December 24, 2024

कम समय में सफलता पाने के लिए अपनाएँ स्मार्ट स्टडी के ये 10 आसान उपाय | (10 Steps to Study Smart, you will be Astonished at the Results)

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10 Steps to Study Smart: कम समय में परीक्षा में सफलता की स्मार्ट स्टडीशैक्षणिक अध्ययन के दौरान प्रत्येक छात्र का यही सपना होता है कि वह हर परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करे ताकि उसका भविष्य अच्छा हो सके। इसी उद्देश्य से विद्यार्थी दिन रात पढ़ने में लगे रहते हैं लेकिन परीक्षा के बाद नतीजे अपनी मेहनत के अनुरूप न पाकर हताश हो जाते हैं। वे सोचने लगते हैं कि शायद हमारी मेहनत में कमी थी इसलिए परीक्षा परिणाम सही नहीं आया। अगली बार फिर से ज़्यदा समय तक पढ़ाई करेंगे। लेकिन अगली बार भी परिणाम उम्मीद के विपरीत ही होता है।

दोस्तो, हर छात्र परीक्षा के लिए मेहनत तो करता है परन्तु सफलता कुछ ही प्राप्त कर पाते हैं। आखिर ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए, हमारे पास घंटो पढ़ने का तो जज़्बा तो है लेकिन सही रणनीति नहीं है। हमारे पास हार्ड स्टडी करने का तरीका है लेकिन स्मार्ट स्टडी का तरीका नहीं है जिसे हर टॉपर अपनाता है। तो आइए, आज हम जानते हैं स्मार्ट स्टडी के 10 मुख्य नुस्खे जो आपको सफल बनाने में मदद करेंगे। 10 Steps to Study smart…

परीक्षा के लिए जितना ज़रूरी पढ़ाई करना है उतना ही ज़रूरी सही लक्ष्य का चयन करना है। हर छात्र में अपनी अलग प्रतिभा होती है। पहले अपनी खूबी को पहचानें, उसके बाद ही अपने लक्ष्य को निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, हम आजीवन मेहनत करते रहें किंतु मछली को पेड़ पर चढ़ना नहीं सिखा सकते। आपको मार्ग से भटकाने वाले लोग भी बहुत मिलेंगे। उनकी बातों पर बिना ध्यान दिए अपने लक्ष्य को पाने का प्रयास करें। सुनिए सबकी, करिए अपने मन की। सफ़लता अवश्य ही आपके कदम चूमेगी।

अगर हम कम समय में सफल होना चाहते हैं तो इसके लिए समय सारणी बनाना आवश्यक है। 

समय सारणी कैसे तैयार करें 

  • विषय सूची बनाएं।
  • प्रत्येक विषय में अध्ययन का समय तय करें।
  • प्रत्येक विषय के अध्ययन के बाद 10 या 15 मिनट का ब्रेक जरूर लें।
  • समय सारणी में पिछले दिन पढ़े गए विषयों की पुनरावृति (revision) का समय भी तय करें।
  • समय सारणी में पढ़ाई के साथ अन्य रोज के कार्यों को भी शामिल करें ताकि समय कि बचत हो सकें 

समय सारणी के अनुसार आप चार से पांच घंटे योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई कर सफलता प्राप्त कर सकते है।

जितना ज़रूरी पढ़ाई करना है उतना ही ज़रूरी उसे लम्बे समय तक याद रखना है। इसलिए हमें नोट्स भी बनाने चाहिएं। 

नोट्स बनाने के क्या हैं फ़ायदे, आइए जानें – 

  • अगर हम नोट्स अपने हाथों से लिखेगे तो हमें ज्यादा समय तक याद रहेगा। 
  • नोट्स हम सरल भाषा में लिखते हैं जिसे परीक्षा के समय पढ़ने में आसानी होती हैं ।
  • नोट्स हम शॉर्ट फॉर्म, डाईग्राम, ईमेज से तैयार करते हैं जो समझने में आसान होता है। 
  • परीक्षा के समय रीविज़न में आसानी होगी।

कुछ छात्र लगातार पढ़ने में ही लगे रहते हैं कभी भी खुद से अपना टेस्ट नहीं देते जोकि बहुत बड़ी गलती है। पढ़ने के बाद हमें टेस्ट ज़रूर देना चाहिए। टेस्ट देने से हमें हमारी गलतियां पता चलेंगी। समय पर हम उनको सुधार भी सकते हैं। टेस्ट से हमें यह पता चलता है कि परीक्षा में दिए समय के अनुसार हम अपना टेस्ट पूरा कर पा रहे हैं या नहीं। 

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आज कल परीक्षा ऑनलाइन ही होती है उसी अनुसार हमें ऑनलाइन मॉक टेस्ट भी देने चाहिए। टेस्ट हमें सप्ताह में एक बार ज़रूर देना चाहिए ताकि हमारा रीविज़न भी हो जाए और गलतियों में सुधार भी हो।

दोस्तो, रट्टू तोता न बनें। किसी भी विषय में अध्ययन करते समय उसको पढ़कर समझने की कोशिश करें। उसको रटने की गलती ना करें। समझी हुई बात ज्यादा समय तक याद रहती है। अगर आपको कोई टॉपिक समझ नहीं आ रहा तो उसे अन्य माध्यम जैसे इंटरनेट से सर्च कर ज्यादा अच्छे से समझ सकते हैं। इंटरनेट पर कुछ टीचर आसान ट्रिक से भी समझाते हैं उससे भी हमें मदद मिल सकती है। हमें खुद से भी ट्रिक बना कर याद रखना चाहिए जो रटने से ज्यादा अच्छा होगा।

आज के समय में छात्र कोचिग सेंटर, ऑनलाइन क्लास, ट्यूशन आदि के माध्यम से पढ़ने में ज्यादा समय देते हैं, खुद से नहीं पढ़ते जो हमारी सफलता में कहीं ना कहीं रुकावट पैदा करता है। अपने आप पढ़ना बहुत ज़रूरी है। जब हम स्वयं अध्ययन करेंगे तो हम ज्यादा लम्बे समय तक याद भी रख पाएंगे। स्वयं पढ़ने से हम उस टॉपिक से महत्त्वपूर्ण प्रश्न भी बनाकर नोट्स भी तैयार कर सकेंगे जो परीक्षा में आपके रीविज़न में भी उपयोगी होंगे।

कुछ छात्र लगातार बिना किसी ब्रेक के घंटों पढ़ते रहते हैं जोकि गलत है। बिना रेस्ट किए, लगातार पढ़ाई करने से शारीरिक परेशानी जैसे आंखों में दर्द, गर्दन, कमर में दर्द आदि समस्या हो सकती है। लगातार पढ़ने से याद रखने की क्षमता (retention) में कमी, एकाग्रता में कमी भी हो जाती हैं इसलिए हर 30 या 40 मिनट के बाद एक 5 या 10 मिनट का ब्रेक अवश्य लें। उस समय में आप बाहर के वातावरण में थोड़ा घूमें, फिर कुछ फल आदि खाकर दुबारा पढ़ना शुरू करें। आपके मस्तिष्क को भी आराम मिलेगा जिससे याद रखने की क्षमता में कमी नहीं होगी।

अपना कीमती समय बचाने के लिए छात्रों को मोबाइल फोन से दूरी बना कर रखनी चाहिए। ताकि वह उस समय का सही उपयोग कर सकें। मोबाइल के आने से छात्रों को लाभ तो हुए हैं परन्तु हानियां भी बहुत हुईं है। पढ़ाई के लिए फोन का सीमित प्रयोग करें। फोन की स्क्रीन पर ज्यादा टाइम देना (screen time) आपकी आंखों के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है। ज्यादा समय तक फोन के इस्तेमाल से एकाग्रता में कमी, ध्यान भटकना, मानसिक तनाव आदि समस्या हो जाती है जो आपकी सफलता में रुकावट का काम करेगी। इसलिए फोन का इस्तेमाल कम से कम करें।

अपनी मंजिल पाने के लिए छात्रों को हमेशा सकारात्मक सोच के लोगों से ही सम्पर्क रखना चाहिए। सकारात्मक सोच के व्यक्ति आपकी असफलता में भी आपको टूटने नहीं देगें। आपको हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देगें। इसके विपरीत नकारात्मक सोच के लोग आप की कमियां निकलकर आपको मार्ग से भटकाने की कोशिश करते रहेगें। इसलिए अच्छे विचार वाले लोगों की संगत करें।

पढ़ाई के साथ हमें आध्यात्मिक शिक्षा भी जरूर लेनी चाहिए। भौतिक शिक्षा से हमें जीवन निर्वाह का तरीका तो मिल जाता है। हम अच्छी जॉब करके अच्छा जीवन व्यापन कर सकते हैं लेकिन जीवन के बाद क्या होगा, कहां जायेंगे, क्यों हमें जीवन मिला और क्यों हमें मरना होगा, ये सब जानकारी नहीं मिलती। आध्यात्मिक शिक्षा से हमें पता चलेगा कि मनुष्य जन्म का क्या उद्देश्य है। भौतिक शिक्षा की भांति आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी गुरु की आवश्यकता होती है। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज पूर्ण रूप से शास्त्रों में वर्णित ज्ञान के आधार पर आध्यात्मिक शिक्षा दे रहे हैं। आपको संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखी बुक ज्ञान गंगा को अवश्य पढ़ना चाहिए ताकि आपको सम्पूर्ण आध्यात्मिक जानकारी हो सके।

Q.1 छात्रों को दिन में कितने समय तक स्वयं अध्ययन करना चाहिए?

Ans. 3 से 4 घण्टे 

Q.2 पढ़ाई के दौरान छात्रों को ब्रेक कितने समय लेना चाहिए?

Ans. 10 से 15 मिनट 

Q.3 क्या छात्रों को नोट्स स्वयं तैयार करने चाहिए? 

Ans. जी हां 

Q.4 क्या छात्रों को मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए?

Ans. नहीं 

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