November 21, 2024

Kargil Vijay Diwas 2024 [Hindi]: शौर्य और पराक्रम का प्रतीक: कारगिल विजय दिवस

Published on

spot_img

Last Updated on 25 July 2024 IST | Kargil Vijay Diwas in Hindi: भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल युद्ध जीतने और वीर सपूतों के बलिदान पर सम्मान जताने के लिए विजय दिवस मनाया जाता है। कारगिल का युद्ध पाकिस्तान के द्वारा बड़े-बड़े मनसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आन्तरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस के कारण किया था। लेकिन इस युद्ध में भारतीय जवानों ने अपनी बहादुरी का परिचय देते पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी।

Kargil Vijay Diwas in Hindi (कारगिल विजय दिवस) के मुख्य बिंदु

  • 25 साल पहले हुई थी कारगिल की लड़ाई
  • भारत के सैनिकों के सम्मान में मनाते हैं कारगिल विजय दिवस
  • भारत ने कभी नहीं की किसी युद्ध की पहल
  • पाकिस्तान को मिली कारगिल के युद्ध में करारी हार
  • इस युद्ध को जीत कर भी बहुत कुछ खोना पड़ा भारत को
  • मानव जीवन में युद्ध करना बिल्कुल उचित नहीं
  • 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी लद्दाख के द्रास का दौरा करेंगे 
  • पूरा विश्व केवल सत्य ज्ञान से ही परिवर्तित हो सकता है
  • कबीर साहेब के ज्ञान से होता है अंधकार का नाश

कारगिल विजय दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is Kargil Vijay Diwas Celebrated)

कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों को सम्मान देने हेतु मनाया जाता है। 1999 में 26 जुलाई (Kargil Vijay Diwas Hindi) के दिन भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया था। हमारे जवानों ने अपना तेज, बल और साहस दिखाया और जांबाजी से युद्ध लड़ते हुए दुश्मन को भागने पर मजबूर कर दिया। जिससे भारत देश विजयी हुआ था।

करगिल विजय दिवस (kargil Vijay Diwas in Hindi) कब मनाया जाता है?

भारत में कारगिल विजय दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई के दिन मनाया जाता है। यह दिन उस दिन की याद दिलाता है जब भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला, जिसमें हमारे बहुत से देश रक्षक जवान शहीद हुए थे और 26 जुलाई के दिन इस युद्ध का अंत हुआ और इसमें हमारे देश भारत को विजय प्राप्त हुई थी।

25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी लद्दाख के द्रास में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि भेट करेंगे। उसके बाद मोदी जी द्रास में कारगिल वार म्यूजियम व वाल आफ फेम भी जाएंगे।इसके अलावा वह वीर नारियों से भी मुलाकात करेंगे।

कैसे हुआ था यह घमासान युद्ध?

मुश्किलें बहुत सी थीं लेकिन हमारे जवान अटल रहे। पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर चौकी बनाकर बैठे थे। भारतीय जवान क्या कम थे, उन्होंने भी हार नहीं मानी। दो महीने भारतीय जवान भूखे-प्यासे सर्द मौसम की मुश्किलों को झेलते हुए डटे रहे। कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर करीब 60 दिनों तक बहुत ही भयानक युद्ध चला जिसमें भारतीय सैनिकों ने आखिरकार पाक सैनिकों को मजबूर कर दिया और उन्हें भारतीय सेना के आगे झुकना ही पड़ा।

■ Read in Hindi | Kargil Vijay Diwas: A Day to Remember the Martyrdom of Brave Soldiers

Kargil Vijay Diwas in Hindi: इस युद्ध में थल सेना के साथ भारतीय वायु सेना ने भी पाक चौकियों पर जमकर हमले किए थे। जिससे उनको बहुत क्षति पहुंची थी। इस युद्ध के बारे में सुनने वाले के रोम रोम खड़े हो जाते हैं। क्योंकि हमारे सैनिक डरे नहीं, आगे मौत खड़ी दिखाई दे रही थी फिर भी आगे बढ़ते रहे और जीत हासिल की।

हर जीत के पीछे बड़ी क्षति छिपी होती है

जीत तो मिल गई थी भारत को लेकिन दुःख था कि देश ने अपने बहुत से लाल खो दिए थे। पाकिस्तान के अचानक पीठ में छुरा घोंपने के कारण कारगिल में देश के 527 जांबाज जवानों ने बलिदान देकर यह विजय दिलाई।

करगिल विजय दिवस कैसे मनाया जाए? (How to Celebrate Kargil Vijay Diwas)

  • आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियाँ, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएँ, साझा करें।
  • आज सभी देशवासियों की तरफ से हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उनकी माताओं को भी नमन करता चाहिए, जिन्होंने, माँ-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया।
  • कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें, कि, क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
  • हमारा भी यह फर्ज बनता है कि हम जिम्मेदार नागरिक बनें चोरी, नशे जैसी चीजों से दूर रहें। क्योंकि हमें सुरक्षित करने के लिए हमारे भारतीय जवानों ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की।

क्या है युद्ध का वास्तविक कारण

अहंकार, महत्वाकांक्षा, विस्तारवाद इत्यादि वृत्तियों के कारण दो देशों या दो व्यक्तियों के बीच में युद्ध होते हैं। यदि सभी को यह समझ आ जाए कि सभी काल और माया के बंदी है और इन्हीं की कपटी योजनाओं के कारण आपस में वैमनस्य पैदा होता है तो भला कौन बैर करेगा।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताया गया रावण का वृतांत

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पुस्तक आध्यात्मिक ज्ञान गंगा” से उद्धृत त्रेता युग की एक घटना पाठकों को आज बताना चाहेंगे। कलयुग में अवतरित पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के बारे में सभी जानते हैं। पूर्ण ब्रह्म कविर्देव कष्टों को दूर करने और सतभक्ति समझाने के लिए सभी युगों में धरती पर कमल पुष्प पर प्रकट होते हैं। त्रेता युग में भी परमेश्वर मुनीन्द्र के नाम से अवतरित हुए थे। लंका के राजा रावण की पत्नी मन्दोदरी और भाई विभीषण ने उन्हें अपना गुरु बनाया और सतभक्ति की नाम दीक्षा ग्रहण की। मन्दोदरी के लाख समझाने पर भी परम शिव भक्त रावण परमेश्वर मुनीन्द्र को न गुरु मानने को और न सतज्ञान स्वीकारने को तैयार हुआ।

कबीर, अहंकार में तीनों गए- धन, वैभव और वंश।

न मानो तो देखलो – रावण, कौरव और कंस ॥

संत रामपाल जी महाराज इस वाणी के द्वारा कह रहे हैं कि अहंकार के कारण हानि ही होती है, रावण, दुर्योधन और कंस जैसे ताकतवर राजा युद्ध करते-करते समाप्त हो गए।

अभिमान करता है नाश-संत रामपाल जी

रावण को बल, बुद्धि, धन, वैभव की कोई कमी नहीं थी। वह भगवान शिव का परम भक्त था और कई सिद्धियों का ज्ञानी था। यह सब होने के कारण उसके मन में घोर अहंकार था। घमंड में इतना चूर था कि वह कहता था कि मैं मौत को भी हरा सकता हूँ। यमराज भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज इस वृतांत में बताते हैं कि रावण की पत्नी मंदोदरी परमेश्वर मुनीन्द्र (कबीर साहेब) का सत्संग नित्य सुनती थी और सतभक्ति करती थी। मंदोदरी के बार बार प्रार्थना करने पर एक बार परमेश्वर मुनीन्द्र जी रावण को समझाने उसके दरबार में गए। द्वारपालों के मना करने और राज दरबार में न जाने देने पर परमेश्वर मुनीन्द्र ऋषि रावण के दरबार में अचानक प्रकट हो गए।

रावण के पूछने पर कि दरबार में कैसे घुसे, प्रभु मुनीन्द्र एक बार अदृश्य होकर पुनः प्रकट हुए। परमेश्वर मुनीन्द्र ने रावण को बहुत समझाया कि राम की पत्नी सीता को वापिस करके विष्णु अवतार राम से जीवन की भिक्षा मांग लो। रावण मानने के बजाय नंगी तलवार से परमेश्वर मुनीन्द्र को मारने को दौड़ा। परमेश्वर मुनीन्द्र ने झाड़ू की सींक को ढाल बना कर आगे कर दिया। रावण के सत्तर वार उस नाजुक सींक पर लगे। बहुत जोर की आवाजें होती रही लेकिन रावण सींक को टस से मस न कर पाया। रावण को यह तो ज्ञात हो गया ये कोई साधारण ऋषि नहीं हैं लेकिन अहंकार वश एक नहीं सुनी। मंदोदरी को अब आगे जो भी होगा उसका गम नहीं रहा। आगे पाठकगण जानते हैं रावण का पूरे परिवार सहित क्या हश्र हुआ। यही हश्र किसी न किसी रूप में हर युद्ध का होता है।

आज के वृतांत से सीख: सतभक्ति करके पूर्ण मोक्ष को प्राप्त करें

संत रामपाल जी महाराज गरीब दास जी के माध्यम से चेता रहे हैं

गरीब, साहिब के दरबार में, गाहक कोटि अनंत।

चार चीज चाहें हैं, ऋद्धि सिद्धि मान महंत।।

ब्रह्म रन्द्र के घाट को, खोलत है कोई एक ।

द्वारे से फिर जाते हैं, ऐसे बहुत अनेक ।।

सतगुरु रामपाल जी महाराज आज विश्वभर के मनुष्यों से आव्हान करते हैं कि आप सभी त्रेता, द्वापर और कलियुग की घटनाओं से सबक लेकर अपने मानव जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करें। अपितु सतभक्ति ग्रहण करें और निशुल्क नाम दान दीक्षा लेकर सतभक्ति करके अपने पाप कर्म कटवाकर सांसारिक सुखों को भोगकर पूर्ण मोक्ष को प्राप्त करें।

FAQ About Kargil Vijay Diwas in Hindi

कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर – कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को मनाया जाता है।

कारगिल का युद्ध किन दो देशों के बीच हुआ था?

उत्तर – कारगिल युद्ध भारत एवं पाकिस्तान के मध्य हुआ था।

कारगिल युद्ध किस स्थान के लिए लड़ा गया था?

उत्तर – कारगिल युद्ध कश्मीर के कारगिल के लिए लड़ा गया था। वर्तमान में कारगिल केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का एक स्थान है।

कारगिल का युद्ध कब लड़ा गया था?

उत्तर – कारगिल का युद्ध 1999 में लड़ा गया था।

कारगिल का युद्ध कितने दिनों तक चला?

उत्तर – कारगिल का युद्ध 60 दिनों तक चला।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...

20 November World Children’s Day 2024: Every Child has the Right to Know Eternal Devotion for a Better Future

Last Updated on 20 November 2024 IST: World Children's Day 2024 is observed to...

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: दिव्य धर्म यज्ञ हुआ संपन्न, सतलोक आश्रमों में हुए भव्य कार्यक्रम 

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आयोजित तीन...

God is One, Still Many Religions: The Untold Reality 

This question must have bothered you sometimes: if there is only one God, then...
spot_img
spot_img

More like this

World Television Day 2024: Know what was Television Invented for

November 21 is observed as World Television Day every year. It is commemorated to...

20 November World Children’s Day 2024: Every Child has the Right to Know Eternal Devotion for a Better Future

Last Updated on 20 November 2024 IST: World Children's Day 2024 is observed to...

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: दिव्य धर्म यज्ञ हुआ संपन्न, सतलोक आश्रमों में हुए भव्य कार्यक्रम 

Divya Dharm Yagya Diwas 2024: संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में आयोजित तीन...