October 7, 2025

संत रामपाल जी महाराज के 75वें अवतरण दिवस पर सतलोक आश्रमों में महासमागम सम्पन्न | 2449 यूनिट रक्तदान, 132 दहेज-मुक्त विवाह और 182 देहदान संकल्प

Published on

spot_img

6 से 8 सितम्बर 2025 तक जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का 75वां अवतरण दिवस पूरे देश और नेपाल के कुल 12 सतलोक आश्रमों में श्रद्धा, उत्साह और अनुशासन के साथ मनाया गया। यह तीन दिवसीय भव्य समागम केवल धार्मिक आयोजन भर नहीं था, बल्कि समाज सुधार, निस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक जागरण का जीवंत प्रतीक बन गया।

इस अवसर पर सभी आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की पवित्र अमरवाणी का अखंड पाठ हुआ और संत रामपाल जी महाराज ने शास्त्रानुकूल सतज्ञान पर प्रवचन दिए। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस आयोजन का हिस्सा बने — किसी ने ऑन-ग्राउंड पहुंचकर, तो किसी ने डिजिटल माध्यम से।

लाखों श्रद्धालुओं ने विशाल भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया और आध्यात्मिक प्रदर्शनी से शास्त्रानुकूल भक्ति व समाज सुधार का संदेश समझा। हजारों लोगों ने नाम दीक्षा लेकर अपने जीवन का वास्तविक उद्देश्य जानने का संकल्प लिया।

Table of Contents

इस वर्ष का अवतरण दिवस समागम देश-विदेश के 12 सतलोक आश्रमों में एक साथ सम्पन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने अपने नज़दीकी आश्रम में पहुँचकर कार्यक्रमों में भाग लिया।

  • हरियाणा: सतलोक आश्रम धनाना धाम (सोनीपत), भिवानी, कुरुक्षेत्र
  • उत्तर प्रदेश: सतलोक आश्रम शामली
  • पंजाब: सतलोक आश्रम खमाणों, धुरी
  • मध्य प्रदेश: सतलोक आश्रम बैतूल, इंदौर
  • राजस्थान: सतलोक आश्रम सोजत
  • दिल्ली: सतलोक आश्रम मुंडका
  • महाराष्ट्र: सतलोक आश्रम धवलपुरी
  • नेपाल: सतलोक आश्रम धनुषा

इन सभी आश्रमों में एक साथ अखंड पाठ, सत्संग, भंडारा, दहेज-मुक्त विवाह (रमैणी), रक्तदान शिविर और आध्यात्मिक प्रदर्शनी आयोजित हुईं, जिससे यह आयोजन अखिल भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक भव्य उत्सव बन गया। लाखों की संख्या में देश विदेश से देशी और विदेशी श्रद्धालुओं की भीड़ श्रद्धा के सागर में डुबकी लगाने को उमड़ी। 

तीन दिनों तक चला यह महोत्सव श्रद्धा, अनुशासन और सेवा का संगम बना। कार्यक्रम का शुभारंभ संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी के अखंड पाठ से हुआ, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

सत्संग सभाओं में संत रामपाल जी महाराज ने शास्त्रों से प्रमाणित सतज्ञान देकर जीवन का उद्देश्य और सच्ची भक्ति का मार्ग समझाया।

समागम के दौरान दहेज-मुक्त, शोर-शराबे रहित, मात्र 17 मिनट में सम्पन्न सादगीपूर्ण रमैणी विवाहों ने समाज को नई दिशा दी। यह केवल विवाह नहीं बल्कि दहेज प्रथा के खिलाफ शांतिपूर्ण सामाजिक क्रांति का संदेश था।

मानवता की सेवा को केंद्र में रखते हुए रक्तदान शिविर आयोजित किए गए जिनमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। देहदान संकल्प शिविरों में सैकड़ों लोगों ने मृत्यु के बाद भी समाज के लिए उपयोगी बनने का प्रण लिया। नि:शुल्क चिकित्सा शिविरों में हज़ारों लोगों को प्राथमिक उपचार, नेत्र जांच और दंत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गईं।

भंडारे में लाखों श्रद्धालुओं ने एक साथ पंगत में बैठकर सात्विक भोजन ग्रहण किया, जिससे समाज में समानता और भाईचारे का अद्भुत संदेश गया। हर आश्रम में लगी प्रदर्शनी ने श्रद्धालुओं को शास्त्रानुकूल भक्ति, कबीर साहेब की दिव्य लीलाओं और समाज सुधार के महत्व से परिचित कराया।

सत्संग एवं अखंड पाठ

सभी सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की पवित्र अमरवाणी ग्रंथ साहेब जी का तीन दिवसीय अखंड पाठ सम्पन्न हुआ। संत रामपाल जी महाराज द्वारा सभी धर्मों के शास्त्रों से प्रमाणित सतज्ञान पर आधारित प्रवचन हुए, जिनमें श्रोताओं को जीवन का वास्तविक उद्देश्य समझाया गया।

दहेज-मुक्त विवाह (रमैणी), रक्तदान, देहदान: एक सामाजिक क्रांति

तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में रक्तदान शिविर, दहेज-मुक्त विवाह (रमैणी), देहदान संकल्प और विशाल भंडारे जैसे प्रेरणादायक परमार्थ के कार्यक्रम आयोजित हुए। इन आयोजनों ने यह साबित किया कि संत रामपाल जी महाराज की शिक्षा केवल भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में व्यावहारिक परिवर्तन लाने की शक्ति रखती है।

सभी 12 आश्रमों में कुल 132 जोड़ों का विवाह 17 मिनट में सादगीपूर्वक सम्पन्न हुआ। न कोई दहेज, न तड़क-भड़क, केवल सच्चे संस्कारों के साथ विवाह कर एक नई सामाजिक मिसाल पेश की गई। सतलोक आश्रमों में रक्तदान शिविर आयोजित हुए, जिनमें कुल 2449 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। इसके अतिरिक्त 182 श्रद्धालुओं ने देहदान/अंगदान का संकल्प लिया।

सतलोक आश्रमरक्तदान (यूनिट)रमैणी (संख्या)देहदान संकल्प
धनाना धाम (सोनीपत)50428
भिवानी1320772
कुरुक्षेत्र25111
सोजत (राजस्थान)2252337
मुंडका (दिल्ली)11007
धुरी (पंजाब)7501
खमाणो (पंजाब)22904
बैतूल (म.प्र.)31930
इंदौर (म.प्र.)17111110
शामली (उ.प्र.)6014
धवलपुरी (महाराष्ट्र)51405
धनुषा (नेपाल)8414
कुल योग2674155219

प्राथमिक उपचार और चिकित्सा शिविर

सतलोक आश्रमों में प्राथमिक उपचार, दंत चिकित्सा और नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किए गए। हजारों श्रद्धालुओं ने नि:शुल्क परामर्श, दवा और उपचार सेवाओं का लाभ लिया।

  • नेत्र शिविर में आधुनिक उपकरणों से दृष्टि परीक्षण और चश्मों की सलाह दी गई।
  • डेंटल शिविर में दांतों की सफाई, कीड़ा लगने की रोकथाम और दर्द निवारण सेवाएं दी गईं।

विशाल भंडारा

भंडारे की विशेषता रही कि जाति, धर्म, लिंग या आय का कोई भेदभाव नहीं रहा। लाखों श्रद्धालुओं ने एक साथ पंगत में बैठकर भोजन किया। देसी घी से बनी पूड़ी-सब्ज़ी, रायता, अचार, जलेबी और लड्डू का प्रसाद परोसा गया। यह आयोजन केवल भोजन नहीं बल्कि समानता और भाईचारे का उत्सव बन गया।

आध्यात्मिक प्रदर्शनी

प्रत्येक आश्रम में लगाई गई प्रदर्शनी में चारों वेद, गीता, कुरान, बाइबल, गुरु ग्रंथ साहिब से प्रमाण, संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित साहित्य और कबीर साहेब की लीलाओं को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।

भक्तों के लिए सुविधाएँ

प्रत्येक आश्रम में श्रद्धालुओं के लिए सुव्यवस्थित व्यवस्थाएँ रहीं –

  • 24 घंटे निःशुल्क बस सेवा
  • स्वच्छ शौचालय, चार्जिंग स्टेशन और मेडिकल सुविधा
  • महिला-पुरुषों के लिए अलग विशाल पंडाल
  • प्रवेश और भंडारे में अनुशासित व्यवस्था

आयोजन की तैयारी

यह भव्य आयोजन कई दिन पहले से ही हजारों सेवादारों द्वारा तैयारियों के साथ शुरू हो गया था।

  • सफाई, सजावट, भंडारा प्रबंधन और सुरक्षा सहित सभी सेवाओं की जिम्मेदारी सेवादारों ने निभाई।
  • रमैणी मंच, रक्तदान शिविर और चिकित्सा व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया।

इस तीन दिवसीय भव्य समागम का सीधा प्रसारण देश-विदेश में लाखों लोगों ने देखा।

  • टीवी प्रसारण: साधना टीवी चैनल पर 8 सितम्बर की सुबह से विशेष लाइव कवरेज दी गई।
  • ऑनलाइन स्ट्रीमिंग: यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया, जिससे वे लोग भी जुड़ पाए जो आश्रमों तक नहीं पहुँच सके।
  • डिजिटल सहभागिता: लाखों दर्शकों ने कमेंट और लाइव चैट के माध्यम से ऑनलाइन सहभागिता की, जिससे यह आयोजन वैश्विक स्तर पर भी सफल रहा।

इस डिजिटल प्रसारण ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर देश-विदेश के अनुयायियों को एक मंच पर जोड़ा।

समाज सुधार की अनोखी पहल (Social Reform Initiatives)

संत रामपाल जी महाराज ने अपने प्रवचनों में बताया कि सच्ची भक्ति केवल मोक्ष प्राप्ति का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज सुधार का सबसे बड़ा माध्यम है। उन्होंने दहेज प्रथा, मृत्युभोज, बाल विवाह, जातिवाद, नशा, भ्रष्टाचार, टोना-टोटका और अन्य कुप्रथाओं को समाज के लिए खतरा बताया।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि समाज को तोड़ने वाले तत्व — जातिवाद, सम्प्रदायवाद, प्रांतवाद, भाषावाद — को समाप्त करना अनिवार्य है। आश्रमों में इन कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए गए और प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को समझाया गया कि सादगीपूर्ण जीवन, नशामुक्ति और समानता पर आधारित समाज ही वास्तविक सुख और शांति का मार्ग है।

संत रामपाल जी महाराज का मानना है कि सच्ची भक्ति का अर्थ केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की सहायता करना भी है। उनके मार्गदर्शन में चल रही परोपकार की मुहिमें लाखों लोगों की जिंदगी बदल रही हैं।

अन्नपूर्णा मुहिम – रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान

“रोटी, कपड़ा और मकान हर गरीब को देगा कबीर भगवान” – यह केवल नारा नहीं बल्कि धरातल पर साकार हो रहा मिशन है। इसके तहत संत रामपाल जी महाराज द्वारा 

  • निःशुल्क राशन किट उन परिवारों तक पहुँचाई जा रही है जिनके घर में कोई कमाने वाला नहीं है।
  • सर्दी-गर्मी के अनुसार कपड़े और कंबल प्रदान किए जा रहे हैं।
  • गरीब बच्चों की स्कूल फीस, यूनिफॉर्म, बैग, किताबें और कॉपियाँ दी जाती हैं ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो।
  • जरूरतमंदों को मकान बनवाकर दिए जा रहे हैं।
  • यह सहायता तब तक मिलती है जब तक परिवार आत्मनिर्भर न हो जाए।

यह मुहिम लाखों भूखों और बेसहारों के लिए जीवनरेखा बन चुकी है और समाज में मानवता, समानता और प्रेम की ज्योति जला रही है।

आपदा राहत सेवा – भूकंप और बाढ़ में मदद

प्राकृतिक आपदाओं के समय संत रामपाल जी महाराज द्वारा प्रभावी रूप से सहायता उपलब्ध कराई गई।

  • बाढ़ राहत: पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, असम और अन्य राज्यों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राशन, तिरपाल, कपड़े, पीने का पानी और दवाइयाँ पहुँचाईं।
  • भूकंप सहायता: नेपाल भूकंप जैसी आपदाओं में सेवादारों ने राहत सामग्री, दवाइयाँ और प्राथमिक चिकित्सा देकर हजारों लोगों की मदद की।
  • आपात रक्तदान: ट्रेन दुर्घटनाओं और अन्य आपात घटनाओं में बड़े पैमाने पर रक्तदान कर जीवन बचाए गए।

इन सेवाओं में न कोई धर्म-जाति का भेद होता है और न कोई प्रतिफल की अपेक्षा। यह निस्वार्थ सेवा ही संत रामपाल जी महाराज के सतज्ञान का वास्तविक रूप है।

अनुयायियों का अनुभव / परिणाम (Impact on Followers)

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी उनके संदेश को अपने जीवन में पूरी तरह अपनाते हैं। उनके जीवन में स्पष्ट परिवर्तन देखने को मिलता है:

  • उनके अनुयायी दहेज प्रथा, मृत्युभोज और नशा जैसी कुरीतियों का पूर्ण रूप से त्याग कर चुके हैं।
  • वे जाति, धर्म और लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करते।
  • उनका जीवन सादगीपूर्ण, सात्विक और समाज सेवा के लिए समर्पित हो चुका है।
  • अनुयायियों का कहना है कि सतभक्ति अपनाने के बाद उनके घरों में शांति, सुख और आर्थिक सुधार हुआ है।

यह परिवर्तन भारत के भक्तियुग की याद दिलाता है, जब कबीर साहेब ने सभी के लिए भक्ति के द्वार खोल दिए थे। आज वही दृश्य पुनः देखने को मिलता है — समानता, भाईचारा और नशामुक्त जीवन का आदर्श समाज।

संत रामपाल जी महाराज का अवतरण दिवस केवल जन्मदिन जैसा उत्सव नहीं है, बल्कि इसे एक आध्यात्मिक युगांतकारी घटना माना जाता है। अनुयायियों के अनुसार यह वह दिन है जब पूर्ण परमात्मा ने मानव शरीर धारण कर संसार को शास्त्रानुकूल भक्ति का सही मार्ग दिखाया।

  • आध्यात्मिक महत्व: यह दिन उस सत्य ज्ञान की याद दिलाता है जिससे जीवात्मा जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो सकती है।
  • सामाजिक महत्व: इस अवसर पर समाज सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाते हैं – दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार और जातिवाद जैसी कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लिया जाता है।
  • वैश्विक महत्व: आज करोड़ों लोग दुनिया भर में इस दिन को मनाते हैं और ऑनलाइन सत्संग से जुड़ते हैं, जिससे यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक बन गया है।

यह महत्व दर्शाता है कि अवतरण दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि जीवन को बदलने का अवसर है।

संत रामपाल जी महाराज ने निडर होकर समाज में व्याप्त पाखंड, अंधविश्वास और कुरीतियों को शास्त्रों से प्रमाण देकर चुनौती दी। उन्होंने स्पष्ट बताया कि सच्ची भक्ति केवल उस नाम से संभव है जो पूर्ण गुरु द्वारा दिया जाता है, न कि बाहरी दिखावे, झूठी परंपराओं और मनमानी साधनों से। उनके इस बेबाक संदेश से कई परंपरागत संस्थाओं और पाखंडियों को आपत्ति हुई और विरोध के स्वर तीव्र हो गए।

इस विरोध के चलते उनके खिलाफ कई पुराने और नए मुकदमे दर्ज किए गए। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन जेल में रहते हुए भी उन्होंने सत्संग, लेखन और समाज सुधार कार्य जारी रखे। उनके अनुयायियों ने शांतिपूर्ण ढंग से अपना समर्थन जताया और सत्य की रक्षा के लिए डटे रहे।

न्यायिक मोर्चे पर बड़ी राहत

अवतरण दिवस 2025 के अवसर पर समाजसेवा के साथ-साथ न्यायिक मोर्चे पर भी संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों के लिए खुशखबरी आई। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने FIR 429 और 430 में दी गई सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत प्रदान की। इसके अलावा अन्य मामलों में भी राहत मिली है। यह निर्णय उनके अनुयायियों के लिए आशा और विश्वास का संदेश लेकर आया है।

75वां अवतरण दिवस समागम केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संदेश था। इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि शास्त्रानुकूल भक्ति के साथ जब समाज सेवा जुड़ती है, तब एक स्वच्छ, नशामुक्त और समानता-आधारित समाज का निर्माण संभव है।

संत रामपाल जी महाराज ने सभी से आह्वान किया कि वे शास्त्रानुकूल नाम-दीक्षा लेकर सतभक्ति करें, अपने जीवन से विकारों का त्याग करें और अपने परिवार व समाज को भी इस पवित्र मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें। यह आयोजन कलियुग में एक स्वर्ण युग की शुरुआत का प्रतीक है।

जो साधक सच्चा ज्ञान (सतज्ञान) प्राप्त करना चाहते हैं, वे निःशुल्क नाम दीक्षा (Name Initiation) ले सकते हैं।

  • सतलोक आश्रम पहुँचकर: अपने नजदीकी सतलोक आश्रम में जाकर दीक्षा प्राप्त की जा सकती है।
  • ऑनलाइन माध्यम से:
    • आधिकारिक वेबसाइट JagatGuruRampalJi.org पर नाम दीक्षा का फॉर्म भर सकते हैं।
    • यूट्यूब पर “Sant Rampal Ji Maharaj” चैनल देख सकते हैं जहाँ सत्संग प्रतिदिन प्रसारित होते हैं।
    • फेसबुक पेज Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj और ट्विटर हैंडल @SaintRampalJiM पर भी जानकारी उपलब्ध है।
  • हेल्पलाइन नंबर: सतलोक आश्रम द्वारा जारी हेल्पलाइन पर कॉल करके नाम दीक्षा की प्रक्रिया समझी जा सकती है।

अवतरण दिवस का यह महापर्व हमें यह याद दिलाता है कि परिवर्तन की शुरुआत हमेशा एक व्यक्ति से होती है। जब लाखों लोग एक साथ समाज सुधार के संकल्प लेते हैं, तो पूरा वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। इस आयोजन ने दिखाया कि दहेज जैसी कुरीतियाँ, असमानता और सामाजिक बुराइयाँ समाप्त की जा सकती हैं — बस साहसिक कदम उठाने की आवश्यकता है।

आज की पीढ़ी के लिए यह एक संदेश है कि वे केवल समस्याओं पर चर्चा न करें, बल्कि समाधान का हिस्सा बनें। चाहे वह रक्तदान हो, शिक्षा का प्रसार हो या नशा मुक्ति अभियान — हर छोटा प्रयास समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।

FAQs: भारत संत रामपाल जी 75वां अवतरण दिवस 2025

Q1: 75वां अवतरण दिवस कब और कहाँ मनाया गया?

A: 6 से 8 सितम्बर 2025 तक, नेपाल में धनुषा आश्रम सहित कुल 12 सतलोक आश्रमों में। 

Q2. अवतरण दिवस 2025 पर सतलोक आश्रमों में कितने यूनिट रक्तदान हुए?

A: इस वर्ष कुल 2449 यूनिट रक्तदान हुआ, जो विभिन्न आश्रमों में लगाए गए रक्तदान शिविरों के माध्यम से एकत्र किया गया।

Q3. रमैणी क्या है और इस वर्ष कितनी हुईं?

A: रमैणी सतलोक आश्रम में होने वाला दहेज-मुक्त, सादगीपूर्ण सामूहिक विवाह है। इस वर्ष कुल 132 रमैणी (विवाह) सम्पन्न हुईं।

Q4. देहदान संकल्प का क्या महत्व है?

A: देहदान संकल्प का अर्थ है मृत्यु के बाद शरीर को चिकित्सा व अनुसंधान के लिए दान करना। इस वर्ष 182 अनुयायियों ने देहदान का संकल्प लिया।

Q5. ये सभी आयोजन कहाँ-कहाँ हुए?

A: ये आयोजन 12 सतलोक आश्रमों में हुए, जिनमें धनाना धाम, भिवानी, कुरुक्षेत्र, मुंडका, धुरी, खमाणो, बैतूल, इंदौर, शामली, धवलपुरी और धनुषा (नेपाल) शामिल हैं।

Q6. संत रामपाल जी महाराज समाज सुधार पर इतना जोर क्यों देते हैं?

A: संत रामपाल जी महाराज मानते हैं कि सच्ची भक्ति केवल व्यक्तिगत मोक्ष के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के उत्थान के लिए होनी चाहिए। इसलिए वे दहेज-मुक्त विवाह, नशामुक्ति, रक्तदान, और देहदान जैसे अभियानों को बढ़ावा देते हैं।

Q7: दीक्षा कैसे ली जा सकती है?

A: निकटतम सतलोक आश्रम जाकर या JagatGuruRampalJi.org वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर नि:शुल्क नाम दीक्षा ली जा सकती है।

Latest articles

93rd Indian Air Force Day 2025: India Salutes Its Sky Warriors at Hindon Air Base

Last Updated on 6 October 2025 IST | Indian Air Force Day 2025: Indian...

Sharad Purnima 2025, Date, Vrat Katha: जानिए शरद पूर्णिमा से जुड़े खास तथ्य

Last Updated on 6 October 2025 IST: हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के...
spot_img

More like this