November 15, 2025

Andhra Pradesh Train Accident [Hindi]: आंध्र ट्रेन दुर्घटना में 13 की मौत, 50 घायल, मानवीय भूल के कारण टक्कर की आशंका

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Andhra Pradesh Train Accident [Hindi]: आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में रविवार (29 अक्टूबर) को दो पैसेंजर ट्रैन 08532 विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर और 08504 विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर स्पेशल में टक्कर हो गई। इस रेल हादसे में 13 लोगों की मौत हुई है, जबकि 50 यात्री घायल हुए हैं। प्रशासन द्वारा मृतकों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया है। प्रधानमंत्री और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने इस ट्रेन हादसे को लेकर दुख जताया है। अब सोचने वाली बात ये है कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी के इस आधुनिक युग में इतनी तकनीकी सहायता के बावजूद आखिरकार यह भयानक हादसा कैसे हो गया? जानने के लिए कृपया यह पूरा लेख विस्तार से पढ़ें।

Andhra Pradesh Train Accident [Hindi]: मुख्य बिंदु

  • रविवार 29 अक्तूबर की रोज दो पैसेंजर ट्रैन 08532 विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर और 08504 विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर स्पेशल में टक्कर हो गई।
  • प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, टक्कर का कारण विशाखापत्तनम-रायगड़ा ट्रेन के सिग्नल का ओवरशूटिंग के कारण मानवीय त्रुटि होने की आशंका है।
  • ट्रेन त्रासदी के मद्देनजर भारत भर में कई ट्रेनों को डायवर्ट, रद्द या शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया है।
  • पीएम मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है, जबकि घायल व्यक्तियों को वित्तीय सहायता के रूप में 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
  • रेल मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और बचाव कार्यों में सहायता के लिए दुर्घटना राहत ट्रेनें और अन्य बचाव उपकरण भेजे गए हैं।
  • पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति करने से अकाल मृत्यु भी टल सकती है।

कब और कैसे हुआ ट्रेन हादसा (Andhra Pradesh Train Accident)?

आंध्र प्रदेश में रविवार (29 अक्टूबर) को दो ट्रेनों की टक्कर हो गई। विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन और विशाखापत्तनम-रगडा पैसेंजर ट्रेन के बीच टक्कर के कारण आंध्र प्रदेश के अलामंदा और कंटाकापल्ले शहरों के बीच ट्रेन पटरी से उतर गई। अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना एक यात्री ट्रेन के सिग्नल से आगे निकल जाने के कारण हुई। विशाखापत्तनम से पलासा जा रही ट्रेन सिग्नल न होने के कारण कोथसावत्सला के पास अलामंदा और कंटाकपल्ले के बीच पटरियों पर रुकी थी, तभी विजाग-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन ने उसे टक्कर मार दी, जिससे तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। मिली जानकारी के अनुसार 08532 विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन के आगे के 11 डिब्बे विजयनगरम के अगले स्टेशन, अलमांडा तक पहुंच गए हैं, जबकि 08504 विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के नौ पीछे के डिब्बों को पिछले स्टेशन, कंटाकपल्ले तक वापस खींच लिया गया है।

प्रधान मंत्री मोदी और मुख्य मंत्री रेड्डी ने मृतकों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की

आंध्र ट्रेन टक्कर में मरने वालों की संख्या 13 तक पहुंच गई है, विजयनगरम जिले में बचाव अभियान जारी है। मृतकों में से सात की पहचान हो चुकी है जबकि बाकी लोगों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। हादसे में कुल 54 लोग घायल हुए, जिनमें से 39 को विजयनगरम अस्पताल में और बाकी को इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश ट्रेन दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से ₹2 लाख और घायलों के लिए ₹50,000 की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

Andhra Pradesh Train Accident [Hindi] | आंध्रप्रदेश के मुख्य मंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह वित्तीय सहायता आंध्र प्रदेश के रहने वाले लोगों के लिए है। इस बीच, जिनकी मृत्यु हुई, लेकिन अन्य राज्यों के थे, उन्हें दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे। आंध्र प्रदेश के यात्रियों को जो गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें प्रत्येक को 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा, और अन्य राज्यों के यात्रियों को 50,000 रुपये मिलेंगे।

प्रशासन की लगातार कोशिशों के बाद भी ट्रेन हादसे क्यों?

हादसे के उपरांत ट्रैक पर आने जाने वाली सभी ट्रेन के 33 रूट  बदलने पड़े। माना जा रहा है कुछ ट्रेन रद्द भी हुई है। यह हादसा अलामन्दा और कंटकपल्ली रेलवे स्टेशन के बीच हुआ है। इस हादसे से वहां की इलेक्ट्रिक लाइन भी उखड़ गयी है। जिसके कारण वह पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब गया है। इस हादसे में मानवीय गलती की आशंका जताई जा रही है। आज मानव जीवन दुर्घटना का होना आम बात सी हो गई है। बड़ा दुख होता है कि इस तरीके के हादसे सुनकर व देखकर कि हम अपने परिवार और समाज के लिए इतनी मेहनत करते है और इस प्रकार के हादसों में एक पल में परिवार का कोई सदस्य या पूरा का पूरा परिवार समाप्त हो जाता है। जून में, ओडिशा रेल हादसे में लगभग 300 लोग मारे गए। अगस्त में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई जब दक्षिण भारत में एक यात्री द्वारा चाय बनाने कि कोशिश के दौरान खड़ी एक बोगी में आग लग गई।

क्या अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है?

कहते है की प्रारब्ध कर्म में जो लिखा होता है उसे भोगना ही पड़ता है। सभी लोग इसे सत्य भी मानते है। लेकिन फिर भी कही न कही लोग किसी देवी–देवता या भगवान की पूजा अर्चना कर के अपने परिवार की सुरक्षा, सुख, संपत्ति व अन्य चीजों की मांग करते ही रहते है। लेकिन बावजूद उसके प्रारब्ध कर्मों के फल स्वरूप इस तरह के भीषण हादसों में पूरे के पूरे परिवार की या परिवार के सदस्य की या मित्र, रिश्तेदार की मृत्यु हो जाती है। आत्मा जब से अपने परमात्मा से बिछुड़ कर आई है तब से ही इसको कुछ ना कुछ आशा रहती है कि कोई तो ऐसा परमात्मा है जो सर्व सुखदाई है। जो हमें सुखी बना सकता है। जो मौत को भी टाल सकता है व अकाल मृत्यु को भी रोक सकता है। 

वह हमारे प्रारब्ध कर्मो को बदलकर सुख प्रदान कर सकता है। इसीलिए यहां पर बने हुए विधान को मानते हुए भी हमारी आत्मा किसी ऐसे भगवान की खोज में लगी है जो हमारे प्रारब्ध कर्मो का नाश कर सकें। यही प्रमाण ऋग्वेद मंडल नंबर 10 सूक्त 161 मन्त्र 2 में भी है की यदि किसी व्यक्ति को असाध्य रोग लग गया हो अथवा उसकी मृत्यु भी हो गयी हो तो भी परमात्मा उसे धर्म राज के दरबार से छुड़वाकर और उसके असाध्य रोग को समाप्त कर के उसे 100 वर्षों की आयु प्रदान कर सकता है।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की सतभक्ति से टल जाती है अकाल मृत्यु

अब सवाल ये उठता है कि वेदों में किसी ऐसे परमात्मा का भी जिक्र है जो मृत व्यक्ति को भी जिंदा कर सकता है तो ऐसे हादसों से परमात्मा रक्षा क्यों नही करता? इस गुत्थी को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने सतसंगों में सुलझाया है। उन्होंने सभी धर्मों के शास्त्रों से यह सिद्ध करते हुए बताया है कि हम सभी अपनी गलती के कारण इस काल ब्रह्म के साथ इसके लोक में आकर फंस गए है। काल ब्रह्म ने हम सभी को भ्रमित करके रखा हुआ है। एक पूर्ण परमात्मा को छोड़कर भूत, भैरव, पितर व अन्य देवी देवताओं की उपासना में सभी को उलझाकर रखा हुआ है। 

परिणाम स्वरूप हम प्रारब्ध कर्मों के भोगने के लिए मजबूर हो जाते है। यदि जीव तत्वदर्शी संत के माध्यम से पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की शरण में आकर सतभक्ति करता है तो उसे प्रारब्ध कर्मों को नहीं भुगतना पड़ता। वर्तमान समय में पूरे विश्व में एकमेव जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ही पूर्ण संत है जो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की सतभक्ति बता रहे है। अधिक जानकारी के लिए गूगल प्लेस्टॉर से आज ही डाउनलोड कीजिए संत रामपाल जी महाराज एंड्रॉयड एप्लीकेशन।

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