हिसार, हरियाणा – हरियाणा के हिसार जिले के रामायण गाँव की यह दास्तान किसी आधुनिक महाकाव्य से कम नहीं है, जहाँ एक संत ने पूरे गाँव का उद्धार किया। पिछले दो महीनों से, गाँव बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था, जिससे हर उम्मीद खत्म हो चुकी थी।
ज़हर बना पीने का पानी और फसलें नष्ट
रामायण गाँव का संकट केवल फसलों तक सीमित नहीं था। ड्रेन का पानी जमा होने से गाँव की फसलें पूरी तरह से तबाह हो चुकी थीं। सबसे भयानक त्रासदी यह थी कि वाटर वर्क्स की डिग्गी में बाढ़ का दूषित और काला पानी भर गया था, जिससे गाँव का पीने का पानी ज़हर बन गया था।

दूषित पानी के कारण पूरे गाँव में मच्छर और बीमारियाँ तेजी से फैलने लगी थीं, जिससे बच्चे, बूढ़े, जवान-सभी का स्वास्थ्य खतरे में था। ग्रामीणों ने मंत्रियों और विधायकों से लेकर हर जगह गुहार लगाई, लेकिन उन्हें कहीं से भी कोई ठोस मदद नहीं मिली।
निराशा के बीच असली राम से अंतिम गुहार
दो महीनों तक हर तरफ से विफल होने के बाद, गाँव के सरपंच अनिल जी के नेतृत्व में पूरी पंचायत ने अपनी अंतिम उम्मीद लेकर संत रामपालजी महाराज से गुहार लगाई। पंजाब और हरियाणा में संत रामपालजी महाराज के विशाल बाढ़ राहत कार्य से प्रेरित होकर, पंचायत बरवाला पहुँची और संत रामपाल जी महाराज द्वारा गठित कमेटी के समक्ष एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।

गाँव को बाढ़ के जल से मुक्त करने के लिए उनकी माँग में तीन 15-हॉर्स पावर (HP) की मोटरें और 11,000 फुट 8-इंची पाइप शामिल थे।
संत रामपालजी महाराज की कृपा: तुरंत मिली राहत सामग्री
किसी को विश्वास नहीं था कि इतनी जल्दी मदद मिलेगी, लेकिन अर्जी देने के महज कुछ ही दिनों में, संत रामपाल जी महाराज की अन्नपूर्णा मुहिम के तहत सहायता का एक विशाल काफिला रामायण गाँव पहुँच गया। यह काफिला इस बात का जीता जागता सबूत था कि सच्ची सेवा किसी दीवार या सलाखों में कैद नहीं रह सकती।
संत रामपाल जी महाराज ने ग्रामीणों द्वारा माँगी गई पूरी सामग्री तत्काल उपलब्ध कराई:
- मोटरें और पाइप: तीन 15-हॉर्स पावर की मोटरें
- 11,000 फुट 8-इंची उच्च गुणवत्ता वाले पाइप
- संपूर्ण एक्सेसरी किट: मोटर को चलाने के लिए हर छोटा-बड़ा सामान-स्टार्टर, केबल, नट-बोल्ट, फिक्स वाल्व और सभी फिटिंग-सब कुछ साथ भेजा गया, ताकि ग्रामीणों को काम शुरू करने में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।
एक ग्रामीण ने बताया कि इतनी तेजी से काम तो सरकार भी नहीं कर सकती।
अगली पीढ़ियों पर भी संत रामपाल जी का बहुत बड़ा एहसान -ग्रामवासी
सहायता काफिले के आगमन से गाँव में मानो उत्सव जैसा माहौल हो गया। ग्रामीणों ने संत रामपालजी महाराज के लिए फूलों की मालाएं तैयार रखीं और उनका भव्य स्वागत किया।
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एक निवासी ने भावुक होकर कहा कि रामायण गाँव के मुख्य पात्र पहले श्री रामचंद्र जी थे, और आज इस गाँव के मुख्य पात्र संत रामपाल जी महाराज हैं, जो “नए राम” बनकर गाँव को बचाने आए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वे इस सहयोग को कभी नहीं भूल सकते, और उनकी आने वाली पीढ़ियाँ भी संत रामपाल जी महाराज के इस उपकार को याद रखेंगी।
पाइप और मोटर के रूप में एक स्थाई उपहार; बाढ़ की समस्या से पूर्णतः मुक्ति
संत रामपाल जी महाराज द्वारा यह पाइप और मोटरें एक स्थायी उपहार के रूप में दी गई हैं, ताकि ग्रामीण इन्हें ज़मीन में दबाकर वर्षों पुरानी बाढ़ की समस्या का हमेशा के लिए समाधान कर सकें।
सामग्री सौंपते समय, संत रामपाल जी महाराज का यह सख्त आदेश दोहराया गया कि ग्रामीणों को पूरी मेहनत से पानी निकालकर अगली फसल की बिजाई करनी है। उन्होंने कहा कि उनके ट्रस्ट ने ड्रोन से गाँव के वीडियो लिए हैं और पानी निकलने और ‘फसल लहराने’ के बाद भी वीडियो लिए जाएँगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दान का सदुपयोग हो।
यह सहायता, संत रामपाल जी महाराज की ‘अन्नपूर्णा मुहिम‘ का हिस्सा है, जिसके तहत 200 से अधिक गाँवों में निःस्वार्थ सेवा की गई है। संत रामपालजी महाराज ने किसानों के दर्द को समझा और उन्हें जीवनदान दिया।



