March 14, 2025

Yogini Ekadashi 2021: योगिनी एकादशी पर जाने क्या करें और क्या नहीं?

Published on

spot_img

Last Updated on 5 July 2021: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2021) आज है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी योगिनी एकादशी के रूप में जानी जाती है। इस अवसर पर करें सभी भ्रम निवारण और जानें सुख समृद्धि की प्राप्ति के अचूक मन्त्र जिनके जाप से मिलती हैं सुख सुविधाएं। जानें असली वासुदेव को तथा लें लाभ, बनाएं बिगड़े काम और पाएं सुख एवं मोक्ष।

Yogini Ekadashi 2021 के मुख्य बिंदु

  • योगिनी एकादशी आज।
  • आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी
  • भूलकर भी न करें व्रत अनुष्ठान शास्त्र विरुद्ध साधना
  • सतभक्ति भगवान को प्रसन्न करने व लाभ प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय

Yogini Ekadashi 2021: योगिनी एकादशी का व्रत

योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2021) के बाद देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन देव विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है एवं व्रतादि कर्मकांड किये जाते हैं। सुख समृद्धि और मोक्ष के लिए इस व्रत का नाम लिया जाता है लेकिन आश्चर्य की बात है कि श्रीमद्भगवद्गीता में इसका उल्लेख कहीं नहीं है। गीता वेदों का सार कही जाती है और उसमें इस व्रत का उल्लेख कहीं भी प्राप्त नहीं होता है। इस व्रत के विषय में प्रचलित है कि इससे मोक्ष प्राप्ति होती है एवं अठासी हजार ब्राह्मणों को भोजन खिलाने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। वास्तव में यह लोकवेद है जिसका शास्त्रों में कोई प्रमाण नहीं है।

Yogini Ekadashi 2021: योगिनी एकादशी की तिथि

इस वर्ष योगिनी एकादशी 5 जुलाई 2021 को पड़ रही है।

यदि करना है भगवान विष्णु को प्रसन्न तो भूलकर न करें ये गलती

त्रिलोकीनाथ भगवान विष्णु, जिन्हें तीन लोकों का कार्यभार दिया गया है उन्हें प्रसन्न करने का एक बहुत ही सरल उपाय है। भगवान विष्णु का सही मंत्रजाप तत्वदर्शी सन्त से लेकर करना लाभदायक होता है। किंतु व्रत आदि से कोई लाभ नहीं है। गीता में व्रत वर्जित है। गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में में बताया है कि बिल्कुल न खाने से या बहुत अधिक खाने से, बहुत अधिक शयन करने से या बिल्कुल शयन न करने से किसी फल की प्राप्ति नहीं होती है। श्रीमद्भगवद्गीता स्पष्ट रूप से व्रत एवं तप वर्जित बताती है इस कारण से व्रत आदि शास्त्र विरुद्ध साधना हुए।

व्रत करें या नहीं: दुविधा का समाधान

श्रीमद्भगवतगीता के अध्याय 6 के श्लोक 16 में व्रत न करने के लिए कहा है अर्थात व्रत करने वालों की साधना सफल नहीं होगी। ऐसे में दुविधा ये है कि सभी व्रत कर रहे हैं और ये गीता में वर्जित है अब हम क्या करें! इसका समाधान भी स्वयं श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 16 के श्लोक 24 में करती है जिसके अनुसार कर्तव्य और अकर्तव्य की अवस्था मे शास्त्र ही प्रमाण बताये गए हैं अर्थात दुविधा की स्थिति में शास्त्रों का हवाला दिया गया है। गीता में व्रत (अध्याय 6 श्लोक 16), तप ( अध्याय 17 श्लोक 5-6), तीन गुणों की उपासना (अध्याय 7 श्लोक 14-17)  वर्जित बताए गए हैं।  गीता में तत्वज्ञान पर बल दिया है जिसके लिए अध्याय 4 श्लोक 34 के अनुसार तत्वदर्शी सन्तों की शरण में जाने व उपदेश प्राप्त करने के लिए कहा है।

Yogini Ekadashi 2021 पर जाने भगवान विष्णु से लाभ लेने का अचूक उपाय

सर्वप्रथम तत्वदर्शी सन्त की शरण में जाएं। सबसे अचूक एवं शास्त्रानुसार मन्त्र लेकर विधिपूर्वक जाप करने से भगवान विष्णु अपने स्तर की सुविधाएं हमें दे सकेंगे। इसके अतिरिक्त व्रत, मनमाने मन्त्रों का जाप जिसका वर्णन गीता में नहीं है या तप करने से न तो लाभ होगा न सुख और न ही मोक्ष। भगवान विष्णु लाभ तो दे सकते हैं किंतु मोक्ष नहीं। मोक्ष तो असली वासुदेव से होगा।

Also Read: Amalaki Ekadashi 2021: क्या आमलकी एकादशी पर व्रत करना सही है?

सनद रहे कि भगवान विष्णु न तो भाग्य का लिखा बदल सकते हैं और न ही भाग्य से अधिक कुछ दे सकते हैं। भाग्य से अधिक मिलना केवल पूर्ण परमेश्वर के वश की बात है। पूर्ण परमेश्वर की आराधना से सभी देवता अपने स्तर के लाभ साधक को देने लगते हैं। अपने बिगड़े काम बनाने, सुख समृद्धि, मोक्ष, भाग्य से अधिक लाभ प्राप्त करने का सबसे सरल तरीका है वर्तमान में पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा लें और सतभक्ति करें।

गीता ज्ञान दाता मोक्ष प्राप्त करने की विधि बता रहा है

गीता अध्याय 18 श्लोक 62 तथा अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि हे अर्जुन ! तू तत्त्वदर्शी संत की खोज करके उनकी शरण में जा। तत्वज्ञान प्राप्त कर फिर तू परम शान्ति तथा सतलोक को प्राप्त होगा, फिर पुनर् जन्म नहीं होता, पूर्ण मोक्ष प्राप्त हो जाता है। मैं (गीता ज्ञान दाता प्रभु) भी उसी आदि नारायण पुरुष परमेश्वर की शरण में हूँ, इसलिए दृढ़ निश्चय करके उसी की साधना व पूजा करनी चाहिए। ( गीता ज्ञान दाता नारायण पुरूष परमेश्वर पूर्ण अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब जी को कह रहा है )

गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि हे भारत, तू सर्व भाव से उस परमात्मा की शरण में जा, उसकी कृपा से ही तू परमशान्ति को तथा सनातन परम धाम अर्थात् सतलोक को प्राप्त होगा। गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि जब तुझे गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में वर्णित तत्वदर्शी संत मिल जाए उसके पश्चात उस परमपद परमेश्वर को भली भाँति खोजना चाहिए, जिसमें गए हुए साधक फिर लौट कर इस संसार में नहीं आते अर्थात् जन्म-मृत्यु से सदा के लिए मुक्त हो जाते हैं। जिस परमेश्वर ने संसार रूपी वृक्ष की रचना की है, मैं भी उसी आदि पुरुष परमेश्वर की शरण में हूँ। उसी की भक्ति करनी चाहिए।

असली वासुदेव: कविर्देव

वास्तव में यदि विष्णु जी को प्रसन्न कर भी लिया जाए तो भी जन्म मृत्यु समाप्त नहीं होगा अर्थात मोक्ष नहीं होगा। भगवान विष्णु तो केवल तीन लोकों के स्वामी हैं वे केवल उतना ही लाभ दे सकते हैं जितना उनके सामर्थ्य में है। श्रीमद्भागवत पुराण स्कंध 3 के पृष्ठ 123 में प्रमाण है कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव की जन्म मृत्यु होती है। फिर वह वेदों में वर्णित अजन्मा, अजर, अमर परमात्मा कौन है जो साधक को शत वर्ष की आयु भी दे सकता है। वह सामर्थ्यवान पूर्ण परमेश्वर है कबीर जिसे वेदों में कविरग्नि एवं कविर्देव कहा गया है।

गीता में अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 में रहस्यमयी वृक्ष बताया है जिसके सभी भागों को जो बता दे वह तत्वदर्शी संत है। पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज शास्त्र सम्मत एवं तर्कपूर्ण तरीके से बता चुके हैं कि यह संसार पीपल के वृक्ष रूपी जानें, जिसके पत्ते संसार हैं, डाल क्षर पुरूष, तना अक्षर पुरुष, एवं जड़ पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब हैं। जड़ की साधना करने से वृक्ष के अन्य भाग अपना लाभ स्वतः ही दे देते हैं। उसी प्रकार पूर्ण तत्वदर्शी सन्त के बताये अनुसार परमेश्वर की साधना से पूर्ण लाभ स्वतः ही हो जाएगा।

कबीर, एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय |

माली सींचे मूल को, फले फूले अघाय ||

अतः वेदों में बताए अनुसार पूर्ण परमेश्वर की साधना करें। पूर्ण परमेश्वर की साधना से सभी देवता अपने स्तर का लाभ साधक को बिना किसी बाधा के देने लगते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।

Latest articles

World Consumer Rights Day 2025: Put Forth Your Rights As a Consumer

Last Updated on 14 March 2025 IST: The World Consumer Rights Day is commemorated...

World Sleep Day 2025: Deep Sleep Heals, True Spiritual Knowledge Awakens

Last Updated on 13 March 2025 | World Sleep Day 2025 | Deep sleep...

Holi Festival 2025: Know the Real Joy of Ram Rang Hori Revealed by the Almighty

Last Updated on 12 March 2025 IST: Holi Festival 2025: India is the land...
spot_img

More like this

World Consumer Rights Day 2025: Put Forth Your Rights As a Consumer

Last Updated on 14 March 2025 IST: The World Consumer Rights Day is commemorated...

World Sleep Day 2025: Deep Sleep Heals, True Spiritual Knowledge Awakens

Last Updated on 13 March 2025 | World Sleep Day 2025 | Deep sleep...