February 23, 2025

Anna Mani Google Doodle [Hindi]: मौसम महिला के नाम से मशहूर ‘अन्ना मणि’ के 104वें जन्मदिन पर गूगल ने खास डूडल बनाकर किया याद

Published on

spot_img

Anna Mani Google Doodle [Hindi]: 23 अगस्त को जब आप सबने गूगल ओपन किया होगा तो आपको एक नया और खास डूडल (Google Doodle) दिखाई दिया होगा, जिसमें आपको पेंटिग ब्रश लिए हुए, दीवार पर कुछ चित्रकारी करती हुई एक महिला नजर आ रही होगी। अब आप सोच रहे होंगे कि गूगल ने आज यह जो डूडल बनाया है इसके पीछे का की वजह क्या है? और डूडल में दिखने वाली यह महिला कौन है? यह शख्सियत कोई और नहीं, बल्कि मौसम महिला (Weather Woman of India) के नाम से मशहूर मौसम वैज्ञानिक अन्ना मणि (Anna mani) है जिनका डूडल बनाया गया। उनके 104वें जन्मदिन (Anna mani 104th Birthday) पर उन्हें याद किया गया। आइये जानते हैं विस्तार से।

Anna Mani Google Doodle [Hindi]: मुख्यबिन्दु

  • मौसम वैज्ञानिक अन्ना मणि को उनके 104वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद।
  • बहुत ही कम उम्र में ही किताबों से हो गया था अत्यंत घनिष्ठ लगाव।
  • भारतीय मौसम पूर्वानुमान में विशेष महत्वपूर्ण योगदान। 
  • मौसम विभाग से की नौकरी की शुरुआत।
  • भारत ही नहीं विश्व में बनाई पहचान।
  • दुनिया में नाम तो खूब कमाया पर मानव जीवन के मूल उद्देश्य की प्राप्ति से कोसों दूर रह गई अन्ना मणि।

अन्ना मणि कौन थीं (Who was Anna Mani)?

भारत की मौसम महिला कहे जाने वाली अन्ना मणि का जन्म भारत के केरल प्रांत के पीरूमेडु ग्राम में एक साधारण परिवार में 23 अगस्त 1918 को हुआ। बचपन से पढ़ाई में विशेष रुचि रखने वाली अन्ना मणि गांधीवादी विचारधारा की थी। खादी के कपड़े आजीवन पहनती रही। उनके मौसम के पूर्वानुमान के बारे में किए गए शोध विश्व प्रसिद्ध है। 

Anna Mani Google Doodle | क्या थी अन्ना मणि की बचपन में रुचि?

अन्ना मणि महज 12 वर्ष की थीं, तभी उन्होंने पुस्तकालय की बहुत सारी पुस्तकों का अध्ययन कर लिया था। जिसमें मलयालम भाषा के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा की पुस्तकें शामिल थीं। उन्होंने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से 1939 में भौतिकी और रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई में अधिक रुचि होने के कारण 1945 में वह लंदन चली गई। वहां उन्होंने इंपीरियल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त कर मौसम संबंधी विशेषज्ञता हासिल की।

अन्ना मणि का विशेष योगदान किस क्षेत्र में रहा (Anna Mani’s Contributions)?

अन्ना मणि भारत की पहली महिला थी जिन्होंने मौसम के क्षेत्र में इतनी रुचि दिखाई। मौसम और ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान संबंधी विशेष योगदान दिया। अन्ना मणि ने भारत के महान वैज्ञानिक सी वी रमन के मार्गदर्शन में काम किया था। उन्होंने सौर विकिरण और ओजोन परत पर प्रकाशन भी किया। 

■ Also Read | Oskar Sala Google Doodle : जानिए कौन थे ऑस्कर साला, जिनकी 112वीं जयंती पर गूगल ने बनाया डूडल 

अन्ना मणि ने नौकरी की शुरुआत कैसे की (Anna Mani’s Early Life)?

Anna Mani Google Doodle | 1945 में प्रेसीडेंसी कॉलेज से पढ़ाई कर अन्ना भारत वापस आईं और 1948 में मौसम विभाग में नौकरी की शुरुआत की। उनके द्वारा किए गए शोध और मौसमी जानकारी इतनी सटीक थी कि, उन्हें 1969 में भारतीय मौसम विभाग के उप महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने 1976 तक अपनी सेवाएं दी। अन्ना मणि के विशेष योगदान के लिए INSA K.R. RAMANATHAN मेडल से 1987 में सम्मानित किया गया।

उपकरण और प्रकाशन में क्या था प्रयास?

अन्ना मणि ने ओजोन मापन का उपकरण बनाया। भारत के खुद के लिए मौसम उपकरण बनाने के लिए 100 अलग-अलग मौसम उपकरणों के चित्रों का मानकीकरण किया। उन्होंने एक वर्कशॉप बेंगलुरु में स्थापित की जिसमे सौर ऊर्जा और पवन की गति के मापन के लिए विशेष उपकरण बनाया जा सका। 1957-58 सौर विकिरण मापन के लिए स्टेशनों का जाल बिछाया। सौर विकिरण, ओजोन परत, पवन ऊर्जा पर प्रकाशन भी किया।

अन्ना मणि का प्रसिद्ध नाम क्या है (Another Name for Anna Mani)?

ऐसा माना जाता है कि अन्ना मणि की बदौलत ही आज हम भारत में मौसम का सटीक पूर्वानुमान लगा पा रहे हैं अन्ना मणि को उनके शोध कार्यों की वजह से मौसम महिला (Weather Woman of India) के नाम से भी जाना जाता है। अन्ना मणि ने विदेश के अनेकों मौसम संस्थानों में भी काम किया, लगातार वहां भी योगदान दिया। जिससे उन्हें विशेष पहचान मिली। भारत के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

अन्ना मणि की मृत्यु कब तथा कैसे हुई (Anna Mani’s Death)?

Anna Mani Google Doodle | अन्ना मणि को 1994 में स्ट्रोक होने के कारण बीमारी का सामना करना पड़ा। और अंततः लगातार बीमारी से जूझने के बाद 16 अगस्त 2001 को तिरुवंतपुरम में उनकी मृत्यु हो गयी।

मानव जीवन के प्रधान उद्देश्य की प्राप्ति से वंचित रह गईं अन्ना मणि?

अन्ना मणि ने मौसम के क्षेत्र में विशेष नई जानकारी देश और दुनिया को दी है। आज उसकी विशेष पहचान बनी है। यही कारण है कि गूगल ने भी उनके 104वें जन्मदिन पर विशेष डूडल बनाकर सम्मानित किया है। अपना जीवन मौसम के प्रति समर्पित करने वाली अन्ना मणि जीवन के मूल उद्देश्य से वंचित रह गईं। मानव जीवन का मूल उद्देश्य परमात्मा प्राप्ति है, जिसका मार्ग तत्वदर्शी संत बताते हैं। अधिकतर लोगों का जन्म इसी तरह व्यर्थ हो रहा है। परमात्मा की दी हुई प्राकृतिक वस्तुओं पर अनुसंधान कर मानव अपने को श्रेष्ठ मानने लगता है और परमात्मा से दूर हो जाता है, जिसकी बहुत बड़ी कीमत इस जीव को मृत्यु के बाद चौरासी लाख योनियों में कष्ट पर कष्ट उठाकर चुकानी पड़ती है।

विज्ञान से सिर्फ आपदाओं का पूर्वानुमान सम्भव है पूर्ण रोकथाम या बचाव नहीं

अभी तक हमने ऐसे आविष्कार देखे है जो मानव को सुविधा तो देते हैं, लेकिन मानव विनाश का महाकारण भी बन जाते हैं, जैसे मिसाइल, परमाणु बम। ये आविष्कार दुनिया को विनाश की भट्टी में झोंक देते हैं। 

वर्तमान में विश्व में चारों तरफ अशांति फैली है, सुख और शांति का नामोनिशान नही है, हमारे न चाहते हुए भी, हम बीमार पड़ जाते है, न चाहते हुए लाखों का नुकसान हो जाता है, यहां तक की हमारी मृत्यु भी न चाहते हुए हो जाती है। इन आपदाओं से पूर्ण बचाव का सिर्फ एक ही उपाय है वह उपाय पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी पास है। उनके द्वारा बताए गए भक्ति मार्ग को अपनाकर आजीवन मर्यादा में रहकर जन्म-मरण रूपी दीर्घ रोग से छुटकारा पाकर अपने वास्तविक घर पहुंचे, जहां किसी प्रकार का कोई दुख नही है, न ही जन्म-मरण रूपी कष्टदाई रोग है। अधिक जानकारी के लिए आज ही गूगल प्ले स्टोर से Sant Rampal Ji Maharaj App डाऊनलोड करें।

FAQ About Anna Mani (अन्ना मणि के बारे में योग्य प्रश्नोत्तरी)

Q. कौन थीं अन्ना मणि?

Ans. दुनिया को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी की खोज करने वाली मशहूर मौसम वैज्ञानिक थीं अन्ना मणि।

Q. अन्ना मणि को और अन्य किस नाम से जाना जाता है (Anna mani’s famous name)? 

Ans. अन्ना मणि को मौसम विज्ञान के क्षेत्र ने अविस्मरणीय योगदान के कारण मौसम महिला (Weather Woman of India) के नाम से भी जाना जाता है।

Q. अन्ना मणि का जन्म कब तथा कहाँ हुआ था?

Ans. भारत के केरल प्रांत के पीरूमेडु नामक स्थान पर 23 अगस्त 1918 को हुआ था।

Q. अन्ना मणि की म्रत्यु कब हुई?

And. बीमार अवस्था में 16 अगस्त 2001 को तिरुवंतपुरम में अन्ना मणि की मृत्यु हो गई थी।

Q. आखिर क्या है मानव जीवन का असली उद्देश्य?

Ans. मानव जीवन का असली उद्देश्य परमात्मा प्राप्ति है।

Latest articles

Maha Shivratri Puja 2025: Path to Salvation or mere Ritual?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Maha Shivratri 2025 Puja: India is a...

World Peace and Understanding Day 2025: A Call for Global Harmony and Collective Responsibility

World Peace and Understanding Day 2025: The day is celebrated to restore the lost...

International Mother Language Day 2025: What Is the Ultimate Language of Unity? 

Last Updated on 20 February 2025 IST: International Mother Language Day: Every year on...

World Day Of Social Justice 2025: Know How Social Justice Can be Achieved for Everyone!

Last Updated on 19 February 2025 IST: World Day of Social Justice is also...
spot_img

More like this

Maha Shivratri Puja 2025: Path to Salvation or mere Ritual?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Maha Shivratri 2025 Puja: India is a...

World Peace and Understanding Day 2025: A Call for Global Harmony and Collective Responsibility

World Peace and Understanding Day 2025: The day is celebrated to restore the lost...

International Mother Language Day 2025: What Is the Ultimate Language of Unity? 

Last Updated on 20 February 2025 IST: International Mother Language Day: Every year on...