June 23, 2025

Neet Result 2021: नीट 2021 के परिणाम हुए घोषित, ऐसे करें चेक

Published on

spot_img

नीट 2021 (NEET Result 2021) के परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके हैं। नीट की परीक्षा 12 सितंबर 2021 को आयोजित कराई गई थी जिसके परिणाम अब आधिकारिक वेबसाइट पर चेक किए जा सकते हैं।

नीट रिजल्ट (Neet Result 2021): मुख्य बिंदु

  • नीट की परीक्षा 12 सितंबर 2021 को देशभर में आयोजित कराई गई थी
  • एन टी ए द्वारा आयोजित इस परीक्षा के स्कोर कार्ड अभ्यर्थियों को ईमेल पर भेजे गए हैं।
  • जन्मतिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर आधिकारिक वेबसाइट http://ntaneet.nic.in/ से भी रिजल्ट चेक किया जा सकता है
  • सतभक्ति द्वारा जीवन की परीक्षा में पास होना आवश्यक

नीट 2021 रिजल्ट घोषित (Neet Result 2021)

नीट की परीक्षा एन.टी.ए. द्वारा विद्यार्थियों के लिए कॉलेज चुनने की प्रक्रिया की प्रवेश परीक्षा कहलाती है। यह परीक्षा देशभर में विभिन्न केंद्रों पर 12 सितंबर 2021 को आयोजित की गई थी। गत दिवस 1 नवंबर 2021 को इसके रिजल्ट घोषित कर दिए गए हैं। अभ्यर्थियों को उनके मेल आईडी पर स्कोर कार्ड भेजा गया है। मेल ना मिलने की स्थिति में वे अपना स्थान फोल्डर चेक कर सकते हैं साथ ही अपना आवेदन क्रमांक और जन्मतिथि डालकर आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपना परिणाम देख सकते हैं।

क्या है नीट की परीक्षा

नीट की परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा है जिसे भारत में चिकित्सा के क्षेत्र में जाने के लिए पास करना अनिवार्य है। यह एक अर्हक परीक्षा है जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एन टी ए द्वारा आयोजित किया जाता है। नीट 2021 परीक्षा में लगभग 16 लाख उम्मीदवार बैठे थे। चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों जैसे एमबीबीएस, बीडीएस आदि में प्रवेश लेने के लिए नीट की परीक्षा पास करना अनिवार्य है। 

■ Also Read: NEET UG Exam Centres 2021: Over 16 Lakh Students Will Appear

नीट की परीक्षा पास करने के बाद प्राप्त अंकों के आधार पर कॉलेज में चयन होता है। नीट परीक्षा प्रत्येक वर्ष आयोजित कराई जाती है।

Neet Result 2021 के परिणाम कैसे चेक करें

ई-मेल के अलावा आधिकारिक वेबसाइट पर भी आवश्यक जानकारी डालकर का स्कोर कार्ड चेक किया जा सकता है जिसके निम्नलिखित चरण हैं।

  • पहला चरण- आधिकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in पर जाएं।
  • दूसरा चरण- होम पेज पर, नीट रिजल्ट व स्कोरकार्ड का आइकन सामने होगा जिस पर क्लिक करें।
  • तीसरा चरण- मांगी गई जानकारी जैसे आवेदन क्रमांक एवं जन्मतिथि भरें।
  • चौथा चरण- नीट का स्कोर कार्ड स्क्रीन पर खुल जाएगा।
  • पांचवां चरण- इसे डाउनलोड करके या प्रिंट निकलवाकर सुरक्षित रखें।

जीवन की परीक्षा करना है आवश्यक

आज मानव का उद्देश मात्र शिक्षा प्राप्त करना और धन संग्रह करना रह गया है। मानव जन्म के मूल उद्देश्य से हम भटक चुके हैं। जब पेड़ जड़ों से दूर होता है सूख जाता है उसी तरह आज की पीढ़ी ईश्वर से दूर होती जा रही है, नास्तिक होती जा रही है और यही कारण है अवसाद से घिर रही है, टूट रही है, चिंतित है। छोटे-छोटे बच्चों में भी प्रतियोगिता से उपजे लक्षण आसानी से दृष्टिगत होते हैं। मानसिक रोग आम हो चुके हैं, लेकिन इनका उपाय केवल थेरेपी नहीं है और ना ही अवसाद रोधी दवाइयां हैं। अवसाद की जड़ नास्तिकता है।

क्या धर्म केवल कर्म पर आधारित है?

व्यक्ति नास्तिक क्यों है? क्योंकि अब शिक्षित समाज हर चीज में, हर विचारधारा में, हर ज्ञान में तर्क चाहता है। वैज्ञानिकता का अभाव उसे पसंद नहीं और नकली धर्मगुरुओं ने धर्म के नाम पर गोल मोल बातें करना और शास्त्रों का सही अर्थ ना बता कर बरगलाना शुरू कर दिया, जिसके कारण लोगों का विश्वास ईश्वर से उठने लगा। सही ज्ञान शास्त्रों पर आधारित ज्ञान और वैज्ञानिक ज्ञान के अभाव में लोगों ने मान लिया कि धर्म केवल कर्म पर आधारित है। 

भक्ति करने की कोई आयु नहीं होती

भक्ति के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है क्योंकि मनुष्य का जन्म भक्ति के लिए और मोक्ष प्राप्ति के लिए हुआ है। भक्ति ना करके जीव अपने मनुष्य जन्म के मूल धर्म से वंचित रह जाता है और अपने अगले जन्मों में 84 लाख योनियों में कष्ट उठाता रहता है। जन्म लेना, भोजन करना, संतानोत्पत्ति करना, यह कार्य पशु भी करते हैं। किंतु मनुष्य पशुओं से श्रेष्ठ केवल इसलिए नहीं कि वह विकसित मस्तिष्क के स्वामी है, बल्कि इसलिए क्योंकि वह मोक्ष का अधिकारी है। 

जिसका अधिकार देवताओं को भी नहीं है क्योंकि मोक्ष केवल पांच तत्व के शरीर में ही संभव है। भक्ति का तात्पर्य बहुदेव उपासना, व्रत करना, पूजा करना, भगवा वस्त्र धारण करना, मंदिरों और तीर्थों के चक्कर लगाना कतई नहीं है। बल्कि मोक्ष के लिए गीता अध्याय 17 श्लोक 23 के अनुसार सत मंत्रो को सतगुरु से प्राप्त करके सुमिरन करने से है।

अध्याय 17 का श्लोक 23

ॐ, तत्, सत्, इति, निर्देशः, ब्रह्मणः, त्रिविधः, स्मृतः,

ब्राह्मणाः, तेन, वेदाः, च, यज्ञाः, च, विहिताः, पुरा ||

गृहस्थ आश्रम में रहते हुए भक्ति करें

उपरोक्त श्लोक में दिए मन्त्रों को पूर्ण तत्त्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा प्राप्त कर, गृहस्थ आश्रम में रहते हुए भक्ति करना है। अन्यथा समय कब बीत जाएगा पता ही नहीं चलता क्योंकि ये जीवन ठीक ओस की बूंदों की भांति क्षणिक है इसका कब अंत होगा कुछ नहीं कहा जा सकता। मनुष्य का जन्म बड़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है। इसे नष्ट न करते हुए भक्ति करना चाहिए।

जैसे मोती ओस का ऐसी तेरी आव,

गरीबदास कर बन्दगी बहुर न ऐसा दाव ||

संत रामपाल जी महाराज से समझें तत्वज्ञान 

यथाशीघ्र संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए तत्वज्ञान को समझें और उनकी शरण में आकर अपना कल्याण करवाएं अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल एवं निशुल्क पुस्तक ज्ञान गंगा ऑर्डर करें।

Latest articles

World Youth Skills Day 2025: True Spiritual Knowledge Can Empower Every Youth

Last Updated on 22 June 2025 IST | World Youth Skills Day 2025: Did...

World Emoji Day 2025: Beyond Digital Symbols To A Divine Connection

Last Updated on 22 June 2025 IST: World Emoji Day 2025: The readers will...

कलयुग में सतयुग का आगाज़: जब रोटी, कपड़ा और मकान का सपना हुआ साकार | अन्नपूर्णा मुहिम

कल्पना कीजिए, एक ओर गगनचुंबी इमारतों में पार्टियों की चकाचौंध रोशनी है, दूसरी ओर...

Islamic Sufi Saint AlKhijr (Al-Khidr): Is Al khidr still Alive?

Today in this blog, we are going to share information about AlKhijr (Al-Khidr) on...
spot_img

More like this

World Youth Skills Day 2025: True Spiritual Knowledge Can Empower Every Youth

Last Updated on 22 June 2025 IST | World Youth Skills Day 2025: Did...

World Emoji Day 2025: Beyond Digital Symbols To A Divine Connection

Last Updated on 22 June 2025 IST: World Emoji Day 2025: The readers will...

कलयुग में सतयुग का आगाज़: जब रोटी, कपड़ा और मकान का सपना हुआ साकार | अन्नपूर्णा मुहिम

कल्पना कीजिए, एक ओर गगनचुंबी इमारतों में पार्टियों की चकाचौंध रोशनी है, दूसरी ओर...