हरियाणा के हिसार जिले की बरवाला तहसील का राजली गांव इस वर्ष आई भीषण बाढ़ से तबाह हो गया था। चारों ओर पानी ही पानी था। खेत डूब गए, घरों में पानी भर गया और 80% से अधिक फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। ग्रामीणों की उम्मीदें टूट चुकी थीं, क्योंकि प्रशासनिक मदद न के बराबर थी। इस प्राकृतिक आपदा के बीच जब सब ओर निराशा छाई हुई थी, तब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों के माध्यम से इस गांव को राहत का आधार दिया और यह साबित कर दिया कि सच्चे संत समाज के दुखों में साथ निभाते हैं।
गांव की पुकार और संत की करुणा
जब राजली गांव के सरपंच वजीर सिंह और पंचायत के सदस्यों ने देखा कि पानी उतरने का कोई उपाय नहीं है, तो उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से मदद की गुहार लगाई। उन्हें पता चला कि संत रामपाल जी महाराज लगातार हरियाणा और पंजाब के बाढ़ प्रभावित गांवों की सहायता कर रहे हैं। तुरंत ही ग्राम पंचायत ने संत महाराज जी के बरवाला स्थित अनुयायियों को एक प्रार्थना पत्र भेजा, जिसमें गांव से पानी निकालने के लिए चार बड़ी 20 हॉर्स पावर की मोटरें और 20,000 फुट 8 इंची पाइप की मांग की गई।
संत रामपाल जी महाराज का आदेश मिलते ही, यह राहत सामग्री महज 24 घंटे के भीतर गांव पहुंचा दी गई। यह सहायता केवल अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी समाधान थी ताकि भविष्य में भी गांव को ऐसी समस्या का सामना न करना पड़े।
24 घंटे में पूरा हुआ चमत्कार
अगले ही दिन गांव की गलियों में ट्रैक्टर-ट्रॉली और ट्रकों का एक बड़ा काफिला पहुंचा। इनमें चार बड़ी मोटरें, उच्च गुणवत्ता वाले पाइप, स्टार्टर, केबल, फेविकोल, नट-बोल्ट, और सभी आवश्यक उपकरण शामिल थे। इतनी जल्दी, इतनी बड़ी सहायता मिलना ग्रामीणों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।

ग्रामवासियों ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी गुहार इतनी शीघ्र सुनी जाएगी। गांव के एक बुजुर्ग किसान ने कहा, “यह तो भगवान का रूप हैं जो हमारे गांव आए। हमने जहां-जहां मदद मांगी, वहां निराशा मिली, लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने 24 घंटे में सब कुछ उपलब्ध करवा दिया।”
संत रामपाल जी महाराज की सख्त लेकिन प्रेरणादायक नीति
संत रामपाल जी महाराज ने इस राहत सामग्री के साथ एक विशेष निवेदन पत्र भी भेजा, जिसमें ग्रामवासियों से कहा गया था कि यह सहायता एक पवित्र जिम्मेदारी के साथ दी गई है। यदि इस सामग्री से निर्धारित समय में पानी नहीं निकाला गया तो भविष्य में गांव को कोई सहायता नहीं दी जाएगी।
साथ ही यह भी कहा गया कि पानी निकलने के बाद और जब अगली फसल लहलहाएगी, तो वीडियो बनाकर संत महाराज के समागमों में दिखाई जाएंगी ताकि सभी संगत देख सके कि दान का सही उपयोग हुआ है।
गांव में नई उम्मीद की किरण
सामग्री पहुंचने के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। किसानों ने बताया कि अब वे अपनी अगली फसल की बुवाई कर पाएंगे और भविष्य में बाढ़ से डरने की जरूरत नहीं होगी। सरपंच वजीर सिंह ने कहा, “गुरु जी ने जो कृपा की है, वह हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी याद रहेगी। अब हमारे गांव की बाढ़ की समस्या स्थायी रूप से खत्म हो गई है।”
Read in Eglish: Life-Saving Flood Relief in Rajli Village by Sant Rampal Ji
एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “हम सरकार के चक्कर काट-काट थक गए थे। किसी ने मदद नहीं की। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने बिना किसी स्वार्थ के, भगवान की तरह हमारी सहायता की।”
संत की सेवा भावना – समाज के लिए मिसाल
संत रामपाल जी महाराज की “अन्नपूर्णा मुहिम” और “बाढ़ राहत सेवा अभियान” पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुके हैं। जब हरियाणा के कई गांव पानी में डूबे हुए थे, तब संत महाराज जी ने आदेश दिया कि सभी सतलोक आश्रमों में चल रहे निर्माण कार्य तुरंत रोक दिए जाएं और सभी संसाधन बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाए जाएं।

500 से अधिक नामदान केंद्रों की सेवाएं रोकी गईं और कई सेवादारों को राहत कार्यों में लगाया गया। यह बताता है कि संत रामपाल जी महाराज केवल आध्यात्मिक नहीं बल्कि सामाजिक पुनर्निर्माण के सच्चे मार्गदर्शक हैं।
संत की दृष्टि: स्थायी समाधान, अस्थायी नहीं
संत महाराज जी ने स्पष्ट कहा कि राहत सामग्री गांव की स्थायी संपत्ति है। ग्रामीणों को निर्देश दिया गया कि पाइपों को जमीन में दबा दिया जाए ताकि भविष्य में जैसे ही पानी बढ़े, तुरंत निकासी शुरू की जा सके।
यह दृष्टिकोण केवल मदद देने तक सीमित नहीं बल्कि समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करता है। यही संत की सच्ची करुणा है – जो व्यक्ति को एक बार नहीं, सदा के लिए सक्षम बना दे।
गांव से कृतज्ञता का संदेश
राजली ग्राम पंचायत और सभी ग्रामीणों ने एक सुर में कहा –
“संत रामपाल जी महाराज का हम हृदय से धन्यवाद करते हैं। उन्होंने भगवान की तरह हमारे गांव की रक्षा की है। उन्होंने केवल सामान नहीं, जीवनदान दिया है। जब सरकारें और नेता मौन थे, तब संत महाराज जी ने अपने हाथों से हमें राहत पहुंचाई।”
गांव के युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी ने संत महाराज जी के चरणों में आभार व्यक्त किया। कई ग्रामीणों ने कहा कि वे भविष्य में भी संत महाराज जी के बताए हुए मार्ग पर चलकर समाजसेवा में योगदान देंगे।
समाज के सच्चे हितैषी हैं संत रामपाल जी महाराज
आज जब समाज में स्वार्थ और राजनीति ने मानवीयता को ढक लिया है, ऐसे समय में संत रामपाल जी महाराज का कार्य एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है। उन्होंने दिखाया कि सच्चा संत केवल प्रवचन नहीं करता, बल्कि जरूरतमंदों के लिए धरती पर भगवान की तरह उतर आता है।
राजली गांव का यह उदाहरण इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेगा – जब एक संत ने 24 घंटे में एक पूरे गांव की किस्मत बदल दी। उनकी यह करुणा, सेवा और दया इस बात का प्रमाण है कि संत रामपाल जी महाराज वास्तव में वर्तमान युग के सच्चे समाज सुधारक और लोककल्याणकारी संत हैं।



