August 15, 2025

12 सतलोक आश्रमों में मनाया गया 628वां कबीर प्रकट दिवस, लाखों लोगों ने की शिरकत

Published on

spot_img

11 जून 2025 को ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन दिन 628वां कबीर साहेब प्रकट दिवस देश-विदेश के सभी 12 सतलोक आश्रमों में अत्यंत श्रद्धा, सेवा और शास्त्रसम्मत भक्ति के साथ मनाया गया। यह दिन उस दिव्य घटना की स्मृति है जब सन 1398 में परमेश्वर कबीर साहेब जी काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए थे। उनकी लीलाओं, शिक्षाओं और तत्वज्ञान के प्रचार के लिए यह आयोजन संत रामपाल जी महाराज जी के सान्निध्य में प्रतिवर्ष होता है।

यह भव्य आयोजन निम्न 12 आश्रमों में एक साथ संपन्न हुआ:

  1. सतलोक आश्रम धनाना धाम (हरियाणा)
  2. सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
  3. सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)
  4. सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली)
  5. सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश)
  6. सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब)
  7. सतलोक आश्रम धूरी (पंजाब)
  8. सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान)
  9. सतलोक आश्रम इंदौर (मध्यप्रदेश)
  10. सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश)
  11. सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल)
  12. सतलोक आश्रम धवलपुरी (महाराष्ट्र)

हर आश्रम में समर्पित सेवादारों और कई भक्तों की उपस्थिति में कार्यक्रम अत्यंत शांति, अनुशासन और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुए।

सत्संग एवं अखंड पाठ

सभी आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज के पवित्र अमरवाणी ग्रंथ साहेब जी का तीन दिवसीय अखंड पाठ हुआ। संत रामपाल जी महाराज द्वारा सभी धर्मों के शास्त्रों से प्रमाणित सतज्ञान आधारित प्रवचन हुए।

सभी 12 आश्रमों में कुल 266 जोड़े सादगीपूर्ण रमैणी विवाह सूत्र में बंधे। यह 17 मिनट का दहेजमुक्त विवाह समारोह संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। कुल 266 जोड़ों ने विभिन्न आश्रमों में बेहद सादगीपूर्ण रीति से बिना दहेज, बिना तड़क-भड़क, सिर्फ सच्चे संस्कारों के साथ रमैणी विवाह किया।

आश्रमरमैणी (विवाह)
बैतूल78
शामली27
इंदौर39
मुंडका19
भिवानी10
खमाणों3
धनाना धाम40
कुरुक्षेत्र8
धनुषा (नेपाल)15
सोजत47
कुल286 विवाह

रक्तदान व देहदान: मानवता की सेवा में

हर आश्रम में मानवता की सेवा के उद्देश्य से रक्तदान शिविर आयोजित हुए। कुल 1932 यूनिट रक्त एकत्र किया गया, वहीं 3332 श्रद्धालुओं ने देहदान व अंगदान का संकल्प लिया।

रक्तदान: कुल 1,932 यूनिट

देहदान रजिस्ट्रेशन: कुल 3,332 भक्तों ने मृत्यु के बाद शरीरदान हेतु संकल्प लिया।

आश्रमरक्तदान (यूनिट)देहदान (संख्या)
बैतूल3921828
धनाना296160
मुंडका152180
भिवानी140200
कुरुक्षेत्र250500
इंदौर13374
धूरी82
खमाणों20250
शामली100
धनुषा (नेपाल)85
सोजत272
कुल18322992

कबीर प्रकट दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय भव्य समारोह के दौरान सतलोक आश्रमों में प्राथमिक उपचार, दंत स्वास्थ्य जांच तथा नेत्र चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन किया गया। इन शिविरों में हजारों श्रद्धालुओं ने नि:शुल्क परामर्श, जांच और उपचार सेवाओं का लाभ उठाया। अनुभवी चिकित्सकों और प्रशिक्षित सेवादारों द्वारा हर शिविर में व्यवस्था अत्यंत व्यवस्थित और सेवाभाव से की गई। 

विशेष रूप से नेत्र जांच के लिए आधुनिक उपकरणों की सहायता से दृष्टि परीक्षण, चश्मों की सलाह, और आवश्यक दवा वितरण किया गया, जबकि डेंटल कैम्प में दांतों की सफाई, कीड़ा लगने की रोकथाम और दर्द निवारण सेवाएं दी गईं। ये शिविर न केवल स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि से महत्वपूर्ण थे, बल्कि समाज में सेवा और जागरूकता की मिसाल भी बने।

जाति-पांति, आय, धर्म के भेदभाव से परे — एक साथ सतभक्ति का स्वाद

कबीर प्रकट दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित विशाल भंडारे की सबसे विशेष बात यह रही कि जाति, पांति, धर्म, लिंग या आय के किसी भी भेदभाव के बिना लाखों श्रद्धालुओं ने एक साथ पंगत में बैठकर भोजन ग्रहण किया। संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से यह आयोजन समाज में व्याप्त ऊँच-नीच, जातिवाद और भेदभाव को तोड़ते हुए समानता, समरसता और सद्भावना का सशक्त प्रतीक बन गया। सभी आश्रमों में देसी घी से बने पूरी-सब्ज़ी, रायता, अचार, जलेबी, लड्डू आदि का निःशुल्क भंडारा हुआ।

Also Read: Kabir Saheb Prakat Diwas 2025 Live Update: कबीर साहेब जी के 628 वें प्रकट दिवस के लाइव अपडेट आपको यहाँ मिलेंगे

देसी घी से बने पवित्र प्रसाद का यह भंडारा, केवल भोजन नहीं था, यह था एक आध्यात्मिक एकता का उत्सव, जहाँ सबने एक जैसा खाया, एक जैसी थाली में, एक जैसी श्रद्धा के साथ।

आध्यात्मिक प्रदर्शनी

प्रदर्शनी का उद्देश्य भक्तों को संत रामपाल जी महाराज और अन्य धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से गहन आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करना है। यह आयोजन भक्तों को धर्म, आध्यात्मिकता, और सच्चे ज्ञान के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

हर आश्रम में लगाई गई प्रदर्शनी में:

  • चारों वेद, गीता, बाइबल, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब जैसे पवित्र शास्त्रों के प्रमाण
  • संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित सत्य साहित्य
  • चित्रों द्वारा कबीर साहेब की दिव्य लीलाएं

भक्तों के लिए सेवाएं और सुविधाएं

हर आश्रम में:

  • 24 घंटे नि:शुल्क बस सेवा
  • स्वच्छ शौचालय, चार्जिंग स्टेशन, मेडिकल सुविधा
  • महिला-पुरुषों के लिए अलग विशाल पंडाल
  • प्रवेश और भंडारे में अनुशासित व्यवस्था

सभी आश्रमों में यह आयोजन 15 दिन पहले से ही सेवा और समर्पण के साथ शुरू हो गया था।

सेवादारों ने:

  • सफाई, सजावट, भंडारा प्रबंधन, सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाई
  • रक्तदान शिविर, रमैणी मंच, चिकित्सा व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया

कबीर साहेब प्रकट दिवस 2025 सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आध्यात्मिक जागरण का महाअवसर था। यह आयोजन दिखाता है कि जब सतगुरु के निर्देशन में शास्त्रानुकूल भक्ति और समाज सेवा साथ चलती है, तो समाज एक नई दिशा प्राप्त करता है।

यदि आप इस आयोजन से संबंधित कोई जानकारी पाना चाहते हैं, तो www.jagatgururampalji.org या संत रामपाल जी महाराज के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज़िट करें।

1. कबीर प्रकट दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: कबीर प्रकट दिवस हर वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह 11 जून को पड़ा। यह दिवस परमेश्वर कबीर साहेब जी के 1398 ई. में काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है। उनका आगमन मोक्ष देने वाली सच्ची भक्ति विधि को प्रकट करने के लिए हुआ था।

2. सतलोक आश्रमों में क्या खास आयोजन हुआ?

उत्तर: 9 से 11 जून तक देश-विदेश के 12 सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय आयोजन हुआ। मुख्य आयोजन इस प्रकार थे:

■ अखंड पाठ – संत गरीबदास जी महाराज की अमृतवाणी का

■ सत्संग – संत रामपाल जी महाराज द्वारा शास्त्र आधारित प्रवचन

■ रमैणी विवाह – बिना दहेज, सादगी से सम्पन्न विवाह

■ रक्तदान व देहदान शिविर

■ निःशुल्क भंडारा

■ आध्यात्मिक प्रदर्शनी व जागरूकता अभियान

3. भक्त इस आयोजन में कैसे भाग ले सकते हैं?

उत्तर: भारत और विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था आश्रम द्वारा निःशुल्क की जाती है। इसमें भोजन, आवास, चिकित्सा, शौचालय, चार्जिंग स्टेशन, बस सुविधा आदि शामिल हैं। आश्रम से जुड़े सेवादारों या सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के माध्यम से पंजीकरण कर भाग लिया जा सकता है।

4. रमैणी विवाह क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

उत्तर: रमैणी विवाह एक सादगीपूर्ण, बिना दहेज, मात्र 17 मिनट में होने वाला विवाह समारोह है। इसमें न तो लेन-देन होता है और न ही कोई फिजूलखर्ची। इसका उद्देश्य समाज से दहेज प्रथा, खर्चीले विवाह और जातिवाद जैसी बुराइयों को खत्म करना है।

5. रक्तदान शिविर का आयोजन क्यों होता है?

उत्तर: रक्तदान से जरूरतमंद रोगियों को जीवनदान मिलता है। यह सेवा कार्य आश्रम में सामाजिक और मानवीय कर्तव्य के रूप में किया जाता है। 2025 में आयोजित कार्यक्रमों में 1932 यूनिट रक्तदान हुआ।

6. देहदान और अंगदान का क्या महत्व है?

उत्तर: मृत्यु के बाद देहदान और अंगदान से कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं, और यह चिकित्सा अनुसंधान के लिए भी उपयोगी होता है। 2025 के आयोजन में 3332 भक्तों ने देहदान हेतु संकल्प लिया।

7. आध्यात्मिक ज्ञान प्रदर्शनी में क्या दिखाया जाता है?

■ संत रामपाल जी द्वारा लिखित सत्यार्थ साहित्य,

■ सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों से प्रमाण,

■ कबीर परमेश्वर की शिक्षाएं और लीलाएं,

■ पाखंड मुक्त भक्ति की झांकियाँ,

■ प्रोजेक्टर व पवित्र ग्रंथों के साथ प्रदर्शित की जाती हैं।

8. कबीर प्रकट दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

■ कबीर परमेश्वर जी की सच्ची शिक्षाओं का प्रचार

■ समाज में व्याप्त अंधविश्वास, पाखंड, दहेज, नशा, जातिवाद जैसी बुराइयों को समाप्त करना

■ भक्तों को मोक्ष दिलाने वाली भक्ति विधि से अवगत कराना

■ परमात्मा कबीर साहेब को विश्व को जानवाना, कि वे ही सृष्टि के रचयिता और पूर्ण ईश्वर हैं।

निम्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे साथ जुड़िए

WhatsApp ChannelFollow
Telegram Follow
YoutubeSubscribe
Google NewsFollow

Latest articles

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने देहदान करने वाली संत रामपाल जी की शिष्याओं के परिजनों को किया सम्मानित

जबलपुर, 15 अगस्त 2025: स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश...

15 अगस्त का तोहफ़ा: PM-VBRY योजना (प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना) से पहली प्राइवेट नौकरी पर ₹15,000, करोड़ों युवाओं को लाभ

लाल किले से 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं...

Kishtwar Cloudburst: मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से त्रासदी, 38 मौत कई लोग लापता

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर स्थित चशोती गांव...

All About Parsi New Year 2025 (Navroz)

Parsi New Year is celebrated by the Parsi community in India in the month of July-August with great enthusiasm. Parsis follow the religion of Zoroastrianism, one of the oldest known monotheistic religions. It was founded by the Prophet Zarathustra in ancient Iran approximately 3,500 years ago.
spot_img

More like this

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने देहदान करने वाली संत रामपाल जी की शिष्याओं के परिजनों को किया सम्मानित

जबलपुर, 15 अगस्त 2025: स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश...

15 अगस्त का तोहफ़ा: PM-VBRY योजना (प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना) से पहली प्राइवेट नौकरी पर ₹15,000, करोड़ों युवाओं को लाभ

लाल किले से 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं...

Kishtwar Cloudburst: मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से त्रासदी, 38 मौत कई लोग लापता

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर स्थित चशोती गांव...