March 31, 2025

Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीमकोर्ट ने बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण को लगाई फटकार, साथ ही माफीनामा किया खारिज

Published on

spot_img

Patanjali Misleading Ads Case | भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। कल योगगुरू बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण की सुप्रीमकोर्ट में भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाते हुए कहा कि हम अंधे नही हैं, हम सब देख व समझ रहे हैं। साथ ही कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने के कारण अदालत की अवमानना का हवाला देते हुए जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण का माफीनामा भी खारिज कर दिया। साथ ही आगे कार्रवाई की चेतावनी भी दी। विस्तारपूर्वक जानने के लिए पढ़ना जारी रखें।

  • भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण को लगाई फटकार
  • सुप्रीमकोर्ट ने कहा “हम अंधे नही हैं, सब देख और समझ रहे हैं”
  • कल 10 अप्रैल को थी सुनवाई
  • सुप्रीमकोर्ट ने अदालत की अवमानना मानते हुए माफीनामा भी खारिज कर दिया तथा आगे की कार्रवाई की चेतावनी भी दी
  • अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी
  • संत रामपाल जी के सतज्ञान से कलयुग में सतयुग जैसी सत्ता होगी स्थापित

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (I.M.A) द्वारा अगस्त 2022 में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी जो कि पतंजलि द्वारा दिए गए एक विज्ञापन के बारे में थी। इस याचिका में बताया गया था कि पतंजलि की ओर से प्रसारित विज्ञापन में कहा गया था कि “एलोपैथी, फार्मा और मेडिकल उद्योग द्वारा गलतफहमियों से खुद को और देश को बचाऐं।” बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी को “बेवकूफ और दिवालिया विज्ञान” कहा गया था। उन्होंने दावा किया था कि एलोपैथिक दवा कोरोना से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार है। I.M.A. ने दावा किया कि पतंजलि के भ्रामिक विज्ञापन के कारण भी लोग वैक्सीन लगवाने से हिचकिचा रहे थे।

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुडे़ मामले में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम आपकी बात से सहमत नहीं है। इसलिए हम आपके दूसरे माफीनामे की याचिका को खारिज कर रहे हैं। अदालत में बाबा रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण की ओर से केस लड़ रहे शीर्ष वकील मुकुल रोहतगी ने कुछ समय की मांग की। उन्होंने कहा कि इस केस के लिए उन्हें 10 दिनों का समय चाहिए। ताकि वह मामले की अगली सुनावई में अपना पक्ष रख सकें। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर बाबा रामदेव ने पहले ही मांफी मांग ली थी। बाबा रामदेव ने कोर्ट में कहा था कि पतंजलि की ओर से प्रचारित विज्ञापनों को रोक दिया जाएगा। लेकिन, इसके बावजूद भ्रामक विज्ञापनों का प्रचार-प्रसार जारी रहा।

इसे देखते हुए कोर्ट ने यह ठोस कदम उठाया है। कोर्ट ने कहा कि हम सब देख व समझ रहे हैं यह सिर्फ कागजी माफी है। कोर्ट के आदेश के बावजूद आप इन विज्ञापनों का प्रचार करते रहे। इसलिए हम आपके माफीनामे को खारिज कर रहे हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब आप आगे की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

■ Also Read: Patanjali Ayurved Coronil Controversy News Update[Hindi]: आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद दवा प्रसार पर लगाई पाबंदी

पतंजलि संस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने कहा कि किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। 27 फरवरी को जस्टिस हिमा कोहली एवं जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने बाबा रामदेव तथा पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट के पहले के आदेशों का उल्लंघन करने और कम्पनी के उत्पादों के साथ बीमारियों के इलाज के विषय में भ्रामक विज्ञापनों का प्रचार जारी रखने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया था। अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।

दवाइयाँ केवल शरीर की क्षमता को बीमारियों से लड़ने के प्रति बढ़ाने का कार्य करती हैं किन्तु बीमारियां प्रारब्ध से उत्पन्न होती हैं। अकारण किसी बड़ी बीमारी वाली आपदा से बचाव के लिए अंतिम अवस्था में डॉक्टर भी भगवान से प्रार्थना करने के लिए कहते हैं। वह भगवान कौन है जो सदा हमारी आपदा के समय मदद करता है तथा जन्म-जन्मान्तरों से सदा हमारे साथ है। वह दयालु पूर्ण परमात्मा कोई और नहीं बल्कि पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी हैं जो वर्तमान समय में इस भूमण्डल पर पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में मौजूद हैं। अध्यात्म की विस्तृत जानकारी के लिए आज ही डाऊनलोड करें Sant Rampal Ji Maharaj App

Q.1 किसने किया था पतंजलि संस्थान पर केस?

Ans.:- पतंजलि द्वारा प्रसारित भ्रामक विज्ञापन मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMS) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

 Q.2 इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMS) ने कब दायर की थी याचिका?

Ans.अगस्त 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMS) याचिका दायर की थी।

Q.3 इस मामले की पहली सुनवाई कब हुई थी

Ans.इस मामले पर पहली सुनवाई 21 नवंबर 2023 को हुई थी।

Q.4 बाबा रामदेव और पतंजलि संस्थान के एमडी आचार्य बालकृष्ण की किस मामले में चल रही है सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई?

Ans. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को बेवकूफ और दिवालिया विज्ञान कहा था। साथ ही पतंजलि संस्थान ने एक विज्ञापन देकर बताया था कि एलोपैथी, फार्मा और मेडिकल उद्योग कैसे देशवासियों को बेवकूफ बना रहे हैं। इसी विज्ञापन के खिलाफ आईएमए ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

World Autism Awareness Day 2025: Autistic Persons Are Different But Not Less, Know Its Cure

Last Updated on 31 March 2025 IST: World Autism Awareness Day 2025: Autism is...

April Fool’s Day 2025: Who is Befooling Us and How?

April Fool's Day 2025: 1st April, the April Fool's day is observed annually and...

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): कथा और परंपरा से परे जानें शास्त्रानुकूल भक्ति के बारे में

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): गुड़ी पड़वा 2025 का त्योहार 30 मार्च...

Know the Right way to Please Supreme God on Gudi Padwa 2025

This year, Gudi Padwa, also known as Samvatsar Padvo, is on March 30. It...
spot_img

More like this

World Autism Awareness Day 2025: Autistic Persons Are Different But Not Less, Know Its Cure

Last Updated on 31 March 2025 IST: World Autism Awareness Day 2025: Autism is...

April Fool’s Day 2025: Who is Befooling Us and How?

April Fool's Day 2025: 1st April, the April Fool's day is observed annually and...

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): कथा और परंपरा से परे जानें शास्त्रानुकूल भक्ति के बारे में

गुड़ी पड़वा 2025 (Gudi Padwa in Hindi): गुड़ी पड़वा 2025 का त्योहार 30 मार्च...