February 24, 2025

Ram Mandir Inauguration (Pran Pratishtha): 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ होगा राम मंदिर का उद्घाटन, जानें क्या हैं राम और आदि राम में अंतर?

Published on

spot_img

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में राम मंदिर की होने जा रही है पुनर्स्थापना। 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी प्राण-प्रतिष्ठा के साथ करेंगे राम मंदिर का उद्घाटन (Ram Mandir Pran Pratishtha)। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर के तमाम नेताओं, अभिनेताओं से लेकर सेलेब्रिटीज़, संतों-महंतों को भी आमंत्रित किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी का भाषण कार्यक्रम होगा जिसमें लगभग 8 हजार लोग उपस्थित होंगे। आइए जानते हैं विस्तार से।

Table of Contents

  • 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के साथ पीएम मोदी करेंगे राम मंदिर का उद्घाटन
  • देशभर से तमाम हस्तियों को किया गया है आमंत्रित
  • 16 जनवरी से शुरू हो चुका है प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम, जो कि 22 तारीख तक चलेगा
  • प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के आखिर में पीएम मोदी देंगे भाषण
  • राममंदिर उद्घाटन के दिन छुट्टी की मांग जोरों पर
  • चारों शंकराचार्य नहीं होंगे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल
  • 2025 तक राम मंदिर का निर्माण कार्य हो जाएगा पूरा
  • पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी से जानें आदिराम कथा

Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर पूजा अर्चना और अनुष्ठान का दौर प्रारम्भ हो चुका है। 22 जनवरी को पीएम मोदी, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ राम मंदिर का उद्घाटन अपने हाथों से करेंगे। आपको बता दें कि अभी राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा नही हुआ है, 2025 तक राम मंदिर के निर्माण कार्य के पूरे होने की संभावना बताई जा रही है।

क्या है प्राण-प्रतिष्ठा?

राम मंदिर के उद्घाटन के साथ-साथ एक शब्द बार-बार सुनने में आ रहा है रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’। तो आइए जानते हैं क्या होती है प्राण प्रतिष्ठा। हिन्दू धर्म में प्राण प्रतिष्ठा लोकवेद के अनुसार एक परम्परा है। प्राण प्रतिष्ठा का शाब्दिक अर्थ इस प्रकार है। प्राण का अर्थ है जीवन और प्रतिष्ठा का अर्थ है स्थापना अर्थात प्राणशक्ति की स्थापना या अपने इष्ट (जिसके लिए प्राण प्रतिष्ठा की है) को जीवंत स्थापित करना। बुद्धिजीवी समाज को विचार करना चाहिए कि जिस ईश्वर ने हमें प्राण दिए हैं हम उस ईश्वर को प्राणदान कैसे दे सकते हैं। फिर हममें औऱ ईश्वर में क्या अंतर रह जायेगा। इस प्रकार की साधना का किसी भी धर्मग्रंथ में वर्णन नही है। इसलिए इसे शास्त्रानुकूल साधना की श्रेणी में नही माना जा सकता। बुद्धिमान समाज को सद्ग्रन्थों को खोलकर उनमें देखना चाहिए कि वह मनमानी साधना करके बहुत बड़ी भूल तो नही कर रहा है।

राम मंदिर के उद्घाटन (Ram Mandir Inauguration) को लेकर अयोध्या नगरी में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है, पूरी नगरी में दीप प्रज्वलित किए जा रहे हैं तथा सड़कों और गलियों में केसरिया रंग के झंडे लहरा रहे हैं। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के उद्घाटन औऱ प्राण-प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) कार्यक्रम को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।

22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा तथा उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए तथा इसे अभूतपूर्व बनाने के लिए देशी-विदेशी मेहमानों को मिलाकर लगभग 7000 लोगों को निमंत्रण भेजे गए हैं। हालांकि इसमें सियासी तड़का भी लगा, जब कई नेताओं ने इस आयोजन को राजनीतिक बताकर निमंत्रण ठुकरा दिया। इस कार्यक्रम में नेता, अभिनेता, सेलेब्रिटीज़ तथा सन्त-महंत सहित देशी-विदेशी मेहमान शामिल होंगे। 

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) तथा उद्घाटन को लेकर अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं। इस समारोह को भव्य बनाने के लिए देशी तथा विदेशी मेहमानों को निमंत्रण कार्ड भेजे गए हैं जिनमें से कुछ ने शामिल होने का वादा किया तो कुछ ने निमंत्रण कार्ड ठुकरा कर न आने के संकेत दिए हैं। आइए जानते हैं वह हस्तियां कौन कौन हैं जो इस समारोह में शामिल नही होने के कारण चर्चा में हैं।

Ram Mandir Inauguration in Hindi: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ-साथ शीर्ष कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी को भी राम मंदिर आने का न्योता दिया गया था। हालांकि दोनों ने ही इस समारोह को राजनीतिक रंग देने का बहाना देकर इस समारोह में नहीं जाने का फैसला लिया है। एनसीपी नेता शरद पवार ने भीड़ के कारण शामिल न होने के संकेत दिए हैं। साथ ही बंगाल सीएम ममता बनर्जी, बिहार सीएम नीतेश कुमार, सीपीआईएम नेता वृंदा करात, लालू प्रसाद यादव ने न्योते को ठुकरा दिया है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को है फाइनल न्योते का इंतजार, सहपरिवार सहित जाने की जताई इच्छा।

इस प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिन्दू धर्म के शंकराचार्यों के शामिल न होने की खबर आने के कारण भी माहौल गर्माया हुआ है। चारों शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने का कारण यह बताया कि मंदिर अभी अधूरा है, अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा ठीक नही है, अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए शास्त्रों में मना किया गया है।

22 जनवरी के दिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा औऱ उद्घाटन के अवसर पर देशभर में राष्ट्रीय स्तर पर अवकाश (22 january holiday in india) की मांग की जा रही है। कुछ राज्यों ने तो इस दिन राजकीय अवकाश घोषित भी कर दिया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लेटर लिखकर 22 जनवरी के दिन उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय तथा जिला न्यायलयों आदि में छुट्टी की मांग की है।

रामलला की मूर्ति राम मंदिर परिसर में पहुंच गई। क्रेन की मदद से रामलला की मूर्ति को राम मंदिर परिसर के अंदर ले जाया गया जहां देर रात उन्हें गर्भगृह में ले जाया गया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उनका आसन भी तैयार किया गया है। ये जानकारी निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने दी है।

राम मंदिर करीब ढाई एकड़ में तैयार किया जा रहा है अगर इसमें ‘परिक्रमा पथ’ भी जोड़ लिया जाए तो ये पूरा परिसर आठ एकड़ का हो जाता है। मंदिर का निर्माण परंपरागत नागर शैली में किया जा रहा है। यह मंदिर तीन मंजिला होगा और इसकी ऊंचाई 162 फीट होगी। मंदिर प्रांगण में राम मंदिर के अलावा छह और मंदिर बनाए जाएंगे। तीन मंजिला राम मंदिर में ग्राउंड फ्लोर के गर्भ गृह में श्रीराम बाल स्‍वरूप में विराजित होंगे, वहीं फर्स्‍ट फ्लोर के गर्भ गृह में राम दरबार विराजित होगा। राम मंदिर में कुल 392 खम्भे होंगे। गर्भगृह में 160 और ऊपरी तल में 132 खंभे होंगे। 

■ यह भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir News: कल 5 अगस्त को होगा Bhumi Pujan इससे पहले जानिए पूर्ण परमात्मा के बारे में

Ram Mandir Inauguration: मंदिर में कुल 36 दरवाजे होंगे, जिसमें से 18 दरवाजे गर्भ गृह के होंगे। राम मंदिर के दरवाजे सागौन की लकड़ी से तैयार किए जा रहे हैं। इन दरवाजों की खासियत ये होगी कि इन पर सोने की परत होगी। हर दरवाजे पर करीब 3 किलो सोना होगा। इन दरवाजों को हैदराबाद के कारीगरों के द्वारा तैयार किया गया है। मंदिर के अंदर लगने वाला घंटा 2100 किलोग्राम का है और अष्‍टधातु (सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, लेड, टिन, आयरन, मरकरी) से तैयार किया गया है। इस घंटे को एटा के जलेसर में तैयार किया गया है। इस विशाल घंटे के अलावा भी मंदिर में कुछ अन्‍य बड़े घंटे होंगे जिनका वजन 500 से 600 किलो होगा। बालस्वरूप श्री राम जी का सिंहासन बनकर तैयार हो चुका है। ये सिंहासन संगमरमर से तैयार किया गया है। मंदिर के गर्भगृह में राम जी की जो मूर्ति स्थापित होगी, वह उनके बाल रूप की होगी। मंदिर में नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप के साथ पांच मंडप भी बनाए गए हैं।

संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि “रमता राम जपो रे प्राणी, अब तू सुन ले राम कहानी।” राम वास्तव में परमात्मा को कहा जाता है। राम, भगवान, अल्लाह, खुदा, रब, गॉड, प्रभु, स्वामी ये परमात्मा के पर्यावाची शब्द हैं। श्री ब्रह्मा, विष्णु, महेश ये तीन लोक के राम अर्थात् प्रभु हैं। श्रीमद्भागवत गीता जी अध्याय 15 श्लोक 16,17 में तीन प्रभु बताएं हैं, क्षर पुरुष, अक्षर पुरुष, उत्तम पुरुष। क्षर पुरुष को कालब्रह्म भी कहते हैं जो श्री ब्रह्मा, विष्णु, महेश जी के पिता जी हैं। ये 21 ब्रह्माण्ड के राम अर्थात् प्रभू हैं। ये नाशवान है। दूसरा है अक्षर पुरुष जिसे परब्रह्म भी कहते हैं ये सात शंख ब्रह्माण्ड के प्रभू अर्थात् राम हैं। ये भी नाशवान है।

इन दोनों से सर्वश्रेष्ठ प्रभु अन्य है जो असंख्य ब्रह्माण्ड के प्रभु अर्थात् राम हैं जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करते है जिसे आदिराम भी कहते हैं। उनके बारे में गीता अध्याय 2 श्लोक 17 में कहा है कि अविनाशी तो उसको जान जिसे मारने में कोई सक्षम नहीं हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने सत्संगो में प्रमाणित करके बताया है कि आदिराम, अविनाशी राम अर्थात् अविनाशी परमात्मा कबीर जी हैं जिन्होंने सारी सृष्टि की रचना की है। गीता, वेद, कुरान जैसे पवित्र शास्त्र भी कविर्देव (कबीर परमेश्वर) के साक्षी हैं।

राम नाम यानि तत्वदर्शी संत (पूर्ण गुरु) से दीक्षा लेकर भक्ति करना इसे ही राम नाम लेना कहते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संग में बताया है कि जो राम नाम नहीं लेते उसका मृत्यु के पश्चात धर्मराज के दरबार में पाप पुण्य का हिसाब होने पर दुख झेलना पड़ता हैं। भक्ति न करने वाले या शास्त्रविरुद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाते हैं चाहे वे किसी देश के राजा क्यों न हों। यम दूत उनकी खूब पिटाई करते है। फिर उसे लख चौरासी की सजा मिलती है, पशु योनि में जन्म लेकर महाकष्ट उठाते हैं। इसलिए भक्ति करना अति आवश्यक हैं। परमात्मा कबीर जी ने कहा है कि

राम नाम निज सार है, राम नाम निज मूल।

राम नाम सौदा करो, राम नाम न भूल।।

अर्थात् मनुष्य जन्म भक्ति के लिए मिलता है और भक्ति ही इसका असली उद्देश्य है। इसलिए पूर्ण संत से नाम लेकर भक्ति अवश्य करें। 

Q1. राम मंदिर का उद्घाटन कब होगा

Ans. राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किया जाएगा।

Q2. राम मंदिर क्यों बनाया गया है?

Ans. विष्णु अवतार श्री रामचंद्र जी की जन्मभूमि अयोध्या है इसको याद रखने के लिए मंदिर की स्थापना हो रही है।

Q3. श्री रामचंद्र जी की नई मूर्ति किसने बनाई है?

Ans. श्री रामचंद्र जी की नई मूर्ति मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई हैं।

Q4. अविनाशी राम कौन है?

Ans. अविनाशी राम कबीर परमेश्वर जी हैं।

Q5. आदि राम की प्राप्ति कैसे होगी?

Ans. संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताए भक्तिमार्ग से आदिराम की प्राप्ति होगी।

Latest articles

महाशिवरात्रि 2025 [Hindi]: क्या Mahashivratri पर व्रत करने से मुक्ति संभव है?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Mahashivratri Puja Vrat in Hindi (महाशिवरात्रि 2025...

Maha Shivratri Puja 2025: Path to Salvation or mere Ritual?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Maha Shivratri 2025 Puja: India is a...

World Peace and Understanding Day 2025: A Call for Global Harmony and Collective Responsibility

World Peace and Understanding Day 2025: The day is celebrated to restore the lost...

International Mother Language Day 2025: What Is the Ultimate Language of Unity? 

Last Updated on 20 February 2025 IST: International Mother Language Day: Every year on...
spot_img

More like this

महाशिवरात्रि 2025 [Hindi]: क्या Mahashivratri पर व्रत करने से मुक्ति संभव है?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Mahashivratri Puja Vrat in Hindi (महाशिवरात्रि 2025...

Maha Shivratri Puja 2025: Path to Salvation or mere Ritual?

Last Updated on 23 Feb 2025 IST: Maha Shivratri 2025 Puja: India is a...

World Peace and Understanding Day 2025: A Call for Global Harmony and Collective Responsibility

World Peace and Understanding Day 2025: The day is celebrated to restore the lost...