बांग्लादेश में आरक्षण हटाने के लिए एक महीने पहले से छात्रों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। यह आंदोलन दिनोदिन अत्यधिक हिंसक होता नजर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक 100 के करीब लोगों की जान जा चुकी है। बीते शुक्रवार को बांग्ला सरकार ने छात्रों से बातचीत करने के लिए उन्हें अपने गणभवन में आमंत्रित किया था। जिसके बाद से छात्रों का गुस्सा और अधिक फुट गया और रविवार को प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस की जबरदस्त भिड़ंत हो गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई।
आंदोलन की शुरूआत क्यों हुई थी?
देश में बवाल सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे पर शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारी छात्र इस कथित विवादास्पद रिजर्वेशन सिस्टम को खत्म करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम (1971) में हिस्सा लेने वाले सैनिकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण देने का प्रावधान है।
हिंसक प्रदर्शन का विकराल रूप
प्रदर्शनकारी और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों के बीच भीषण झड़प में 14 पुलिसकर्मियों सहित अब तक 100 लोगों की मौत हो गई है, वहीं सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर भी है। इस हिंसा का देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक तानाबाना और मानवीय दिनचर्या पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। व्यापार और उद्योग काफी प्रभावित हुए हैं। स्कूल और कॉलेज बंद होने से शिक्षा व्यवस्था भी बाधित हुई है।
बातचीत के लिए पीएम ने किया प्रदर्शनकारी छात्रों को आमंत्रित
शुक्रवार को देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छात्रों को समझौते के लिए अपने गण भवन में आमंत्रित किया था। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह आमंत्रण अस्वीकार करके प्रधानमंत्री से इस्तीफे के मांग की है। अब यह प्रदर्शन और भी अधिक घातक हो चुका है। बीते रविवार को पुलिस और छात्रों के हुई झड़प में 18 लोगों की मौत हो गई जिसमें 14 पुलिसकर्मी शामिल हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों की अब सिर्फ एक ही मांग रह गई है कि प्रधान मंत्री शेख हसीना इस्तीफा दे दें।
पुलिस ने किए आँसू गैस और स्टन ग्रेनेड इस्तेमाल
रविवार को मामला ज्यादा गरमा गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले व स्टन ग्रेनेड छोड़े। जिससे वहां पर हिंसा ज्यादा भड़क गई और तोड़फोड़ तथा आगजनी की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिसमें काफी लोग घायल हो गए। तत्पश्चात बांग्ला प्रशासन ने शाम 6 बजे अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की।
भारतीयों को बांग्लादेश की यात्रा न करने की सलाह
भारत सरकार ने बांग्लादेश में हाल ही में भड़की हिंसा के मद्देनजर भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा पर रोक लगा दी है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों को अत्यंत सावधानी बरतने और अपनी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी जाती है।
क्या करें बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिक?
सुरक्षित स्थान पर रहें: सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
स्थानीय समाचारों से दूर रहें: हिंसा से जुड़ी किसी भी खबर से दूर रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
संपर्क में रहें: भारतीय उच्चायोग, ढाका के साथ लगातार संपर्क में रहें। आपातकालीन स्थिति में, आप निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
- +8801958383679
- +8801958383680
- +8801937400591