टोक्यो ओलंपिक के बाद अब बारी है पैरालंपिक खेलों (Tokyo 2020 Paralympics Games) की। पैरा एथलीट्स के बीच होने वाले खेलों के इस महाकुंभ की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। टोक्यो पैरालंपिक खेलों का मंगलवार, 24 अगस्त 2021 को उद्घाटन समारोह के साथ आगाज हो गया है, जिसमें सभी देशों के पैरा एथलीटों के दल ने फ्लैग परेड में हिस्सा लिया। टोक्यो पैरालम्पिक में आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं में 163 देशों के 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में शिरकत करेंगे। भारत भी अपने सबसे बड़े दल के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के इरादे से उतरेगा। ‘यूनाइटेड बाय इमोशन’ इस साल जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाले पैरालम्पिक खेलों का आधिकारिक मोटो है।
Tokyo 2020 Paralympics Games: मुख्य बिंदु
- टोक्यो पैरालंपिक 2020 का उद्घाटन समारोह के साथ मंगलवार, 24 अगस्त 2021 से हुआ आगाज
- 5 सितंबर को होगा समापन
- पैरालंपिक खेल में शारीरिक रूप अथवा मानसिक रूप से विकलांग खिलाड़ी भाग लेते हैं
- कोरोना काल के कारण दर्शकों को स्टेडियम में आने की नहीं है अनुमति, सिर्फ कुछ स्थलों पर आयेंगे स्कूली बच्चे
- टोक्यो पैरालंपिक में नौ प्रतिस्पर्धाओं में 54 भारतीय खिलाड़ी दिखाएंगे दमखम
- भाला फेंक खिलाड़ी टेक चंद होंगे भारत के ध्वजवाहक
- खेलों में 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में करेंगे शिरकत
- पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी से जानें जीवन रूपी खेल में विजयी होने की विधि
टोक्यो 2020 पैरालम्पिक (Tokyo 2020 Paralympics Games) में एक साल की देरी क्यों हुई?
वैश्विक महामारी COVID-19 के कारण एक साल की देरी के बाद, दुनिया के शीर्ष एथलीटों ने स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद से पैरालम्पिक के 22 विभिन्न खेलों में भाग लेने के लिए जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित उद्घाटन समारोह में भाग लिया। लंबे इंतजार के बाद, एथलीट और प्रशंसक समान रूप से इस आयोजन से खुश हैं।
जानिए कब शुरू होगा टोक्यो पैरालम्पिक
पैरालंपिक खेलों का उद्घाटन समारोह 24 अगस्त अर्थात मंगलवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से जापान के टोक्यो में हो रहा है। इसके कार्यक्रम के साथ ही खेलों का आगाज हो जाएगा। बता दें कि गोलबॉल और बोक्सिया को छोड़कर ओलंपिक और पैरालंपिक के अधिकतर खेल एक ही हैं। इसमें तैराकी और एथलेटिक्स भी शामिल हैंं।
जानें पैरालम्पिक खेलों की शुरूआत कब हुई थी?
पैरालंपिक खेल (Paralympic Games) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है जिसमें शारीरिक रूप अथवा मानसिक रूप से विकलांग खिलाड़ी भाग लेते हैं। पैरालंपिक खेलों का मौजूदा ग्लैमर द्वितीय विश्व युद्ध के घायल सैनिकों को फिर से मुख्यधारा में लाने के मकसद से हुई इसकी शुरुआत से है। स्पाइनल इंज्यूरी के शिकार सैनिकों को ठीक करने के लिए खास तौर से इसे शुरू किया गया था। साल 1948 में द्वितीय विश्व युद्ध में घायल हुए सैनिकों की स्पाइनल इंजुरी को ठीक करने के लिए स्टोक मानडेविल अस्पताल में काम कर रहे नियोरोलोजिस्ट सर गुडविंग गुट्टमान ने इस रिहेबिलेशन कार्यक्रम के लिए स्पोर्ट्स को चुना था। इन खेलों को तब अंतर्राष्ट्रीय व्हीलचेयर गेम्स का नाम दिया गया था।
साल 1948 में लंदन में ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ, और इसी के साथ ही डॉक्टर गुट्टमान ने दूसरे अस्पताल के मरीजों के साथ एक स्पोर्ट्स कंपीटिशन की भी शुरुआत की। जिसे काफ़ी पसंद किया गया। फिर देखते ही देखते डॉक्टर गुट्टमान के इस अनोखे तरीके को ब्रिटेन के कई स्पाइनल इंज्यूरी यूनिट्स ने अपनाया और एक दशक तक स्पाइनल इंज्यूरी को ठीक करने के लिए ये रिहेबिलेशन प्रोग्राम चलता रहा। 1952 में फिर इसका आयोजन किया गया। इस बार ब्रिटिश सैनिकों के साथ ही डच सैनिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया। इस तरह इसने पैरालंपिक खेल के लिए एक मैदान तैयार किया।
पहली बार वैश्विक स्तर पर पैरालम्पिक खेलों (Tokyo 2020 Paralympics Games) का आयोजन
वर्ष 1960 में रोम में पहले पैरालंपिक खेल हुए। इसमें सैनिकों के साथ ही आम लोग भी भाग ले सकते थे। पहले पैरालंपिक खेलों में 23 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। शुरुआती पैरालंपिक खेलों में तैराकी को छोड़कर खिलाड़ी सिर्फ व्हीलचेयर के साथ ही भाग ले सकते थे लेकिन 1976 में दूसरे तरह के पैरा लोगों को भी पैरालंपिक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। 1960 में रोम ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया। नियोरोलोजिस्ट डॉक्टर गुट्टमान 400 व्हीलचेयर लेकर ओलंपिक शहर में पहुंचे।
जहां उन्होंने पैरा लोगों के लिए खेल का आयोजन किया। वहीं से शुरुआत हुई मॉर्डन पैरालंपिक खेलों की। ब्रिटेन के मार्गेट माघन पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने। उन्होंने अर्चेरी इवेंट (तीरंदाज़ी) में गोल्ड मेडल जीता। अर्चेरी डॉक्टर गुट्टमान के ट्रीटमेंट का अहम हिस्सा था।
भारत ने पैरालम्पिक खेलों में पहली बार भाग कब लिया था?
भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका है। अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है। भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था।
Tokyo 2020 Paralympics Games : जानिए कौन-कौन सी स्पर्धाएँ में भाग ले सकेंगे खिलाड़ी
- Archery
- Athletics
- Badminton
- Boccia
- Canoe Sprint
- Cycling Road and Cycling Track
- Equestrian
- Football 5-a-side
- Goalball
- Judo
- Powerlifting
- Rowing
- Shooting
- Sitting Volleyball
- Swimming
- Table Tennis
- Taekwondo
- Triathlon
- Wheelchair Basketball
- Wheelchair Fencing
- Wheelchair Rugby
- Wheelchair Tennis
Tokyo 2020 Paralympic Games : टेक चंद बने भारतीय दल के ध्वजवाहक
ऊंची कूद के एथलीट मरियप्पन थंगावेलू टोक्यो की उड़ान के दौरान कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण पैरालंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक नहीं बन पाएंगे उनकी जगह पर टेकचंद भारतीय दल के ध्वजावाहक बने।
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ओलंपिक खेलों के बाद अब पैरालंपिक खेलों में भी भारतीय दल दमदार प्रदर्शन करने की तैयारी में है। पैरालम्पिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के 5 खिलाड़ियों ने भाग लिया, हालांकि 54 भारतीय खिलाड़ियों का दल खेलों में भाग लेने वाला है लेकिन उद्घाटन समारोह में भारत के पांच खिलाड़ी शामिल हुए। इसमें से टेक चंद भारतीय दल के ध्वजावाहक बने।
Tokyo 2020 Paralympic Games : इन 9 खेलों में शिरकत करेंगे भारतीय खिलाड़ी
भारतीय दल के सूत्रों ने बताया है कि इस बार पैरालंपिक (Tokyo 2020 Paralympics Games) में भारत की ओर से सबसे बड़ा एथलीटों का दल हिस्सा ले रहा है। 9 अलग-अलग खेलों में कुल 54 खिलाड़ी पदक के लिए भारतीय खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगे वही अपना बेहतर प्रदर्शन देगें। टोक्यो पैरालम्पिक में भाग लेने वाले इन खिलाड़ियों के नाम निम्नानुसार हैं
तीरंदाजी (Archery)
- ज्योति बाल्यान
- हरविंदर सिंह
- विवेक चिकारा
- राकेश कुमार
- श्याम सुंदर
एथलेटिक्स (Athletics)
- सिमरन शर्मा
- कशिश लाकरा
- एकता बाल्यान
- भाग्यश्री माधवराव जाधव
- अमित कुमार सरोहा
- धर्मवीर नैन
- विनोद कुमार
- योगेश कठुनिया
- निषाद कुमार
- मरियपन्न थंगावेलु
- शरद कुमार
- वरुण सिंह भाटी
- प्रवीण कुमार
- नवदीप सिंह
- सुंदर सिंह गुर्जर
- अजीत सिंह
- देवेंद्र झांझरिया
- टेक चन्द्र
- रंजीत भाटी
- संदीप चौधरी
- सुमित अंतिल
- अरविंद मलिक
- सोमन राणा
- रामपाल
बैडमिंटन (Badminton)
- पारुल परमार
- पलक कोहली
- प्रमोद भगत
- मनोज सरकार
- सुहास ललिनाकेरे
- तरुण ढिल्लन
- कृष्णा नागर
पावर लिफ्टिंग (Power Lifting)
- शकीना खातून
- जयदीप देसवाल
पैरा केनोइंग (para canoeing)
- प्राची यादव
तैराकी (Swimming)
- सुयश जाधव
- निरंजन मुकुन्दन
निशानेबाजी (Shooting)
- रुबिना फ्रांसिस
- अव्नी लेकहारा
- स्वरूप महावीर
- मनीष नरवाल
- दीपंकर सिंह
- सिहराज
- दीपक सैनी
- राहुल जाखड़
- आकाश
- सिद्धार्थ बाबू
टेबल टेनिस (Table Tennis)
- सोनलबेन मधुभाई पटेल
- भविना हंसमुखभाई
ताईक्वांडो (Taekwondo)
- अरुणा तंवर
Tokyo 2020 Paralympics Games: दर्शकों की रहेगी इस बार ‘नो एंट्री’
टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo 2020 Paralympics Games) का आयोजन दर्शकों के बिना किया जाएगा। कोरोना महामारी की वजह से इन खेलों में स्टेडियम में दर्शकों को एंट्री नहीं मिलेगी। स्कूली बच्चों को इसमें जाने की मंजूरी दी गई है लेकिन उसके लिए उन्हें सभी सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। यह फैसला पैरालिंपिक समिति के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने लिया।
इस बार के पैरालम्पिक में अफगान खिलाड़ी नही हुए शामिल, पर ध्वज ने रखा अपना स्थान बरकरार
टोक्यो पैरालंपिक में अफगानिस्तान के दो एथलीट भाग लेने वाले थे लेकिन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद दोनों पैरालंपिक में नहीं आ सके। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक खेलों के अध्यक्ष ने कहा है कि अफगानिस्तान का झंडा भी उद्घाटन समारोह में फहराया जाएगा, जो एकजुटता का प्रतीक होगा।
दर्शक, टोक्यो पैरालंपिक का सारा एक्शन कहां और कैसे देख सकते हैं?
इस बार के पैरालंपिक खेलों का प्रसारण यूरोस्पोर्ट चैनल पर होगा। इस चैनल को डिस्कवरी+ एप पर भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा दूरदर्शन पर सिर्फ भारतीय मुकाबले देखे जा सकेंगे।
जीवन रूपी खेल में प्रतिभागी सभी मानव देह धारियों के लिए अनमोल सन्देश
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही विश्वभर में एकमात्र ऐसे संत हैं जो साधकों को अपने द्वारा दी हुई शास्त्र प्रमाणित सतभक्ति विधि द्वारा सांसारिक दुःखों से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ पूर्ण मोक्ष की गारंटी प्रदान करते हैं। जीवन रूपी खेल में एक अच्छे खिलाड़ी की भाँति खेलने के लिए, बिना समय गवाएं आज ही संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नामदीक्षा प्राप्त करें, जिससे बार-बार होने वाली जन्म-मरण रूपी हार को पूर्ण मोक्ष रूपी विजय में तब्दील किया जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के अनमोल सत्संग सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर श्रवण करें।