August 13, 2025

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर भारत की एयर स्ट्राइक, 100 से अधिक आतंकी ढेर

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नई दिल्ली, 7 मई 2025, भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति सख्त है और वह किसी भी हद तक जाकर अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा करेगा। बीती रात 1:05 बजे से 01:30 बजे के बीच भारत ने पाकिस्तान के अंदर स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया है, जिसमें भारत की तीनों सेनाओं—थल सेना, वायुसेना और नौसेना—ने मिलकर हिस्सा लिया।

इस ऑपरेशन का लक्ष्य पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, जैश लश्कर-7 और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त करना था। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सफल ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी ढेर हुए हैं, जिसमें केवल बहावलपुर में ही 50 आतंकी मारे गए हैं।

इस ऑपरेशन की नींव उस समय रखी गई जब पिछले सप्ताह भारत में हुए “पहलगाम आतंकी हमले” में दर्जनों निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद भारत सरकार और सेना ने मिलकर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई। खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सीमापार से हो रहे आतंकवादी हमलों की बढ़ती घटनाओं को रोकना था। विशेष रूप से जैश‑ए‑मोहम्मद (JeM) और लश्कर‑ए‑तैयबा (LeT) के लॉन्‍च पैड्स को निशाना बनाया गया। नौ ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, मुजफ्फराबाद, गुलपुर, और अन्य संवेदन­शील क्षेत्रों में स्थित कैंप शामिल थे। कार्रवाई से पहले सैटेलाइट इमेजरी, मानवचालित निगरानी तथा स्थानीय खुफिया तंत्र द्वारा व्यापक स्तर पर जानकारी एकत्रित की गई।

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सरकारी सूत्रों के अनुसार, “इस कार्रवाई में सटीक हमले सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन, वारहेड मिसाइल और कम शोर वाले विस्फोटक सामग्री का प्रयोग किया गया। प्रत्येक लक्ष्य पर हमला 50-75 मीटर की शुद्धता के साथ किया गया।”

ठिकानाआतंकी संगठन
मरकज सुमान अल्लाह, बहावलपुरजैश-ए-मोहम्मद
मरकज तैयबा, मुरिदकेलश्कर-ए-तैयबा
सरजल, तहरा कलांजैश-ए-मोहम्मद
महमूना जोया, सियालकोटहिजबुल मुजाहिदीन
मरकज अहले हदीस, बरनालालश्कर-ए-तैयबा
मरकज अब्बास, कोटलीजैश-ए-मोहम्मद
मरकज रहील शाहिद, कोटलीहिजबुल मुजाहिदीन
शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबादलश्कर-ए-तैयबा
सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबादजैश-ए-मोहम्मद

ऑपरेशन सिंदूर एक बहु-स्तरीय और संयुक्त सैन्य कार्रवाई थी। इसमें

  • वायुसेना ने लड़ाकू विमानों के जरिए सर्जिकल स्ट्राइक की,
  • थल सेना ने जमीनी निगरानी और कमांड कंट्रोल का संचालन किया,
  • और नौसेना ने समुद्री सीमा से सुरक्षा सुनिश्चित की।

इस तरह तीनों सेनाओं ने मिलकर यह संदेश दिया कि भारत की सैन्य क्षमता एकजुट और संगठित है, और वह किसी भी परिस्थिति में एकसाथ कार्रवाई कर सकती हैं।

भारतीय वायुसेना ने Mirage‑2000 और Su‑30MKI लड़ाकू विमानों से सटीक हमले किये, जबकि भारतीय थलसेना के PARA SF कमांडो ने जमीन पर नियंत्रण स्थापित किया। नौसेना के P‑8I प्रहारक विमान ने रणनीतिक खुफिया जानकारी एकत्रित की। केंद्रीय रक्षा सूत्र ने बताया, “तीनों अंगों का समन्वय अभूतपूर्व था, जो भारतीय सैन्य क्षमता का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

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वहीं, सरकारी बयान में कहा गया, “ऑपरेशन की सफलता में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की टीमों ने भी अहम भूमिका निभाई।”

स्ट्राइक की योजना—जो भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त अभियानों पर आधारित थी—कई सप्ताह पहले से तैयार की जा रही थी। ऑपरेशन के दौरान:

  • नाइट विजन और थर्मल इमेजिंग: अंधेरे में भी स्पष्ट दृश्य के लिए इन्फ्रा‑रेड कैमरा सिस्टम का उपयोग।
  • टेलिविजन गाइडेड मिसाइल (TV‑guided missiles): भारतीय वायुसेना की उन्नत मिसाइल प्रणाली ने ठिकानों को सीधे निशाने पर रखा।
  • बोर्डिंग टीम: विशेष बलों की छोटी-गणना गमनशील टीमों ने आवश्यकतानुसार ठिकानों के पास जाकर अंतिम सत्यापन किया।

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प्रत्येक हमले से पहले तीन बार लक्ष्य की पुष्टि की गई। कुल मिलाकर 24 मिसाइल दागी गईं, जिनमें से 18 ठिकानों के सीलिंग स्ट्रक्चर्स को पूर्णतः नष्ट करने में सफल रहीं।

भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देने वाला देश है।

  • बहावलपुर में जैश का मुख्यालय,
  • मुरीदके में लश्कर का कमांड सेंटर,
  • पीओके में हिजबुल व जैश लश्कर के प्रशिक्षण शिविर
    यह साबित करते हैं कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत और दुनिया के खिलाफ आतंक फैलाने में किया जा रहा है।

यह ऑपरेशन केवल जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश भी था कि भारत अब आतंक के खिलाफ न सिर्फ शब्दों में बल्कि कार्रवाई में भी कठोर हो चुका है।

  • इस ऑपरेशन की योजना गोपनीय तरीके से तैयार की गई।
  • समय, स्थान और लक्ष्य का चुनाव सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया।
  • हमले से पहले सभी ठिकानों की सैटेलाइट और ड्रोन मॉनिटरिंग की गई थी।
  • भारत ने यह भी सुनिश्चित किया कि हमले के दौरान कोई नागरिक हताहत न हो।

हालांकि इस ऑपरेशन को भारत ने आत्मरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करार दिया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब पाकिस्तान पर टिकी है। भारत को उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और अन्य देश पाकिस्तान पर दबाव डालेंगे कि वह अपने क्षेत्र में मौजूद आतंकी संगठनों को समाप्त करे।

संत रामपाल जी महाराज शास्त्रों के अनुसार सिद्ध करते हैं कि इस कलियुग में शांति, सुरक्षा और मोक्ष का एकमात्र मार्ग सतभक्ति है, जो केवल पूर्ण संत द्वारा दी जाती है। वे बताते हैं कि असली सुरक्षा बंकरों, हथियारों या तकनीक में नहीं, बल्कि उस पूर्ण परमात्मा की शरण में है जो संपूर्ण सृष्टि का रचयिता है और जो अपने भक्तों की हर संकट में रक्षा करता है। उनका दिया हुआ तत्वज्ञान हमें यह समझाता है कि नश्वर शरीर की चिंता से पहले आत्मा की चिंता जरूरी है, क्योंकि आत्मा अमर है और उसका उद्धार ही जीवन का मूल उद्देश्य है।

संत रामपाल जी बताते हैं कि आज दुनिया में जो युद्ध, आतंकवाद, और प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं, उसका कारण सत्य ज्ञान का अभाव है। जब मनुष्य सतभक्ति छोड़कर भौतिकवाद की ओर भागता है, तब अशांति और विनाश बढ़ता है। केवल तत्वज्ञान और सही भक्ति से ही समाज, देश और विश्व में स्थायी शांति स्थापित हो सकती है। वे शास्त्रों से प्रमाण देकर समझाते हैं कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब हैं और उनकी भक्ति से ही आत्मा का कल्याण संभव है। उनका उद्देश्य समूची मानवता को एकता, शांति और मोक्ष की ओर ले जाना है। उनके बताए गए सतभक्ति और तत्व ज्ञान को समझने हेतु Sant Rampal Ji Maharaj App डाउनलोड करें और वेबसाईट www.jagatgururampalji.org  पर visit करें।

ऑपरेशन सिंदूर पर FAQs 

1. ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों पर किया गया एक सर्जिकल स्ट्राइक है, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

2. ऑपरेशन सिंदूर क्यों किया गया?

यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें 26 तीर्थयात्रियों की जान गई थी।

3. किन आतंकी संगठनों को ऑपरेशन सिंदूर में निशाना बनाया गया?

ऑपरेशन सिंदूर में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

4. क्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक संबंधों पर असर पड़ा है?

हां, ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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