अवतरण दिवस के लिए मात्र 3 दिन शेष: विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज का अवतरण 8 सितम्बर को ही पूर्व निर्धारित स्थान दिल्ली मण्डल में गांव धनाना, सोनीपत, हरियाणा में हुआ था। पूरे विश्व से हाहाकार समाप्त करके शांति भाईचारा और एकता स्थापित करने और अधर्म पर विजय प्राप्त करने के लिए सन्त रामपाल जी महाराज का “धरती पर अवतार” हुआ है। अब विश्व में एक ही धर्म होगा मानवता का और एक ही आध्यात्मिक मार्ग।
बाइबल में पूर्ण परमेश्वर
बाइबल में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब को कहा है जिसने छह दिन में सृष्टि रची और सातवें दिन विश्राम किया। ऑर्थोडॉक्स यहूदी बाइबल, अय्यूब, 36:5 में प्रमाण है कि परमेश्वर कबीर शक्तिशाली है वह लोगों से घृणा नहीं करता। परमेश्वर कबीर सामर्थ्यवान है विवेक पूर्ण है।
परमात्मा और बाखबर (तत्वदर्शी संत) का कुरान में प्रमाण
हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला अल्लाह कह रहा है कि हे पैगम्बर ! आप काफिरों (जो एक प्रभु की भक्ति त्याग कर अन्य देवी-देवताओं तथा मूर्ति आदि की पूजा करते हैं) का कहना मत मानना, क्योंकि वे लोग कबीर को पूर्ण परमात्मा नहीं मानते। आप मेरे द्वारा दिए गए इस कुरान के ज्ञान के आधार पर अटल रहना कि कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए अडिग रहना।
- कुरान शरीफ सुरत फुर्कानि 25, आयत 52:-
फला तुतिअल् – काफिरन् व जहिद्हुम बिही जिहादन् कबीरा (कबीरन्)।52।
अर्थात, (ऐ पैग़म्बर !) तुम काफ़िरों का कहा न मानना और इस (कुरान की दलीलों) से उनका सामना बड़े जोर से करो। (52)
हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला अल्लाह किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी नहीं मरने वाला अविनाशी है। उसकी पाकी (पवित्र महिमा) का गुणगान किए जा, वह कबीर अल्लाह (कविर्देव) पूजा के योग्य है तथा अपने उपासकों के सर्व पापों को विनाश करने वाला है।
- कुरान शरीफ सुरत फुर्कानि 25, आयत 58:-
व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
अर्थात, और (ऐ पैग़म्बर ! ) उस जिन्दा (चैतन्य) पर भरोसा रखो जो कभी मरनेवाला नहीं और तारीफ़ के साथ उसकी पाकी बयान करते रहो और अपने बन्दों के गुनाहों से वह काफ़ी ख़बरदार है (58)
हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला अल्लाह कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो गया। उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति कैसे होगी? तथा वास्तविक ज्ञान तो किसी तत्वदर्शी संत (बाखबर) से पूछो, मैं (कुरान ज्ञान दाता) नहीं जानता।
- कुरान शरीफ सुरत फुर्कानि 25, आयत 59:-
अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि अर्रह्मानु फस्अल् बिही खबीरन्(कबीरन्)।59।।
अर्थात, जिसने आसमानों और जमीन और जो कुछ उनके बीच में है (सबको) छः दिन में पैदा किया, फिर तख्त पर जा विराजा (वह अल्लाह बड़ा) रहमान है, तो उसकी खबर किसी बाखबर (इल्मवाले) से पूछ देखो। (59)
कुरान ज्ञान दाता स्वयं पूर्ण परमात्मा का भेद बताने में हैं असमर्थ
ईसाई तथा मुसलमान पवित्र शास्त्रों का ज्ञान सार है कि सर्व सृष्टि रचनहार सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर के आकार में सत्यलोक में रहता है। उसका नाम कबीर है, उसी को अल्लाहु अकबिरू भी कहते हैं। उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति कैसे होगी इस बारे में किसी बाखबर (तत्वदर्शी संत) से पूछो। कुरान ज्ञान दाता स्वयं पूर्ण परमात्मा का भेद बताने में असमर्थ हैं। पाठकों पूर्ण परमात्मा तक पहुँचने के लिए हमें उस “धरती पर अवतार”तत्वदर्शी संत की खोज करनी होगी ।
“धरती पर अवतार” तत्वदर्शी संत कौन होते हैं?
पूर्ण परमात्मा पृथ्वी पर सशरीर कमल पुष्प पर बालक स्वरूप प्रकट होते हैं और विशिष्ट कार्य पूरा कर सशरीर लौट जाते हैं। पूर्ण परमात्मा जिन्दा महात्मा या सन्त रूप में भी “धरती पर अवतार” लेते हैं। “धरती पर अवतार” लेने के बाद पुण्य आत्माओं को सत ज्ञान देते हैं। परमात्मा से साक्षात ज्ञान लेकर उनकी आज्ञा से कार्य पूरा करने वाली पुण्यात्माएं भी परमात्मा द्वारा नियुक्त “धरती पर अवतार” हैं।
परमात्मा और तत्वदर्शी संत किस रूप में और कहाँ प्रकट हुए?
विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों एवं कालखंडों में अनेकों नाम रूप में से जाने जाने गए हैं ।
- सतयुग में सतसुकृत
- त्रेता युग में मुनीन्द्र
- द्वापर युग में करुणामय
- कलयुग में कबीर
- लंबे काले चोगे में जिंदा महात्मा
- पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप में हरे रंग के वस्त्रों में हरे महात्मा
- पवित्र कुरान में खबीरा, कबीरन , खबीरन; पवित्र फ़जले अमल में कबीर
- यहूदियों की यदिस भाषा में हुद्र, फारसी में किसिर और तुर्क में हिज़िर
- दक्षिण भारत और श्री लंका में कतर,खादर, खादिर, खिजर, खिद्र, अल खिद्र
- हिन्दी में कबीर, कबीरा, पवित्र वेदों और संस्कृत में कविर्देव, कविरदेव
- अरबी में अल-किद्र, अल कद्र, अल काद्र, अल केद्र
- पवित्र ऑर्थडाक्स जूइश बाइबल में कबीर
- पवित्र गुरुग्रंथसाहिब में कबीर
- मध्य पूर्व और ग्रीस में एल्लियाह, इलियास
- दक्षिण पूर्वी यूरोप के बाल्कन पेनिनसुला क्षेत्र के राज्यों में ग्रीन जॉर्ज
- पूरे ब्रह्मांड में वर्तमान में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बरवाला हिसार (हरियाणा) वाले
सूफी मत में तत्वदर्शी संत
सूफी संतों के अनुसार तत्वदर्शी संत रूपी परमात्मा भक्त की पुकार सुनकर कभी भी कहीं भी “धरती पर अवतार” लेते हैं और भक्तों के सभी कष्टों को हरते हैं। भक्तों को तत्वज्ञान देते हैं । भक्त उनसे अमरता पाने को लालायित रहते हैं। सूफी संतों के अनुसार वे अपने जीवन काल में एक बार तत्वदर्शी अल-खिद्र से मिलते हैं । श्री लंका में अल-खिद्र के गाँव कतरगामा में भारत और अन्य देशों से भक्तगण वर्ष में एक बार उनकी खोज में आते हैं ।
हरे महात्मा के रूप में तत्वदर्शी संत
तत्वदर्शी संत हरे महात्मा जिस किसी बंजर भूमि पर बैठते है तो वह भूमि हरी भरी और उपजाऊ हो जाती है। इसी कारण किसान, पशु चरवाह उन्हें हरे महात्मा या वनस्पति के देवता के रूप में भी पूजते हैं। जब अकाल पड़ता है तो वही जल संकट से बचाते हैं। हरे कपड़े पहने ये बाबा अनेक लोगों को दर्शन देते हैं ।
कुरान में तत्वदर्शी संत अल-खिद्र और हज़रत मूसा का वृतांत
सूरा 18 आयत 60-82 में कुरान ज्ञान दाता अल्लाह मूसा को एक तत्वदर्शी संत के बारे में बताने का वृतांत है, जिन्हें विद्वान अल-खिद्र के नाम से जानते हैं। एक बार मूसा के यह कहने पर “नहीं, मुझसे विद्वान इस धरती पर कोई नहीं है । अल्लाह ने मुझे चमत्कार करने की सिद्धि दी हैं और तौरात देकर सम्मानित किया है।”कुरान ज्ञान दाता ने मूसा को बताया “आपसे ज्यादा जानने वाले भी एक और संत हैं । ऐसा बहुत कुछ ज्ञान है जो वो जानते हैं परंतु आप नहीं जानते”।
मूसा के पूछने पर कुरान ज्ञान दाता ने बताया वो मीठे और खारे पानी की नदियों के संगम ‘मजमा-ए-बाहरेन’ में मिलते हैं । “एक पानी से भरे पात्र में एक मृत मछली लेकर जाओ, जहां मृत मछली जीवित होकर पानी में कूद कर अदृश्य हो जाए, वहाँ आपको वह तत्वज्ञानी संत मिल जाएंगे। मूसा सफेद चादर ओढ़े, सफेद दाढ़ी, चेहरे पर नूर वाले तत्वदर्शी संत अल-खिद्र से मिले। लेकिन मूसा धैर्य नहीं रख पाने के कारण अल-खिद्र से तत्व ज्ञान नहीं ले पाए।
लेकिन इस घटना का सार है: “अल्लाह के कार्यों में विश्वास रखना चाहिए, चूंकि आप वास्तविकता से अनभिज्ञ हैं, आपको लग सकता है कि कुछ गलत हो रहा है। यदि आप धैर्य रखें तब आप जानेंगे कि जो हुआ वह अच्छा हुआ, आपके लिए अच्छे परिणाम लाने वाला साबित हुआ । इसलिए परमात्मा में पूरा विश्वास रखें और उसके कार्यों में बाधा न पहुचाएं।”
तुर्की में तत्वदर्शी संत हिज़िर
तुर्की में एक लंबी सफेद दाढ़ी और सफेद पगड़ी वाले वृद्ध फकीर हिज़िर सब कुछ देनें में समर्थ हैं। अन्य संतों से अलग हैं। हिज़िर जन जन में व्याप्त हैं मोहम्मद और ईसा से काफी समय पहले से सर्वमान्य भगवान हैं। आज भी हिज़िर यात्रा में भटके हुए यात्रियों को संकट से उबारने वाले संकटमोचक देवता है और भक्तों की पुकार पर तुरंत प्रकट होकर समस्या निदान करते हैं।
अल-खिद्र की मुलाकात किन किन से हुई ?
- मुहम्मद और अली से
- अबू जुरा अल रजी में विवरण है मुहम्मद अपने जीवन काल में अल-खिद्र से दो बार मिले थे एक बार जवानी में और एक बार बुढ़ापे में, लेकिन अल-खिद्र की उम्र बिल्कुल नहीं बदली थी।
- उमर II में विवरण है जो व्यक्ति मुहम्मद के साथ घूम रहा था वह अल-खिद्र है।
- उयून अखबर अल-रीद में अली को उद्धरित करते हुए विवरण है, मदीना की एक गली से जाते समय अल-खिद्र ने मुहम्मद और मुझे दर्शन दिए और हमसे बात की
- अल-बयहकी के अनुसार मुहम्मद के अंतिम संस्कार में मौजूद सुंदर नाक नक्शे वाले और आकर्षित करने वाली दाढ़ी वाले अल-खिद्र मौजूद थे जिनके बारे में अली ने बाद में बताया ।
अली को तत्वदर्शी संत से दुआ (नाम दीक्षा) मिली
अल-खिद्र काबा के पास में अली को मिले और एक दुआ (मंत्र) दी और कहा इस दुआ को करना, ये दुआ अदभुद है इसे करने से पल भर में सारे पापों का नाश हो जाएगा। हयात-अल-कुलुब भाग 2 ‘बैटल ऑफ वार’ में अमीरुल मोमिनीन के संदर्भ से इब्न बाबावयह अली को उद्धरित करते है, “बदर की लड़ाई से पहले एक रात अल-खिद्र मुझे सपने में दिखाई दिए, मैंने उनसे कहा कृपया करके मुझे ऐसी दुआ (नाम मंत्र) दीजिए जिससे मैं लड़ाई में जीत हासिल कर सकूं। अल-खिद्र ने मुझे एक मंत्र दिया । सुबह होने पर मैंने मुहम्मद को यह वृतांत बताया। मुहम्मद ने कहा, “अली, अल-खिद्र ने तुम्हें अल्लाह का सबसे बड़ा नाम सिखाया है। बदर की लड़ाई के दौरान अली ने पूरे समय मंत्र जाप किया।
सुल्तान इब्राहिम इब्न अधम ने तत्वदर्शी संत से ली दीक्षा
सुल्तान इब्राहिम इब्न अधम बलखी ने तत्वदर्शी अल-खिद्र से तत्वज्ञान नाम दीक्षा लेने के बाद राजपाट त्यागकर आजीवन अल्लाह की इबादत में लगे रहे । रूमी की पुस्तक ‘मसनवी’ में इस घटना का संदर्भ मिलता है।
बाइबल और कुरान में तत्वदर्शी संत पैगंबर एल्लियाह
बाइबल और ईसाईयों में तत्वदर्शी संत पैगंबर एल्लियाह , ग्रीन जॉर्ज और सैन्ट जॉर्ज अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं। एल्लियाह का बाइबल में पाँच जगह और कुरान शरीफ में दो जगह वर्णन है। 6 मई को हिज़िर-इलियास दिवस के रूप में मनाया जाता है। इलियास एल्लियाह शब्द का तुर्की रूप है। तुर्क आमतौर पर इसको हिड्रेलेज़ के नाम से पुकारते है। ये यात्रियों के रक्षक हैं जो दो नदियों और खुले समुद्र के संगम के बीच के स्थान में मिलते हैं।
हरे महात्मा और ‘ग्रीन जॉर्ज’
ग्रीस और अन्य बाल्कन राज्यों में तत्वदर्शी संत हरे महात्मा ‘ग्रीन जॉर्ज‘ के नाम से जाने जाते हैं । 23 अप्रैल को ग्रीन जॉर्ज और सेंट जॉर्ज त्यौहार का मनाया जाना महज संयोग नहीं है। पुराने कैलेंडर में हिजिर के लिए भी 23 अप्रैल का दिन पवित्र है।
अवतरण दिवस के मात्र 3 दिन शेष हैं, करें कुछ विशेष
वर्तमान में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज साक्षात परमात्मा के आदेश से उनका कार्य कर रहे हैं। 8 सितंबर 1951 को पूर्ण परमात्मा के “धरती पर अवतार” तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने अवतरण किया। मात्र 3 दिन शेष हैं अवतरण दिवस 8 सितंबर के। सभी मुमुक्षु बिना समय गँवाए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नाम दीक्षा लेकर गुरु मर्यादा में रहकर साधना करें। यह सतभक्ति सभी सांसारिक सुख प्रदान करते हुए पाप कर्म समाप्त कर पूर्ण मोक्ष भी प्राप्त कराएगी “सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल” पर परम संत के सत्संग श्रवण करें। पूर्ण परमात्मा के “धरती पर अवतार” तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अवतरण दिवस 8 सितंबर को साधना टीवी चैनल पर प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक विशेष आध्यात्मिक सत्संग श्रवण करें और आत्मिक लाभ उठायें।