July 30, 2025

UGC Net Result 2023 [Hindi] | यूजीसी नेट परिणाम घोषित, कैसे कर सकते हैं चेक?

Published on

spot_img

UGC Net Result 2023 [Hindi] | नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के अनुसार, दिसंबर सत्र के लिए यूजीसी नेट परिणाम 2023 आज 19 जनवरी को जारी कर दिए गए हैं। आपको बता दें, पहले यह रिजल्ट यूजीसी द्वारा 17 जनवरी को जारी किया जाना था, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक टेक्निकल समस्या के कारण रिजल्ट जारी होने में देरी बताई गई थी। जिसके बाद आज आयोग ने यूजीसी नेट परिणाम 2023 जारी कर दिए हैं।

  • दिसंबर सत्र का यूजीसी नेट रिजल्ट आज 19 जनवरी को हुआ जारी
  • यूजीसी-नेट हर साल दो बार (जून और दिसंबर) में परीक्षा आयोजित करता है।
  • 9 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने दी थी दिसंबर सत्र के लिए यूजीसी नेट परीक्षा 2023
  • आधिकारिक वेबसाइट – ugcnet.nta.ac.in, ugcnet.ntaonline.in और nta.ac.in देख सकेंगे अपना रिजल्ट

आपको बता दें, 83 विषयों के लिए यूजीसी-नेट दिसंबर 2023 (UGC Net December 2023) परीक्षा 6 दिसंबर से 19 दिसंबर 2023 तक देश के 292 शहरों में आयोजित की गई थी। जिसमें कुल 9,45,918 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनका यूजीसी नेट परिणाम (UGC Net Result Hindi) आज जारी कर दिया गया है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा यूजीसी (University Grants Commission) नेट परीक्षा के लिए अंतिम (प्रोविजनल) आंसर की 3 जनवरी को जारी की गई थी। जिसके लिए ऑब्जेक्शन विंडो 5 जनवरी, 2024 को बंद कर दी गई थी। वहीं पुरातत्व (आर्कियोलॉजी) विषय की उत्तर कुंजी 8 जनवरी को जारी की गई थी और ऑब्जेक्शन विंडो 10 जनवरी, 2024 को बंद कर दी गई थी।

नेशनल परीक्षण एजेंसी ने हाल ही में नोटिस जारी करते हुए जानकारी दी थी कि यूजीसी नेट का रिजल्ट 17 जनवरी 2024 को घोषित किया जा सकता है। हालांकि, परिणाम इस तारीख को घोषित नहीं किया गया था। वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने रिजल्ट जारी करने में हुई देरी को टेक्निकल समस्या बताया था। लेकिन 2 दिन के इंतजार के बाद आज 19 जनवरी को आयोग ने 9 लाख से अधिक उम्मीदवारों का यूजीसी नेट परिणाम (UGC Net Result Hindi) जारी कर दिया है।

  1. यूजीसी नेट रिजल्ट चेक करने के लिए सर्वप्रथम यूजीसी नेट की आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जाना होगा।
  2. जिसके मुखपृष्ठ (होम पेज) पर आपको “यूजीसी नेट दिसंबर 2023 परिणाम (UGC Net December 2023 Login)” लिंक पर क्लिक करना होगा।
  3. इसके बाद एक पेज खुलेगा जहां उम्मीदवार को अपना एप्लीकेशन नंबर, जन्मतिथि और सिक्युरिटी पिन भरना होगा।
  4. डिटेल भरने के बाद “लॉगिन” बटन पर क्लिक करें।
  5. जिसके बाद आपको यूजीसी नेट परिणाम (UGC Net Result Hindi) 2023 स्क्रीन पर दिखाई देगा। 
  6. जिसे आप डाउनलोड कर भविष्य के लिए प्रिंटआउट रख सकते हैं।

वहीं अभ्यर्थी अपना रिजल्ट ugcnet.nta.ac.in के अलावा आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.ntaonline.in और nta.ac.in पर भी देख सकते हैं। साथ ही, आप डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके भी डायरेक्ट रिजल्ट देख सकते हैं।

■ यह भी पढ़ें: UGC NET 2023 Answer key Released: यूजीसी नेट की उत्तर कुंजी जारी, इस लिंक से करें डाउनलोड

आज के आधुनिक युग में हर कोई अपने करियर को लेकर सजग है। माता-पिता अपने बच्चों के जन्म के साथ ही उनके भविष्य और करियर को लेकर चिंतित होने लगते हैं। जिस प्रकार करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने और रोजी रोटी कमाने के लिए शिक्षा आवश्यक है, उसी प्रकार मानव जीवन में आध्यात्मिक शिक्षा की भूमिका भौतिक शिक्षा से कहीं अधिक है। लोग मानव जीवन के उद्देश्य के बारे में शायद ही कभी सोचते हैं और जीवन की सबसे बड़ी चुनौती अर्थात वास्तविक परीक्षा से अनजान रहते हैं। कबीर परमेश्वर ने मानव जीवन के उद्देश्य के विषय में बताया है: 

कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।

तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि।।

कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं रटैं हरि नाम। 

जैसे कुआँ जल बिना, खुदवाया किस काम।।

मानव जीवन की वास्तविक परीक्षा, मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य की प्राप्ति के मार्ग की पहचान करना है। जिससे उसे जन्म-मृत्यु के दुष्चक्र से मुक्ति मिल जाती है अर्थात उसका मोक्ष हो जाता है। 

मानव जीवन की इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए, प्रत्येक व्यक्ति को अपने पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार, एक सच्चे संत अर्थात तत्वदर्शी संत की तलाश करनी चाहिए। क्योंकि आध्यात्मिक विद्यालय में प्रवेश लेकर तत्वदर्शी संत द्वारा प्रदान की गई भक्ति का पालन करके एक व्यक्ति मानव जीवन की सबसे कठिन परीक्षा में सफल हो सकता है। उस तत्वदर्शी संत की पहचान पवित्र श्रीमद्भागवत अध्याय 15 श्लोक 1 में दी गई है:

“ऊर्ध्वमूलम्, अधःशाखम्, अश्वत्थम्, प्राहुः, अव्ययम्,
छन्दांसि, यस्य, पर्णानि, यः, तम्, वेद, सः, वेदवित्।।1।।”

अनुवाद: (ऊर्ध्वमूलम्) ऊपर को पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर रूपी जड़ वाला (अधःशाखम्) नीचे को तीनों गुण अर्थात् रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु व तमगुण शिव रूपी शाखा वाला (अव्ययम्) अविनाशी (अश्वत्थम्) विस्तारित पीपल का वृृक्ष है, (यस्य) जिसके (छन्दांसि) जैसे वेद में छन्द है ऐसे संसार रूपी वृृक्ष के भी विभाग छोटे-छोटे हिस्से या टहनियाँ व (पर्णानि) पत्ते (प्राहुः) कहे हैं (तम्) उस संसार रूप वृक्ष को (यः) जो (वेद) इसे विस्तार से जानता है (सः) वह (वेदवित्) पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है। (1)

भावार्थ:- आदि पुरूष परमेश्वर जिसकी मूल है, उस ऊपर को मूल वाले, नीचे को शाखा वाले संसार रूपी पीपल के वृक्ष को अविनाशी कहते हैं, उसके सब भागों को जो तत्त्व से जानता है, वह वेद के तात्पर्य को जानने वाला (वेद वित्) तत्त्वदर्शी संत है।

तत्वदर्शी संत का अन्य संकेत

गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि उस तत्त्वज्ञान को जो सच्चिदानंद घन ब्रह्म अपने मुख से वाणी बोलकर बताता है। उसको तत्त्वदर्शी संतों के पास जाकर समझ। उनको भली-भांति दण्डवत् प्रणाम करने से उनकी सेवा करने से और कपट छोड़कर सरलतापूर्वक प्रश्न करने से वे परमात्म तत्त्व को जानने वाले ज्ञानी महात्मा तुझे उस तत्त्वज्ञान का उपदेश करेंगे। अर्थात मैं उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग नहीं जानता। गीता अध्याय 15 श्लोक 3 में भी कहा है कि इस संसार रूपी वृृक्ष के विस्तार को अर्थात् सृृष्टि रचना को मैं यहाँ विचार काल में अर्थात् इस गीता ज्ञान में नहीं बता पाऊँगा क्योंकि मुझे इस के आदि (प्रारम्भ) तथा अन्त का ज्ञान नहीं है। 

वहीं वर्तमान में पूरे ब्रह्मांड में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान को बताने वाले एकमात्र सच्चे संत अर्थात तत्वदर्शी संत हैं। वे संसार रूपी उल्टे पीपल के वृक्ष को सही तरह से समझाते है जैसा कि सच्चिदानंद घन ब्रह्म अर्थात परमेश्वर कबीर जी के मुख से उच्चारित वाणी यानि सूक्ष्मवेद (तत्त्वज्ञान) में बताया गया हैं :-

कबीर, अक्षर पुरूष एक पेड़ है, क्षर पुरूष वाकि डार। 

तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार।।

कबीर, हम ही अलख अल्लाह हैं, मूल रूप करतार। 

अनन्त कोटि ब्रह्मण्ड का, मैं ही सिरजनहार।।

अर्थात् इस संसार रूपी वृक्ष का जो भाग धरती से ऊपर होता है, वह तना तो अक्षर पुरूष है। उससे निकली एक मोटी डार क्षर पुरूष (ज्योति निरंजन) है तथा उस क्षर पुरूष रूपी डार पर लगी तीनों देवताओं यानि रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव रूपी शाखा हैं और उन शाखाओं पर लगे पत्ते संसार के प्राणी हैं। वहीं सर्व ब्रह्मांडो के रचनहार कबीर परमेश्वर हैं। जिसका प्रमाण पवित्र अथर्ववेद कांड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7, यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8, ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 94 मंत्र 3, कुरान शरीफ सूरत फुरकानी 25 आयत 52-59, गुरुग्रंथ साहिब पृष्ठ 721 आदि में है।

अधिक जानने के लिए, कृपया Sant Rampal Ji Maharaj App प्ले स्टोर से डाऊनलोड करें या jagatgururampalji.org वेबसाइट पर जायें और आध्यात्मिक पुस्तक “जीने की राह” पढ़ें। 

यूजीसी नेट परीक्षा का रिजल्ट कब आएगा?

पहले यूजीसी नेट रिजल्ट 17 जनवरी 2024 को आना था। लेकिन टेक्निकल समस्या के कारण आज 19 जनवरी को आयोग ने रिजल्ट घोषित किया है।

मैं अपना यूजीसी नेट रिजल्ट कैसे चेक करूं?

आप आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in और ugcnet.ntaonline.in में जाकर यूजीसी नेट रिजल्ट 2023 चेक कर सकते हैं।

यूजीसी-नेट साल में कितने बार परीक्षा आयोजित करता है?

साल में 2 बार जून और दिसंबर में होती है यूजीसी-नेट परीक्षा आयोजित।

निम्नलिखित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

Magnitude 8.8 Earthquake Triggers Pacific-Wide Tsunami Alert: Japan, Hawaii, and Alaska on High Alert

Tsunami Alert: On July 30, 2025, a devastating magnitude 8.8 earthquake struck near Russia's...

Nag Panchami 2025: The Scriptural Guide To Observe Nag Panchami

Nag Panchami India: Know the Date, History, Significance, and the Snake god for Nag Panchami along with knowing the true way of Worship to perform.

अन्नपूर्णा मुहिम: गरीबी और भूख के विरुद्ध संत रामपाल जी महाराज की राष्ट्रव्यापी प्रेरणा

क्या आप जानते हैं कि भारत में आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें...
spot_img

More like this

Magnitude 8.8 Earthquake Triggers Pacific-Wide Tsunami Alert: Japan, Hawaii, and Alaska on High Alert

Tsunami Alert: On July 30, 2025, a devastating magnitude 8.8 earthquake struck near Russia's...

Nag Panchami 2025: The Scriptural Guide To Observe Nag Panchami

Nag Panchami India: Know the Date, History, Significance, and the Snake god for Nag Panchami along with knowing the true way of Worship to perform.