November 8, 2025

कोविड-19 महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की कोशिश

Published on

spot_img

कोविड-19 महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में रिज़र्व बैंक ने किये बड़े एलान – 22 दिन में दूसरी बार घटाया रिवर्स रेपो रेट

भारतीय रिज़र्व बैंक की नई घोषणाएं

  • लॉकडाउन में नकदी बढ़ने से लोगों को आसानी से अधिक कर्ज़ मिलेगा
  • रिवर्स रेपो रेट में 0.25% की कटौती 4% से घटाकर 3.75%
  • रेपो रेट बिना बदलाव के 4.4%
  • 1 लाख करोड़ की अतिरिक्त सहायता
  • 3 वित्तीय संस्थानों को 50,000 करोड़ रुपये मिले
  • गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों को बाकी के 50,000 करोड़ रुपए मिले
  • राज्यों को अग्रिम सुविधा 30% के स्थान पर 60%
  • ऋण लेने के अवसर बढ़ने से उद्योग धंधों में होगी बढ़ोतरी
  • बैंक ऋणों पर 90 दिन के एनपीए का नियम लागू नहीं

वित्तीय घाटा

वैश्विक आर्थिक संकट 2008-09 के मुकाबले कहीं अधिक गहरा अनुमान है कि:

  • विदेशी मुद्रा भंडार 476.05 अरब डालर काफी ऊपर
  • अनुमानित जीडीपी (GDP) 1.9% जी20 (G20) देशों में सबसे अधिक
  • सामान्य मानसून और अच्छी फसल के संकेत
  • कोरोना के बाद 2021-22 में जीडीपी 7% से अधिक होने की आशा
  • रिवर्स रेपो रेट घटाए परंतु रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को नकदी बढ़ाने के लिए बहुत प्रकार के उपायों का ऐलान किया। कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बड़े निर्णयों की घोषणा की । रिवर्स रेपो रेट में 0.25% की कटौती करके इसे 4% से घटाकर 3.75% कर दिया गया। स्मरण रहे 27 मार्च को रिवर्स रेपो रेट में 0.90% की कटौती की गई थी तभी रेपो रेट में भी 0.75% की कटौती की गई थी। इस बार रेपो रेट बिना बदलाव के 4.4% ही रखा गया है।

रिवर्स रेपो रेट कम करने के मायने?

रिज़र्व बैंक से बैंक जो पैसा लेते हैं उस पर ब्याज देते हैं जिसे रेपो रेट कहते हैं। बैंक अपने पास बची रकम को भारतीय रिज़र्व बैंक में जमा कराकर उस पर ब्याज से मुनाफा कमाते हैं, इसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं। यदि रिवर्स रेपो रेट को कम कर दिया जाए तो बैंक उस पैसे को रिज़र्व बैंक में रखने के बजाय बाज़ार में लगाकर मुनाफा कमाना चाहेगा। ऐसा करने से बाजार में ज्यादा पैसा उपलब्ध रहेगा। बाज़ार में नकदी तरलता बनी रहेगी। उत्पादकों, व्यवसायियों को ऋण लेने के अवसर बने रहेंगे और उद्योग धंधों में बढ़ोतरी होगी ।

बैंकों को डिविडेंड बाँटने पर रोक

बैंकों के पास पैसा ज्यादा रखने की दृष्टि से रिज़र्व बैंक ने बैंकों को डिविडेंड बाँटने पर रोक लगा दी है। केंद्रीय बैंक के ऐलान से अब छोटे और बड़े उद्योगों की पैसे की ज़रूरतें पूरी कर पाने में बहुत मदद मिलेगी ।

केंद्रीय बैंक की 1 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों को वित्त पोषण मिलेगा नगदी की परेशानी को हटाने के लिए केंद्रीय बैंक ने पूंजी बाज़ार में दीर्घकालिक रेपो परिचालन (TLTRO) के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इस राशि का इस्तेमाल किस्तों में किया जाएगा।

बैंकों में प्राप्त इस धन राशि को निवेश श्रेणी के बॉन्डों, वाणिज्यिक पत्रों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी ) के गैर परिवर्तनीय ऋण पत्रों में निवेश किया जाना है। 50% राशि छोटे और मझोले आकार के गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों (एमएफआई) में जाना है।

तीन वित्तीय संस्थानों को वित्त पोषण

रिज़र्व बैंक की ओर से नाबार्ड, सिडबी, हाउसिंग बोर्ड जैसे संस्थानों के वित्त पोषण के लिए 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । इसमें से नाबार्ड को 25,000 करोड़, सिडबी को 15,000 करोड़ और हाउसिंग बोर्ड को 10,000 करोड़ का वित्त पोषण करने का प्रावधान है।

90 दिन में एनपीए लागू करने पर रोक

बैंक के ऋण वापस न करने पर अभी नियम है कि ऋण धारक को एनपीए श्रेणी में डाल दिया जाता है और उसको बैंक से कोई सुविधा तब तक नहीं मिल पाती जब तक वह किसी समझौते के अंतर्गत स्वीकृत ऋण राशि वापस न दे दे । रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने घोषणा की है कि बैंकों द्वारा वर्तमान में ऋणों की वापसी पर लगाए गए 90 दिन के एनपीए का नियम लागू नहीं होगा । इस निर्णय से व्यवसायियों को अपने व्यवसाय को अनवरत चलाने में बड़ी राहत मिलेगी ।

बढ़े खर्चों की आपूर्ति के लिए राज्यों को अग्रिम सुविधा कोविड-19 के कारण लागू होगी क्योंकि लॉकडाउन में राज्यों के खर्चे बहुत बढ़ गए हैं। राज्यों में अर्थव्यवस्था के दबाव को कम करने के लिए रिज़र्व बैंक गवर्नर दास ने उनके लिए अग्रिम सुविधा को 30% के स्थान पर 60% तक बढ़ा दिया है ।

कोरोना महामारी के उपरांत अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान

गवर्नर के अनुसार आई.एम.एफ. ने भारत के लिए 1.9% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है यह जी20 (G20) देशों में सबसे अधिक है। कोरोना संकट से उबरने के बाद 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था सुधरेगी और जीडीपी 7% से अधिक रहने की आशा है।

फसल के अच्छे रहने से ग्रामीण बाज़ार मांग बढ़ेगी

गवर्नर दास जी ने बताया की खरीफ फसल में 30% की तेजी आई है और अनुमान लगाया जा रहा है 2020 में मानसून भी अच्छा रहेगा । इस सबसे ग्रामीण भारत के बाजारों में अच्छी मांग बनी रहेगी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत हो सकते हैं ।

बड़ा वैश्विक वित्तीय संकट

वर्तमान में वितरण बाधित होने से औद्योगिक उत्पादन में कमी आई है। बिजली की मांग घटी है । निर्यात में भी कमी आई है, मार्च में यह 34.6% तक कम हो गया है । विदेशी मुद्रा भंडार 476.05 अरब डालर है। केन्द्रीय बैंक ने स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए 1.30 लाख करोड़ की मुद्रा भेजी है । दास ने बताया, देश भर में 91% एटीएम कार्य कर रहे हैं ।

दास का कहना है कि IMF के अनुसार विश्व में सबसे बड़ी मंदी आने के संकेत है, जो कि खतरे की घंटी है। बहुत से देशों में आयात और निर्यात में तो बहुत भारी गिरावट देखने को मिली है। वास्तविकता है कि वर्तमान में वैश्विक आर्थिक संकट 2008-09 के मुकाबले कहीं अधिक गहरा है ।

भारत सजग रहते हुए इन सभी स्थितियों से उबर कर आगे बढ़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने दिलासा देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक हर स्थिति पर बहुत पैनी नजर रखे हुए है। हालात से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे ।

Latest articles

World Science Day For Peace And Development 2025:In a World Created by God, Is Science Truly Manmade?

This World Science Day for Peace and Development, learn about the scientist who knows about all the mysteries of the observable and unobservable multiverse we're living in.

National Education Day 2025: Know About the History and Importance of National Education Day

Last Updated on 8 November 2025 | National Education Day is observed every year...

‘धनाना रत्न’ से विभूषित: ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के जनक संत रामपाल जी महाराज

आज जब देश का एक बड़ा वर्ग गरीबी, भुखमरी और सामाजिक असमानता की गंभीर...

संकट में किसानों के मसीहा बने संत रामपाल जी महाराज – 9 नवंबर को गुराना में दिया जाएगा “किसान रक्षक सम्मान” 

हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला क्षेत्र गाँव गुराना में 9 नवंबर 2025 का...
spot_img

More like this

World Science Day For Peace And Development 2025:In a World Created by God, Is Science Truly Manmade?

This World Science Day for Peace and Development, learn about the scientist who knows about all the mysteries of the observable and unobservable multiverse we're living in.

National Education Day 2025: Know About the History and Importance of National Education Day

Last Updated on 8 November 2025 | National Education Day is observed every year...

‘धनाना रत्न’ से विभूषित: ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के जनक संत रामपाल जी महाराज

आज जब देश का एक बड़ा वर्ग गरीबी, भुखमरी और सामाजिक असमानता की गंभीर...