December 19, 2025

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: नौकरी और प्रमोशन के लिए अब अनिवार्य होगी TET परीक्षा, जानें किसे मिलेगी छूट

Published on

spot_img

शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को ऐसा फैसला सुनाया है जिसने पूरे शिक्षा जगत को प्रभावित किया है। अदालत ने साफ कर दिया कि अब स्कूलों में नियुक्ति और प्रमोशन के लिए TET पास करना अनिवार्य होगा। यह फैसला तमिलनाडु और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों से आई याचिकाओं पर सुनाया गया। कोर्ट का यह कदम शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा परिवर्तनकारी निर्णय माना जा रहा है।

5 साल से अधिक सेवा शेष वाले शिक्षकों के लिए सख्त नियम

सुप्रीम कोर्ट की बेंच जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह  ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि सेवानिवृत्ति तक 5 साल से अधिक है, उन्हें अगले दो वर्षों में TET पास करना अनिवार्य होगा। यदि वे परीक्षा पास नहीं करते हैं, तो उन्हें सेवा से बाहर होना पड़ेगा या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर सेवा लाभ लेना होगा।

5 साल से कम सेवा शेष वालों को आंशिक राहत

सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में 5 साल से कम बचे हैं, वे बिना TET पास किए कार्यरत रह सकते हैं। हालांकि, वे प्रमोशन के पात्र नहीं होंगे। इसका मतलब है कि नौकरी तो सुरक्षित रहेगी लेकिन पदोन्नति का अवसर खोना पड़ेगा।

प्रमोशन और नियुक्ति दोनों पर लागू होगा आदेश

सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले से यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब कोई भी शिक्षक बिना TET पास किए नई नियुक्ति या प्रमोशन नहीं पा सकेगा। अदालत ने पुराने शिक्षकों को यह अवसर दिया है कि वे दो साल के भीतर परीक्षा पास करें, अन्यथा उन्हें सेवा से हटाया जा सकता है।

अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों का मामला बड़ी बेंच को रेफर

फैसले में यह भी उल्लेख किया गया कि क्या राज्य सरकारें अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी TET अनिवार्य कर सकती हैं और यह उनके संवैधानिक अधिकारों को किस हद तक प्रभावित करेगा, इस पर अंतिम निर्णय अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी।

Also Read: NCVT ITI Result 2025 घोषित: अब ऑनलाइन चेक करें डिजिटल मार्कशीट

इससे पहले Anjuman Ishaat-e-Taleem Trust (एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्था) ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसी वजह से यह प्रश्न अभी खुला हुआ है और बड़ी बेंच द्वारा तय किया जाएगा।

TET का ऐतिहासिक संदर्भ और महत्व

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने वर्ष 2010 में यह न्यूनतम योग्यता तय की थी कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए TET अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि अध्यापक शिक्षण की बुनियादी गुणवत्ता और क्षमता पर खरे उतरें।

TET को देशभर में शिक्षण की गुणवत्ता का पैमाना माना जाता है और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इसकी अहमियत और भी बढ़ गई है।

कोर्ट का तर्क: शिक्षा में गुणवत्ता और जवाबदेही

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि शिक्षा व्यवस्था की नींव अध्यापक होते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि हर शिक्षक योग्य और सक्षम हो।

TET को अनिवार्य बनाकर अदालत ने यह संदेश दिया कि देश के भविष्य यानी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और शिक्षण पेशे में जवाबदेही और पारदर्शिता स्थापित हो।

शिक्षकों और अभ्यर्थियों पर सीधा असर

यह फैसला उन शिक्षकों पर सीधा प्रभाव डालेगा जो पहले से कार्यरत हैं और साथ ही उन उम्मीदवारों पर भी जो अध्यापक बनने की तैयारी कर रहे हैं।

  • नए अभ्यर्थियों को नियुक्ति से पहले TET पास करना होगा।
  • पुराने शिक्षकों को दो साल का समय मिलेगा, अन्यथा वे सेवा से हट सकते हैं।
  • 5 साल से कम सेवा शेष वाले शिक्षक नौकरी बचा पाएंगे लेकिन प्रमोशन से वंचित रहेंगे।

नीति-परिवर्तन का सार: शिक्षक गुणवत्ता पर अब समझौता नहीं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि स्कूल शिक्षा में न्यूनतम योग्यता के रूप में TET अनिवार्य है नई नियुक्ति और पदोन्नति, दोनों के लिए। जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में पाँच वर्ष से अधिक शेष हैं, उन्हें दो वर्षों के भीतर TET पास करना होगा; अन्यथा वे सेवा छोड़ सकते हैं या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर सेवा लाभ ले सकते हैं। जिनकी सेवा पाँच वर्ष से कम बची है, वे बिना TET कार्यरत रहेंगे, पर प्रमोशन नहीं पाएंगे। अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू होने का प्रश्न बड़ी पीठ तय करेगी। यह कदम आरटीई के उद्देश्यों के अनुरूप, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक सुधार है।

विद्या और भक्ति का संगम: संत रामपाल जी महाराज का अनूठा संदेश

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी अपने सत्संग प्रवचनों में शिक्षा का महत्व बताते हैं कि  शिक्षा का सर्वोच्च उद्देश्य केवल नौकरी या पदोन्नति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह परमात्मा की पहचान करने और आत्मिक उन्नति का माध्यम है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ने कलयुग के इस समय को चुना है ताकि उसके सभी बच्चे शिक्षित हों और उनको पहचान सकें। जब शिक्षा के साथ सतभक्ति जुड़ती है, तब व्यक्ति न केवल विद्वान बनता है बल्कि एक नैतिक, जिम्मेदार और आदर्श नागरिक के रूप में उभरता है। 

कबीर परमेश्वर जी की वाणी है कि 

“सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार।

 तो भी बराबर हैं नहीं , कहैं कबीर विचार।”

अधिक जानकारी के लिए देखें: www.jagatgururampalji.org

TET अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

Q1. सुप्रीम कोर्ट ने TET को लेकर क्या बड़ा फैसला सुनाया है?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अब स्कूलों में नई नियुक्ति और प्रमोशन दोनों के लिए अनिवार्य होगी।

Q2. जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 साल से अधिक है, उनके लिए क्या नियम हैं?

ऐसे शिक्षकों को अगले दो वर्षों के भीतर TET पास करना अनिवार्य होगा, अन्यथा वे नौकरी छोड़ सकते हैं या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर सेवा लाभ ले सकते हैं।

Q3. जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 साल से कम बची है, उन्हें क्या छूट मिलेगी?

उन्हें सेवानिवृत्ति तक TET पास करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन वे प्रमोशन के पात्र नहीं होंगे।

Q4. क्या यह नियम अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर भी लागू होगा?

इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को रेफर किया है। अंतिम निर्णय बड़ी बेंच द्वारा ही दिया जाएगा।

Q5. TET परीक्षा का महत्व क्या है?

TET परीक्षा को 2010 में अनिवार्य किया गया था ताकि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षक न्यूनतम योग्यता और शिक्षण गुणवत्ता के मानकों पर खरे उतरें।

Latest articles

संत रामपाल जी महाराज ने डीग के दाँदू गाँव में 2,000 बीघा भूमि को बाढ़ से बचाया 

डीग, राजस्थान: जब प्रकृति का प्रकोप बरसता है और शासन-प्रशासन की ओर से निराशा...

अरावली पर संकट: सुप्रीम कोर्ट की नई परिभाषा के बाद क्यों तेज हुआ Save Aravalli अभियान

दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में शामिल अरावली एक बार फिर गंभीर बहस...

National Farmers Day 2025: Story of How Sant Rampal Ji Maharaj Became a Lifeline for Flood-Hit Farmers

National Farmers Day (Kisan Diwas) is the day to recognize the contributions of farmers on 24 December. Know its History & Quotes about Farmer's Day

SSC CGL 2025 Tier 1 Result Declared: Cut‑Offs, Merit Lists, and Next Steps for Tier 2

The SSC CGL 2025 Tier 1 Result has officially been declared by the Staff...
spot_img

More like this

संत रामपाल जी महाराज ने डीग के दाँदू गाँव में 2,000 बीघा भूमि को बाढ़ से बचाया 

डीग, राजस्थान: जब प्रकृति का प्रकोप बरसता है और शासन-प्रशासन की ओर से निराशा...

अरावली पर संकट: सुप्रीम कोर्ट की नई परिभाषा के बाद क्यों तेज हुआ Save Aravalli अभियान

दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में शामिल अरावली एक बार फिर गंभीर बहस...

National Farmers Day 2025: Story of How Sant Rampal Ji Maharaj Became a Lifeline for Flood-Hit Farmers

National Farmers Day (Kisan Diwas) is the day to recognize the contributions of farmers on 24 December. Know its History & Quotes about Farmer's Day