January 29, 2025

एक ऐसा अनमोल काम जो कादर खान नहीं कर सके

Published on

spot_img

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार कादर खान, जिन्होंने करीब 300 से भी ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और अपने अभिनय से पूरे विश्व में छाप छोड़ी। कादर खान जी ने ऐसी फिल्मों का निर्देशन भी किया जो समाज के लिए एकता का प्रतीक हैं और बहुत सारी कॉमेडी फिल्में भी कीं जैसे दूल्हे राजा, कुली नंबर वन, उनकी एक फिल्म तक़दीरवाला, जिसमें उन्होंने यमराज का किरदार निभाया था।

कादर खान काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वो कई बीमारियों से ग्रस्त थे। उन्होंने काफी भारतीय और बाहर के डॉक्टर्स से इलाज़ कराया और यहां तक कि पतंजलि से भी अल्जाइमर का इलाज कराया लेकिन फिर भी ठीक नहीं हो पाए। कादर खान जी करीब 15 दिन पहले कनाडा के एक हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। कादर खान अपने देहांत के पांच दिन पहले से ना तो कुछ खा रहे थे और ना ही कुछ पी रहे थे। कादर खान जी ने एक बार मीडिया के सामने भी आकर बोला था कि वह एक लंबी जिंदगी जीना चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने 31 दिसंबर 2018, सोमवार, शाम 6:00 बजे पूरे भारतवर्ष, पूरी फिल्म इंडस्ट्री और अपने सभी फैंस को रुला दिया।

कादर खान जी का जन्म काबुल (अफगानिस्तान) में 11 दिसंबर, 1937 को हुआ और 81वीं साल की उम्र में आखिरी सांसें कनाडा में लीं। उनके देहांत ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री, पूरे देश को गमगीन कर दिया है। अभी कुछ समय पहले ही फिल्म इंडस्ट्री ने श्रीदेवी जी को काफी कम उम्र में खो दिया। अब सभी को यह तो समझ आ गया है कि चाहे आम इंसान हो या फिल्म स्टार, मरना तो सभी को है और यह मौत जवानी या बुढ़ापे में किसी भी पल आ सकती है। आज सभी सोच रहे हैं कि इस पृथ्वी पर सारी बुलंदियां, इतनी शोहरत, इतना पैसा कमाने के बाद भी सब कुछ यही छोड़ कर जाना पड़ता है। सभी डरते भी हैं लेकिन इसका विकल्प नहीं था। ऐसी घटनाएं हमारे लिए और फिल्मी सितारों के लिए भी एक नसीहत है। एक अनमोल काम जो कादर खान जी, श्री देवी जी और हमारे पूर्वज नहीं कर पाए, वह काम था परमात्मा की प्राप्ति, अल्लाह की प्राप्ति, रब की प्राप्ति। हम चाहे जो भी नाम दें लेकिन सच्चाई तो यही है कि मनुष्य जीवन सिर्फ़ और सिर्फ़ परमात्मा की भक्ति के लिए मिलता है और वो भी 84 लाख योनियों के बाद।

कादर खान ने फ़िल्म में तो यमराज की भूमिका निभाई लेकिन उस असली यमराज से बचने का उपाय नहीं ढूंढ पाए। परमात्मा की भक्ति करने वाले मनुष्य को इतना भुगतना नहीं पड़ता, अकाल मृत्यु भी नहीं होती, परमात्मा आयु भी बढ़ा देता है। परमात्मा हमें यहा से स्वयं सतलोक (शाश्वत स्थान) लेकर जाते हैं। सतलोक में कभी मृत्यु नहीं होती, हमारे बच्चे कभी नहीं मरते, वहां कभी कोई रोग नहीं होता।

पवित्र गीता जी और पवित्र कुरान शरीफ, दोनों ही कहते हैं कि बाखबर/तत्वदर्शी संत को खोजो।

पवित्र गीता जी और पवित्र कुरान शरीफ का ज्ञान देने वाला एक ही है, काल (ब्रह्म)।
कुरान शरीफ में सूरत फुरकानि 25, आयत 52 से 59 में यह बताया गया है कि अल्लाह कबीर ही इबादत के योग्य है और उसकी जानकारी किसी बाखबर से पूछ देखो। कुरान शरीफ का ज्ञानदाता (काल), उस अल्लाह/पूर्ण परमात्मा कबीर के बारे में जानकारी नहीं रखता, इसलिए वह बाखबर मतलब तत्वदर्शी संत से जाकर पूछने की बात कह रहा है।
इसी प्रकार काल (ब्रह्म) गीता जी के अध्याय 15, श्लोक 1 में बता रहा है कि अर्जुन! तेरे मेरे (discussion) विचार काल में अर्थात गीता जी का ज्ञान देते समय, मैं इस उल्टे संसार रूपी वृक्ष के विस्तार को नहीं बता पाऊँगा। जो संत इस संसार रूपी वृक्ष का पूर्ण विवरण बता देगा कि मूल तो पूर्ण परमात्मा है, तना अक्षर पुरुष है, डार क्षर पुरुष (काल/ब्रह्म) है और तीनों शाखा रजोगुण, ब्रह्माजी, सतोगुण विष्णु जी और तमोगुण शिवजी हैं, वह तत्वदर्शी संत है।

यही बात गीता जी अध्याय 4, श्लोक 34 में कही गई है कि अर्जुन! पूर्ण परमात्मा के तत्वज्ञान को जानने वाले तत्वदर्शी संत के पास जाकर उनसे विनम्रतापूर्वक पूर्ण परमात्मा का भक्ति मार्ग प्राप्त कर, मैं उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग नहीं जानता।

गरीब दास जी महाराज जी की वाणी है कि कबीर परमेश्वर ने हमें पार किया:-

गरीब, हम सुल्तानी नानक तारे, दादू कूं उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद ना पाया, वो काशी माहीं कबीर हुआ।।

उपरोक्त वाणी में आदरणीय गरीबदास साहेब जी महाराज ने स्पष्ट कर दिया है कि काशी वाले धाणक (जुलाहे) कबीर साहेब ने मुझे, सिख धर्म के प्रवर्तक नानक साहिब जी, दादू साहिब जी और बलख बुखारे का बादशाह सुल्तान अधम सभी को अपनी शरण में ले कर मुक्ति दी।

गुरु नानक देव जी ने कहा है कि कबीर ही परवरदिगार है।

इसीलिए गुरु ग्रंथ साहिब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृत वाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कहा है-
“हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदिगार।
नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक”

यही प्रमाण बाइबल में है कि पूर्ण परमात्मा कबीर है

Lyov 36:5 – Orthodox Jewish Bible (OJB)

See, El is Kabir, and despiseth not any;
He is kabir in ko’ach lev (strength of understanding).

यहाँ तक कि वेदों में भी सैकड़ों जगह लिखा है कि वह परमात्मा कविर देव (कबीर साहेब) है जो तेजोमय लोक के तीसरे पृष्ठ पर विराजमान है, राजा के समान दर्शनीय है और इस मृत्युलोक में अच्छी आत्माओं को ज्ञान व उपदेश देने के लिए आता है। ये सभी राज सिर्फ और सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ने ही खोले हैं। सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ही आज के समय में तत्वदर्शी संत/बाखबर हैं और उस अल्लाह कबीर के आखिरी पैगम्बर हैं। हमारी पूरे मानव समाज, चाहे वह किसी धर्म या किसी भी पंथ से जुड़ा हुआ हो, उन सभी से यही प्रार्थना है कि मानव जीवन का जो मूल कर्तव्य है, उसे निभाएं। इसलिए जल्द से जल्द सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की शरण में आएं और उस एक परमात्मा अल्लाहु अकबर की भक्ति करें और मोक्ष प्राप्त करें।

Latest articles

30 January Martyrdom Day of Gandhi Ji Observed as Martyrs’ Day / Shaheed Diwas

Last Updated on 28 January 2025 IST | Martyrs’ Day 2025: Every year Shaheed...

Lala Lajpat Rai Birth Anniversary 2025: Know about the Lion of Punjab on His Jayanti

Last Updated on 27 January 2025 IST | Lala Lajpat Rai Jayanti (Birth Anniversary...

Who Were the Parents of God Kabir Saheb Ji?

Famous Bhakti Era Saint, Kabir Saheb was not an ordinary Saint but the Lord...
spot_img

More like this

30 January Martyrdom Day of Gandhi Ji Observed as Martyrs’ Day / Shaheed Diwas

Last Updated on 28 January 2025 IST | Martyrs’ Day 2025: Every year Shaheed...

Lala Lajpat Rai Birth Anniversary 2025: Know about the Lion of Punjab on His Jayanti

Last Updated on 27 January 2025 IST | Lala Lajpat Rai Jayanti (Birth Anniversary...