March 31, 2025

Valentine Day से संस्कारों का हो रहा है हनन

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Last Updated on 13 Febuary 2025 IST: Valentine Day in Hindi: आज हम आपको बताएँगे कि Valentine Day कैसे हमारे समाज के लिए हानिकारक है तथा, कैसे हमारे समाज में आज Valentine Day की आड़ में अश्लीलता बढती जा रही है और संस्कारों का हनन हो रहा है. साथ ही हम आपको बताएँगे कि कैसे आप और आपका परिवार संस्कारी बन सकता है? जानने के लिए ब्लॉग को पूरा पढ़ें.

Valentine Day (2025) Story in Hindi (वैलेंटाइन डे की शुरुआत कैसे हुई)

वैसे तो सभी जानते हैं कि यह दिन प्रेम करने वालों के लिए बहुत खास होता है, लेकिन इसके पीछे भी एक कारण है। दरअसल वैलेंटाइन किसी दिन का नाम नहीं यह एक पादरी का नाम है, लेकिन इसके बारे में बहुत से इतिहासकारों में मतभेद हैं। अगर कुछ इतिहासकारों की माने तो जिस वक़्त रोम में सम्राट क्लॉडियस का राज था, उस समय वैलेंटाइन रोम का पादरी था। सम्राट क्लॉडियस अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को आर्मी में शामिल होने के लिए कहा।

Valentine Day in Hindi: लेकिन फिर भी जिन लोगों का परिवार था वो अपने बच्चों और पत्नी के कारण आर्मी में शामिल नहीं हुए। सम्राट क्लॉडियस ने इस बात से तंग आकर यह ऐलान कर दिया कि कोई भी शादी नहीं करवाएगा। लेकिन पादरी वैलेंटाइन ने फिर भी इच्छुक लोगों की शादी करवानी जारी रखी, जब इस बात का सम्राट को पता चला तो उसने वैलेंटाइन को मौत की सजा सुना दी। कहा जाता है कि जब पादरी वैलेंटाइन फांसी से पहले सजा काट रहा था तब उसे सम्राट की बेटी से प्यार हो गया। पादरी वैलेंटाइन ने अपनी मौत से पहले अपनी प्रेमिका को ख़त लिखा जिसका टाईटल था “तुम्हारा वैलेंटाइन”। जिस दिन वैलेंटाइन को फांसी दी गयी वह तारीख 14 फरवरी थी, तभी से इस दिन को प्रेम करने वालों के नाम से मनाया जाने लगा।

Valentine Day in Hindi: प्रेम के अनेकों रूप

अगर बात करें प्रेम की तो प्रेम केवल युवा लड़के और लड़की के बीच ही नहीं होता, बल्कि यह हर रिश्ते को बनाये रखने की कड़ी है। प्यार मां-बाप, भाई, बहन, दोस्तों एवं गुरु-शिष्य आदि के बीच भी होता है, इस तरह हम कह सकते हैं कि प्रेम के अनेकों रूप हैं। लेकिन यही निष्काम प्रेम परमात्मा के साथ किया जाए तो जीवन की असली दिशा पकड़ी जा सकती है।

प्रेम का बदलता स्वरूप

लेकिन अगर बात करें प्यार की तो इसका स्वरूप दिन व दिन बदलता जा रहा है, यहाँ पहले प्यार को त्याग का प्रतीक माना जाता था वहीं अब इसकी जगह स्वार्थ ने ले ली है। पहले लोग प्रेम करते थे और पवित्रता से निभाते भी थे, पहले प्रेम में इज़्ज़त को पहल दी जाती थी, वहीं अब लोग जिसको प्यार करते हैं उसकी इज़्ज़त तार-तार करने में भी संकोच नहीं करते। यहाँ तक कि अब आमतौर पर देखने को मिलता है कि लोग सार्वजनिक स्थानों मेट्रो, ट्रेनों, बसों, पार्कों में भी अश्लीलता प्रर्दशन करने का मौका नहीं छोड़ते, जबकि पहले लोग आँखों को शर्म से झुका लिया करते थे।

प्रेम की वास्तविक परिभाषा बताते हुए परमेश्वर कबीर साहिब जी बताते है-

छिन ही चढ़े छिन‌ उतरे, सो तो प्रेम ना होय
अघट प्रेम पिंजर बसे, प्रेम कहावै सोय

Valentine Day Week in Hindi: वैलेंटाइन डे वीक 7 फरवरी से 14 फरवरी तक

वैलेंटाइन वीक 7 फरवरी से शुरु हो जाता है और यह 14 फरवरी तक चलता है। हर दिन का एक अलग ही महत्व है और लोग इन दिनों को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं।

इसमें कोई दोराह नहीं है कि चरित्रहीन लोग इस दिन को विभिन्न रूप से अलग अलग दिन मनाते है जिनके अलग अलग महत्व है . लेकिन आपको बता दें कि यह सभी दिवस हमारे सभ्य समाज के लिए हानिकारक है तथा चरित्रहीनता को बढावा देने वाले हैं. हमे चाहिए की ऐसे दिनो का बहिष्कार किया जाना चाहिए तथा पूर्ण परमात्मा की भक्ति करनी चाहिए. कृपया पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की वाणियों से समझें.

कबीरा साईं मिलेंगे, पूछेंगे कुशलात।
आदि अंत की सब कहूं, अपने दिल की बात।।

बचपन गया ये जवानी भी जाएगी, घणा अंधेरा छावेगा।
वृद्ध अवस्था गर्दन हाले, तेरा मुंह भी गेल्यां बावेगा।

कबीर, थे ऊपर ने पैर तले ने सिर तेरा।
रोवे था कि भजन करूंगा हरि तेरा।।

उस समरथ की रीझ छुपाई, अब कुल कुटुंब से नाता।
गर्भ के अन्दर वचन भरे थे, कहां गई वो बाता।।

Valentine Day in Hindi: जैसाकि आप सभी जानते हैं कि वर्तमान में समाज में कितनी बुराई घर कर गई है न शर्म रही, न लाज। भाई बहन का प्यार रहा नहीं और सभी को केवल माया-माया दिखाई देती हैं। छोटे बड़े का आदर नहीं रहा स्वार्थवश मानवता को भूलकर लोग एक-दूसरे के साथ कैसा बर्ताव करते हैं आप सब परिचित हैं। सतज्ञान के अभाव में अफ़सर अपने अहंकारवश अपने से छोटे-बड़ों का आदर भी नहीं करते।

Read in English: Valentine Day Best Gift Idea: True Worship Is the True Love of God 

समाधान है कि स्कूल, कॉलेज में पाठ्यक्रम में एक “आध्यात्मिक ज्ञान” का विषय जोड़ा जाना चाहिए ताकि बच्चें अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे विचारवान और श्रेष्ठ चरित्र वाले बने और समाज के सभी जनमानस का सम्मान आदर कर सके और परमात्मा की खोज कर सकें। सिनेमाघरों और टीवी में फिल्मों की जगह आध्यात्मिक ज्ञान का सत्संग चलायें ताकि सभी सत्संग सुन सके और अपना आचार विचार शुद्ध बनाकर परमात्मा से जुड़ सके।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बताये रास्ते से समाज बनेगा संस्कारवान

जैसे कि आप ऊपर पढ़ ही चुके हैं समाज में कितनी बुराई फैल चुकी है यहाँ तक कि प्रेम के पवित्र रिश्ते में भी कुरीति। इन कुरीतियों को तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के बताये रास्ते पर चलकर जड़ से खत्म किया जा सकता है और वही होगा सही वेलेंटाइन दिवस मनाने का तरीका। परमात्मा से प्रेम करें और मानव जीवन में लिए दुर्लभ जन्म को कृतार्थ करें। संत रामपाल जी महाराज इंसान को उस सच्चे परमात्मा से जोड़ते है जो सारे बन्धनों का शत्रु है। लोग और सरकार लाखों प्रयास करके भी बदलाव नहीं कर पा रही है। पूर्ण परमात्मा ही समर्थ है और वो सब बुराइयों को छुड़वा सकता है और सत्य के रास्ते पर मोड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं आखिर कौन है वो पूर्ण परमात्मा?

  1. श्री गुरु नानक साहेब ने अपनी वाणी में स्पष्ट किया है वो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं जो धानक रूप में काशी में रहते थे। इसका प्रमाण श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के राग ‘‘सिरी ‘‘ महला 1 पृष्ठ नं. 24 पर शब्द नं. 29 है।

एक सुआन दुई सुआनी नाल, भलके भौंकही सदा बिआल।
कुड़ छुरा मुठा मुरदार, धाणक रूप रहा करतार।।

  1. पूर्ण परमात्मा कविर्देव बालक के रूप में कमल के फूल पर प्रकट होता है। पूर्ण परमात्मा का प्रकटीकरण माँ के गर्भ से नहीं होता। वह परमात्मा कुंवारी गाय का दूध पीता है। वह सतज्ञान को सरल भाषा में अपने मुख से लोगों तक पहुंचाता है। इसका प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 1 है।
  2. श्री गुरु नानक साहेब ने अपनी अमृतवाणी में स्पष्ट रूप से कबीर साहेब का जिक्र किया है। नानक साहेब ने यह स्पष्ट रूप से लिखा है जो जिंदा महात्मा रूप में मिले थे वो कोई ओर नहीं, बल्कि काशी वाले कबीर साहेब थे। नानक साहेब की वाणी में बहुत जगह यह प्रमाण है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं, वो ही इस सृष्टि के रचनहार हैं।

“हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदिगार
नानक बुगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाखाक”

  1. इसी का प्रमाण “गुरुग्रन्थ साहेब” पृष्ठ-721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं। इसका प्रमाण कुरान शरीफ में भी मिलता है। प्रमाण पवित्र कुरान शरीफ के अध्याय सूरत फुर्कानी सं. 25, आयत 52 से 59 है।
  2. पवित्र बाईबल में भी यही प्रमाण है कि उस परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार बनाया। इससे सिद्ध है कि प्रभु भी मनुष्य जैसे शरीर युक्त है उसका नाम कबीर है।
  3. आदरणीय दादू साहेब की वाणी में भी यह प्रमाण है जब वह सात वर्ष के थे तो पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब उन्हें जिंदा महात्मा के रूप में मिले थे। कबीर जी उन्हें सतलोक लेकर गए और वापिस पृथ्वी पर छोड़ा।

जिन मोकुं निज नाम दिया, सोइ सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजनहार।।

परम पूज्य संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं। समाज सुधार का अद्भुत कार्य परम पूज्य संत रामपाल जी महाराज कर रहे हैं। उन्होंने लाखों परिवारों के जीवन में अद्वितीय ख़ुशी ला दी है जो उनका सत्संग ज्ञान सुनकर अपने को धन्य बना रहे हैं। समाज में बहुत सारी बुराइयां व्याप्त हैं उनका खण्डन केवल सन्त रामपाल जी महाराज कर रहे हैं उन्होंने अपने अनुयायियों को नशे, चोरी-जारी, रिश्वतखोरी, बुरी संगत से दूर किया अब वे समाज के सबसे श्रेष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आ गए हैं।

यदि आप भी अपने आपको अच्छा ज्ञानवान, शुद्ध विचारों वाला, बुद्धिमान विवेकशील बनाना चाहते हैं तो आप अविलंब परम पूज्य जगतगुरु तारणहार संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं। संत रामपाल जी महाराज के आदेश से विश्वभर में नामदान सेंटर है आप अपने नजदीकी नामदान सेंटर में जाकर निःशुल्क नाम दीक्षा ले सकते हैं, सम्पर्क सूत्र है:- 8222880541, 542, 543, 544, 545. सतज्ञान जानने के लिए Satlok Ashram YouTube Channel Visit करें।

प्रश्न 1: वेलेंटाइन डे मनाने से भारतीय संस्कृति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?

उत्तर: वेलेंटाइन डे का अंधानुकरण भारतीय संस्कारों को कमजोर कर रहा है, जिससे पारंपरिक रिश्तों की गरिमा कम होती जा रही है और समाज में दिखावे व अश्लीलता को बढ़ावा मिल रहा है।

प्रश्न 2: प्रेम की वास्तविक परिभाषा क्या होनी चाहिए?

 उत्तर: सच्चा प्रेम निःस्वार्थ, त्याग और समर्पण से जुड़ा होता है, जो केवल भौतिक आकर्षण तक सीमित न रहकर मानवीय और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

प्रश्न 3: समाज में बढ़ती अश्लीलता और नैतिक पतन को कैसे रोका जा सकता है?

उत्तर: स्कूलों में संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक “जीने की राह” को शामिल कर बच्चों में नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। जिससे समाज में बढ़ती अश्लीलता और नैतिक पतन को रोका जा सके।

प्रश्न 4: क्या वेलेंटाइन डे के स्थान पर कोई वैकल्पिक तरीका अपनाया जा सकता है?

उत्तर: प्रेम का उत्सव किसी एक दिन तक सीमित न होकर जीवनभर का सिद्धांत होना चाहिए, जिसे माता-पिता, गुरु, समाज और ईश्वर के प्रति निष्ठा व सेवा से व्यक्त किया जा सकता है।

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