हरियाणा के भिवानी जिले का चोरटापुर गांव (भिवानी, हरियाणा) हाल ही में बाढ़ से बुरी तरह तबाह हो गया था। नालों के उफान और लगातार बारिश ने खेतों, घरों और पशुओं को डुबो दिया था। लोग अपने घर, पशु सब छोड़कर दूर अपने रिश्तेदारों के घर रहने को मजबूर थे। सपने डूब रहे थे, फसलें बर्बाद हो चुकी थीं और प्रशासन नाकाम था। ऐसे कठिन समय में सतगुरु रामपाल जी महाराज की करुणा ने पूरे गांव को जीवनदान दिया।
गांव वालों की प्रार्थना, संत रामपाल जी महाराज जी के चरणों में
गांव के सरपंच रमेश कुमार और पंचायत ने बरवाला जाकर मुनिंदर धर्मार्थ के सेवादारों से सतगुरु रामपाल जी महाराज से मदद करने की गुहार लगाई। उन्होंने मैनेजमेंट को एक प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसमें स्पष्ट रूप से मांगा गया था:
- दो 15 एचपी मोटरें, और
- 10,000 फीट लंबी 8 इंच पाइप
उन्होंने बताया कि पानी ने पूरे गांव को डुबो दिया है और फसलें खत्म हो गई हैं।
चोरटापुर, भिवानी में बाढ़ सहायता से संबंधित मुख्य बिंदु :
- ग्रामीणों ने सतगुरु रामपाल जी महाराज से दो 15 एचपी मोटरें और 10,000 फीट पाइप की सहायता मांगी।
- संत रामपाल जी के आदेश से 24 घंटे में गांव में राहत सामग्री पहुंची।
- अन्नपूर्णा मुहिम संत रामपाल जी महाराज जी के आदेश पर चल रही मुहिम है, सबकुछ उनके निर्देशानुसार हो रहा है।

संत रामपाल जी की तरफ से त्वरित सहायता
सतगुरु जी के आदेश पर भक्तों ने तुरंत तैयारी शुरू कर दी। केवल 24 घंटों में दो 15 एचपी मोटरें और 10,000 फीट पाइप सहित ट्रक-ट्रैक्टर राहत सामग्री से भरकर चोरटापुर पहुँच गए। हर कदम पर कार्य केवल संत रामपाल जी के आदेश और कृपा से हो रहा था। सतगुरु जी ने स्पष्ट कहा: “क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होगा। यह केवल मदद नहीं, यह मानवता की सेवा है।”
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ग्रामीणों की भावनाएँ और धन्यवाद
सरपंच ने कहा:
“हम पूरी तरह असहाय थे। पर सतगुरु रामपाल जी महाराज ने हमारी पुकार सुनी और एक दिन में सारी सहायता भेज दी। उन्होंने केवल मदद नहीं दी, उन्होंने हमें उम्मीद दी।”
एक ग्रामीण ने भावुक होकर कहा:
“यह मदद नहीं, वरदान है। सतगुरु जी की दया से आज हम बचे हैं। हम जीवनभर उनके ऋणी रहेंगे।”
अनुशासन और सतगुरु जी का आदेश
सहायता सामग्री के साथ सतगुरु रामपाल जी महाराज का सन्देश भी भेजा गया: मैनेजमेंट ने सतगुरु रामपाल जी महाराज का आदेश ग्राम वासियों को पढ़कर सुनाया।

सतगुरु वचन: “सामग्री का सही उपयोग करें। अगर निर्धारित समय में पानी नहीं निकाला गया तो आगे सहायता नहीं दी जाएगी।”
इस तरह से संत रामपाल जी की कृपा से किसानों की उम्मीद लौटी। अब खेत सूखेंगे, किसान फिर से फसल बोने लगेंगे और गाँव में जीवन लौट आएगा। हर ग्रामीण एक ही वाक्य दोहरा रहा था:
“यह सब सतगुरु रामपाल जी महाराज की दया और कृपा से हुआ है।” बोलो सतगुरु देव जी की जय हो।



