हरियाणा के हिसार जिले के उकलाना तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत साहू में आई बाढ़ से किसान और मज़दूर बेहाल थे। खेतों में चार-चार फुट तक पानी जमा था, फसलें नष्ट हो चुकी थीं और कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही थी। ऐसे कठिन समय में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने अपनी “अन्नपूर्णा मुहिम” के तहत राहत सामग्री भेजकर ग्रामीणों को नया जीवन दिया। साहू गांव में 11,000 फीट 8 इंची पाइपलाइन और एक 15 HP मोटर पहुंचाई गई, जिससे बाढ़ के पानी को स्थायी रूप से निकालने की व्यवस्था की गई।
मुख्य बातें : तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने गांव साहू को पहुंचाई त्वरित मदद
- तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम से बाढ़ राहत
- अन्नपूर्णा मुहिम के तहत साहू गांव में 11,000 फीट पाइपलाइन और 15 HP मोटर पहुंचाई गई।
- किसानों और मज़दूरों ने इसे “जीवनदायिनी योजना” बताया।
- सेवा अभियान का उद्देश्य था – किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और फसलों को भविष्य के लिए सुरक्षित रखना।
गांव साहू के लिए बाढ़ राहत अभियान : किसानों का दर्द, सरकार की चुप्पी
- गांव में चार-पांच फुट तक पानी भरा था, फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।
- किसान महीनों तक सहायता के लिए चक्कर लगाते रहे, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
- ग्रामीणों ने कहा – “MLA, MP, DC सबके पास गए, पर कोई समाधान नहीं मिला।”
बाढ़ पीड़ित गांव साहू में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का करिश्मा : प्रार्थना पत्र से शुरू हुई मदद
साहू गांव के लोगों ने जब सारी उम्मीदें खो दीं, तब उन्होंने 29 अक्टूबर 2025 को बरवाला स्थित मुनिंदर धर्मार्थ ट्रस्ट के दफ्तर में जाकर अपनी प्रार्थना लिखी। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों ने वह पत्र वकीलों के द्वारा संत रामपाल जी महाराज जी के चरणों तक पहुंचाया। गुरुदेव जी ने प्रार्थना को स्वीकार कर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए।

सेवादारों ने कम समय में बड़ी मात्रा में पाइप और मोटर गांव पहुंचाई। सामग्री में पाइपों के साथ नट-बोल्ट, स्टार्टर और फेविकोल जैसी ज़रूरी वस्तुएं भी शामिल थीं।
सेवा का विराट स्वरूप – “अन्नपूर्णा मुहिम” के अंतर्गत मदद
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के निर्देशानुसार यह सेवा अभियान केवल एक गांव तक सीमित नहीं है। वे देशभर के उन इलाकों तक मदद पहुचा रहे हैं जहां प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मेहनत को डुबो दिया है। हरियाणा के 300 से ज़्यादा गांवों में भी इस प्रकार की मदद पहुंचाई जा चुकी है। सेवादारों के अनुसार, “गुरुदेव जी के आदेश हैं — किसान के खेतों का पानी निकलना चाहिए, उसकी फसल बचनी चाहिए।”
किसानों के चेहरों पर लौटी मुस्कान
साहू गांव के ज़मींदारों और मज़दूरों ने कहा कि यह पहली बार हुआ जब किसी ने उनकी तकलीफ को अपना समझा। पूर्व सरपंच ने बताया कि “2022 में भी बारिश से फसलें नष्ट हुई थीं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस बार संत रामपाल जी महाराज ने जो स्थायी व्यवस्था की है, वह हमारे लिए वरदान सिद्ध हुई है।”
किसानों ने बताया कि उन्होंने 2.5–3 लाख रुपये की लागत से फसल बोई थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गई। अब यह पाइपलाइन बाढ़ की स्थायी समस्या का समाधान बनेगी।
“जो दुख की घड़ी में साथ दे, वही भगवान होता है”
गांव वालों ने आगे बताया कि पहले राजनीतिक दलों ने सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। संत रामपाल जी महाराज ने मात्र कुछ दिनों में आवेदन स्वीकार कर मदद पहुंचाई। गांव में अब यह पाइपें स्थायी रूप से दबाई जाएंगी ताकि अगली बार बाढ़ की स्थिति में तुरंत पानी निकाला जा सके।

साहू गांव की पंचायत और ग्रामीणों ने जताया आभार
ग्राम पंचायत ने बताया कि गुरुजी ने केवल पाइप और मोटर ही नहीं, बल्कि हर छोटे से छोटे सामान तक का इंतज़ाम किया है। संत रामपाल जी महाराज ने स्पष्ट कहा —
“यदि आगे भी किसी वस्तु की कमी पड़ेगी, तो तुरंत दी जाएगी। यह सेवा यहां रुकने वाली नहीं है।”
गांव वालों ने कहा, “पहली बार देखा कि किसी संत ने अपनी गुल्लक जनता के लिए खोली है। बाकी डेरों ने तो केवल गुल्लक भरी, लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी ने लोगों के हित में खर्च की।”
साहू गांव में जागा नया विश्वास
गांव के हर घर में आज कृतज्ञता का भाव है।
लोग कह रहे हैं, “बाबा रामपाल जी ने हमारी ज़िंदगी बचा ली।”
सिख समुदाय के ग्रामीणों ने भी कहा कि ऐसी सेवा उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। यह सिर्फ बाढ़ राहत नहीं, बल्कि एक मानवता का संदेश है कि जब सब रास्ते बंद हो जाएं, तब भी कोई ऐसा महापुरुष है जो बिना भेदभाव के सबकी मदद करता है। एक ग्रामीण ने कहा कि हमें पहले डाउट था कि यह सामान हमारे पास रहेगा या वापस ले लिया जाएगा परंतु अब कंफर्म हो गया है कि यह सामान हमारे पास ही रहेगा और सबसे ज़्यादा खुशी की बात तो यह है कि अगर हमें ज़रूरत पड़ेगी तो हम और भी सामान की डिमांड रख सकते हैं।
“संकट की घड़ी में जो हाथ थामे, वही सच्चा संत”
यह अभियान केवल राहत नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने न केवल किसानों की मौजूदा परेशानी खत्म की, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए भी सुरक्षित रास्ता दे दिया। गांव साहू अब न केवल राहत महसूस कर रहा है, बल्कि नए विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। यह सेवा हरियाणा के साथ-साथ पूरे भारत के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज: करुणा और सेवा के प्रतीक
अनंत दया और करुणा के सागर, तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची भक्ति केवल पूजा या आराधना में नहीं, बल्कि दूसरों के दुःख मिटाने में है। ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के तहत की गई यह सहायता केवल एक राहत अभियान नहीं थी, बल्कि टूटे हुए भरोसे को फिर से जोड़ने वाली दिव्य प्रेरणा थी।
साहू गांव के किसानों के लिए यह मदद किसी चमत्कार से कम नहीं थी, जिनके खेत, जिनकी फसलें, और जिनकी उम्मीदें बाढ़ में डूब चुकी थीं, वहां तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के आदेश से पहुंची यह सेवा नई सुबह लेकर आई। इस मुहिम ने यह भी दिखाया कि आज के युग में भी एक सच्चा संत ही समाज को सही दिशा दे सकता है जो केवल प्रवचन नहीं करता, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर भगवान की तरह मदद भी करता है।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का यह कार्य इस बात का जीवंत प्रमाण है कि जब सच्ची भक्ति के साथ निस्वार्थ सेवा जुड़ जाती है, तब असंभव भी संभव हो जाता है। उनके मार्गदर्शन में चल रही ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ केवल राहत का नहीं, बल्कि मानवता के उत्थान का प्रतीक बन चुकी है, जो आने वाले समय में भी असंख्य लोगों के जीवन में उजाला भरती रहेगी।



