July 25, 2025

Lok Sabha Chunav 2024 [Hindi]: जानिए लोकसभा चुनाव के बारे में पूरी जानकारी

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लोक सभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav 2024 in Hindi): जानिए लोकसभा चुनाव के बारे में पूरी जानकारी): 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक होने वाले भारतीय लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेंगे, जिसमें सात चरणों में मतदान होगा। मतगणना 4 जून को होगी। इस चुनाव में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं। इस लोकसभा चुनाव के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।

  • 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेंगे लोकसभा चुनाव 
  • चुनाव में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता लेंगे भाग। 
  • सात चरणों में होगा मतदान।
  • इसमें 1.8 करोड़ नए मतदाता हैं। 
  • पिछले चुनावों की तुलना में मतदाता लिंगानुपात 948 है।
  • 48 हजार ट्रांसजेंडर मतदाता होंगे इस चुनाव का हिस्सा।
  • चुनाव आयोग ने की इस बार 10.5 लाख से अधिक मतदान केंद्रों की व्यवस्था।
  • होगा 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का इस्तेमाल।
  • लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम 4 जून को घोषित होगा।
  • मानव जीवन में चुनाव जीतना नहीं, मोक्ष पाना है असली जीत जो किसी भी दिखावे और झगड़े से है परे।

लोकसभा चुनाव संसदीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह सामान्यतः हर पांच साल में एक बार होते हैं। इसमें देश भर के मतदाता अपने वोट के जरिए अपनी पसंद के उम्मीदवारों को चुनते हैं। इन चुनावों का आयोजन भारत का निर्वाचन आयोग करता है और ये चुनाव विश्व के सबसे बड़े चुनावी अभियानों में से एक हैं।

लोकसभा चुनाव भारतीय संविधान के अनुसार होते हैं जिसमें देश की जनता अपने प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए चुनती है। लोकसभा को “हाउस ऑफ पीपल” या “निचला सदन” भी कहा जाता है। इसमें सदस्यों की संख्या 543 है, जिन्हें विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से चुना जाता है।

लोकसभा के सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, जिसके बाद नए चुनाव कराए जाते हैं। लोकसभा चुनाव के परिणामों के आधार पर ही भारत में सरकार का गठन होता है। पहला लोकसभा चुनाव 1951-52 में हुआ था, और तब से लोकसभा चुनाव नियमित रूप से होते आ रहे हैं। 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान 7 चरणों में आयोजित कराया जाएगा और वही इसका परिणाम 4 जून को घोषित होगा। देश में 543 सीटों के लिए 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा। 

  1. 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीट
  2. 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 89 सीट
  3. 7 मई को तीसरे चरण में 94 सीट
  4. 13 मई को चौथे चरण में 96 सीट
  5. 20 मई को पांचवें चरण में 49 सीट
  6. 25 मई को छठे चरण में 57 सीट
  7. 1 जून को सातवें आखिरी चरण के लिए 57 सीटों पर वोटिंग होगी।

पिछले चुनाव परिणामों की बात करें तो 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 303 सीटें जीती थीं और उनका वोट प्रतिशत 37.36% था। वहीं, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को केवल 52 सीटें मिली थीं और उनका वोट प्रतिशत 19.49% था।

■ यह भी पढ़ें: Criminal Law Bills Passed in Lok Sabha: अब न्याय के लिए नहीं करना होगा इंतजार, लोकसभा में पास हुए तीन महत्वपूर्ण क्रिमिनल लॉ बिल

इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो भारतीय चुनावों में अनेक उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। चुनावी रणनीतियाँ, जनता की भावनाएँ, और राजनीतिक दलों के वादे चुनावी परिणामों पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

  • भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) सहित छह राष्ट्रीय दल चुनाव में भाग ले रहे हैं।
  • कांग्रेस ने ‘पांच न्याय’ के सिद्धांतों पर जोर देते हुए अपना घोषणापत्र जारी किया है जिसमें ‘युवा न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘हिस्सेदारी न्याय’ शामिल हैं।
  • महाराष्ट्र में, जहां 48 लोक सभा सीटें हैं, चुनावी लड़ाई अनिश्चितता से भरी हुई है।
  • मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में, कांग्रेस के नकुल नाथ अपने पिता कमल नाथ की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • स्वतंत्र उम्मीदवारों के बारे में डेटा दिखाता है कि मतदाताओं का विश्वास उनमें कम हो रहा है जिसके कारण 1991 से अधिकांश स्वतंत्र उम्मीदवार अपनी जमानत खो चुके हैं।

Lok Sabha Chunav in Hindi | चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में कई नवाचार और परिवर्तन किए हैं। ‘माय वोट माय ड्यूटी’ जैसे अभियानों के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने के प्रयास किए गए हैं। इसके अलावा ‘सिस्टमैटिक वोटर्स’ एजुकेशन एंड ‘इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन’ (SVEEP) कार्यक्रम के तहत वोटर शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं।

  • भाजपा ने अपने अभियान के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा है, वहीं अन्य दल भी अपने उम्मीदवारों और अभियानों के माध्यम से जनता के बीच पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं।
  • दलों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने प्रचार को बढ़ावा दिया है और चुनाव आयोग ने भी सोशल मीडिया प्रचार पर निगरानी रखने की बात कही है।
  • चुनाव आयोग ने अनाधिकृत राजनीतिक विज्ञापनों को हटाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं और आदर्श आचार संहिता के तहत इनके नियमन पर जोर दिया है।
  • ओपिनियन पोल्स के अनुसार, एनडीए की एक बार फिर सरकार बनती दिख रही है, हालांकि बीजेपी की सीटें पिछले चुनाव के मुकाबले कम होती दिख रही हैं।
  • नए गठबंधन I.N.D.I.A के बनने से कुछ दलों को फायदा होता दिख रहा है, लेकिन कांग्रेस को इससे बहुत फायदा होता नहीं दिख रहा।
  • उत्तर प्रदेश में एनडीए को 70 से अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को नुकसान होता दिख रहा हैं।

चुनाव लोकतंत्र की आत्मा हैं, जो नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार देते हैं। यह प्रक्रिया सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाती है और नेताओं को उनके कार्यों के लिए उत्तरदायी ठहराती है।

लोकतंत्र में नागरिकों की भागीदारी और उनकी आवाज का महत्व होता है। यह प्रक्रिया न्याय, समानता और सामूहिक निर्णय लेने की आधारशिला है। चुनाव न केवल नेताओं को जनता के प्रति जवाबदेह बनाते हैं, बल्कि यह जनता को भी सशक्त बनाते हैं, जिससे वे अपने भविष्य के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।

परन्तु मानव जीवन का मुख्य लक्ष्य चुनावों में लड़ना या झगड़ना नहीं है बल्कि मोक्ष पाना है और यह केवल सतभगति करने से ही सम्भव है जो केवल पूर्ण संत की शरण में जाने से हो सकता है।

वर्तमान समय में केवल संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं जो मोक्षदायक भगति प्रदान करते हैं। संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र संत हैं जो हमारे सदग्रंथो में वर्णित साधना बता रहे हैं। उनकी वजह से ही समाज को एक नई दिशा मिल रही है तथा एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक जीने की राह

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