February 5, 2025

Vaishali Thakkar Death News [Hindi] | मशहूर टीवी ऐक्ट्रेस वैशाली ठक्कर ने की आत्महत्या! इंदौर स्थित घर से बरामद किया गया शव

Published on

spot_img

Vaishali Thakkar Death News [Hindi]: बीते कुछ दिनों में फिल्मी जगत से एक के बाद एक मशहुर अभिनेताओं के निधन की खबरें सामने आ रही हैं। वही TV सीरियल्स की मशहूर अभिनेत्री वैशाली ठक्कर ने इंदौर में फांसी लगाकर की ख़ुद खुशी। परिजनों से पूछताछ के मुताबिक पता चला है कि वैशाली दिनभर से कमरे से बाहर नही निकली, कमरे में जाकर देखा तो पिता को अपनी बेटी का शव फंदे पर लटका मिला।  पिता ने दर्दनाक घटना की जानकारी पुलिस को दी। पढ़िए पूरी ख़बर-

Vaishali Thakkar Suicide [Hindi]: मुख्य बिंदु 

  • उज्जैन निवासी अभिनेत्री वैशाली ठक्कर ने की आत्महत्या 
  • 29 वर्षीय मशहूर अभिनेत्री वैशाली ने अपनें ही घर पर फंखे से लटकर दे दी जान l
  • सतभक्ति से आत्महत्या जैसे आपराधिक विचारों पर लगता है अंकुश
  • मानव जन्म अत्यंत दुर्लभ है इसे आत्महत्या करके नही गंवाना चाहिए l
  • तत्वज्ञान के अभाव में मानव करता है घोर अपराध, आत्महत्या है महापाप l

कौन है वैशाली ठक्कर (Vaishali Thakkar)?

उज्जैन के माहिदपुर इलाके की रहने वाली 29 वर्षीय वैशाली ठक्कर 1 वर्ष से इंदौर में रह रही थी। इंदौर में इनके पिता जी का लकड़ी और प्लाईवुड का बड़ा कारोबार है। वैशाली ने ये रिश्ता क्या कहलाता है से अपने करियर की शुरुआत की थी। जिससे उनका किरदार काफ़ी चर्चा में रहा। इसके बाद ससुराल सिमर का सीरियल में उन्होंने बेहतर अभिनय किया। वैशाली को बेस्ट एक्ट्रेस इन निगेटिव रोल का सम्मान भी गोल्डन पेटल अवार्ड में मिल चुका है।

Vaishali Thakkar Death: क्या है घटना की सच्चाई?

अभिनेत्री वैशाली ठक्कर का शव साईबाग कॉलोनी इंदौर में अपने ही घर फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला। रात के 12:30 बजे इन्होंने सुसाइड किया। इलाज के लिए निजी अस्पताल में दाखिल करने पर उन्हे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव बरामद किया और पोस्टमार्डम के लिए अस्पताल भेज दिया। शव के साथ ही पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला, एफएसएल की टीम ने नोट जब्त कर जांच शुरू की है। खबरों के मुताबिक दावा है कि उसमें शारीरिक और भावनात्मक तथ्यों की बात लिखी गई है l आरोपी अपने परिवार समेत घर से फरार है।

Vaishali Thakkar: यह वजह थी आत्महत्या (Suicide) की!

आत्महत्या की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया और घटना स्थल पर सुसाइड नोट को जब्त कर लिया। सुसाइड की वजह को लेकर इंदौर के ACP मोतीउर रहमान ने बयान दिया है कि वैशाली ने आत्महत्या फांसी लगाकर की है। सुसाइड नोट पढ़कर प्रेम प्रसंग की जताई जा रही है आशंका। आरोपी अपने परिवार समेत घर से फरार है। पुलिस द्वारा कार्यवाही की जा रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी जानकारी।

Vaishali Thakkar Death: क्या आत्महत्या करना अपराध है?

जी हां, आत्महत्या करना महापराध है l क्योंकि मनुष्य जीवन बड़ी मुश्किल से मिलता है l इसे यूं ही गंवाना नहीं चाहिए l कबीर साहेब जी अपनी वाणी में कहते हैं कि:

मानुष जन्म दुर्लभ है, ये मिले न बारम्बार।

जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लागे डार।

भावार्थ: यानि जिस प्रकार वृक्ष की डाली से पत्ता टूट कर गिर जाने के पश्चात् वह पुन: उस वृक्ष की डार पर ज्यों का त्यों नहीं लग सकता, ठीक इसी प्रकार एक बार मानव जीवन समाप्त होने के पश्चात् यह फिर से मिलना बहुत ही दुर्लभ है इसे आत्महत्या जैसा महापाप कार्य करके गंवाना नहीं चाहिए l

आखिर क्यों आत्महत्या जैसी आपराधिक समस्या बनती हैं?

वर्तमान कलयुगी दौर में सभी परेशान व दुःखी हैं, सभी को किसी न किसी प्रकार की परेशानी, चिंता या कोई बीमारी है। कोई आर्थिक रूप से धन की कमी से दुखी है तो कोई मानसिक रूप से तो कोई शारीरिक बीमारी के कारण दुःखी हैं। कोई अन्य कारणों से यहां मृत लोक में महादुखी हैं। परंतु इसका यह अर्थ तो नहीं कि इन परिस्थितियों का अंत केवल आत्महत्या जैसे अपराधिक कार्य को करने से ही निकलेगा।

■ Also Read | Sushant Singh Rajput Death at 34: One thing he missed doing

ऐसा ही अपराधिक कार्य वैशाली ठक्कर ने मानसिक रूप से दबाव में आकर कर लिया। यह वारदात रात 12:30 की बताई जा रही है। जब वैशाली अपने कमरे से बाहर नही निकली तो परिजनों ने कमरे में जाकर देखा तब तक वह फांसी के फंदे पर लटककर संसार से अलविदा ले चुकी थी। इस मानव जीवन का महत्व न जानकर इस जीवन में वह सत भक्ति सत ज्ञान से वंचित रह गई। कहते हैं मानव जीवन अत्यंत दुर्लभ है इसे ऐसे ही समाप्त नही करना चाहिए। अपितु शास्त्रों में वर्णित साधना करके मोक्ष प्राप्त करना चाहिए l

क्या आत्महत्या जैसे महापराध को रोका जा सकता है?

जी हां, जब इंसान शारीरिक या मानसिक रूप से ग्रसित होता है। परेशानियां इंसान के इर्द गिर्द मंडराने लगती है। तब इंसान आत्महत्या जैसा दर्दनाक अपराध करता है l आत्महत्या करने से कभी दुःख दूर नहीं हो सकता। इससे सिर्फ शरीर ही नष्ट होता है, क्योंकि इस सृष्टि का विधान है कि हमारे पाप कर्म का फल चाहे किसी भी जन्म में हो भोगना ही पड़ेगा। पाप कर्म सिर्फ पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति से ही कट सकते हैं। और पूर्ण परमात्मा की जानकारी तत्वदर्शी संत करवाते हैं l

तत्वदर्शी संत बताते हैं मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य

कहते हैं इस मानव शरीर की आकांक्षा देवता भी करते हैं l इसे ऐसे ही समाप्त नही करना चाहिए। देवता गण जब स्वर्ग, महास्वर्ग में महा सुख का आनंद ले रहे होते हैं और उस अस्थाई आनंद से मन भर जाता है। तब आपस मैं चर्चा करते हैं कि यहां तो हम अपनें पुण्य कर्मो के परिणाम स्वरूप ही सुख प्राप्त कर रहे हैं। जब हमारे पुण्य समाप्त होंगे तो हमें फिर पृथ्वी लोक में जाकर 84 लाख योनियों में महाकष्ट उठाना पड़ेगा l और विचार करते हैं कि हमे यदि इस बार मानव जन्म मिल गया तो सतभक्ति करके अपना कल्याण करवायेंगे। और परमात्मा प्राप्ति करेंगे, क्योंकि मानव शरीर से ही भक्ति करके परमात्मा प्राप्त किया जा सकता है और परमात्मा प्राप्ति का मार्ग तत्वदर्शी संत बताते हैं जो गीता अध्याय 15 के श्लोक 1 से 4 में वर्णित है:

कबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ है, निरंजन वाकी डार |

तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार ||

वह तत्वदर्शी संत जो संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभागों को बता देगा वास्तव मैं वह तत्वदर्शी संत होगा। उसकी शरण में जाकर दंडवत प्रणाम करके मोक्ष प्राप्ति का मार्ग पूछने पर वह हमे तत्वज्ञान से अवगत कराते हैं। हमे परमात्मा प्राप्त करने का मार्ग बताते हैं व हमारे मानव जीवन के मुख्य उद्देश्य का बोध कराते हैं।

सतभक्ति से आत्महत्या जैसे कुविचारों पर लगता है अंकुश!

इस संसार के सभी जीव त्रिगुणी माया के आधीन है। सभी जीव विकारों के आधीन होकर कार्य करते हैं। इन विकारों को शास्त्रों में वर्णित सत मंत्रो के जाप से पूर्णतया दूर किया जा सकता है। श्रीमद्भागवत गीता में अध्याय 17 के श्लोक 23 में तीन सांकेतिक मन्त्र “ओम,तत्, सत्” का प्रमाण है। श्रीमद्भागवत गीता में गीता ज्ञान दाता कहता है कि उस परमात्मा को प्राप्त करने के लिए तीन मंत्रों का होना आवश्यक है। गीता ज्ञान दाता कहता है कि तू सच्चे संत की तलाश करके उससे इन मंत्रों को प्राप्त करके विशेष तड़प के साथ जाप कर व अपना कल्याण करवा।

वर्तमान में पूर्ण गुरु या संत कौन है? 

वर्तमान में इस पृथ्वी पर एकमात्र तत्वदर्शी व पूर्ण संत “सन्त रामपाल जी महाराज जी” हैं। केवल यही ऐसे एकमात्र गुरु और सन्त हैं जिन्होंने सतज्ञान के माध्यम से लोगों को काल के भयंकर जाल से बचाया है। केवल वही ऐसे सन्त हैं जिनकी शरण में आने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती। और आत्माहत्या जैसे कुकृत्य करने का विचार भी मन में नही आता। इनकी बताई भक्ति से ही जीव का कल्याण होता है। वह पूर्ण मोक्ष का धनी बन जाता है।

जिसने मर्यादा में रहकर भक्ति की है वह लोक तथा परलोक में सुखी रहता है। स्थाई स्थान सतलोक को प्राप्त होता है, जहां कोई दुःख नही है, वहा सुख ही सुख है। पाठक जनों से निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी की शरण मे आकर जल्द से जल्द नाम दीक्षा ले और उनके द्वारा दिए गए अमर मंत्रो का जाप विधि अनुसार करके अपना और अपने परिवार का कल्याण करवाए।

अधिक जानकारी के लिए आप अनमोल पुस्तक जीने की राह पढ़े। दिए गए इस नंबर पर +917496801825 WhatsApp करके यह अनमोल पुस्तक आप निशुल्क अपनें घर प्राप्त कर सकते हैं।

Latest articles

World Cancer Day 2025: सतभक्ति रूपी अचूक दवा है, कैंसर जैसी लाईलाज बीमारी का इलाज

Last Updated on 3 February 2025 IST: विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day in...

Top 20 Spiritual & Religious Leaders of India and World

Last Updated on 30 April 2024 IST: Top 20 Spiritual & Religious Leaders of...

Shab-e-Barat 2025: Only True Way of Worship Can Bestow Fortune and Forgiveness

Last Updated on 3 February 2025 IST | Shab-e-Barat 2025: A large section of...

Maghar Story: Kabir Saheb’s Maghar Leela of Departing to Satlok

Last Updated on 3 Feb 2025 IST | Maghar Story: The Supreme God appears...
spot_img

More like this

World Cancer Day 2025: सतभक्ति रूपी अचूक दवा है, कैंसर जैसी लाईलाज बीमारी का इलाज

Last Updated on 3 February 2025 IST: विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day in...

Top 20 Spiritual & Religious Leaders of India and World

Last Updated on 30 April 2024 IST: Top 20 Spiritual & Religious Leaders of...

Shab-e-Barat 2025: Only True Way of Worship Can Bestow Fortune and Forgiveness

Last Updated on 3 February 2025 IST | Shab-e-Barat 2025: A large section of...