामपाल ने दो बड़ी 15 HP मोटरें और 7000 फुट उच्च गुणवत्ता वाले पाइप गांव में पहुँचाए।
- ग्रामीणों ने इस मदद को “जीवन दान” बताया और सरकारी सहायता से विफल होने के बाद, संत रामपाल जी महाराज को परमात्मा का रूप कहकर धन्यवाद किया।
- संत रामपाल जी महाराज जी की ओर से ग्रामीणों को पानी जल्द निकालने और भविष्य की आपदा से बचने के लिए मोटर-पाइप को जमीन में दबाकर स्थायी समाधान करने का सख्त आदेश दिया गया।
- पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज को मोमेंटो भेंट किया और उनके आदेशों का पालन करने और भविष्य में सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने का वचन दिया।
प्रार्थना पत्र लेकर ग्राम पंचायत मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के दफ्तर पहुंची

बरसी जाटान के सरपंच सतीश कुमार और ग्राम पंचायत के सदस्यों ने अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए बरवाला स्थित मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट के कार्यालय में जाकर संत रामपाल जी महाराज के चरणों में प्रार्थना पत्र सौंपा। यह कदम तब उठाया गया, जब सरकारी प्रयासों से उन्हें कोई ठोस सहायता नहीं मिली। हर जगह से हारने के पश्चात व्यक्ति भगवान की शरण में जाता है। अब ग्रामीणों की आखिरी उम्मीद संत रामपाल जी महाराज थे, इस समय वे संत रामपाल जी महाराज को भगवान स्वरूप ही देख रहे थे। प्रार्थना पत्र में उनके द्वारा की गई मांगे निम्नलिखित है ।
ग्रामीणों की माँग
ग्राम पंचायत ने गाँव से जल निकासी के लिए निम्नलिखित सामग्री की माँग की थी:
- दो 15 हॉर्स पावर (HP) की मोटरें।
- 7000 फुट पाइप।
संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदान की गई संपूर्ण राहत सामग्री की सूची
अर्जी देने के कुछ ही दिनों के भीतर मदद का एक विशाल काफिला बरसी जाटान गांव पहुँच गया। यह मदद किसी चमत्कार से कम नहीं थी। इस सामग्री में शामिल थे:

- दो बड़ी 15 हॉर्स पावर (HP) की मोटरें (माँग से काफी अधिक क्षमता)।
- 7000 फुट 8 इंची उच्च गुणवत्ता वाले पाइप।
- स्टार्टर, केबल और मोटर चलाने के लिए आवश्यक हर छोटा-बड़ा सामान।
संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट ने सुनिश्चित किया कि यह मदद आधी-अधूरी न हो, बल्कि एक संपूर्ण समाधान हो। गाँव को प्रदान की गई सामग्री का विवरण निम्नलिखित है:
| सामग्री का प्रकार | विवरण/स्पेसिफिकेशन | संख्या/मात्रा |
| शक्तिशाली मोटरें | 15 हॉर्स पावर (HP) | 2 यूनिट |
| जल निकासी पाइपलाइन | 8 इंची मोटी पाइप, जो खास तौर पर इसी काम के लिए प्रयोग होती है। | 7,000 फुट |
| मोटर स्टार्टर | ऑटोमेटिक स्टार्टर | 2 यूनिट |
| जॉइंटिंग किट | बैंड, वाल्व, जॉइंटर, केबल, नट-बोल्ट और वो सारा सामान जो कनेक्शन के लिए प्रयोग होता है। | पूर्ण सेट |
यह सामग्री संत रामपाल जी महाराज द्वारा उपलब्ध करवाई गई, ताकि ग्रामीणों को किसी भी तरह की परेशानी न हो और जल निकासी का कार्य शीघ्रता से शुरू हो सके।
गाँव वालों ने जताया आभार और सेवादारों का हुआ स्वागत
गाँव में राहत सामग्री पहुंचने पर सरपंच सतीश कुमार और समस्त ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज का हार्दिक स्वागत और धन्यवाद किया।
सरपंच सतीश कुमार का वक्तव्य पढिए
सरपंच सतीश कुमार ने संत रामपाल जी महाराज और उनकी टीम का हृदय से धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि गाँव में दो-ढाई महीने से पानी का भराव था, जिससे निपटने में सरकार से भी उनका काम पूरा नहीं हो सका। लेकिन महाराज जी की कृपा से यह मदद मिली। उन्होंने पूरे गांव की तरफ से महाराज जी को विश्वास दिलाया कि यदि उन्हें कभी भी कोई आवश्यकता पड़ी, तो बरसी जाटान के लोग उनके लिए आधी रात को भी तैयार खड़े मिलेंगे।
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राहत सामग्री पाकर ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने इसे केवल मदद नहीं, बल्कि एक जीवन दान बताया और संत रामपाल जी महाराज को परमात्मा का रूप बताया।
- समस्त ग्रामवासियों ने संत रामपाल जी महाराज का हार्दिक धन्यवाद किया।
- गाँव वालों ने कहा कि यह काम तो परमात्मा ही कर सकते हैं, क्योंकि जब सरकार भी विफल हो गई थी, उस परिस्थिति में संत रामपाल जी महाराज ने मदद की है।
- ग्राम पंचायत ने संत रामपाल जी महाराज को धन्यवाद स्वरूप एक स्मृति चिन्ह (मोमेंटो) भेंट किया।
ये किसी भी रूप में छोटी बात नहीं है कि हजारों लोग संत रामपाल जी महाराज को भगवान बताने लगे। इसके पीछे गहन चिंतन है, सोच है। संत रामपाल जी महाराज को भगवान का दर्जा देने से पहले उनका मन हजार विचार आए होंगे। ये वही हरियाणा की धरती है जहां किसी समय में संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान का घोर विरोध हुआ करता था। अब संत रामपाल जी महाराज के प्रति इन कोमल शब्दों का, दिए जा रहे मोमेंटों आदि उपहारों या भेंट का, और भगवान के दर्जे का अपने आप में बहुत बड़ा मायना है। इसको समझने के लिए आपको भी बैठकर सोचना होगा, विचार करना होगा कि उस समय विरोध का कारण क्या था, और आज जब दुनिया के सामने सच्चाई आई है तो उस समय हमें जो दिखाया बताया जा रहा था वो क्या था। बस इसी सवाल के जवाब में काफी तथ्य निहित है ।
संत रामपाल जी महाराज का विशेष निवेदन पत्र
राहत सामग्री सौंपते समय, संत रामपाल जी महाराज की ओर से ग्राम पंचायत को एक विशेष निवेदन पत्र दिया गया। यह पत्र ग्रामीणों के लिए एक सख्त आदेश था, जो संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों के दान के पैसों के सदुपयोग को सुनिश्चित करता है।
निवेदन पत्र के मुख्य बिंदु:
- तत्काल जल निकासी: सामग्री मिलने पर ग्रामवासी मिलकर जल्द से जल्द पानी को गांव से बाहर निकालें ताकि अगली गेहूं की फसल की बिजाई हो सके।
- पानी न निकलने पर परिणाम: यदि दी गई सामग्री से निर्धारित समय पर पानी नहीं निकलता है और फसल की बिजाई नहीं हुई, तो ट्रस्ट आगे से गांव की कोई मदद नहीं करेगा।
- अधिक सामग्री का विकल्प: आवश्यकता होने पर ग्रामीण संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना करके और भी आवश्यक सामान ले सकते हैं, क्योंकि संत रामपाल जी महाराज जी ने कहा है कि सामान चाहे कितना भी लगे, लेकिन गांव से पानी निकलना चाहिए।
- सेवा का प्रमाण: ट्रस्ट ने पानी भरे गांव का ड्रोन से वीडियो बनाया है। पानी निकलने के बाद दूसरी वीडियो बनाई जाएगी और जब फसल लहराएगी तब तीसरी वीडियो बनाई जाएगी। इन तीनों वीडियो को समागमों में दिखाकर संगत को विश्वास दिलाया जाएगा कि उनके दान का कोई दुरुपयोग नहीं होता।
बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान
संत रामपाल जी महाराज ने बरसी जाटान को केवल अस्थायी मदद नहीं दी, बल्कि भविष्य के लिए एक स्थायी समाधान भी प्रदान किया।
- मोटर और पाइप एक वरदान: संत जी के आदेश पर सेवादारों ने ग्रामीणों को बताया कि दी गई पाइप और मोटरें उनके लिए वरदान सिद्ध होंगी।
- जमीन में दबाने का सुझाव: ग्रामीणों से आग्रह किया गया कि वे इन पाइपों को अपनी जमीन में दबा लें ताकि जब भी बारिश हो और पानी भरे, तो वे तुरंत मोटर चलाकर पानी निकालना शुरू कर सकें।
- आपदा से बचाव: इस तरह, यह प्रणाली बाढ़ की समस्या का सदा के लिए समाधान कर देगी, जिससे न तो वर्तमान की फसल खराब होगी और न आगे वाली फसल की बिजाई में कोई हानि होगी।
संत रामपाल जी महाराज ने कहा है कि वह स्वयं किसान परिवार से हैं और किसानों का दर्द समझते हैं। उनका कोमल हृदय दूसरों को दुख में देखकर पीड़ा से भर जाता है। जैसे एक माँ अपने बच्चे को दुखी नहीं देख सकती, ठीक उसी तरह संत के लिये हम सब बच्चे की तरह हैं, वो हमें पीड़ा में नहीं देख सकते।
जैसे कहा भी जाता है,
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
यानि आप ही मेरी माता हो, पिता हो, भाई बंधु हो, सखा हो, मेरे सच्चे साथी हो, मेरे भगवान भी आप ही हो। इसी भगवान संज्ञा से गाँव बरसी जाटान के लोगों ने संत रामपाल जी महाराज को संबोधित किया। संत रामपाल जी महाराज बरसी जाटान जैसे 300 से ज्यादा गांवों के लोगों के लिए भगवान बनकर उतरे ।



